एक शाम क्लासमेट की चूत चुदाई के नाम

(Ek Sham Classmate Ki Chut Chudai Ke Naam)

हैलो फ्रेंड्स.. अन्तर्वासना.कॉम का मैं बहुत पुराना रीडर हूँ.. और मैं काफ़ी वक्त से अपनी कहानी लिखने के बारे में सोच रहा था.. तो आज लिख ही दी। मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी जिंदगी की सत्य घटना पर आधारित यह कहानी पसंद आएगी।

मेरा नाम मोहित है और मेरी उम्र 21 साल की है। मैंने इसी साल अमदाबाद से इंजीनियरिंग पूरी की है.. मैं बहुत साफ़ दिल का इंसान हूँ। इसीलिए मेरे दोस्त मुझे नंगा इंसान कहते हैं। खास कर लड़कियां कहती हैं।

मुझे आज तक कभी लव नहीं हुआ.. अगर लव हुआ भी है.. तो सिर्फ़ लड़कियों के जिस्म से.. और मेरी सब फ्रेंड्स ये बात जानती भी हैं। इसके अपने दो फायदे हैं पहला ये कि किसी भी लड़की को धोखा देने का सवाल नहीं आता और लड़की भी फक एन्ड फार्गेट वाली मिल जाती है। किसी को भी दिल पर लेने की जरूरत नहीं रहती।

बात इंजीनियरिंग के टाइम की है.. जब मैंने पहली बार अपनी क्लासमेट को चोदा था.. जो मेरी काफ़ी अच्छी दोस्त थी और अब भी है। उसके बारे में बताऊँ तो वो क्या मस्त चीज़ है.. एकदम कसा हुआ 32-28-34 का फिगर और पूरा का पूरा दूध सा गोरा बदन.. उसका नाम मरजीना है जैसे कि हुस्न की मलिका..

मैं भी कुछ कम नहीं था.. दिखने में मैं पूरा हीरो टाइप का था और अपनी बॉडी के बारे में तो क्या बताऊँ.. जितनी भी लड़कियों को मैंने चोदा है.. वो आज भी मुझसे चुदवाती हैं।
अब आप ही सोच लो.. मरजीना को मेरी सोच के बार में पता था कि लड़कियों के मामले में किसी चोदू से कम नहीं हूँ। फिर भी वो मुझसे बातें करती थी।
एक बार मौका मिलते ही मैंने उसको चुदवाने का ऑफर दे दिया, उसने पहले तो बहुत गुस्सा किया.. और वहाँ से चली गई।
वो काफ़ी रिच फैमिली से थी.. तो वो कार लेकर कॉलेज आया करती थी। मैंने सोचा उसे नहीं चुदवाना होगा.. इसीलिए चली गई।

शाम को मैंने फोन पर उससे सॉरी कहा..
उसने कहा- सॉरी की कोई बात नहीं है..
तो मैंने पूछा- तो फिर गुस्सा क्यों हुई थीं?

तब उसने बताया- उसे पता था कि तुम मुझे चोदना चाहते हो.. लेकिन इस तरह मेरा कॉलेज में पूछना मुझे पसन्द नहीं आया।
तो फिर मैंने कहा- तब तो ठीक है.. लेकिन तुमने मेरे ऑफर का आन्सर नहीं दिया?
तो उसने बोला- अगर नहीं चुदवाना चाहती.. तो तुम्हारा फोन ही क्यों उठाती?

यह सुन कर मेरा लण्ड झटके मारने लगा।
मैंने पूछा- कब प्रोग्राम करेंगे?
तो उसने कहा- मैं तुम्हें सामने से बताऊँगी.. और तुम ये बात किसी को मत बताना।
तो मैंने ‘हाँ’ कह दिया।

मेरे लिए दिन गुजरना मुश्किल हो गया और फिर वो दिन आ ही गया.. जिसका मैं कब से इंतजार कर रहा था।

एक दिन कॉलेज के बाद उसने मुझे बताया- तुम मेरी कार में चलो.. मेरे घर.. मुझे तुमसे एक टॉपिक सीखना है..
तो मैं उसके साथ कार में बैठ गया, मैं समझ गया था कि इसको आज कौन सा टॉपिक सीखना है।

मरजीना को राजी होते देख कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा।
कार रास्ते पर चलने लगी.. मैंने मरजीना से पूछा- तुम्हारे मॉम-डैड घर पर नहीं हैं क्या?
तो उसने मेरे सामने देख कर सेक्सी स्माइल की.. जिसमें उसका आन्सर छिपा हुआ था।
मैं समझ गया।

उसने बताया- मैं तुमसे कॉलेज के पहले दिन से ही चुदवाना चाहती है.. पर तुमने ही पूछने में देर कर दी।
उस दिन लगा कि मरजीना तो मुझसे भी ज़्यादा नंगी लड़की है.. मैं सोचने लगा कि घर पर उसने क्या-क्या प्लान करके रखा होगा।
अब तो मेरे अन्दर का कामदेव बाहर आने लगा।
मैं उसके पिंक टॉप का नेक नीचे करके उसके मम्मों को दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोली.. उसके निप्पल भी उसके टॉप की तरह पिंक थे, मैं तो उनको बारी-बारी से चूसने लगा।
मेरा लण्ड तो जैसे जींस फाड़ कर बाहर आने वाला था।

क्या मस्त मजा आ रहा था। जब मरजीना से कंट्रोल नहीं हुआ.. तब उसने बोला- थोड़ा रुक जाओ.. यार कार चलाने में दिक्कत हो रही है।

मैं समझ गया कि अब वो अपने आपको सम्भाल नहीं पा रही है.. तो फिर मैंने छोड़ दिया और उसके घर पर पहुँचने का इंतजार करने लगा।
सबसे बुरी हालत मेरे लण्ड की थी.. उसको मैंने काफ़ी मेहनत के बाद कंट्रोल किया।
थोड़े ही टाइम में उसका घर आ गया और हम चुपचाप घर में अन्दर चले गए।

उसके घर में कोई नहीं था, मैं और सिर्फ़ वो ही थे।
उसने मुझे ड्राइंगरूम में बिठाया और जैसे ही वो कपड़े चेंज करने बाथरूम में जाने वाली थी.. मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।

हाय.. क्या कयामत थी वो..
वो कुछ करती.. उसके पहले तो मैंने उसका टॉप उतार दिया.. ब्रा भी उतार दी और उसे उठाकर बाथरूम में ले गया और उसे उधर ही लिटा कर उसके होंठ चूसने लगा।
उसके रसीले होंठ क्या मस्त थे.. मेरा मन तो कर रहा था कि उसे काट खाऊँ।

वो भी पूरा सहयोग दे रही थी, मैं उसका जींस उतारने लगा, उसने अपनी गाण्ड उठा कर मुझे उसकी जींस उतारने में हेल्प की।
जैसे ही उसकी जींस उतरी.. अय हय.. क्या लाजवाव नजारा मेरे सामने था.. उसकी पिंक कलर की चूत और चूत पर एक बाल भी नहीं.. इतना मस्त कचौड़ी सी उभरी हुई चूत थी.. कि मन कर रहा था कि अभी ही उसकी चूत मैं अपना लण्ड पेल दूँ और चोदना शुरू कर दूँ।
लेकिन मैंने थोड़ा सब्र किया, मैं फ़ोरप्ले का मजा किरकरा नहीं करना चाहता था। उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और हम दोनों एक-दूजे को किस करने लगे, हम दोनों की साँसें ज़ोर-ज़ोर से चल रही थीं, मेरा एक हाथ उसके कसे हुए मम्मों को दबा रहा था.. तो दूसरा उसकी चूत को सहला रहा था।

हम दस मिनट तक चूमाचाटी ही करते रहे।
इतने टाइम में उसने मेरे शर्ट के बटन खोल दिए, फिर मैं बिस्तर पर खड़ा हो गया और अपने जींस उतार दी, मेरा लण्ड जैसे कि तंबू बन कर कच्छे से दिख रहा था.. तो मरजीना तो आँखें फाड़-फाड़ कर लौड़े का फूलापन देख रही थी।

जब मैंने कच्छे को निकाला.. और जैसे ही मेरे लण्ड को आज़ादी मिली.. वो अपनी असली औकात पर आ गया, पूरे 6 इंच का मोटा तगड़ा लण्ड देख कर तो उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया..
मैं उसका घबराया हुआ चेहरा देख रहा था.. कि उसने इतने बड़े लण्ड की कल्पना ही नहीं की होगी।

धीरे-धीरे मैंने उसे संभाला और अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया। वो पहले तो थोड़ी डरी-डरी सी लग रही थी.. लेकिन बाद में उसे भी मजा आने लगा और वो उससे खेलने लगी।
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, अब मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लण्ड चूसने लगी।

क्या मस्त मलाईदार चूत थी उसकी.. साथ ही उसकी मस्त उठी हुई गाण्ड.. जैसे कि बर्गर हो.. वो भी मेरा लण्ड मजे से चूस रही थी.. उसके साथ मेरा पहली बार था.. तो मुझे लगा कि ज़्यादा कंट्रोल नहीं होगा.. मैं जल्दी झड़ जाऊँगा।
फिर मैंने अपना चेहरा उसके चेहरे के सामने किया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को उसकी गर्म और चिकनी चूत में रगड़ना शुरू कर दिया।
उसकी साँसें ज़ोर-ज़ोर से चल रही थीं.. मैंने जैसे ही उसकी चूत में एक ज़ोर से धक्का लगाया.. वो चीख पड़ी। लेकिन मुझे इसका अंदाज़ा था.. इसलिए मैं पहले ही उसको किस करने लगा था, जिससे उसकी चीख नहीं निकल सकी।
एक झटके में मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया.. फिर मैंने धीरे-धीरे चूत चोदना शुरू किया, उसकी आँखों से आँसू निकल गए थे.. जो मुझे बुरे तो लगे.. पर मैं जानता था कि थोड़ा दर्द तो बर्दाश्त करना ही पड़ेगा।

मैंने उसे 2-3 मिनट तक ऐसे ही धीरे-धीरे चोदना जारी रखा। बाद में वो भी मुझे कसके पकड़ कर सिसकारियाँ लेने लगी।
अब मैं समझ गया कि वक्त आ गया है सेकेंड लेवेल पर जाने का.. और मैंने ज़ोर से दूसरा झटका लगाया तो लण्ड पूरा उसकी चूत में घुस गया।
वो चिल्लाना चाहती थी.. पर उसकी चीख अन्दर ही रह गई।

मैंने उसे चोदना बन्द कर दिया, थोड़ी देर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा, फिर कुछ पलों बाद मैंने उसको चोदना शुरू किया।
अब उसे भी मजा आ रहा था.. और वो मुझे पूरा साथ दे रही थी।
जैसे ही मेरा लण्ड चूत में घुसता.. चूत की अन्दर से.. जैसे वो मेरे लण्ड को काटना चाहती हो.. वैसे वो लौड़े को दबाती।
उस वक्त तो जैसे मैं जन्नत में ही पहुँच गया।

फिर मैंने चोदने की स्पीड बढ़ाई.. वो भी गाण्ड उठा कर मेरा साथ दे रही थी, लगभग दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने उसकी चूत में अपना सारा माल निकाल दिया और हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे।

फिर थोड़ी देर के बाद वो उठी.. बाथरूम में सब साफ करने के बाद वो गाण्ड मटकाती फ्रिज से आइस्क्रीम ले आई और उसने अपने हाथों से अपने मम्मों और चूत पर लगा लिया। मैं समझ गया और मैं बड़े मजे से आइस्क्रीम चाटने लगा।
फिर मैंने आइस्क्रीम अपने लण्ड पर लगाई.. वो भी आइस्क्रीम वहाँ से चट कर गई और लण्ड चूसने लगी।

मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया, मैंने उसे फिर से नीचे लेटाया और उसकी चूत में लण्ड पेल दिया, इस बार वो भी पूरी तैयार थी.. मैंने चोदना शुरू किया।
इस बार मैंने 20 मिनट तक जमके उसकी चुदाई की.. और फिर खेल ख़त्म हो गया।
उसके चेहरे पर तृप्त होने वाली स्माइल थी।

इसके बाद जब भी मौका मिलता.. वो मुझे अपने घर ले जाती और हम मजे करते।
एक बार तो मैंने उसकी गाण्ड भी मारी थी.. लेकिन उसकी स्टोरी मैं बाद में बताऊँगा।

आपको यह कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर इमेल करे।
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