पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -10

(Papa Mammi Ki Dusri Suhagraat -10)

विशेष 4084 2015-09-28 Comments

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पापा फिर बोले- यू नो न! आई ऍम गुड।
मम्मी कुछ देर रुक कर बोली- आई (इंग्लिश वर्ड) आई डोन्ट नो।
इतना सुनते ही पापा ने चुम्मों की झड़ी लगा दी और मम्मी के होंठों को चूसने और काटने लगे, तब जाकर मम्मी ने पापा के सीने से चिपकते हुए कहा- आई नो, आई नो बबा ! यू आर वैरी गुड।
और दोनों ने एक बार फिर एक दूसरे को किस किया।

पापा अब तक इतने उतेजित हो चुके थे कि उनके मुँह से एक सिसकारी के साथ ‘उफ़…’ शब्द फूट पड़ा।
मम्मी बोली हो गए क्या!
पापा- क्याआ…?
मम्मी- डिस्चार्ज!
पापा- कैसे! अभी इत्ती जल्दी? इत्ती जल्दी कहाँ? मज़ाक समझ रखा है क्या डिस्चार्ज होना मेरा!
मम्मी- नहीं!
पापा- तो? तो कैसे हो जाऊँगा अभी?
मम्मी- कितनी देर लगेगी?
पापा- बस सुबह तक बोल ही जायेगा मेरा मुन्ना!
मम्मी- नहीं…
फिर से सीधे होते हुए- थक गई हूँ मैं बस!
पापा थोड़ी आवाज तेज़ करते हुए- तो क्या हुआ? तो कर न!
मम्मी- क्या करूँ?
पापा- फक ! (चुदाई)
मम्मी इतराते हुए बोली- तुम्हें फक करने के बाद थक जाती हूँ मैं!
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पापा- मैं दबा दूंगा बाद में!
मम्मी- मेरा पूरा शरीर दर्द कर रहा है!
पापा- मैं दबाऊगा न!

अब मम्मी ने अपने पैर पूरे फैला लिए, एकदम चिकने मलाई जैसे लग रहे थे उनके पैर, और अपनी हथेलियाँ अपने कूल्हों की तरफ यानि पीछे की ओर बेड पर ही टिका ली और आगे पीछे होने लगी, मम्मी इस बार थोड़ा तेज़ धक्के लगा रही थी।
मम्मी के हिलने से बेड से चर चर की तेज़ आवाज फिर से सुनाई देने लगी से।

पापा- थोड़ा तेज़ करो न!
मम्मी- मैं अब और नहीं कर सकती इसे तेज़ और!
वो अपना सर न में हिलाते हुए बोली!
पापा मम्मी पर गुस्साते हुए- तो फिर मैं आऊँ ऊपर?
मम्मी आगे झुकते हुए- नहीं!
पापा थोड़ा गुस्से में- तो? मुझे भी नहीं आने देती हो और खुद भी नहीं करती हो?
मम्मी मुँह बनाते हुए बोली- मुझसे नहीं हो रहा है अब!
पापा- तो मैं आ रहा हूँ ऊपर, चल!
मम्मी- मेरी टांगें दुख रही हैं।
पापा- देख तू ड्रामे न कर मादरचोद!
‘ये क्या!’
मैंने अंकित आज तक अपने मम्मी पापा के मुँह से आज से पहले गाली तो क्या कभी तू तड़ाक भी नहीं सुनी थी और आज मैं उनके मुँह से ऐसी ठेठ देसी फ़ूहड़ भाषा सुन रहा था।
यह सब मेरे विश्वास से परे था।
मम्मी- कसम से बस!
पापा- तू बहुत जिद्दी है! मैं फिर करता हूँ।
मम्मी ने अपनी टांगे फैलाई पापा की ओर और उनके शरीर के ओर झुक कर मुस्कुराते हुए बोली- क्यों?
पापा- तंग कर रही हो मुझे!
मम्मी हंस कर न में सर हिलाते हुए- नहीं!
पापा- तो?
मम्मी- बता रही हूँ।
पापा- क्या बता रही हो?
मम्मी- मैं नहीं कर सकती हूँ ना… किसी मासूम से बच्चे की तरह मुँह बना कर मुस्कुराते हुए बोली।
और फिर वो पापा की सीने पे सटते हुए पापा को किस करने लगी और पापा ने भी उनका खूब साथ दिया।
अब वो किस करते हुए ही ये शब्द बोल रहे थे, पापा भी उन्हीं के अंदाज़ में बोले- क्यों नहीं कर सकती हो ना…
जैसे लय बद्ध तरीके से ये डायलॉग बोल रहे थे।

मम्मी पापा को किस करते वक़्त पोएम की तरह ये सब बोल रही थी- मेरी कमर में दर्द है ना!
मम्मी लगातार हल्के धक्के लगाते हुए- इतना मूव किया है ना!
मम्मी के बाल पापा के चेहरे पे आ रहे थे और वो उनमें उंगलियाँ फेर रहे थे- तो क्या हुआ? हां? थोड़ा सा और कर लोगी तो क्या हो जायेगा।
पापा मम्मी के होंठ आपस में जुड़े हुए थे और वो इसी हालात में एक दूसरे से बात कर रहे थे।
‘हुम्म? मर थोड़े जाओगी?’
मम्मी- नहीं तो!
पापा- तो फिर?
मम्मी- मर थोड़ी न जाऊँगी।
पापा- तो करो न! हुम्म! थोड़ी देर और करो न!
इतना बोलकर उन्होंने नीचे से ही दो तीन धक्के लगाये, मम्मी भी पापा की छाती से चिपकी हुई धक्के लगा रही थी पर अचानक पापा के तरफ से आये झटके से वो चौंक गई।
पापा मम्मी को किस कर रहे थे और उनके बालों से खेल रहे थे। मम्मी भी अपने हाथों से पापा की पीठ को अपने कब्जे में करे हुई थी और उनके हाथ उस पर चल रहे थे।
पापा बोले- यह क्या रख दिया मेरी चेस्ट पर इतने भारी भारी?
मम्मी- क्या, कहाँ?

कहानी जारी रहेगी…
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