पड़ोसन लड़की को बिस्तर पर लाने की चाह -2
मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और देखा कि उसकी चूत से थोड़ा खून आ रहा है। मैंने उससे कहा- मुबारक हो.. अब तुम वर्जिन नहीं रही हो।
बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी
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मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और देखा कि उसकी चूत से थोड़ा खून आ रहा है। मैंने उससे कहा- मुबारक हो.. अब तुम वर्जिन नहीं रही हो।
मैंने उसको उल्टा लिटाया और उसकी पीठ पर चूमने लगा। वो इतनी गर्म हो गई कि उसने मुझे अपने से अलग कर दिया और कहने लगी- मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है।
हमारे मोहल्ले की मोनिका बहुत पसंद थी, जब उसका ट्यूशन आने जाने का टाइम होता.. मैं भी उनको देखने लिए गली के बाहर खड़ा हो जाता। शायद वो भी मुझे पसंद करती थी।
रिश्ते में मेरी बहन की ननद आई हुई थी, बो मेरे से खूब मजाक करती थी. उसकी शरारतों से मैंने उत्तेजित होकर उसे पकड़ लिया और चूमने लगा.
मेरी क्लास में एक लड़की दिव्या है.. हम दोनों बचपन से ही साथ साथ रहे हैं क्योंकि हमारा घर भी एक-दूसरे से सटा हुआ है इसलिए हम दोनों जब चाहें.. एक-दूसरे से मिल लेते हैं।
दीदी की मालिश करते हुए मैंने उसकी ब्रा और नाइटी उतरवा कर नंगी कर लिया और उसकी चूचियों की मालिश करने लगा। दीदी की कामुकता शिखर पर पहुंच गई थी, अब वो चुदने को आतुर थी।
यह कहानी मेरे और मेरी पहली गर्लफ्रेंड के बीच पहले सेक्स की है। मेरे दोस्त की दूकान पर एक खूबसूरत लड़की काम करती थी. उससे मैंने दोस्ती की और उसने मेरे जन्म दिन पर मुझे अपने घर बुलाया.
मेरे ऑफिस के चपरासी की बहन कम्प्यूटर सीखने मेरे पास आई तो धीरे धीरे मैं उसे चोदने की सोचने लगा, उसके बदन को छूने लगा. और एक दिन मैंने उसे दबोच लिया.
इन्डियन कॉलेज गर्ल की पहली बार चूत चुदाई की सच्ची कहानी है यह… वो दिखने में बहुत खूबसूरत थी… पहले उससे दोस्ती की, फ़िर प्रोपोज़ किया और एक दिन उसे बिस्तर पर ले गया।
अंधेरा होने के कारण मेरा हाथ उसकी जाँघ को छू गया, उसकी नंगी जांघ बहुत ही नरम और चिकनी थी। मैं उसे सहलाने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आने लगा और शायद दीदी को भी मज़ा आ रहा था क्योंकि वो कुछ नहीं बोल रही थी और ना ही मुझे रोक रही थी..
मेरी बड़ी बहन की शादी तय हुई तो उसे दुल्हा पसन्द नहीं था। हम दोनों शॉपिंग करने गये तो लोकल ट्रेन में भीड़ के कारण हम दोनों आपस में सट गए और उत्तेजित हो गये।
मेरे पड़ोस में दो बहनें रहती थी। एक रात मुझे एक के साथ सोने का मौका मिला और मैंने अपनी हरकत शुरू कर दी। दीदी को गर्म कर लिया और चूत में लंड घुसाने लगा तो…
उसने चादर अपने ऊपर ओढ़ ली। अब तो वो मुझसे और भी सटकर लेट गई.. उसने अपनी दोनों बाहें मेरी गर्दन में डाल लीं। मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर फेरना शुरू कर दिया.. इस पर वो थोड़ा सीधी लेट गई।
टी-शर्ट पहनते समय मैंने अपनी ब्रा निकाल दी थी। मुझे पता है कि मेरी बड़ी चूचियाँ हैं.. जो टी-शर्ट में पूरी नहीं आ पा रही थीं। इसी वजह से मैं और हॉट लगने लगी।
मेरे पड़ोस में एक लड़की अकेली रह कर पढ़ रही थी, उसे देख कर उसे पटा कर चोदने का ख्याल आता था. उससे दोस्ती बढ़ा कर मैंने उसे चुदाई के लिए कैसे मनाया... इस कहानी में !
वो बोली- यार आज मेरी चुदाई नहीं हो पाई है.. मेरी चूत लण्ड मांग रही है.. 'अच्छा आज़ तेरी चूत को लण्ड नहीं मिला.. इसलिए इतना तड़प रही है.. मेरी चूत से तो पूछ.. इसने तो अभी तक लण्ड के दर्शन ही नहीं किए हैं।'
अंकल ने मेरे चेहरे को अपने हाथों में थाम कर मुझे अपने सीने से लगा लिया, कहने लगे- जान.. मैं तुम्हें किसी तकलीफ़ में नहीं देख सकता.. तुम अब मेरी जान बन गई हो.. मेरी रूह अब तुम्हीं हो..
अंकल ने भी मुझे खूब ज़ोर से अपने से भींच लिया और मेरी कमर और मेरे चूतड़ों पर अपने भारी हाथ फेरने लगे। मैं पहली बार किसी मर्द के इतना क़रीब उस के बाजुओं में सिमटी हुई झड़ी थी।
अंकल मेरे नंगे मम्मों को देख चुके थे.. उससे पहले अपनी उंगलियों से उसके चूचुकों को भी सहला चुके थे.. अपनी मुठ्ठियों में भर कर उसके मज़े ले चुके थे.. तो अब क्या शरमाना..!
साली की शादी से कुछ दिन पहले मैं किसी काम से ससुराल गया तो साली को देखा कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. मौक़ा देखकर मैंने उसे पकड़ा तो बोली- सुहागरात का डर लग रहा है.