सास बहू की रंगरेलियाँ -2
बेटी ये सब कैसे बताती.. तुम दोनों मियाँ-बीवी रात होते ही अन्दर चुदाई में शुरू हो जाते हो और इधर मैं तेरी सिसकारियाँ सुन-सुन कर गर्म हो जाती थी। बस बेबसी में ज़ोर से चूत पर उंगली फिराने लगती थी।
ओरल सेक्स की हिंदी चुदाई कहानियों का मजा लें जिनमें लड़की द्वारा लंड चूसने और लड़के द्वारा चूत चाट के एक दूसरे को मजा देने का वर्णन है.
Oral Sex ki Hindi chudai kahani
बेटी ये सब कैसे बताती.. तुम दोनों मियाँ-बीवी रात होते ही अन्दर चुदाई में शुरू हो जाते हो और इधर मैं तेरी सिसकारियाँ सुन-सुन कर गर्म हो जाती थी। बस बेबसी में ज़ोर से चूत पर उंगली फिराने लगती थी।
कमरे के अन्दर का नज़ारा देख कर मैं दंग रह गई.. सासू माँ बिना कपड़ों में किसी औरत के सामने पैर फैला क़र लेटी हुई थीं और वो औरत माँ जी की चूत पर ज़ोर से चाट रही थी।
मैंने धीरे से उसकी चूत में अपना लंड लगाया और हल्का सा धक्का लगाया, लंड पानी की तरह आराम से चला गया, वो चुदी चुदाई थी। मेरा सारा मूड खराब हो गया पर मैंने उसे कुछ नहीं कहा कि उसने मुझसे झूठ क्यूँ बोला।
वो मदमस्त होकर अपनी आँखें बंद कर चुकी थी और मेरे सहलाने का मज़ा ले रही थी। मैंने उसके बालों से होते हुए उसके चेहरे पर जैसे ही उंगली घुमाई तो उसने मुँह में मेरी उंगली ली और चूसने लगी।
उसकी चूत के दोनों लबों को खोलते हुए मैं बोली- जाहिरा तुम्हारी चूत तो कल की बनिस्बत ज्यादा खुली हुई लग रही है.. जैसे किसी ने अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत में डाल दिया हो?
भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए। अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी।
जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
कम्मो ने पड़ोस वाली आंटी और उनकी जवान नौकरानी की चूत चुदाई के बारे में बात की और उनको बुला लिया. कहानी के इस भाग में उन दोनों की चूत चुदाई का विवरण है.
मेरी सहेली ने मुझे अपने घर बुलाया, कहा कि सेक्सी बन कर आना. वहां हमने ताश के खेल में अपने कपड़े उतारने शुरू किये और नंगी हो गई. उसने डिल्डो से मेरी चूत चोदी और अपनी फुद्दी चटवाई !
मां मेरा लण्ड दीदी को दिखाते हुए चूसने लगी तो दीदी की अन्तर्वासना भड़की, उसने माँ की गांद और चूत चाटनी शुरु कर दी, फ़िर मां ने दीदी को मेरे लंड से चुदवा दिया।
रात को मैंने बुखार का बहाना बना कर एसी में सोने से मना कर दिया, मैं दूसरे कमरे में लेट गई और दोनों भाई बहन को अपने बेडरूम में सोने को कह दिया। पढ़ें…
माँ अब काफ़ी खुल कर बातें करने लगी थीं, तो मैंने जानबूझ कर अंजान बनते हुए माँ की जांघों के ऊपर से नाईटी का बटन खोल कर हटा दिया जिससे उनके कमर के नीचे का हिस्सा नंगा हो गया और उनकी बुर को हाथों से छूते हुए कहा- अरे हाँ.. तुम्हारे तो लंड है ही नहीं.. लेकिन छेद कहाँ है..
दीप्ति ने स्पीड बढ़ा दी और वो अब ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी और मेरा सुपारा उसके गले को टच किए जा रहा था.. मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था.. पर मैं उसे बर्दाश्त किए जा रहा था..
भाई को चूची चुसवा कर मेरे पास आई तो जाहिरा को मैंने दबोच लिया उसकी चूची चूसने के साथ साथ मेरी नज़र जाहिरा की जाँघों के बीच में जाहिरा की अनछुई चूत पर थी।
मैं कुछ देर वैसे ही उसके हाथों को अपने हाथों में लिए बैठा रहा, उसकी आँखों में देखता रहा, कभी वो मुस्कुराती, कभी पलकें झुकाती, कभी अपने जुल्फों को हाथों से पीछे करती।
नयना ने झुककर दीप्ति की जाँघों पर पड़ा मेरा पूरा वीर्य चाट लिया और मैंने उसकी जीन्स की बटन खोल कर पैन्टी के साथ नीचे खींच ली। वॉऊ.. क्या चूतड़ थे नयना के.. एकदम राउंडेड.. चिकने और दूध की तरह मुलायम.. ! मैं उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा। अब वक्त था मेरी गाण्ड में ककड़ी जाने का…
वहाँ प्रेमा जी तो बैठी ही थी साथ में उनके एक और ख़ूबसूरती का मुजस्मा बैठा था गुलाबी रंग की साड़ी ब्लाउज और गुलाबी ही रंग चेहरे का! मन ही मन मैंने कहा- माशाल्लाह… क्या हुस्न है। चेहरे पर क्या चमक और दमक थी ब्यान नहीं की जा सकती।
मैं नयना के घर गया, वहाँ दीप्ति ने मेरे टट्टे पकड़ कर अपनी चूत चाटने को कहा। नयना मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ बरसाने लगी। मैं एकदम से दीप्ति की जाँघों पर ही झड़ गया।
ट्रेन में मामा की लड़की के साथ एक ही बर्थ पर सफर करते हुए कुछ रोमांटिक सेक्सी बातें, चूमाचाटी और टॉयलेट में बहन की चूत चटाई, चूचियों की और लौड़े की मसलाई!
मेरा बड़ा भाई बांका जवान है, मेरी सहेलियाँ उसकी दिवानी थी तो मेरी जवानी भी उसकी तरफ़ बह चली। बरसात की एक रात मैंने उसे अपना कौमार्य सौंप दिया। यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है।