बाथरूम का दर्पण

मैं पुराने मकानों के पुनर्निमाण व मरम्मत का काम करता था. साज-सजावट से भी अच्छा पैसा कमाता था. फिर एक दिन एक बैंक मैनेजर के घर के बाथरूम में कुछ काम मिल गया. उनके घर गया तो मेरे साथ क्या हुआ?

बाथरूम का दर्पण-6

मैं रोनी सलूजा आपसे फिर मुखातिब हूँ। मेरी कहानी बाथरूम का दर्पण को सभी ने बहुत सराहा है। कुछ लोगों ने मुझसे सागर की हेमा पवार के बारे में जानकारी चाही तो कुछ ने रमा के बारे में जानना चाहा। क्षमायाचना के साथ मैं आप सभी को बता दूँ कि मेरी कहानियों में सभी नाम, […]

बाथरूम का दर्पण-5

मैं उसकी पीठ सहलाने लगा, फिर उसकी फ़्रॉक को निकाल दिया। अब उसके भरे हुए स्तन, जो गुलाबी ब्रा में समां नहीं रहे थे, को मसलना शुरु कर दिया।

बाथरूम का दर्पण-4

मैं उसे बाँहों में उठाकर बेडरूम में ले गया उसके सारे कपड़े उतारकर उसके ऊपर छा गया। वो सिसकारने लगी, उसने मेरी पैंट उतार दी, चड्डी हटा कर लंड थामकर चूमने लगी।

बाथरूम का दर्पण-3

वह मेरी जीभ को सिसकारते हुये चूस रही थी। मैंने मौका देखकर लंड को सही स्थान पर लेकर थोड़ा दबाव डाला तो सुपारे का आगे का भाग चूत के मुँह पर फिट हो गया।

बाथरूम का दर्पण-2

आपने ब्रा-पेंटी उतारकर रख दिए और दर्पण में अपने नंगे जिस्म को हर दिशा से देखा। तुम उत्तेजित हो गई थी, एक हाथ तुम्हारी दोनों टांगों के बीच कुछ सहला रहा था, दूसरा सीने को सहला रहा था?

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