सहेली से पति की अदला बदली

(Saheli Se Pati Ki Adla Badli)

रेनू रवि 2016-01-22 Comments

बाजार में अचानक मेरी निगाह तृप्ति पर पड़ी.. उसे देखते ही मैं जोर से चिल्लाई…
मेरे पति रवि भी मेरे साथ थे… कहने लगे- यह क्या बेबकूफी है? इतनी जोर से कोई चिल्लाता है?
मैंने कहा- मेरी कॉलेज की दोस्त है पूरे पांच साल बाद मिली है।
हम दोनों बाजार में ही एक दूसरे के गले मिली।
तृप्ति भी अपने पति राहुल के साथ थी।

मेरा घर बाजार के पास में ही था, हम चारों घर लौट आये।
हम दोनों सहेलियाँ एक दूसरी से बातों में चिपक गई।
पिछले पांच साल का एक एक हिसाब लेना था।

कॉलेज में तृप्ति मुझसे एक साल सीनियर थी, उसने मेरी रैगिंग ली थी और पहली बार चूत का स्वाद भी चखाया था।
तीन साल की पढ़ाई में हमने सेक्स का हर पाठ पढ़ लिया था।
शादी के बाद तृप्ति मुंबई चली गई थी।
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तृप्ति कनखियों से रवि को देख रही थी, मुझसे कहने लगी- ..यार रेनू.. शादी के बाद से एक ही लंड का स्वाद लेते लेते थक गई हूँ, थोड़ी हेल्प कर दे?
मुझे भी तृप्ति के पति राहुल में दमखम दिख रहा था।
तृप्ति समझ गई, कहने लगी- …यार इन तिलों में तेल नहीं निकलेगा। कितनी भी कोशिश कर ले, राहुल तेरी तरफ देखेगा भी नहीं।
तृप्ति की बात को मैंने चुनौती के रूप में लिया, मैंने उससे कहा कि जल्दी ही मैं उसे फोन करूंगी।

तृप्ति के जाने के बाद मैंने रवि से बात की और कहा कि मुझे हारना नहीं है।
मेरी बात सुन कर रवि ने तृप्ति और राहुल को चंडीगढ़ बुलाने को कहा।
इसके कुछ दिन बाद ही हम चारों चंडीगढ़ में थे।

हम दिन भर चंडीगढ़ के नजारे लेते रहे, रात को होटल में लौटे तो रवि सीधे बाथरूम में घुस गये, नहा धोकर कर तौलिया लपेट कर बाहर आये।
उसके बाद मैं नहाने चली गई, मैं भी तौलिया लपेट कर ही बाहर निकली।

बाहर आकर देखा तो एक सोफे पर रवि और राहुल बैठे बतिया रहे हैं।
रवि ने तौलिया ही लपेट रखा था, सामने सोफे पर तृप्ति बैठी थी, मैं भी उसके पास बैठ गई।

तृप्ति के साथ बैठकर मुझे समझ में आया कि रवि ने तौलिया इस तरह से लपेट रखा था कि उसका लंड तृप्ति को साफ दिख रहा था। मैंने उसे हल्के से कोहनी मारी तो मेरे कान में बोली- ..मस्त लंड है यार, एक बार दिलवा दे?

मुझे अंदाजा था कि रवि पूरी तरह से गर्म है।
मैं सोफे से उठी और इस तरह चली कि लड़खड़ा कर गिर गई।
मेरे गिरते ही मेरा तौलिया भी खुल गया था और अब मैं कमरे में पूरी तरह से नंगी खड़ी थी।

तृप्ति मुझे देखकर मुस्करा रही थी, शायद वो मेरा प्लान समझ चुकी थी।
मुझे नंगी देखकर रवि को जोश आ गया, उसने भी तौलिया एक तरफ निकाल फेंका और मुझसे आकर चिपक गया।
मैंने झूठा गुस्सा करते हुए कहा- ..अरे… कमरे में निखिल और तृप्ति भी हैं।
रवि बोला- जिसे शर्म आ रही हो वो अपनी आँखें बंद कर ले। अब मैं तो चोदे बिना मानूँगा नहीं!

रवि की बात सुनकर राहुल बोला- कर ले भई.. मैं तो आंखे बंद कर लेता हूँ।
लेकिन तृप्ति ने भी अपने कपड़े उतार दिये और राहुल पर चिल्लाती हुई बोली- ..आज अगर तुमने नहीं चोदा तो रवि से चुदवा लूँगी मैं!
राहुल फिर भी आंखे बंद किये रहा तो तृप्ति ने कहा- ठीक है रवि.. रेनू को छोड़ दो.. मेरी चूत तैयार है, नई चूत का मजा लो। पुरानी तो पुरानी हो होती है।

इतना सुनते ही राहुल ने आँखें खोली और बोला- ठीक है तृप्ति.. तुम जीती, मैं हारा… और उसने भी अपने कपड़े उतार दिये।

रवि ने मेरे चूत को चोद चोद कर ढील कर दिया था लेकिन तृप्ति की चूत में गजब का कसाव था।
रवि ने एक निगाह डाली और मेरे कान में बोला- ..एक बार दिलवा दो मेरी जान!

मैंने नंगे खड़े तृप्ति और राहुल से कहा- अंदर बाथरूम में जाओ और नहाते हुए सेक्स का मजा लो।
तृप्ति को भी मेरा आइडिया पसंद आया और दोनों बाथरूम ने चले गये।

बाथरूम का दरवाजा खुला था, हम भी भीतर पहुँच गये।
राहुल की शर्म काफी हद तक मिट चुकी थी इसलिये उसे हम दोनों के भीतर आने में कोई परेशानी नहीं हुई।

तृप्ति ने राहुल को अपनी चूत पर साबुन लगाने को कहा।
राहुल ने लगाने की कोशिश की लेकिन उसे आदत नहीं थी इसलिये रवि ने कहा- देखो, मैं बताता हूँ कि चूत पर साबुन कैसे लगाया जाता है।

जब तक राहुल कुछ समझता.. रवि ने साबुन हाथ में लेकर तृप्ति की चूत को साफ करना शुरू कर दिया था।
बीच बीच में वो तृप्ति की चूत में अपनी उंगली भी डाल रहा था।

तृप्ति की सिसकारी निकलने लगी, राहुल से बोली- इससे थोड़ा सीखो… देखो मेरी चूत को भीतर से भी साफ कर रहे हैं।
रवि ने कहा- ऊंगली से भीतर तक पूरी सफाई नहीं होती है, कुछ और इंतजाम करना पड़ेगा।

अबकी बार उसने अपने लंड पर साबुन लगाया और तृप्ति की चूत में डाल दिया, कहने लगा- अब भीतर तक की सफाई हो जायेगी और कोई बीमारी भी नहीं होगी।

बाथरूम में राहुल हक्का बक्का अपनी बीवी तृप्ति की चुदाई देख रहा था।
रवि और तृप्ति की रफ्तार बढ़ती जा रही थी, उनके होंठ भी एक दूसरे से मिले हुए थे।

अचानक तृप्ति ने रवि से बिस्तर पर चलने को कहा।
रवि ने उसे गोद में उठाया और कमरे में चल दिया।

हक्के बक्के खड़े राहुल को जैसे होश आया, वो भी उनके पीछे चलने लगा तो मैंने उसका रास्ता रोका और कहा- मेरी चूत की सफाई कौन करेगा?
राहुल हकबकाया सा बोला- रवि ही करेगा, उसे आता है।

मैं नीचे की तरफ झुकी और राहुल का लंड अपने मुंह में ले लिया।
उसने छुड़ाने की कोशिश की लेकिन अपने दांतों से उसे पकड़ लिया।
राहुल ने अगली बार कोई कोशिश नहीं की।

नया लंड पीने का अलग ही मजा आ रहा था।
धीरे-धीरे राहुल का लंड फूलने लगा, मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी, मुझे पता था कि अनाड़ी राहुल बाथरूम में खड़े होकर मुझे नहीं चोद सकेगा, मैंने उसे कमरे में चलने को कहा।

कमरे का माहौल काफी गर्म था, तृप्ति रवि के ऊपर चढ़ी हुई थी, उसकी गांड इस तरह थिरक रही थी कि देखकर मजा आ गया।मैंने उसी बिस्तर पर राहुल को भी लिटाया और उसका लंड अपनी चूत में डलवा लिया।

अपने पति की हालत को देखकर तृप्ति ने रवि को जोर का झटका दिया और चिल्लाई- ..जय नारी शक्ति…
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