मेरे दोस्त की सेक्सी बहन की कामुकता
मेरे पड़ोस में ही रहने वाले एक दोस्त की बहन थी देखने में बहुत ही सेक्सी थी. वो मेरी उम्र की ही थी और स्कूल टाइम से ही बहुत चालू लड़की थी. उसने कैसे मुझे पटा कर अपनी चूत चुदवाई!
कन्डोम का इस्तेमाल करके चूत चुदाई की कहानियाँ, इससे गर्भ और यौन रोग का डर नहीं रहता
Condom, Nirodh, Contraceptive istemal karke chut chudai ki kahaniyaan
Stories about sex and fucking using condoms. It is safe too.
मेरे पड़ोस में ही रहने वाले एक दोस्त की बहन थी देखने में बहुत ही सेक्सी थी. वो मेरी उम्र की ही थी और स्कूल टाइम से ही बहुत चालू लड़की थी. उसने कैसे मुझे पटा कर अपनी चूत चुदवाई!
हमने अपना बंगलो पेंट करने का फैसला लिया. पेंटर जब घर देखने और रेट तय करने आया तभी मुझे उसकी नज़र ठीक नहीं लगी. सेक्सी कहानी पढ़ कर मजा लें.
मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ कर कोटा की एक लड़की ने मेरे साथ दोस्ती बढ़ाई और अपने शहर में बुलाने लगी। जब मैं कोटा गया तो उसने मुझसे अपनी चूत कैसे चुदवाई… इस कहानी में!
भाभी शादी के बाद प्रेग्नेंट हुईं तो मैंने देखा कि उनकी बॉडी सेक्सी होती जा रही थी, तब से मैं उन्हें गंदी नज़र से देखने लगा। अपनी भाभी को कैसे चोदा मैंने!
मैं हंसमुख स्वभाव का हूँ पर लड़कियों से मेरी कम ही दोस्ती रही है. कॉलेज के वार्षिक उत्सव के लिए एक सुंदर लड़की को डांस सिखाया तो मेरा दिल उस पर आ गया.
मेरे चूचे को उसने चूसे और बहुत काटा, धकापेल चुदाई चल रही थी। मैं दो बार झड़ चुकी थी और वो लगातार तेजी से मेरी चूत का काम-तमाम करने में लगा था, 'फच्च..फच्च..' करके मेरी चूत का बाज़ा बजा रहा था।
सोनाली बर्तन उठा के रसोई में ले गई.. मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया और रसोई में उसके मम्मों को दबाते हुए बोला- आज रात तुझे कौन बचाएगा.. तो वो बोली- बचना भी कौन चाहता है.. बस कन्डोम लेते आना।
मम्मी की बातों को सुनकर मैं अचम्भे में पड़ गया कि हमेशा इतनी सभ्य और शालीनता से रहने वाली मेरी मम्मी आज फ़ूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रही थी पर शायद मज़े और उत्तेजना की लिए।
मम्मी पापा और मैं एक ही बेडरूम में सोते थे तो जब भी पापा मम्मी की चुदाई की कोशिश करते तो मम्मी कभी मेरे जाग जाने तो कभी बिना कंडोम के गर्भ ठहरने के डर से चुदाने से मना कर देती थी , मैं यह सब देखता था.
आंटी और खुशबू दोनों नंगी हो चुकी थी, चुदाई के लिये तड़प रही थी… आंटी को चोदने लगा तो उसने मेरे लण्ड पे कण्डोम चढ़ाया और मैंने एक धक्के में अन्दर घुसा दिया।
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई लेकिन उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था… अगले दिन मैने मौसी से माफ़ करने को कहा तो काफ़ी देर मनाने पर वो मानी तो फ़िर मैने उनकी चूचियाँ दबा दी… मैंने कहा- तब तो अपने 20 साल शादी के बाद भी सेक्स का असली मज़ा लिया ही नहीं.. अब मज़ा लीजिए.. वो सिसकारियाँ लेने लगीं, अब वो पूरी तरह से तैयार होती जा रही थीं, कहानी में पढ़िए कि उसके बाद क्या हुआ…
मैं अपनी मम्मी पापा के बीच में सोता था। एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसे मैं आज तक नहीं भुला पाया ! पापा मम्मी एक दूसरे को ऐसे चूम रहे थे जैसे किसी उत्तेजक बॉलीवुड फ़िल्म के हीरो हीरोइन सेक्स करते वक़्त चूमते है, बीच बीच में उनके मुँह से सिसकारियाँ भी निकल जाती थी। बिस्तर पर हलचल हुई और पापा मम्मी के ऊपर फिर आ गए, बोले- यार, जगह नहीं मिल रही हैं एक बार पकड़ के लगा लो ना !
मुझे फ़ेसबुक पर अपने ही शहर की एक लड़की मिली, हमारी दोस्ती चैट से शुरू होकर सेक्स चैट में बदल गई.. एक बार उसने मुझसे मिलने की इच्छा जताई तो मेरा काम बन गया.. मैं उससे मिला और फिर एक दिन उसे घर बुला लिया..
हमारे नये बन रहे घर की पड़ोसन लड़की ने मुझे चिट्ठी लिख कर अपनी मुहब्बत का इजहार किया। एक दिन मैं घर में अकेला था तो उसे बुला लिया और वो भी खुशी खुशी आकर चुदवा कर चली गई।
कुछ दिन बाद मेरी गर्लफ्रेंड की शादी किसी और से होने जा रही है। हम दोनों ही एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं लेकिन कुछ मजबूरियों के कारण हम आपस में शादी नहीं कर पा रहे। परन्तु उसने मुझे अजीब हालत में फंसा दिया है, वह मुझे ऐसे काम के लिए कह रही है, जिसके लिए मेरा दिल मान नहीं रहा। वह चाहती है कि उसके विवाह से पूर्व मैं उसके साथ बिना कन्डोम सेक्स करूँ कि वह गर्भवती हो सके।
कहानी – हर्ष पाण्डेय प्रेषिका – अदिति गवलानी Labhandi Ki Randi Ki Choot Chudai हैलो दोस्तो.. आप सभी को हर्ष के लंड का प्रेम भरा सलाम। मैं रायपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला एक सीधा-साधा बांका सा नौजवान हूँ.. दिखने में अच्छा-खासा गबरू नौजवान हूँ। मैं औरों की तरह झूठ नहीं बोलूँगा, मेरा जननांग जिसे कि […]
हम हर दिन हम बिस्तर नहीं होते, हफ्ते में दो-तीन बार ही एक साथ सोते हैं। हम दोनों ही अभी बच्चा नहीं चाहते, तब भी मेरे शौहर बिना निरोध के मेरे ऊपर चढ़ते हैं।
उसने अपने नितम्ब उठा कर पेंटी को खोलने में सहमति प्रदान की, मैंने पेंटी को खींच कर उतार फेंका फिर धीरे से उसकी टांगों को चौड़ी कर उभरी हुई योनि के गुलाबी भगोष्ठ को अपनी उंगली से हल्का सा फैलाया और अपनी जीभ उस पर टिका कर चूसने लगा।
जैसे ही उसने दरवाज़ा बंद किया तो मैं उसको अपने पास खींच कर, उसके होंठों को चूसने लगा। उसके होंठ बिल्कुल गुलाब की तरह नर्म और गुलाब-जामुन से भी ज्यादा मधुर थे।
Pahli Chudai Pahle Pyar ke Sath-2 इस बीच हम फ़ोन पर कुछ खुली बातें करने लगे थे। मैंने जाना कि वो कुँवारी है मैं भी कुँवारा था। पहली बार जब मैंने खुली बातें कीं तो वो बहुत गरम हो गई। उस दिन वो कुछ भी ठीक से नहीं कर पाई। उसने मुझे अगली बार ऐसा […]