इब तो बाड़ दे

हरियाणा के देसी लौंडे चूत के चस्कडू तो होते ही हैं भले ही फिर वो शहर में रहें या गांव में. यह ठेठ कहानी भी ऐसे ही एक देसी लौड़े की है जिसने चूत को अपने जाल में फंसा ही लिया.

इब तो बाड़ दे -1

मैंने उसे चित लेटा दिया। उसके गुलाबी होंठ, तनी हुई गोल चुंचियां, गहरी नाभि, पतली कमर, सपाट चिकना पेट और दो मोटी मोटी जाँघों के बीच फंसी पाव रोटी की तरह फूली छोटी सी चूत।

इब तो बाड़ दे-2

On 2006-11-15 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेम गुरु द्बारा संपादित एवं संशोधित लेखक: जीत शर्मा दिलवाला इब तो बाड़ दे का पहला भाग यहाँ है। दोस्तों ! सबसे पहले मैं आप सभी का धन्यवाद करना चाहूँगा कि आपने मेरी पिछली कहानी “इब तो बाड़ दे” का पहला भाग बहुत पसंद किया । मैंने उस कहानी में आपको बताया था कि कैसे […]

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