कॉलेज गर्ल की इंडियन सेक्स स्टोरी-8

(College Girl Ki Indian Sex Story- Part 8)

This story is part of a series:

अब तक की इस हिंदी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि पैसे के चक्कर में मैं किसी की फर्जी गर्लफ्रेंड बन कर गोवा पहुँच गई थी.
अब आगे..

दो घंटे बाद बेल बजी और एक लेडी आई. मैं दरवाजा खोलने गई तो उन्होंने कहा- सॉरी मैडम, मुझे देर हो गई.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. अन्दर आ जाओ.
उन्होंने मुझे 3-4 थैले पकड़ा दिए और कहा कि आप देख लीजिये, मैं अपनी समझ में सही लाई हूँ.
मैंने सभी के ऊपर से कलर देखे तो अच्छे थे.

फिर उन्होंने कहा कि जब आप रात में वेस्टएंड या टिटोज या क्यूबाना घूमने जायें तो ये पहन कर जाना.
उसने 4-5 ड्रेस निकाल कर अलग रख दीं, फिर पूछने लगीं- आप पहली बार आई हैं?
मैंने कहा- हां, पहली बार आई हूँ.
उसने मुस्कुरा कर कहा- एन्जॉय कर लीजिये और कोई जरूरत हो तो मुझे आप याद कर लीजियेगा.. आप यहाँ इतने कपड़े क्यों खरीद रही हैं? लाई नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं.. वो जल्दी में मुझे ले लाए मैं तो सिर्फ अंकल से मिलने गई थी.
‘ओके ठीक है मैडम जी.. मैं चलती हूँ.’
फिर वह चली गईं.

मैंने सैम को कॉल किया और बताया तो उसने कहा- तुम तैयार हो जाओ, मैं आ रहा हूँ.
मैं नहाई और तैयार होने लगी, थोड़ी देर बाद सैम आ गया तो मैंने कहा कि उन्होंने ये ड्रेस कहा है कि मैं रात में पहनूं.. जो कुछ डार्क कलर में थी. अब मैं क्या पहनूं बताओ?
सैम ने उसमें से एक उठा कर दी और कहा कि ये जल्दी से पहन लो. फिर हम बीच पर चलते हैं.

मैं वो पहनने चली गई और उस ड्रेस को पहन लिया. उसके साथ एक बिकनी भी थी. बिकनी नाम सुना तो था देखा भी था, पर कभी मैंने पहना नहीं था. मैंने ड्रेस पहन लिया. इसको पहनने पर मेरी चूची के आगे के निप्पल ही थोड़े से बंद हो रहे थे बस बाकी निप्पल से ऊपर की पूरी चूचियां पूरी खुली थीं.

दोस्तो, आपको पता ही होगा कि गोवा में बीच पर कैसी ड्रेस चलती हैं.. और वो उसी चलन की थी.

मैंने जब वो ड्रेस पहनी तो वो ढीली ढीली थी, जिसमें मेरे दोनों कंधे आधे बूब्स ऊपर तक खुले थे और वो ड्रेस पेट तक थी. उसमें बिल्कुल छोटी सी निक्कर नुमा पेंट थी. इतनी तो मैं कभी पैंटी पहनती थी.. जो केवल मेरी गांड ढक रही थी. उसे पहनने के बाद मुझे शर्म सी लगी. अब मैं बाहर आ गई.

मैं बाहर आई तो सैम ने कहा- वाह शालू, क्या मस्त लग रही हो, इतनी अच्छी तो तुम पहली बार भी नहीं लगी थी.
मैं मुस्कुरा दी.
फिर उसने कहा- इसमें से कोई एक ड्रेस ले लो.
मैंने ऐसे ही पूछा- इसका वहां क्या काम है?
सैम ने कहा- आई हो तो यहाँ का मज़ा भी ले लो.

फिर उसने ही अपने मन से एक ड्रेस उठा कर मेरे बैग में डाल दी और हम चलने लगे. जब वहां मैं पहुँची तो देखा कि लड़कियां ऐसी बिकनी में ही हैं. उन्हें देख कर मेरी शर्म आधी से ज्यादा दूर हो गई.
फिर हम उतर कर एक ढाबे पर गए. वहां के होटल ढाबे की तरह थे और सब लड़के लड़कियां छोटे छोटे कपड़ों में लेटे थे, घूम रहे थे.. जैसे सब नार्मल था.

हमने थोड़ा नाश्ता किया और कटे हुए फल खाए.
फिर सैम ने कहा- और आगे चलते हैं.
उसी के थोड़ा आगे एक लेटने की जगह थी, जो वहां कुछ स्पेशल होती है, जो लोग गोवा गए हैं उनको पता होगा.
सैम- शालू आओ आ जाओ तुम भी लेटो.. मैं इधर लेटता हूँ.

मैं उसमें गई और बैठ गई. उस होटल वाले से उसने वो दो शाम तक के लिए लिए थे.

सैम- शालू लेटो भी..
और ये कहते हुए सैम लेट गया.
उसने कहा कि देखो ये माहौल दिल्ली से आगे है कि नहीं.. यहाँ तो सब ओपन है.. दिल्ली में नहीं है. तुम्हें अच्छा लग रहा है ना?
मैं- हाँ सैम अच्छा लग रहा है.. अगर मैं नकली गर्लफ्रेंड ना बनती तो घूमने को आ भी ना पाती.
यह कहते हुए मैं भी उसी पर लेट गई.

थोड़ी देर बाद सैम बोला- शालू यहाँ की लहरों का मज़ा नहीं लोगी क्या?
मैं- लूँगी.. क्यों नहीं लूँगी..
सैम- तो जाओ लो जाकर.
मैंने कहा कि अकेले ही जाऊं क्या.. और मजा कैसे लूँ?
उसने कहा कि जैसे वो लड़कियां ले रही हैं.. वैसे ही तुम भी जाकर लो.

मैं उठ कर जाने लगी और लहरों का मज़ा लेने लगी. काफी देर बाद सैम अपने सारे कपड़े निकाल कर केवल कैप्री में आया और फिर हमने काफी मजा किया. उस स्विम सूट में मेरा पूरा बदन साफ साफ नजर आ रहा था.
हम दोनों कुछ देर बाद वापस आ गए. सैम अपने ऑफिस चला गया और रात को काफी देर में आया.

उसने जाने से पहले मुझसे कहा था कि खाना खा कर सो जाना.
अब हम दोनों रोज किसी ना किसी बीच पर जाते और मजा लेते. मैंने तो दूसरे दिन से ही बिकनी में मज़ा लेने लगी थी. अब सैम मुझे कमर या कंधों पर हाथ भी लगा देता था.

बाकी सारी ड्रेस इसी तरह की थीं कुछ इससे भी छोटी. अब मुझे ड्रेस छोटे होने से कोई दिक्कत नहीं थी. वैसे भी अब ऐसा क्या बचा था जो दिखा नहीं हो. बस बुर और निप्पल ही बचे थे, जो किसी ने मतलब सैम ने ना देखे हों, तो मुझे शर्म भी नहीं लगती थी.

अगले दिन उसने कहा कि आज हम नाईट क्लब जाएंगे, तैयार रहना. मेरे आने पर चलेंगे.

मैं शाम को तैयार हो गई और जो ड्रेस उसने बताई थीं, उसी में से एक ड्रेस निकाली तो वो भी बाकी सभी की तरह छोटी सी थी. इसमें केवल मेरे चूचे, बुर गांड ही बंद हो सकते थे. यह ड्रेस काफी टाइट भी थी. मैंने दूसरी देखी, सारी इसी तरह की थीं.. हां एक थोड़ी बड़ी थी. लेकिन उसमें केवल कंधों पर से डाल लो बस नीचे कहीं से भी बंद नहीं होती थी. वो जैसे टीवी को कवर पहनाते हैं, ठीक वैसे ही थी कि ऊपर से ही डाल लो. नीचे से हवा का मजा लो.

मैंने ड्रेस डाल ली, नीचे पेट तक आ गई थी. ये ड्रेस कहीं से छोटी बड़ी थी तो कहीं ज्यादा खुली थी.

जैसे मेरे हाथों के नीचे का हिस्सा पूरा खुला था, हाथों पर ही कुछ दूर तक आ रही थी. इससे साइड से मेरी चूची दिख रही थीं. पीठ आधी से ज्यादा खुली थी उसमें ब्रा नहीं पहनी जाती थी. इसी तरह नीचे भी बिल्कुल छोटी सी स्कर्ट थी, जो इतनी बारीक़ और झीनी थी कि पैंटी दिखती रहती थी.

मैंने वही पहन ली और सैम का इंतजार करने लगी. कुछ देर बाद सैम आ गया मैं और वो नाइट क्लब गए, वहां सभी बियर पी रहे थे और डांस कर रहे थे. वहां सैम के कुछ दोस्त भी थे. उसने मुझे मिलवाया तो मैंने उनसे हाई किया.

सभी पीने लगे, मैं खड़ी थी, तो उनके दोस्त ने कहा- आओ शालू तुम भी ज्वाइन करो.. दूर क्यों खड़ी हो?
उसने जबरदस्ती मुझे एक गिलास दे दिया और मुँह में लगा कर पिला दिया. इसी तरह उन्होंने मुझे 3 गिलास पिला दिए. अब मुझ पर कुछ नशा भी चढ़ने लगा था.
तब सैम ने सभी से कहा कि चलो डांस करते हैं.

वो मेरी कमर में हाथ डाल कर डांस करने लगा और फिर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा. इसी तरह उसके सारे दोस्तों ने मेरे साथ डांस किया. सैम ने भी उनकी गर्लफ्रेंड के साथ डांस किया. उसके एक दोस्त ने मेरे होंठ को किस करते हुए काट लिया और मेरे टॉप को थोड़ा और नीचे कर दिया. फिर साइड से मेरे निप्पल को पकड़ कर कस के दबा दिया. मैं नशे में थी, तो थोड़ा सा दर्द सा हुआ.

तब तक सैम आ गया. अब मैं काफी नशे में हो गई थी, तो सैम के कंधे पर सर रखकर कहा- अब रूम पर चलो.
वो मुझे गोद में उठा कर लाया और गाड़ी में बैठा कर होटल में ले आया. वो मुझे सहारा दे कर गाड़ी से रूम तक ले गया और मेरे बिस्तर पर लिटा कर मुझे चादर उढ़ा दी. वो भी सो गया.

फिर अगले दो दिनों तक दिन में कहीं नहीं गई.. रात में किसी न किसी क्लब जाती, वहां मैं पीती.. फिर सैम मुझे उठा कर लाता और लिटा देता.

वो आखिरी दिन था. सैम का काम हो गया था तो उसने क्लब में ज्यादा पी ली. मैंने भी पी थी.

वो मुझे रोज की तरह लेकर रूम में आया और मुझे लिटा कर और खुद भी वहीं मेरे बाजू में लेट गया. मैंने खुद उसका हाथ पकड़े हुए थी. मैंने नहीं छोड़ा था.
उसने कहा- मैं अपने कपड़े निकाल दूँ?
उसी नशे में मैंने कह दिया- हां निकाल दो, और मेरे भी निकाल देना, ये कुछ कसे से हैं.
उसने कहा- ठीक है.

फिर मुझे कुछ कुछ याद है उस रात की बात कि सैम ने अपने सारे निकले अंडरवियर भी उतार दिया. वो बिल्कुल नंगा हो गया था क्योंकि वो नंगा ही सोता था. उसने मुझसे पूछा था कि तुम्हारे सारे कपड़े निकालने है या ऐसे ही सोती हो ना मेरी तरह?

मैंने नशे में हाँ कह दिया. फिर उसने मेरे सार कपड़े निकाल दिए और वहीं मेरे पास लेट गया. अब तक मैं अवी, अमित, गांव के लड़के और अब सैम के सामने बिल्कुल नंगी हो चुकी थी.

मैंने करवट ली और सैम के ऊपर पैर रख दिया, जो उसके लंड पर पड़ा और पैर रखने से वो बड़ा होने लगा. मुझे सही से नहीं याद है.. लेकिन 4-5 इंच का ही था.. छोटा सा लंड था.

उसने मुझे कसके गले लगा लिया और मैंने भी उसे नशे में लगा लिया. वो मुझे किस करने लगा, मैं भी नशे में थी तो पूरा साथ देने लगी. फिर उसने नशे में ही उठकर मेरे मुँह में लंड दे दिया, जो पूरा चला गया. मुझे लगा कि ये बहुत छोटा लंड है.. हो सकता है कि जोश आने पर बड़ा हो जाए.

लेकिन नहीं हुआ और यही कारण था उसकी गर्लफ्रेंड के छोड़कर जाने का, जो मुझे समझ में आया.

फिर वो जोश में आ गया, मैं भी थी पूरे जोश में. उसने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया, जो चॉकलेटी फ्लेवर वाला था. उसने पहले एक मिनट मेरे मुँह में लंड चुसाया.. कंडोम चूसने में मुझे मज़ा आया. अब उसने मेरी बुर पर लंड रखा और एक झटका मारा, पर लंड फिसल गया. इसी तरह उसने 5-6 बार किया होगा.. फिर थोड़ा सा लंड मेरी चूत में चला गया.. मुझे बहुत तेज दर्द उठा और मैं नशे में बहुत तेज चीख पड़ी.

उसे पता नहीं क्या लगा और वह उतने लंड को ही आगे पीछे करने लगा. मुश्किल से एक इंच ही गया होगा. कुछ देर करने के बाद उसका दम निकल गया. वो उठा और उसने मुझे किस किया. मेरी बुर पर किस किया, मेरे चूचे दबाये और मेरे पास ही लेट गया.

मैं सो गई और वो लेटे लेटे मेरे मम्मों को दबाता रहा. मैं सुबह जगी तो मेरे ऊपर एक चादर थी, वो कहीं नहीं था.
मैं पूरी नंगी थी और मेरी बुर बिल्कुल हल्का सा दर्द कर रही थी.
मुझे कुछ कुछ याद आया और मैं हंसने लगी कि सैम का कितना छोटा लंड है.

मैं उठी और फ्रेश हो कर तैयार हो गई क्योंकि कुछ देर बाद मुझे निकलना था. सैम भी आया और वो नहाने घुस गया.

जब वो नहा कर बाहर आया तो केवल तौलिया में था. मैं उसका लंड देखने के लिए उसके पास से निकली और मैंने तौलिया खींच ली. वो नंगा हो गया. उसका लंड बिल्कुल छोटा सा था तो मैं तुरंत भाग कर रूम में भाग गई ताकि मेरे बारे में ये न सोचे कि मैं चुदना चाहती हूँ.

अब हम दिल्ली आ गए. इतना सब करते करते 16 दिन हो गए थे.
मैंने उससे प्लेन में पूछा कि आज रात में मेरे कपड़े किसने निकाले थे?
उसने साफ इंकार कर दिया. उसे लगा कि मैं नशे में थी मुझे कुछ याद नहीं होगा.

उसने कहा- तुमने अपने हाथ से ही निकाले होंगे.. तुम नशे में थीं ना.. याद होगा.
मैंने हां में मुंडी हिलाई.

फिर दिल्ली के रूम पर पहुँच कर उसने मुझसे कहा कि जो यहाँ तुम्हारे कपड़े हैं वो.. और जो वहां से लाई हो, वो सब पैक कर लो. मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देता हूँ.
मैंने कहा- ये कपड़े तो आपकी अमानत हैं.
उसने हंस कर कहा- क्या ये मैं पहनूंगा? वैसे ये तुम पर अच्छे लगते हैं, रख लो, पहन लेना.. इसी से मुझे याद करती रहोगी.. और ये लो चैक.

मैंने देखा तो वो एक लाख का था. उसने कहा कि ये पैसे तुम्हारे काम के हैं. तुमने बहुत अच्छी एक्टिंग की है और कपड़े मेरी तरफ से तुम्हें गिफ्ट हैं.

मैंने चैक ले ली और कपड़े पैक करने लगी. मैंने गिने तो गोवा में 14 और यहाँ 4 सिंपल और दो मेरी.. 20 ड्रेस हो गई थीं.. और मैंने एक पहनी थी मतलब कुल 21 ड्रेस थीं.

मैंने सभी रख लीं, लेकिन इसमें 4 उसकी और 2 मेरी जो कि सिम्पल थीं बाकी सब छोटी छोटी थीं.
मैंने कहा- सामान पैक हो गया है.
उसने कहा- चलो, मैं छोड़ देता हूँ.
मैंने कहा- ओके.

फिर उसने मुझे गले लगाया और एक किस किया. मैं चली आई, घर पहुँची तो दिव्या खाना बना रही थी.
दिव्या ने कमेंट किया- कर आई मेरी छन्नो रानी छिनाल का काम या नहीं?
मैंने कहा- तुम भी ना तुम्हारे ही बॉयफ्रेंड के काम से गई थी.. उसी के बॉस का काम था. अब देखना उसकी सैलरी बढ़ा देगा.

दिव्या हंसी- मुझे पता है, उसका दोस्त था उसका बॉस नहीं और तू इतना छिनालपने में बिजी थी कि एक बार घर नहीं आ सकी और कपड़े क्या पहने तूने रंडी.. कुछ लेकर तो गई नहीं थी?
मैं- देख रंडी ना कह.. मैं ऐसी नहीं हूँ उसे समस्या थी तो गई थी और मैं गोवा में थी, इसलिए ना आ पाई, ना कॉल कर पाई. सैम ने अमित से तो बताया था.
दिव्या मुझे चिढ़ाते हुए बोलने लगी- रंडी है रंडी है.. तू रंडी है..
मैं- ये मारूंगी साली..
फिर मैं उसे मजाक में मारने लगी.

दिव्या- मुझे पता था.. अमित ने बताया था और इसीलिए तेरी बीमारी का एप्लिकेशन दे दिया था.. और क्या क्या हुआ वहाँ.. कहीं घूमी गोवा में कि नहीं?

मैंने दिव्या को किस करते हुए थैंक्स कहा और उसे सारी बातें बता दीं, बस नशा करने वाली और आखिरी रात को जो हुआ वो नहीं बताया.

फिर हम दोनों खाना खाके सो गए और अवी और अमित से मैंने थोड़ी बात की. दिव्या को मैंने सारे कपड़े दिखाए. उसने उसमें 2 छोटी ड्रेस देख कर कहा कि मुझे दे दे.. तुझे तो फिर कोई दे देगा. तो मैंने दे दिए. फिर सारे कपड़े अलमारी में रख कर मैं सो गई.

सुबह जागकर मैं स्कूल गई और उधर से लौटते हुए वो चैक मैंने अपने अकाउंट में लगा दी और 20 हजार और जमा किये जो मुझे मिले थे.

फिर दिन उसी तरह कटने लगे. अब मेरे छमाही के एग्जाम होने वाले थे तो मैं पढ़ाई करने लगी. फिर एग्जाम हो गए और मुझे 25 दिनों के लिए घर जाना था, तो मैंने और दिव्या ने जाने की तैयारी की.

मैंने टिकट करवाने को अवी से कहा था, उसने कर भी दिया.. लेकिन समय बदल दिया. मुझे नहीं बताया. फिर मैं और दिव्या साथ निकले, अवी ने दिव्या को बस स्टाप पर उतार दिया.
वो मुझे लेकर अपने घर चल दिया तो मैंने पूछा- अवी इधर कहां?
उसने टिकट दे दिया.. मैंने देखा कि शाम को 7 बजे नहीं.. बल्कि रात में एक बजे का टिकट था.
उसने कहा कि तब तक मैं उसके घर उसके साथ रुक जाऊं.. नहीं तो कितने दिन का इंतजार करना पड़ेगा.

फिर मैं उसके घर चली गई थी.

अवी के घर पहुँच कर मैं अन्दर कमरे में चली गई. अवी गाड़ी पार्क करने लगा मुझे घर जाना था तो बहुत ही सिंपल ड्रेस पहनी थी.. और ली भी सिंपल ही थीं बाकी यही रह गई थीं.

अवी आया और आते ही मुझे बांहों में ले लिया और किस करने लगा. उसने 10-15 मिनट में मेरे लिप्स गले कंधे मतलब जितना खुला हिस्सा था, उतने पर किस कर लिए.
मुझे उसके किस अच्छे लग रहे थे या कहूँ तो मेरा भी मन किस करने करवाने का था.

अवी ने मुझसे कहा- देखो ऐसे जा रही थीं मुझे छोड़ कर?
मैंने कहा- नहीं ऐसी बात नहीं है.
फिर उसने कहा- कुछ खाओगी या पियोगी?
मैंने कहा- कोल्ड ड्रिंक ले आओ.

अवी कोल्डड्रिंक लेकर आया और मुझे देने लगा.. उसने जानबूझ कर मेरे ऊपर गिरा दी. मैं पूरी भीग गई, अवी अपने हाथों से साफ करने लगा.
मैंने कहा- छोड़ो, अभी सूख जाएगी.
उसने कहा- लाओ उतार कर दे दो, मैं सुखा देता हूँ.

यह कह कर वो खुद निकालने लगा, मैंने मना भी किया, पर वो ना माना और मेरा टॉप निकाल कर बेड पर फेंक दिया. अब वो मुझे पेट में किस करने लगा, धीरे धीरे ऊपर बढ़ने लगा और पूरी बॉडी में चुम्मी करने लगा. मैं भी जोश में आ गई थी, तभी उसने मेरी ब्रा भी निकाल दी और मेरी जीन्स भी निकाल दी. वो मेरे मम्मों को दबाने लगा और पूरे शरीर पर किस करने लगा.

मैं पूरे जोश में थी, मन कर रहा था कि वो करता ही जाए, करता ही जाए. वो मेरी चुचियों को इस तरह से दबा रहा था कि जैसे वो उन्हें दबा कर छोटा करना चाहता हो. वैसे तो आज तक अमित ने, गांव में उस लड़के ने या सैम ने भी नहीं दबाई थीं, लेकिन मुझे अच्छा लग रहा था.

उसका लंड खड़ा हो गया था बड़ा सा दिखने लगा था. उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और मैं लंड चूसने लगी. मुझे उसका लंड अच्छा लग रहा था, काफी बड़ा और मोटा हो गया था तो थोड़ा ही मुँह में घुस रहा था.

कुछ देर के बाद उसने मुझे उठा कर मेरी पैंटी निकाल दी और बेड पे लिटा दिया और जुबान डाल डाल के मेरी बुर को चाटने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मन कर रहा था कि और अन्दर तक जीभ को डाल कर मेरी चूत चुसाई हो.

मैं सीत्कार कर रही थी- अहह.. और अवी और चाटो.. आह.. कस के चाटो.

वो उठा और मेरी बुर में अपने लंड का आगे का टोपा जो एकदम लाल वाला भाग था.. बिल्कुल थोड़ा सा पेल कर चूत की फांकों में रगड़ा, मेरी टांगें मजे की अधिकता से फ़ैल गईं. फिर तभी उसने जोर से एक झटका दे मारा और लंड को मेरी बुर में पेल दिया.

मेरे मुँह से निकला- हाय राम रे.. मर गई मम्मी.. ऊओह्ह्ह्ह.. आह्ह्ह्हा ये क्या किया अवी.. मेरी जान जा रही है इसे बाहर निकालो..

लेकिन उसने उतना लंड घुसाए रखा और रुका रहा. वो मुझे चूमता रहा सहलाता रहा.

मैं धीरे धीरे शांत हुई.. तो उसने एक धक्का फिर से जोर से दे मारा. इस बार तो जैसे मैं मर ही गई, इतना दर्द हुआ.. मैं रोने लगी और चीखने लगी. मैंने अवी को धक्का दे कर दूर कर दिया और अपनी बुर को देखने लगी तो खून निकल रहा था. अवी के लंड पर भी खून लग गया था.

मैंने कहा- ये क्या किया अवी तुमने? देखो कितना खून निकल रहा है?
अवी ने कहा- मैं खुशनसीब हूँ कि तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो और उससे ज्यादा इसलिए कि अब तक तुम्हारी सील नहीं टूटी.. जो अब मैंने तोड़ी है. परेशान ना हो जान.. ये अभी बंद हो जाएगा.
वो बड़े प्यार से खून साफ करने लगा और मुझे चुप करवाने लगा.

फिर कुछ मिनट बाद दर्द कम हो गया, तब तक अवी मुझे बांहों में लिए लेटा रहा और बातें करता रहा. वो धीरे धीरे फिर से किस करने लगा और दूध दबाने लगा. थोड़ी देर बाद मैं फिर से जोश में आ गई और अवी भी गरम हो गया. उसने बताया कि पहली बार में लड़की के खून निकलता है और दर्द बहुत होता है. साथ ही उसने वादा किया कि अगली बार जरा सा भी नहीं होगा.

उसने अपना मोटा लंड मेरी छोटी सी बुर पर रख दिया और धीरे धीरे अन्दर करने लगा. टोपा अन्दर गया कि मेरा दर्द बढ़ने लगा और मैं दर्द से चीखने लगी. फिर उसने मेरी परवाह किए बिना ही एक झटका मारा और आधा लंड अन्दर कर दिया. मैं दर्द के मर कह रही थी और अवी को धकेल रही थी.

“अवी ना करो, नहीं… मैं मर जाऊँगी.. बहुत दर्द कर रहा है.. आआअह्ह.. निकाल लो इसे बाहर अवी.. मैं मरी जा रही हूँ दर्द से..”

उसने मेरी एक ना सुनी और एक और झटका मारा और थोड़ा और लंड अन्दर कर दिया, मैं और जोर से चिल्लाने और चीखने लगी. उसने थोड़ी देर बाद फिर से झटका मारा और पूरा लंड अन्दर कर दिया और इस बार वो भी चीख पड़ा क्योंकि उसकी भी सील टूट गई थी.
अब अवी एक मिनट के लिए रुका और फिर धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

उसने कुछ मिनट ही लंड को अन्दर बाहर किया होगा कि बहुत तेजी से बाहर निकाल लिया क्योंकि उसने कंडोम नहीं लगाया था. फिर उसके खून से भरे लंड ने मेरे पेट पर से मेरे गले तक वीर्य की पिचकारी से लथपथ कर दिया.

वो कुछ मिनट के लिए लेट गया. मेरी बुर बहुत दर्द कर रही थी तो मैं बिना हिले ही लेटी रही. फिर कुछ देर बाद अवी उठा और मेरे शरीर पर लगे वीर्य और अपने लंड पर सने वीर्य और खून को पोंछ कर साफ किया. फिर मुझे बांहों में लेकर लेटा रहा.

एक घंटे बाद उसने मुझसे कहा कि एक बार और कर लूँ?
मैंने मना कर दिया तो उसने कहा- अच्छा, पूरे शरीर पर किस कर लूँ और चूची दबा लूँ?
मैंने कहा- हां ये कर लो लेकिन अन्दर मत करना.. बहुत दर्द किया.

वो सब कुछ करने और दबाने लगा. थोड़ी देर में मुझे जोश के आगे दर्द कम लग रहा था. अवी मेरी बुर को चाट रहा था. फिर उसने एक कंडोम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा कर मेरी बुर के ऊपर लंड रख दिया.
मैंने मना किया तो उसने कहा कि वो करेगा नहीं और दूसरी बात कंडोम से दर्द कम होगा.

उसने लंड निशाने पर रख कर एक झटका दे मारा और आधा लंड मेरी बुर में चला गया. कंडोम डॉटेड था तो कुछ रगड़ते हुए अन्दर गया, पर दर्द इतना होने लगा कि मैं कुछ और ना समझ पाई. फिर उसने दूसरे झटके में पूरा लंड अन्दर कर दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

मैं किसी तरह दर्द को सहती रही. करीब उसने 3-4 मिनट में 30-40 बार लंड को मेरी चूत में अन्दर बाहर किया होगा. फिर अचानक मेरी बुर के अन्दर कुछ गर्म गर्म निकल गया, जो अवी का वीर्य था. वो अहसास मुझे अच्छा लगा.

फिर उसने लंड बाहर निकाल लिया और वो वीर्य कंडोम में ही था. कंडोम को निकालने के बाद उसने कहा कि अब नहीं करूँगा.. बस मेरे लंड को चूस कर साफ कर दो.

मुझे इतना दर्द हो रहा था कि मैं उठने की कोशिश करने पर भी नहीं उठ पाई. उसने खुद उठ कर मेरे मुँह में लंड दे दिया. मैंने पूरा लंड चूस कर साफ कर दिया.

अब वो लेट गया. करीब 12 बजे वो उठा और मुझे भी उठाया, तब तक मेरा दर्द कम हो गया था.. लेकिन मैं चल थोड़ा कम पा रही थी. तो उसने पेनकिलर दी, उसे मैंने खा लिया और घर जाने के लिए अपने कपड़े पहने.

वो मेरे लिए खाना लाया, मेरी इच्छा नहीं थी तो उसने अपने हाथों से थोड़ा खिलाया. फिर वो मुझे स्टेशन पर भेजने गया और वहां सीट पर बैठा कर किस की और बाहर आ गया. ट्रेन चल दी, मैं महिला बोगी में थी तो मैं सो गई क्योंकि दर्द भी था और थक काफी गई थी.

फिर ट्रेन सुबह 10-11 बजे मेरे स्टेशन पहुँची. स्टेशन पर मेरे पापा आए थे.
मेरे भैया के न आने का कारण था कि बंगलौर में एक कम्पनी में छोटी नौकरी लग गई थी मैंने आपको बताया था.
पापा ने सामान उठा लिया. मैं थोड़ा सही से नहीं चल रही थी तो उन्होंने पूछा- क्या हुआ?

मैंने कहा कि सीट पर चढ़ते समय पैर फिसल गया था.

हम घर आ गए और खाना खाकर मैं सो गई. एक दिन बाद मैं बिल्कुल ठीक हो गई.

उसी तरह फिर दोपहर में मैंने भैया को अपने मोबाइल से वीडियो कॉल किया वो ऑफिस में थे. मैंने मम्मी ने पापा ने सभी ने बातें की, मैंने ज्यादा देर बातें की अपने कमरे में मोबाइल एक जगह रख कर अपना काम भी करती रही और बात भी होती रही.

तभी उसके बॉस आ गए और उन्होंने भैया से कहा- क्या बात है मैं इतनी देर से बुला रहा हूँ कहां बिजी हो? ये कह कर वो भी स्क्रीन में देखने लगे.

वो ऑफिस के डेस्कटॉप से बात कर रहे थे, उनके बॉस मुझे अच्छी तरह देखने लगे. फिर भैया ने बाय कहा और फोन रख कर काम करने लगे.

इधर तो अंजू के साथ मेरे दिन कट रहे थे, उधर भैया की बात बताती हूँ.

उस दिन उनके बॉस ने मुझे देखा तो देखते रह गए और उन्होंने मेरे भैया को अपने केबिन में बुलाकर कहा कि मैं सोच रहा हूँ कि तुम्हें मैं अपने नीचे वाली पोस्ट दे दूँ.. कैसा रहेगा?
भैया ने खुश होकर कहा- सर इसके लिए बहुत बहुत थैंक्स..
अब इस ऑफर में भैया के बॉस का मूड था वो आपको अगले और अंतिम भाग में जानने को मिलेगा.

मेरी इंडियन सेक्स स्टोरी आपको कैसी लग रही है.. अपने विचार मुझे बतायें!
कहानी जारी है.
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