कंप्यूटर सेन्टर

आज के इस दौर में हवस इन्सान पर ज्यादा ही हावी हो गई है. जहां मौका मिला वहां पूरी कर लो. चाहे वह कोई कंप्यूटर सेंटर हो या फिर कोई ऑफिस. मैंने हर जगह अपनी हवस बुझाई. कैसे? खुद पढ़कर जान लें.

कंप्यूटर सेन्टर-2

दोस्तो, आप सबकी उम्मीदों पर खरी उतरने के लिए वंदना फिर हाज़िर है ! चलो दोस्तो, मेरी रंगीन रात की बंद कमरे की कहानी आप सबके लिए मेरी अपनी जुबानी ! बोले- मैडम, माफ़ करना सिर्फ आधे घंटे का वक़्त दो, हम ज़रा घर होकर वापस आते हैं। खाना मत बनाना, लेकर आयेंगे ! दारु […]

कंप्यूटर सेन्टर-1

On 2008-09-21 Category: गुरु घण्टाल Tags:

मेरी दो कहानियाँ एक अरसा पहले प्रकाशित हो चुकी हैं। कम्प्यूटर लैब में तीन लौड़ों से चुदी कंप्यूटर लैब से चौकीदार तक उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब उनसे आगे : दोस्तो, आप सब ने मेरी दोनों कहानियों को बेहद प्यार, सतिकार दिया है। कई लोगों से मेरी बात हुई, फ़ोन नंबर लेकर लोगों […]

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