पत्नी को उकसाया, ग्रुप सेक्स तक पहुँचाया-6

(Patni Ko Ukasaya Group Sex Tak- Part 6)

सनी वर्मा 2016-10-15 Comments

This story is part of a series:

अगले दिन राजीव ने फोन किया सारिका को- ज्योति को कुछ शक हो गया है और मैं किसी भी कीमत पर तुम दोनों की दोस्ती को छोड़ना नहीं चाहता।
राजीव चाहता था कि सारिका किसी भी तरह ज्योति को भी इसमें शामिल करे।

सारिका को यह ठीक नहीं लगा कि वो कैसे ज्योति को कहे कि वो उसके पति से इसलिए चुद जाए क्योंकि सारिका ज्योति के पति से चुदती है और चुदना चाहती है।

फिर भी उसने कहा- कोशिश करूंगी!
और ज्योति को फोन मिलाया।

राजीव ठीक कह रहा था, ज्योति बहुत अपसेट थी, वो बोली- बस तू घर आ जा… मेरा मन नहीं लग रहा।
सारिका ने उससे कहा- मैं तो बुटीक छोड़ कर दिन में नहीं आ सकती, ऐसा कर, तू मेरे पास यहाँ आ जा।

ज्योति दो बजे करीब आ गई थी, साथ में मैकडोनाल्डस से बर्गर लाई थी, दोनों तुरंत ही अंदर चली गईं, सेल्स गर्ल को बोल दिया कि अगर कोई विशेष बात न हो तो उसे डिस्टर्ब न करे।

सारिका ने फटाफट कोल्ड कॉफ़ी बनाईं और दोनों ने बेड पर बैठ कर ही खाया पीया।
सामान हटाने के बाद सारिका ने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो रूआंसी हो गई और बोली- अब राजीव मेरा ध्यान नहीं रखते..

उसकी सारी शिकायत यह ही थी कि राजीव रात को लेट आते हैं और उससे वैसे प्यार नहीं करते, मन डर रहा है कि कहीं उनका चक्कर…
सारिका ने उसको प्यार से समझाया- हमारा पति हमसे प्यार बहुत करता है और उसको सेक्स रोज चाहिए… हमें उससे रोज सेक्स करना चाहिए, वो भी रोज नए नए तरीके से। सोचो हम अगर उसकी सेक्स की भूख शांत नहीं करेंगे तो वो बाहर जायेगा।

ज्योति बोली- रोज नए तरीके से क्या मतलब?
सारिका बोली- कामसूत्र पढ़ी है? नहीं पढ़ी तो यू ट्यूब पर जाकर कामसूत्र की मूवी देख और कुछ सीख!
ज्योति बोली- तू दिखा अभी क्या है कामसूत्र में!

मैंने अपना टैब खोला और मूवी लगाने लगी।

तभी ज्योति कुछ झिझक कर बोली- एक नई बात इन्होंने सीख ली है, कहते हैं ग्रुप सेक्स करेंगे। हालाँकि मैंने सुना है विदेशों में तो आम बात है, पर कहाँ तो ऐसा कपल मिलेगा और अनजान मर्द से कैसे मैं सेक्स कर सकती हूँ।

इस बीच स्क्रीन पर कामसूत्र की वीडियो चल गई थी।
बहुत इरोटिक सीन थे।

ज्योति ने मेरा हाथ कस के पकड़ रखा था।

तभी स्क्रीन पर 69 पोजीशन का सीन आया जिसे देखकर ज्योति बोली आजकल 3-4 दिनों से राजीव ऐसा करने की जिद कर रहे हैं, मुझे तो लगता नहीं है कि कोई ऐसा करता होगा।

अब सारिका को लगा कि कुछ प्रैक्टिकल करना होगा।
उसने स्क्रीन बंद किया और ज्योति को अपने से चिपटा लिया।

ज्योति भी हॉट फील कर रही थी, दोनों चिपक कर लेटी रहीं और धीरे से उनके होंठ मिल गए।
अबकी बार सारिका ने अपना टॉप और लोअर उतार दिया और ज्योति के भी कपड़े उतार दिए, दोनों एकदम नंगी होकर लिपट गईं।
सारिका ने ज्योति के गोरे गोरे मम्मे चूसे तो ज्योति ने उसकी चूत में उंगली कर दी।
अब सारिका 69 पोजीशन में आ गई और दोनों ने एक दूसरे की चूत को चूसना चाटना शुरू किया।

कुछ देर बाद सारिका पलटी और ज्योति के ऊपर लेट गई और अपनी चूत से उसकी चूत रगड़ने लगी।
सारिका उठ कर किचन में गई और एक लंम्बा सा खीरा ले आई और उसे ज्योति की चूत में करके तेजी से अंदर बाहर करने लगी
ज्योति कामाग्नि से चिल्ला रही थी और अब सारिका की चूत भी अंदर कुछ चाह रही थीं तो उसने खीरे का दूसरा सिरा अपनी चूत में लिया और ज्योति के ऊपर बैठ कर चुदाई शुरू की।

बहुत देर मस्ती के बाद दोनों हंसते ही अलग हुई और लेटे लेटे ही बात करने लगीं।

सारिका ने ज्योति को समझाया कि वो अपनी सेक्स लाइफ रंगीन करे और अगर राजीव ग्रुप सेक्स चाहता है तो उसी से कहे कि कोई कपल ढूंढ लाओ पर होना ज्योति की पसंद का और अच्छा परिवार होना चाहिए। और तब रात को सेक्स के समय किसी भी कपल का नाम लेकर सेक्स करो.. मजा आएगा।

ज्योति बोली- अगर तू बुरा ना माने तो एक बात बताऊँ… हमने एक दिन ऐसा किया था तो राजीव ने तेरा और मैंने दीपक का नाम लिया था और उस दिन सेक्स में सच बहुत मजा आया था।

सारिका ने कहा- दीपक पर निगाह मत रख, अगर उसे मालूम पड़ गया तो? वो तो वैसे ही तुझे पसंद करता है, पकड़ कर चोद देगा। इस पर ज्योति हंस के बोली- तो क्या हुआ, तू राजीव से चुद लेना।
मामला पक गया था।
दोनों ने यह प्रोग्राम बनाया कि इस शुक्रवार की शाम कहीं बाहर चलते हैं, शनिवार और रविवार को बैंक बंद होगा, कुछ मस्ती करेंगे।

रात को दोनों ने अपने अपने पतियों से खजुराहो जाने का प्रोग्राम बनाया कि शुक्रवार को निकलेंगे और सोमवार सुबह लौट आयेंगे।
दो दिन बीच में थे।

सारिका और ज्योति दोनों ने ब्यूटी पार्लर का बिल बढ़ाया, अपने शरीर को चमकवाया।
रात को दोनों ने मेहंदी भी लगवाई।
अब दोनों की खूबसूरती नई दुल्हन की तरह हो गई थी।
दोनों ने कपड़े ऐसे रखे कि उनके पति उन्हें छोड़ें ही नहीं।

खजुराहो होटल बुक कर लिया था। शनिवार को सुबह 5 बजे दीपक की फार्च्यूनर से ये लोग निकले।
सभी ने शॉर्ट्स और टॉप पहनी थी।
ड्राइव 4-5 घंटे की थी, नाश्ता ढेर सारा साथ रख लिया था।

सारिका और ज्योति ने ये पहले ही तय कर लिया था कि नीचे स्पोर्ट्स ब्रा पहनेंगे।
यह आईडिया सारिका का था क्योंकि इससे पहले एक बार मनाली जाते समय उसने स्पोर्ट्स ब्रा ही पहनी थी और रास्ते में दीपक ने उसका टॉप उतार दिया था और स्पोर्ट्स ब्रा से उसे मम्मों को छूने या निप्पल दबाने में कोई दिक्कत नहीं हुई थी।

गाड़ी में हंसी मजाक जोरों पर था और राजीव के पास तो अश्लील जोक्स का खजाना था।
दीपक ने एक गेम सजेस्ट किया जिसमें एक गानों की अन्ताक्षरी थी और हर हारने वाले को अपनी शर्ट उतारनी थी।
गाने शुरू हुए।

सबसे पहले राजीव ने गाया
‘सरकाय लो खटिया जाड़ा लगे’
इस राउंड में दीपक पहले हारे और उसने अपनी टी शर्ट उतार दी, उसने अंदर वेस्ट पहनी थी।

इसके बाद ज्योति हारी, काफी ना नुकुर के बाद उसने टॉप उतार दी, उसने अंदर लाल रंग की स्पोर्ट्स ब्रा पहने थी।

इसके बाद सारिका हारी उसे भी टी शर्ट उतारनी पड़ी, वो अंदर पीले रंग की स्पोर्ट्स ब्रा पहने थी।

जब वो टी शर्ट उतार रही थी तो गलती से उसकी ब्रा भी एक मम्मे से उठ गई और सबने उसका एक मम्मा देख लिया, सब हंस पड़े और अपनी हार का इन्तजार ना करते हुए राजीव ने भी अपनी टी शर्ट उतार दी वो नीचे कुछ नहीं पहने था।

माहौल सेक्सी हो चला था।
एक जगह एकांत देख कर राजीव पीछे आ गया और सारिका आगे चली गई।

अब पीछे राजीव और ज्योति की रास लीला शुरू हो गई, राजीव ज्योति की ब्रा उठा कर मम्मे चूस चूका था और ज्योति भी नीचे झुक कर उसके लंड का पानी निकाल चुकी थी और दोनों अब थक कर सो गए थे।

आगे दीपक सारिका के निप्पल कई बार मसल चुका था और चूत में तो उंगली कई बार कर चुका था।
एक बार सुनसान सड़क पर सारिका ने दीपक का लंड बाहर निकाला और चलती गाड़ी में ही उसे मुख में ले लिया।

ऐसे ही मस्ती करते वो लोग खजुराहो पहुंचे और होटल में चेक इन करके लंच लेकर दोपहर को सो गए क्योंकि रात को धमाल होना था।
शाम को वो लोग मंदिर घूमने गए और वहाँ की कामरत मूर्तियों को देख देख कर दीपक राजीव ने अपनी बीवियों को कई बार चूमा और मम्मे रगड़े।

रात को डिनर ऑर्डर उन्होंने एक रूम में दस बजे के लिये किया और सब कामों से निबट कर 8 बजे राजीव के रूम में इकट्ठे हुए।
ज्योति सारिका दोनों फ्रॉक पहने थी और राजीव और दीपक बरमूडा टी शर्ट।

राजीव ने अपने लैप टॉप पर डांस म्यूजिक लगा रखा था और रूम मोगरा की खुशबू से महक रहा था, लाइट डिम थी।

दीपक ने ड्रिंक का प्रपोजल रखा।
चार पेग बने.. ड्रिंक्स शुरू हुए साथ ही नॉन वेज बातें।
एक पेग के बाद दूसरा पेग..
सारिका और ज्योति ने तो मना किया पर राजीव ने जबरदस्ती स्माल पेग बना दिया।

दीपक और राजीव ज्यादा पी रहे थे तो उन पर नशा चढ़ गया था, सारिका और ज्योति ने दूसरा पेग छूआ भी नहीं था, फिर भी सुरूर उन पर पूरा था।

चारों लोगों ने डांस शुरू किया, राजीव ज्योति से होंठ होंठ मिला कर डांस कर रहा था तो दीपक सारिका के अंदर घुसा ही जा रहा था और जल्दी ही वे जोड़े बदल बदल कर डांस करने लगे।

अब माहौल सेक्सी हो चला था और राजीव ने आगे बढ़कर लाइट बंद सी ही कर दी बस इतनी रोशनी थी कि कोई किसी चीज से टकराए नहीं।

राजीव ने सारिका के लबों पर लब रख दिए और उसको अपने से चिपटा लिया था और दीपक भी ज्योति के होंठों को चूम रहा था और बाहों में जकड़े हुए था।

अब राजीव ने सारिका की फ्रॉक उठाकर अपनी जीभ से उसकी चूत पर धावा बोल दिया था।
कुल मिलाकर अब डांस वांस तो कुछ रहा नहीं, बस चुदाई की रूपरेखा बन रही थी।

राजीव ने सारिका को खींच कर उसे सोफे पर लिटा दिया और उसकी फ्रॉक उठाकर चूत में मुँह घुसा दिया।
दीपक भी ज्योति को लेकर बेड पर चढ़ गया और उसके ऊपर लेट कर चूमा चाटी करने लगा।

तभी इन्टरकॉम की घण्टी बजी, सब अलग अलग हो गए।
रेस्तराँ से फ़ोन था, डिनर का ऑर्डर कन्फ़र्म कर रहे थे।

अब वे चारों बेड पर आ गए खुल कर बीवियों की अदला बदली का खेल खेलने!
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ज्योति की फ्रॉक उतर गई थी और उसके दोनों मम्मों को दीपक और राजीव ने आपस में बाँट लिया था।

ज्योति की चूत को सारिका चुस रही थी और अपनी चूत में भी अपनी उंगली कर रही थी।

राजीव ने अब ज्योति को छोड़ा और सारिका को लिटा कर उसकी चूत चूसने लगा, दूसरी ओर अब दीपक भी ज्योति की चूत चूस रहा था।
सारिका और ज्योति हॉट फील कर के आवाज निकल रहीं थी, दोनों ने एक दूसरे के हाथ पकड़ लिए थे।

अब राजीव और दीपक दोनों ऊपर चढ़ गए और 69 पोजीशन में आ गए, एक दूसरे के लंड और चूत चूस रहे थे।

राजीव और दीपक कभी कभी अपनी को छोड़कर बगल वाली यानी अपनी अपनी बीवी की चूत भी चूस लेते थे।

सारिका को राजीव ने घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया।
उसे देखकर दीपक ने भी ज्योति की चूत में ऐसे ही लंड घुसा दिया।

सारिका और ज्योति घोड़ी बनी एक दूसरे के सामने थी, उनकी जीभ आपस में टकरा रही थीं, उनके मम्मे दीपक और राजीव दबाये हुए थे।

अब आया आखिरी दौर… दोनों लड़कियों को नीचे लिटाकर उनकी टांगों को ऊपर उठा कर चूत फाडू चुदाई शुरू हुई।
सारिका और ज्योति दोनों घमासान चुदाई के मजे लेती हुई चिल्ला रहीं थीं- मजा आ गया जानूं आज तो.. मेरे राजा और जोर से.. फाड़ दो आज इसको.. और जोर से…

पूरा माहौल वासनामय हो रहा था।
पहले दीपक का बम फूटा और उसके साथ ही राजीव का।
दोनों ने अपना माल लड़कियों की चूत में भर दिया।

फिर चारों साथ साथ नहाये, इतने में डिनर के लिए फोन आ गया।

उस दिन रात को, अगले दिन और रात को राजीव के कमरे में सारिका रही और दीपक के कमरे में ज्योति रही।
रात और दिन और फिर रविवार की रात.. सिर्फ चुदाई.. चुदाई और चुदाई।

सोमवार सुबह तक चुदाई के सारे रिकॉर्ड टूट चुके थे और दोनों चूतों का मुरब्बा बन चुका था।

वापस आकर चारों ने दोस्ती की कसम लेकर यह वादा किया कि अब सिर्फ हर शनिवार को मिला करेंगे और इस बीच कभी कुछ नहीं!
ऐसा इसलिए भी जरूरी था कि इन रिश्तों में परस्पर विश्वास बहुत जरूरी है।

तो मेरे प्रिय पाठको, कमेंटस और मेल में लिखिएगा कि कैसी लगी आपको मेरी सेक्स कहानी!
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