तुमने तो मेरी ली ही नहीं

(Desi Kahani: Tumne To Meri Li Hi Nahi)

नमस्कार दोस्तो, सभी चुतवालियों और भाभियों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम.
मैं बहुत समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और फिर आज मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं अपनी चुदाई की देसी कहानी इधर लिख कर भेजूँ.

इस मस्त चुदाई की देसी कहानी को शुरू करने से पहले में बता दूँ कि मेरा नाम लॅविश गोयल है और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है, मेरा कद 5’6″ का है.. और मैं फोटोग्राफी का काम करता हूँ.

बात उन दिनों की है, जब मैं फोटोग्राफी सीख चुका था. फोटोग्राफी सीखते-सीखते एक साल कब हो गया.. पता ही नहीं चला. अब मैं कोई भी कैमरा आसानी से चला लेता था और मेरे पास शादियों के पोज़ शूट करने की बहुत अच्छी जानकारी थी जिसके कारण स्टूडियो के सभी साथी मुझसे चिढ़ते भी थे.

एक दिन किसी बात पर मेरे स्टूडियो के मालिक ने एक साथ दो फोटोग्राफरों को काम से हटा दिया और उनमें से एक की जगह पर मुझे रख लिया. दूसरे की जगह पे किसी और लड़के को रख लिया.

एक दिन मेरे स्टूडियो के मालिक रॉकी ने मुझसे कहा- लॅविश सामान रेडी कर ले कल तुझे जालंधर में एक शादी की कवरेज करनी है.
मैं बोला- ठीक है भैया..

अगले दिन मैं मेरे साथ एक वीडियोग्राफर पंकज, दूसरा वीडियोग्राफर रोहित और एक हेल्पर नितिन को साथ लेकर अपनी गाड़ी में सामान रखकर जालंधर में उस शादी वाले घर पर पहुँच गया.
वहां पर एक पंजाबी शादी थी और आपको तो पता ही है कि पंजाबी लड़कियों में खूबसूरती तो कूट-कूट कर भरी होती है. मैंने सोचा चलो ये भी शुक्र है कि इधर मस्त माल देखने को मिलेंगे ताकि टाइम भी अच्छा पास हो जाएगा.

हम लोगों ने खा पी कर अपना काम शुरू कर दिया. लेकिन जब मैंने अपना कैमरा चालू करना चाहा तो देखा कि इसमें तो बैटरी ही नहीं है.
मैंने हेल्पर नितिन से पूछा- छोटू, मेरे वाले कैमरा की बैटरी कहाँ पे है?
तो वो बोला- भैया, बैग में आपके कैमरा की दोनों बैटरीज हैं.

तब जा कर मेरी जान में जान आई और मैंने पहली बैटरी अपने कैमरा में लगाई और काम स्टार्ट कर दिया. अभी 50-60 फोटो ही हुए थे कि बैटरी लो हो गई.
मैंने नितिन से फिर पूछा- छोटू, तूने बैटरी चार्ज नहीं की थी?
तो वो बोला- एक बैटरी तो फुल चार्ज है भैया और दूसरी चार्जिंग पर सिर्फ 10-15 मिनट ही लगाई थी.

मैं फिर से अपने कैमरा बैग के पास गया और दूसरी बैटरी निकाली और कैमरा में डाल दी. फिर मैंने सोचा इस लो बैटरी को भी चार्ज कर ही लूँ.

अब यहाँ से असली कहानी की शुरुआत होती है.

मैं अपने कैमरा की बैटरी को लगाने के लिए उस सारे घर में जगह ढूँढ रहा था और मुझे कोई भी प्लग पॉइंट खाली नहीं मिला और आख़िर में मैं उस घर की दूसरी मंज़िल पर गया, वहां पर कोई नहीं दिख रहा था. मैंने सोचा चलो किसी कमरे में बैटरी के लिए कोई पॉइंट ढूंढा जाए.

उस मज़िल पे 4 कमरे थे, मैंने पहले कमरे में देखा, वहां पर कुछ औरतों के बातें करने की आवाज़ आ रही थी, तो मैंने अन्दर जाना उचित नहीं समझा.

दूसरे कमरे के बाहर कुछ देर रुका तो देखा कोई आवाज़ नहीं आ रही. मैं सीधा अन्दर चला गया और बैटरी के लिए प्लग पॉइंट ढूँढने लगा. तभी एकदम उस कमरे के बाथरूम से एक लड़की बाहर निकली. वो दिखने में 22-23 साल की होगी और उसका फिगर लगभग 34-28-36 होगा. वो बला की खूबसूरत थी. उसे देख कर ऐसा लगा कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ.

मैं अपने दिमाग़ में कहने लगा कि इसे तो ऊपर वाले ने 2-3 हफ्ते में बनाया होगा. मुझे देख कर वो जल्दी से फिर से बाथरूम के अन्दर चली गई और मुझसे तेज स्वर में बोलने लगी.
मैंने उससे माफी माँगी और वहां पर बैटरी चार्जिंग पर लगा कर चला आया.

फिर मैं सारा दिन उसको शादी में ढूंढता रहा लेकिन वो कहीं भी नहीं दिखी. पर आखिर शाम को हल्दी की रस्म में वो लड़की मुझे दिख गई. वो मुझे देख कर बनावटी गुस्सा दिखाने लगी और मैं आगे से मुस्कुरा दिया.
खैर.. हल्दी की रस्म तो हो गई और शाम को डीजे का प्रोग्राम भी खत्म हो गया और हम लोग अपनी गाड़ी की ओर बढ़ने लगे.

तो लड़के के चाचा ने मुझे रोका और बोला- बेटा, क्या तुम पास ही में रहते हो या..!
मैं उन्हें टोकते हुए बोला- नहीं अंकल जी हम लोग तो मोगा से हैं.
मैंने उन्हें अपने बारे में बताया कि हम लोग फोटोग्राफी के लिए आए हैं.
वो बोले- तो बेटा यहीं क्यों नहीं रुक जाते?
मैं बोला- अंकल रुक तो जाएं.. लेकिन हम कुछ सामान और कल के लिए ड्रेस नहीं लेकर आए हैं.
उस समय हमारी टीम की ड्रेस होती थी जो हफ्ते के हर दिन अलग होती थी.
वो बोले- रूको. मैं अभी रॉकी मेरे स्टूडियो का मालिक को फोन लगाता हूँ.

उन्होंने मेरे स्टूडियो के मालिक को फोन लगा दिया. कुछ देर बात करके वे बोले- तुम लोग दूसरी मंज़िल पर जा कर सो जाओ.. तुम्हारा सामान तुम्हें कल सुबह 8:30 बजे तक मिल जाएगा.
मैं बोला- ठीक है अंकल जी.

जब हम दूसरी मंज़िल पर गए तो वो लड़की मुझे फिर से दिख गई और मैं नज़रें झुका कर तीसरे कमरे में चला गया. मेरे बाकी के साथी भी चले गए.

रात के करीब 2 बजे का टाइम था और मेरे साथी सो चुके थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं तो बस उस लड़की के ख्यालों में खोया हुआ था.

तभी बाहर से कुछ लड़कियों की आवाज़ें आईं और कुछ देर बाद आवाज़ें बंद हो गईं, तो मैंने सोचा क्यों ना बाहर टहल कर आऊं. जब मैं बाहर निकला तो देखा कि उस लड़की का कमरा फिर से खुला पड़ा है. मैंने कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया और मैं कॉरिडोर में टहलने लगा.

करीब दस मिनट बाद वो लड़की नीचे से आई और मुझे देख कर मुस्कुरा पड़ी. वो बोली- क्या हुआ फोटोग्राफर साहब, नींद नहीं आ रही क्या?
मैं बोला- तभी तो टहल रहा हूँ.
वो बोली- मैंने तो सोचा था कि मेरा इंतज़ार कर रहे हो..!
मैं बोला- मैं क्यूँ आपका इंतज़ार करूँगा..?
वो बोली- क्योंकि आप मेरे कमरे मे आपके कैमरा की बैटरी जो भूल गए थे.
तभी मुझे याद आया और मैं फिर से माफी माँगने लगा.
वो बोली- आओ.. बैटरी ले जाओ.

मैं उसके पीछे-पीछे चल दिया.

जब मैं उसके कमरे में गया तो वो बोली- किसी के कमरे में जाने से पहले नॉक कर लेना चाहिए.
मैं बोला- सॉरी मैडम मुझे पता नहीं था कि आप बाथरूम में हो?
तो वो बोली- आज जो हुआ किसी को बताया तो नहीं?
मैं बोला- मैं क्यों बताऊंगा?

तो वो बोली- अच्छा चलो कोई बात नहीं और हाँ.. तुम्हें जल्दी तो नहीं है.
मैं मज़ाक में बोला- किस बात की जल्दी?
वो बोली- अपने कमरे में जा कर सोने की..!
मैं बोला- नहीं, मुझे तो पहले ही नींद नहीं आ रही है.
वो बोली- तो जरा रूको, मैं अभी आई.

वो बाथरूम में गई और एक नाइटी पहन कर बाहर आ गई. उसे देखते ही मेरा पप्पू सलामी देने लगा.
इतने मैं वो मेरा ध्यान बंटाते हुए बोली- क्या हुआ फोटोग्राफर साहब..?
मैं बोला- आप बहुत सुंदर हो.
तो वो बोली- यह अब के लिए कह रहे हो या सुबह के लिए?

हम दोनों मुस्कुरा दिए. अब वो मुझसे खुल गई थी और हम खुल कर बातें करने लगे.

फिर उसने अचानक पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं बोला- अभी तक तो नहीं है.
वो बोली- क्यों?
मैं डरता हुआ बोला- हमारा तो काम ही ऐसा है कि जेब में दर्ज़न और बंदा स्टिल वर्जिन..
मेरी इस बात पर वो हंस कर मुझे पूछने लगी- सच मैं तुम अभी तक वर्जिन हो?
मैं बोला- कुछ इस तरह ही समझ लो. एक गर्ल फ्रेंड थी उसे मैंने छोड़ दिया क्योंकि वो मुझ पर हर टाइम शक करती रहती थी.

यह सब मैंने झूठ बोला था, असल में मैं इससे पहले भी 3-4 बार चुदाई कर चुका था.

अब वो मुझ से पूरा खुल कर बात कर रही थी. फिर उसने पूछा- मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाओगे?
मैं बोला- क्यों मज़ाक कर रही हो.
वो बोली- नहीं.. सच में मुझे फोटोग्राफर बहुत पसंद हैं.
उसके जोर देने पर मैंने ‘हाँ’ कर दी.

मेरी ‘हाँ’ सुनते ही उसने एकदम से मेरे होंठों पर किस लिया और मेरी गोद में आकर सीने से सीना लगा कर बैठ गई.

अब वो मुझे किस करने लगी और कब उसने मेरे कपड़े उतार दिए, मुझे पता भी नहीं चला. मैं उसके चूचे दबाने लगा और वो लगातार मेरे होंठ चूसे जा रही थी.
फिर मैंने उसकी नाइटी उतार फेंकी और देखा कि उसने नीचे पिंक कलर का ब्रा और पैंटी का सैट पहन रखा था. मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके चूचों को चूसने लगा और काटने लगा.

वो मस्ती में ‘उउउहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह.. ऑश जान.. मुझे मसल डालो.. आज मेरी चूचियों को खा जाओ.. आअहह बहुत मज़ा आ रहा है..’ किए जा रही थी.
उसकी कामुक सिसकारियां मेरे लंड को और सख़्त बना रही थीं. मेरा लंड सुबह से उसे देख कर लोहे की रॉड जितना कठोर हुआ पड़ा था.

फिर मैंने उसे आगे को झुकाया और धीरे से उसकी नाभि को चाटता हुआ उसकी पैंटी तक आ पहुँचा, जो कि अब उसके चुतरस से गीली हो चुकी थी, उसकी पैंटी उतार दी और मैं उसे लिटा कर उसकी चुत चाटने लगा. वो मस्ती में जोर-जोर से आहें भरने लगी.

मैं लगातार उसकी चुत चाटे जा रहा था. वो चुदास से मस्त हुए जा रही थी. उसकी मादक सिसकारियाँ और तेज़ हो रही थीं और वो लगातार बोले जा रही थी- और जोर से.. और जोर से…
आख़िर एक लंबी सिसकारी के साथ उसकी चुत का बाँध टूट गया और उसका चुतरस मेरे मुँह में आ गया.
इसके बाद कुछ पल के लिए वो निढाल हो गई. फिर उसने मेरी चड्डी उतारी और मेरा लंड चूसने में लग गई. क्या बताऊं यारो, पहली बार कोई लड़की इतने अच्छे तरीके से और प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी 20 मिनट की लंड चुसाई की मेहनत के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

फिर मैं उसके बगल में लेट गया और वो मेरे बगल में आकर मुझसे चिपक गई. वो अब धीरे-धीरे मेरे लंड को सहलाने और करीब दो मिनट बाद वो उसे फिर से चूसने लगी. उसकी मेहनत जल्द ही रंग ले आई. मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.

अब वो मेरे नीचे आ कर मुझे अपनी चुत के अन्दर लंड डालने का इशारा करने लगी. मैंने एक बार ट्राइ किया तो उसकी चुत टाइट थी, जिससे असफलता हाथ लगी.

मैंने सोचा कि ये काम ऐसे तो नहीं बनेगा. मैं चुत के ऊपर से लंड से फांकों को सहलाने लगा. इससे वो और मस्त हुए जा रही थी, वो मुझे बोल रही थी- जल्दी डालो ना प्लीज़..

फिर मैंने निशाना तुका.. और अचानक से एक झटके से लंड उसकी चुत के अन्दर उतार दिया. मेरा आधा लंड उसकी चुत की फांकों को चीरता हुआ उसकी चुत में गहराई में घुस गया. वो चिल्लाने ही वाली थी कि मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. उसकी आँखों से आंसू बहने लगे.

थोड़ी देर मैं ऐसे ही स्थिर रहा और उसके इशारे का इंतज़ार करने लगा. उसने इशारा किया तो मैंने दूसरे धक्के में पूरा लंड उसकी चुत में पेल दिया और उसे फिर से दर्द होने लगा.
मैं थोड़ी देर रुका और जब उसे मज़ा आने लगा, तो वो नीचे से झटके लगाने लगी. अब शुरू हुई असली चुदाई की दौड़..

वो मस्ती में बोले जा रही थी- अह.. और जोर से.. आहह बहुत मज़ा आ रहा है जान.. अया… उम्म्म.. उहह और जोर से..

कुछ मिनट बाद मैं झड़ने को आया तो मैं बोला- मेरा होने वाला है, कहाँ निकालूँ?
वो बोली- मुझे तुम्हारा रस पीना है.
तो मैंने लंड उसकी चुत से निकाल कर उसके मुँह में पेल दिया और उसका मुखचोदन करने लगा. कुछ ही धक्कों में मैं उसके मुँह में झड़ गया. वो मेरा सारा माल गटक गई.
वो मेरे लंड को साफ़ करती हुई बोली- मेरी तो अपने ली ही नहीं!
मैं हैरानी से बोला- तो यह क्या था?

वो आँख मार कर बोली- मैं फोटो की बात कर रही हूँ.
मैं हंसते हुए बोला- मैं तो डर ही गया था.. पर कल पक्का लूँगा, जितनी बार बोलोगी पक्का ले लूँगा..!
वो फिर आँख मार कर बोली- क्या?
मैंने कहा- फोटो..
हम दोनों हंस दिए.

फिर मैंने टाइम देखा तो सुबह के 5 बज चुके थे.

फिर हम दोनों एक साथ नहाए और मैंने एक बार फिर बाथरूम में चुदाई की और उसे लंबा किस करके बाहर आने को हुआ. उसने मुझे 5000 रुपए देने चाहे पर मैंने मना कर दिया.
तो वो बोली- यह मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड को दे रही हूँ.. यह मेरा गिफ्ट है.
फिर मैंने उनमे से 3000 रुपए ले लिए. इसके बाद हमने अपने नंबर शेयर किए और मैं अपने कमरे में आ गया.

अब वो मुझसे महीने में कम से कम 7-8 बार तो ज़रूर ही चुदवाती है.

तो दोस्तो, कैसे लगी आपको मेरी चुदाई की देसी कहानी.. अगर कोई ग़लती हो गई हो तो माफ़ करना क्यूंकि ये मेरी पहली कहानी है. आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा.
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