Latest Sex Stories

कैसी कटी रात?

On 2008-06-17 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : वसीम मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहने वालों में से एक हूँ। मैंने यहाँ सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, हर कहानी को पढ़ने के बाद में अपने लंड से पानी जरूर निकालता हूँ। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है जो आज आप लोगो के सामने बताने जा रहा हूँ, यह पूर्णतया सत्य है, यह […]

कामिनी की बाहों में-2

कामिनी मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी.

नंगी देखा किसी और को चोदा कटरीना को-1

On 2008-06-14 Category: जवान लड़की Tags:

वो बोले जा रहे थी, मैंने ध्यान से सुना, वो कह रही थी- मेरी लो! और आहें भर रही थी। मुझे लगा कि शायद उसने शराब पी रखी है। मैंने उसको ब्रा पहनाई।

मुंबई में आकर

On 2008-06-13 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषिका : स्नेहल प्यारे पाठको, मेरी तरफ से आप सभी को मेरी मीठी बुर का सलाम ! मैं रूपा, मेरी यह पहली कहानी है। आप सब ध्यान से दिल थाम कर और लण्ड पकड़ कर पढ़िए। मैं गाँव से मैट्रिक पास करने के बाद मुंबई अपने चाचा के पास आगे पढ़ाई के लिए आ गई […]

पंखी पता नहीं बताते-2

On 2008-06-12 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : शकील फ़िरोज़ मैंने धीरे धीरे करके टीशर्ट और हाफपैंट खोल दिए। वो साली काली ब्रेज़ियर और काली पैंटी पहने थी। गोरा बदन और ये काले कपड़े ! साली मस्त लग रही थी। मौका पाकर रुक्कू ने उसके गेंदों की बाजी उसके हाथ में ले ली। मैंने शब्बो को पलंग पर लिटा दिया और […]

पंखी पता नहीं बताते-1

On 2008-06-11 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : शकील फ़िरोज़ दोस्तो, मेरा नाम शकील है। मैं एक बार ट्रेन में मुंबई का सफ़र कर रहा था, वैसे भीड़ तो न थी और ट्रेन खाली थी। ट्रेन रुकते ही एक आदमी गुजरात के आनंद से चढ़ा, आकर मेरी बगल में जगह थी तो बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसने मेरे बारे में […]

गैस चूल्हे ठीक करने वाले से गांड मरवाई

On 2008-06-10 Category: गे सेक्स स्टोरी Tags:

लेखक : सनी सबसे पहले गुरु जी को प्रणाम ! मुझे अब कौन नहीं जानता ! हां मैं हूँ सनी गांडू ! यह कोई मेरी पहली चुदाई नहीं है जो मैं आपको बता रहा हूँ। गुरु जी का धन्यवाद जो मेरी हर चुदाई को दुनिया के सामने लाते हैं, उसके बाद उन पाठकों को प्रणाम […]

मैं करूँ तो क्या?

On 2008-06-09 Category: पहली बार चुदाई Tags:

मेरे हाथ धीरे से उठे और उसके बाल सहलाने लगे.. अचानक उसका हाथ मेरी पेंटी में घुसता चला गया... मेरी सिरहन सर से पैर तक दौड़ गई लेकिन अब तक मैं बेबस हो चुकी थी...

थ्री ईडीयट्स-2

On 2008-06-08 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : जो हण्टर अरे नहीं भैया … चोदना-चुदाना सब शादी के बाद ! राधा ने चुहलबाजी की। तो मुन्नी तुझे ठिकाने लगाता हूँ। मेरी नज़रें अब राधा की चूत पर थी। अरे तेरा दिमाग तो ठीक है? मैं तो तेरी बहन हूँ ! मुन्नी ने आंखें तरेर कर कहा। तो क्या हुआ, मस्ती में […]

थ्री ईडीयट्स-1

On 2008-06-07 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : जो हण्टर हम तीनों एक साल से शहर में पढ़ रहे थे। मैं और मेरी बहन मुन्नी और गांव में ही रहने वाली पड़ोस की एक मुन्नी की हम उम्र राधा, अब हम तीनों ही कॉलेज में दूसरे साल में आ चुके थे। इस एक साल में हम तीनों का नजरिया काफ़ी कुछ […]

कॉलेज़ की हवा लग गई

हम रोज़ मिलते तो वो मेरे स्तन दबा देता था और कभी मेरे चूतड़ भी। वो मुझे फ़ोन पर ब्लू फिल्म दिखाया करता था तो मेरे चुदने की तो बहुत इच्छा होती थी।

कामिनी की बाहों में-1

कामिनी ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी। ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गर्म और इतनी लम्बी थी कि मेरे पूरे मुँह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी।

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-4

भैया के चौथे शादी के फैसले को बदलने हेतू सुमन भाभी बसन्ती के सहारे मुझसे चुदकर खुद गर्भवती हुई और दो भाभियों के कोख में भी औलाद का सुख प्रदान करवाया...

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-3

मेरी नादानी वश मेरी और बसन्ती की चुदाई की जानकारी सुमन भाभी को हो गई तब उन्होंने भैया की धमकी दे इस राज को गुप्त रखने हेतू अपनी चुदाई की इच्छा जताई..

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-2

बसन्ती ब्याह के बाद एकदम गदराई माल बन चुकी थी उसको देख मेरे लण्ड में ताव और मुंह से लार टपकने लगी जिसे बंसती ने भांप लिया और उसने मेरा साथ देने की सोची..!!

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-1

मैं अपनी हिंदी सेक्सी स्टोरी में बता रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी तीन भाभी की चुदाई एक एक करके की. मेरे भाई ने तीन शादियाँ की लेकिन तीनो भाभी बेऔलाद रही.

मिल-बाँट कर..-4

On 2008-05-31 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा अब मेरे पास कृत्रिम रूप से अपनी जवानी की आग को शांत करने के अलावा और कोई दूसरा साधन न था। मैं छुप-छुपकर कृत्रिम साधनों से अपनी कामाग्नि को शांत करने की कोशिश करती। योनि में कभी लम्बे वाले बैंगन डाल कर अपनी कामाग्नि को शांत करती तो कभी आधी-आधी […]

मिल-बाँट कर..-3

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा और भी है कोई यहाँ तुम्हारे सिवा? दुल्हन का मत्था ठनका।” “हाँ, मेरा छोटा भाई है, सबसे पहले तो उसी ने तुम्हारी बजाई है….” दुल्हन यह सुन कर हक्की-बक्की रह गई। उसने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। इस बीच ठंडा राम बाथरूम से बाहर आ गया। उसने पूछा,”क्या हुआ भाभी जी? […]

मिल-बाँट कर..-2

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा झंडाराम अभी तक अलमारी की आड़ में छुपा सब कुछ बड़े ध्यान से देख रहा था और सोच रहा था कि कब ठन्डे अपना काम ख़त्म करे और फिर उसकी बारी आये। उसे ठन्डे पर अब क्रोध आने लगा था कि वह क्यों फ़ालतू की बातों में इतना वक्त बर्बाद […]

मिल-बाँट कर..-1

हाय ! हम झंडाराम और ठंडाराम दोनों सगे भाई हैं। हम दोनों एक साथ मिलकर हर काम किया करते हैं फिर वह काम भले ही चोरी-डकैती का हो या अपनी-अपनी महबूबाओं के साथ रंगरेलियां मनाने का हो। बचपन से ही हमारी शक्लें भी बिलकुल एक जैसी हैं। कई बार तो हमारी पत्नियाँ तक हम दोनों […]

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