हुई चौड़ी चने के खेत में

मेरी शादी के 6 महीने के अंदर ही मैं निराश हो गई थी. मेरे पति का लंड छोटा तो था ही मगर मेरी गर्म चूत के अंदर जाते ही उसका माल निकल जाता था. फिर मेरे पति और मैं उनके चचेरे भाई के यहां घूमने के लिए चले गये. मेरी चूत की प्यास वहां जाकर शांत हो पाई?

हुई चौड़ी चने के खेत में -5

मैं चाह रही थी कि काश वक्त रुक जाए और जगन इसी तरह मुझे चोदता रहे। पर मेरे चाहने से क्या होता आखिर शरीर की भी कुछ सीमा होती है। मैंने अपनी चूत का संकोचन किया

हुई चौड़ी चने के खेत में -4

On 2011-05-15 Category: कोई मिल गया Tags: गांड

'अबे साले... मुफ्त की चूत मिल गई तो लालच आ गया क्या?' मैंने अपनी गांड से उसकी उंगुली निकालने की कोशिश करते हुए कहा। 'भौजी.. एक बार गांड मार लेने दो ना?' उसने मेरे गालों को काट लिया।

हुई चौड़ी चने के खेत में -3

मैंने अपनी छमिया की फांकों पर पहनी दोनों बालियों को पकड़ कर चौड़ा किया और मूतने लगी। फिच्च सीईईई.... के मधुर संगीत के साथ पतली धार दूर तक चली गई। आपको बता दूं मैं धारा प्रवाह नहीं मूतती। बीच बीच में कई बार उसे रोक कर मूतती हूँ।

हुई चौड़ी चने के खेत में -2

मेरा मन बुरी तरह उस मोटे लंड के लिए कुनमुनाने लगा था। काश एक ही झटके में जगन अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दे तो यह जिंदगी धन्य हो जाए। मेरी छमिया ने तो इस ख्याल से ही एक बार फिर पानी छोड़ दिया।

Scroll To Top