आज दिल खोल कर चुदूँगी-13

(Aaj dil Khol Kar Chudungi- Part 13)

नेहा रानी 2016-01-04 Comments

This story is part of a series:

नेहा रानी के तरफ से अन्तर्वासना के पाठकों और मित्रों को नया साल मुबारक हो.. 2016 की ढेर सारी बधाइयाँ।

सुबह नाश्ते के वक्त की मेरी चूत चुदाई तो आप लोगों ने पढ़ ही ली और इसके लिए ईमेल से बने मेरे काफ़ी दोस्त मेरी चूत चोदना चाहते हैं।
मैं भी आप सबको अपनी चूत देना चाहती हूँ और मेरी चूत आप लोग जम कर चोदो भी.. यह भी मैं चाहती हूँ पर शायद सम्भव नहीं हो सकता.. क्योंकि पूरे देश दुनिया के लोग अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ते हैं.. कहाँ तक इतनी बड़ी तादाद में लौड़े ले पाऊँगी।
इसलिए दोस्तो, आप लोग मेरी कहानी पढ़ते वक्त अपना लण्ड पकड़ कर हिलाते हुए यही सोचो कि आप लोग अपनी प्यारी नेहा रानी की बुर, चूत, फ़ुद्दी, फ़ुद्दा, भोंसड़ी चोद रहे हो.. अपने लण्ड से नेहा रानी की योनि को फाड़ते हुए झड़ रहे हो।

खैर.. आइए मेरी चूत की रसीली दास्तान की तरफ बढ़ते हैं।

उस शाम सुनील मुझे एक फाईव स्टार होटल में ले गया।
वहाँ दो विदेशी लौड़े मेरी चूत की चुदाई के लिए अपने लण्ड को तैयार कर रहे थे।

मैं सुनील के साथ मिनी स्कर्ट और टॉप में जैसे ही उनके कमरे में पहुँची.. वो विदेशी मुझे देखते ही लार टपकाने लगे।
तभी उसमें से एक ने मुझे सुनील के सामने ही खींच कर अपनी जाँघ पर बैठा लिया और एक हाथ से चूची और एक हाथ चूत पर ले जाकर बोला- वाऊ.. वंडरफुल सुनील.. क्या माल लाए हो।

उसी वक्त दूसरे ने सुनील की तरफ एक नोट की गड्डी उछाल कर कहा- प्लीज गो आउट।
मैं बस सुनील को ही देख रही थी और सुनील मुझे भूखे भेड़ियों में छोड़ कर चला गया।

उनमें से एक का नाम चार्ली था और दूसरे का नाम रिची था।

सुनील के जाते ही चार्ली मुझ पर टूट पड़ा। एक तो पहले से ही मुझे रिची अपनी बाँहों में दबोच कर मेरी चूचियाँ मसल रहा था.. उस पर चार्ली का भूखे भेड़िये सा टूटना.. मैं तो डर ही गई।

तभी चार्ली मेरे होंठों को अपने दाँतों से दबाकर काट कर चूसने लगा और मैं दर्द से बिलबिला उठी।
मेरे जिस्म को नोंचने- खसोटने की मानो कोई प्रतियोगिता चल रही हो, कभी मुझे रिची अपनी तरफ खींचकर मेरी चूची मसकता.. और कभी चार्ली मुझे भंभोड़ता।
मैं तो बस छटपटा कर रह जाती और मैं कर भी क्या सकती थी।
दोनों में रहम नाम की चीज ही नहीं थी, मेरा जिस्म उन्हें केवल एक भोगने कि वस्तु दिख रही थी।

चार्ली ने मुझे चूमते-काटते हुए एकाएक मेरी स्कर्ट को खींच कर फाड़ दिया और दूर फेंक दिया। रिची भी कहाँ पीछे रहता.. उसने भी मेरे टॉप को बिल्कुल खींचते-फाड़ते हुए मेरे जिस्म से अलग कर दिया।
उन दोनों को देख कर लग रहा था कि जैसे उन्हें ऐसा करने में बहुत ख़ुशी मिल रही हो.. पर मुझे लग रहा था अब कपड़ों को फाड़ने के बाद मुझे ही फाड़ने का नम्बर है।
इसी तरह अभी ये दोनों मुझे नोंच-खसोट कर मेरी चूत और जिस्म की धज्जियाँ उड़ाने वाले हैं।

मेरे जिस्म पर बचे-खुचे ब्रा और पैन्टी को भी फाड़कर फेंक दिया गया।
एक ने मेरी चूत को मुँह में भर लिया और एक ने मेरी चूची को..
मैं डरते हुए बोली- मैं कैसे जाऊँगी.. आप लोगों ने तो मेरे कपड़े ही फाड़ दिए।
उन दोनों ने कहा- पहले चुदाई करा.. फिर जाने की सोचना..

ये सब बातें इंग्लिश में ही हो रही थीं, उन लोगों को हिन्दी कहाँ आती थी।

चार्ली मेरे मम्मों को चूसते हुए कभी निप्पलों को ज़ोर से दबाता या कभी दोनों मम्मों को एक साथ पकड़ के ज़ोर से हिलाने लगता। नीचे मेरी चूत को रिची मुँह में भरकर चूसते हुए काट लेता, कभी वो जाँघ को.. तो कभी चूत को काट रहा था.. और ऊपर चार्ली मेरी चूची.. पेट को बुरी तरह काट और नोंच रहा था।

मुझे मजा आने की जगह दर्द हो रहा था, मैंने चिल्लाते हुए कहा- प्लीज.. बंद करो ये खेल.. प्लीज़ मैं मर जाऊँगी.. प्लीज़ अहह… सिसि.. द..दर्द हो रहा है।

लेकिन चार्ली और रिची को जैसे सुनाई ही नहीं दे रहा था, चार्ली मेरे मम्मों से होते हुए गरदन को चूमते हुए मेरे होंठों को मुँह में लेकर चूसने लगा, उसने मेरी चूचियाँ मसकते हुए दाँतों से कसकर मेरे होंठ को काट लिया।

मैं दर्द से सीत्कार कर उठी- आहह आ..

मैंने दर्द की अधिकता से उसका मुँह पकड़ कर अपने होंठों से हटा दिया.. तो उसने मेरे निप्पलों को काट लिया।
मैं जोर से चीख पड़ी- अहहह..आहसीई.. प्लीज़ मुझे दर्द हो रहा है.. प्लीज़ समझने की कोशिश करो.. आह प्लीज़ अहहहह..

फिर वो मुझे छोड़ कर खड़ा होकर अपने कपड़े खोलने लगा।
इधर रिची मेरी चूत की चटाई चालू रखे हुए था, रिची की चूत चुसाई से मुझे थोड़ा मजा आ रहा था।

तभी मेरा ध्यान चार्ली पर गया, चार्ली ने अपनी पैंट खोली और उसे उतार कर फेंक दी। जैसे ही चार्ली ने अपना अंडरवियर नीचे किया.. मैंने चार्ली का लण्ड देखा, मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं, मैं पलक झपकाना भूलकर चार्ली का लण्ड देख रही थी। चार्ली का लण्ड स्प्रिंग की तरह बाहर निकल कर लटक रहा था।

मैं देख कर हैरान थी। उसका लंड कम से कम 9 इंच का तो था। एकदम गोरा.. और मोटा लंड निकाल कर वो मेरी तरफ बढ़ा। वो मेरे नजदीक आकर अपने लण्ड को मेरे होंठों पर फिराने लगा.. और मैंने भी मस्त होकर लण्ड को देख कर चार्ली का लण्ड मुँह में ले लिया।

उधर नीचे रिची भी चुसाई बंद करके अपने कपड़े उतार कर अपने लण्ड को मेरी चूत में रगड़ने लगा।
तभी मेरा ध्यान रिची के लण्ड पर गया। जैसे दोनों के जुड़वां लण्ड हों.. एक सी ही बराबरी के मोटे.. लम्बे.. दोनों लण्ड को देखकर मेरी बुर पानी छोड़ने लगी।

उसके बाद क्या बताऊँ दोस्तो.. रिची ने अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया। उसका मोटा लंड देखकर तो मैं हैरान हो गई थी। बड़ा ही जबरदस्त लण्ड मेरी चूत पर टिका हुआ था।

एक मेरे मुँह में घुसा था। फिर रिची ने दो-तीन बार लंड को मेरी चूत पर रगड़ कर एकदम से जोर से धक्का लगा दिया। उसका पूरा हलब्बी लंड मेरी चूत में समाता चला गया।

मेरे मुँह से आवाज निकली- आह्ह्ह्हह्ह सीई..

मैंने दर्द सहते हुए कसकर दाँतों को जकड़ लिया.. और मेरे मुँह के अन्दर चार्ली का लण्ड था.. जिस पर मेरे दाँत लग गए। चार्ली कसकर चिल्लाया।
चार्ली के लण्ड का ध्यान आते ही मैंने मुँह खोल दिया।
फिर चार्ली मुझे गाली देते हुए लण्ड को मेरे गले तक डाल कर मेरे मुँह में आगे-पीछे करने लगा।

उधर रिची तेज-तेज धक्के पर धक्के लगा कर लंड को मेरी चूत में पेल रहा था। इधर चार्ली मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरे मुँह में अपना लण्ड ठोक रहा था। रिची मेरे चूतड़ों को पकड़ कर जोर-जोर से धक्के दे रहा था। मैं लण्ड चूसते हुए चुदवाती रही और रिची चोदता रहा। फिर मेरी चूत ने अचानक पानी छोड़ दिया।

रिची के लण्ड के हर धक्के का स्वागत करते हुए मैं बड़ी जोर से चुदवा रही थी, ‘फचफच..’ लंड अन्दर-बाहर हो रहा था।
मेरी चूत रिची के हर शॉट पर मेरे मुँह से आवाज निकालने लगी ‘अहह.. अह्ह्ह सीसीईईई आहहह.. की मदमस्त आवाज मेरे मुँह से निकलने लगी।
‘आआहआसी.. सी..सीआह..’ करके मैं चुद रही थी और चार्ली का लण्ड भी चूस रही थी। दोनों तरफ के मजे पाकर मैं झड़ने लगी और रिची भी मेरी झड़ती चूत पर धक्कों की रफ्तार तेज करके मेरी चूत में पानी निकाल कर शान्त हो गया।

अभी तो चुदाई शुरू हुई थी पूरी रात मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ने वाली थीं।

मेरे साथ बने रहिये.. बहुत मजा दूँगी.. सच में.. न जाने कब आपको भी मेरी चूत में अपना लौड़ा डालने का मौका मिल जाए।
बस मुझे ईमेल लिखना न भूलिए।
कहानी जारी है।
[email protected]

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