मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-4
कपड़े उठाते वक्त वो उन लड़कों की तरफ़ अपने चूतड़ करके झुकी तो उसकी गांड का छेद और पीछे को निकली हुई चूत भी उन लड़कों ने खूब अच्छे से देखी होगी।
अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ
Apne pati ke alawa kisi gair mard se chut chudai ki kahaniyan
Stories about sex relations of girls and ladies with a man not her husband
कपड़े उठाते वक्त वो उन लड़कों की तरफ़ अपने चूतड़ करके झुकी तो उसकी गांड का छेद और पीछे को निकली हुई चूत भी उन लड़कों ने खूब अच्छे से देखी होगी।
एक विवाहिता पड़ोसन के साथ चुदाई की कहानी है यह, मैंने उसे छेड़ा तो उसने मुझे रात के समय उसके घर के पीछे वाले कमरे में आने को कहा.
नए घर में पहली ही रात को मैं पूरा नंगा होकर अपनी बीवी मधु के साथ फ़ोन पर सेक्स चैट कर रहा था कि जोर की एक आवाज़ आई और मैं तुरन्त देखने भागा।
जब मैं सलोनी को पूरी नंगी देखता हूँ तो मुझे लगता है कि जैसे वह अभी तक अक्षतयौवना अनछुई कच्ची कली हो... सच में ही मेरी सलोनी कुँवारी कमसिन बाला से भी ज्यादा जवान और नाजुक नज़र आती है
सलोनी मेरी सेक्सी बीवी किसी परिचय की मोहताज़ नहीं... उसका सौन्दर्य बिना कहे ही अपनी कहानी खुद बता देता है... मेरी सलोनी है ही इतनी मस्त कि कोई उसको एक बार देख ले तो जिन्दगी भर भूल नहीं सकता।
शादी के दो साल बाद मैं और सीमा थाईलैंड में हम पत्ताया गए, वहाँ हमें तीन दिन रूकना था। इन तीन दिनों में हम दोनों ने खूब जम कर सेक्स मस्ती की।
पति देव नर्म पड़ गए थे, काम में व्यस्त… मैं घर में बैठी, यही सोचती कि वो पहले वाला दमखम दिखायें लेकिन नहीं… चूत की चुदास के चक्कर में मैं पास के मॉल में गई।
उस वक्त रात के दस बज चुके थे, उसने कहा- चलो घर चलकर बात करते हैं। मैं समझ गया कि आज इसका शिकार करने का मूड है.. सो मैं उसके साथ हो लिया।
मैं दवा कम्पनी में काम करता हूँ तो एक औरत ने अपने पति के लिये मुझसे दवा मंगाई, वो अपने पति से खुश नहीं थी। बात आगे बढ़ी और वो एक दिन मुझे होटल में ले गई।
मेरी बीवी और वो लड़का बिस्तर पर साथ बैठे थे। दोनों बातें कर रहे थे और वो लड़का मेरी बीवी के बालों को.. तो कभी हाथों को.. तो कभी जांघ को सहला रहा था।
एक शादी में पड़ोस की एक लड़की मुझे अच्छी लगी और उससे नैन मटक्का भी चलने लगा. मैं कुछ सामान लेने उसके घर गया तो उसकी मम्मी मिली. शायद मैं उन्हें भा गया.
मुम्बई में भारी बारिश में स्टेशन पर फ़ंसा हुआ था कि एक पड़ोसन भाभी दिख गई । वो भी मेरी तरह परेशान थी, दोनों इकट्ठे बस ट्रक आदि से जाने की सोच कर बाहर निकल आए।
मेरी कहानी पढ़ कर एक महिला का मेल आया, वो मुझसे चुदाना चाहती थी लेकिन उसने पैसे देने में असमर्थता जाहिर कर दी। उसने मुझे अपने घर बुलाया।
मैं बोली- भैया आपने अपनी सग़ी बहन को चोद दिया। मैं आगे बोली- पापा को अभी फोन करने जा रही हूँ कि भैया ने यहाँ मुझे अकेले पाकर मुझे चोद दिया।
पड़ोसन लतिका की चूत के बाद अब उसकी गांड मारने की बारी थी, वो भी गांड मरवाना तो चाहती थी पर गांड चुदाई के दर्द से डरती थी क्योंकि उसकी गांड अभी तक अनचुदी थी।
सुशी को अपने लौड़े की चुसाई से उठाया और उसको और रेवा भाभी को एक सांझे आलिंगन में बाँध लिया। मैं दोनों खूबसूरत औरतों का आनन्द ले रहा था.
राहुल- हमें भरोसा नहीं है, ब्रा खोल कर दिखाओ। नेहा गुस्से में अपना हाथ पीठ के पीछे डाला और ब्रा खोल कर बिना कोई और कपड़ा निकाले, निकाल कर हमारी ओर फेंक दी।
पीछे से आते ही उसने मेरी गांड को टटोला और जब उसे ये एहसास हुआ कि मैंने पैंटी उतार दी है तो वो जैसे पागल हो गए, उसने मुझे पीछे से पकड़ा और मेरे मम्मे दबाने शुरु कर दिये।
मेरी बिल्डिंग में बिल्कुल मेरे सामने एक विवाहित महिला रहने आई पर मुझे कुछ भी पता नहीं चला. एक दिन वो खुद मेरे घर आई और बात करने लगी. बात कहाँ तक पहुंची...
कामिनी ने अपना गिलास बराबर में टेबल पर रख और एक हाथ से राजीव का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ को मेरे कंधे का सहारा लेकर ऊपर नीचे होकर मेरी चुदाई करने लगी।