साली और साली की बेटी संग मज़े किए-4
ओह कोमल मेरी जान, एक दिन ऐसा आए जब तुम जागते हुये, मेरा यह लंड अपनी चूत में लो जानेमन… चाट चाट कर ही तेरी चूत का पानी निकाल दूँगा मैं, एक बार मेरी हो जा!
बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी
Kunvari chut ki Chudai ki Hindi Kahani
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ओह कोमल मेरी जान, एक दिन ऐसा आए जब तुम जागते हुये, मेरा यह लंड अपनी चूत में लो जानेमन… चाट चाट कर ही तेरी चूत का पानी निकाल दूँगा मैं, एक बार मेरी हो जा!
मैंने अपनी उंगलियाँ आपी की चूत के दाने से उठाईं और चूत के अन्दर दाखिल करने के लिए नीचे दबाव दिया ही था कि आपी फ़ौरन बोलीं- सगीर.. रुको ना.. हाय प्लीज.. उईईई.. और ऊपर.. रगड़ो ना.. आआहह..
मेरा लंड कमल के पेट पे रगड़ खा रहा था, मेरा दिल चाह रहा था कि इसको अभी नंगी करूँ और अपना लंड इसकी कुँवारी चूत में डाल दूँ। मगर मैं ऐसा नहीं कर सकता था क्योंकि उसकी माँ सामने लेटी सब कुछ देख रही थी।
शाम को जब छत पर अंकल मेरे साथ छेड़छाड़ कर रहे थे, मैं उनकी गोदी में थी, मेरे चूतड़ों में सख्त सा लगा, उस वक्त कोई और था नहीं, हम दोनों ही थे… मैंने पूछ ही लिया- यह मेरे चूतड़ों में क्या चुभ रहा है?
मेरे और आपी के जिस्म पर सिर्फ़ हमारी सलवारें ही थीं और आपी के सीने के उभारों पर उनकी खुली हुई ब्रा रखी हुई थी। मैंने अपने दोनों घुटने आपी की टाँगों के इर्द-गिर्द टिकाए और उनके सीने के उभारों पर अपना सीना रखते हो आपी के ऊपर लेट गया।
अंकल का लंड… मैंने पहले भी छुआ तो था, जब गोदी में बिठाते थे तो अपने चूतड़ों में और जांघों में महसूस होता था पर इस वक्त तो मैं बिना किसी डर के पहली बार पूरा नंगा लंड देख रही थी।
थोड़ी देर इसी प्रकार चूसने के बाद ऐश्वर्या रीना रानी से बोली- दीदी... अब ज़रा भी दर्द नहीं हो रहा... बड़ा मज़ा आ रहा है... दीदी मेरे बदन में फिर से अकड़न महसूस होने लगी है... ऐसा क्यों हो रहा है?
मुझे तो सलोनी की पहली चुदाई की गाथा सुनने में रुचि थी कि कैसे उस के अंकल ने कमसिन सलोनी को गर्म किया होगा और फ़िर कैसे चुदाई शुरू की होगी।
मैंने आपी के कूल्हों में अपने लण्ड को ज़रा और दबाया.. तो उन्होंने मेरे लण्ड के दबाव से बचने के लिए अपने कूल्हों को दायें बायें हरकत दी तो उसका असर उलटा ही हुआ और मेरा लण्ड आपी के कूल्हों की दरार में मुकम्मल फिट हो गया।
ऐशुरानी बहुत कसमसा रही थी, उसका सुन्दर मुखड़ा तीव्र कामावेग में लाल हो गया था, माथे पे पसीने की बूंदें छलक आई थीं, उसके नाखून मेरी पीठ पे गड़े जा रहे थे और वह बार बार सी सी कर रही थी।
मैंने उसकी दोनों टांगों को अलग किया, उसकी जाँघों के बीच आकर बैठ गया और चूत की दोनों फांकों को अलग किया और देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल क्लीन की हुई जवान चूत थी उसकी।
मैंने सोचा कि सबसे पहले एक बार इस अनचुदी कुंवारी कमसिन बुर को चूसने का आनन्द तो उठा लूँ, थोड़ी देर चूस लेता हूँ। थोड़ा स्वाद चख लेता हूँ फिर इसको फाडूंगा।
बसंती धीरे धीरे अपने कपड़े उतार रही थी, पहले अपनी धोती और ब्लाउज उतार दिया और फिर पेटीकोट का नाड़ा खींच कर खोल दिया। बसंती कच्ची कली का शरीर एकदम साँचे में ढला हुआ था।
पहले तो मुझे शर्म आई यह पहली बार कोई मर्द मेरी पैंटी उतार रहा था तो मैंने हल्का सा विरोध किया पर अंकल को जैसे कोई फर्क नहीं पड़ा, उन्होंने मेरी पैन्टी पूरी नीचे को सरका कर मेरे पाँव से बाहर निकाल दी।
ऐशु रानी एक टक ये सब नज़ारा देखे जा रही थी। चुदाई होते देख और रीना रानी की आनन्द से पुलकित आवाज़ें सुन कर वो भी बहुत ज़्यादा गरमा चुकी थी, उसके माथे पर पसीने की बूँदें चमकने लगी थीं।
अंकल जब भी आते थे मेरे बदन के अंगों के साथ छेड़छाड़ करते थे और उनकी कोई भी छेड़छाड़ मुझे अच्छी ही लगती थी। धीरे धीरे उनकी हरकतें बढ़ने लगी।
सलवार का ऊपरी किनारा वहाँ पहुँच गया था.. जहाँ से आपी के कूल्हों की गोलाई शुरू होती थी। सलवार थोड़ा और नीचे हुई.. तो उनके खूबसूरत शफ़फ़ और गुलाबी कूल्हों का ऊपरी हिस्सा और दोनों कूल्हों के दरमियान वाली लकीर नज़र आने लगी।
जैसे ही मेरी निगाह ऐश्वर्या पर पड़ी मेरा दिल धक से रह गया, लौड़े ने फौरन एक उछाल लगाई। साली ने एक बहुत ही छोटा सा निकर पहन रखा था, निकर मुश्किल से चूत से चार या पांच इंच नीचे तक ही था, नंगी टाँगें बहुत ही चिकनी, एकदम मलाई जैसी थीं।
सम्पादक जूजा हम भाइयों की जिद पर आपी ने अपनी कमीज उतार कर अपनी नंगी चूचियाँ हमें दिखाई और जब आपी क़मीज़ पहनने लगी तो हम उदास हो गए। तब आपी ने एक बार अपनी क़मीज़ ऊपर की और अपने खूबसूरत दूधों को नंगा करके दायें बायें हरकत देने लगीं। आह्ह.. 4-5 झटकों के बाद […]
उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ देखी और गिनी जा सकती थी। आपी ने अंगड़ाई लेने के अंदाज़ में अपनी टाँगें सीधी कीं और पाँव ज़मीन पर टिकाते हुए टाँगों को थोड़ा खोल लिया..