बहन का लौड़ा -30

(Bahan Ka Lauda-30)

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अब तक आपने पढ़ा..

दोस्तो, टीना याद है ना आपको.. या भूल गए.. इसका भी कहानी में एक अहम किरदार है.. मगर अभी नहीं.. वक़्त आने पर इसके बारे में भी बताऊँगी। अभी तो मीरा और रोमा पर ही ध्यान दो कि इनकी किश्ती किनारे लगती है या डूब जाती है।

रोमा चलते जा रही थी और उसने नीरज को फ़ोन किया कि वो स्कूल के पास उसको लेने आ जाए।

जब तक नीरज आता है.. हम वापस राधे के पास चलते हैं।

मीरा के स्कूल जाने के बाद ममता जल्दी से रसोई का काम कर रही थी।

राधे- ममता क्या कर रही हो?
ममता- साहब जी.. बस साफ-सफ़ाई करनी थी.. हो गई.. अब तो आपके हुकुम का इंतजार है।
राधे- कैसे हुकुम का.. मैं कुछ समझा नहीं?
ममता- साहब जी.. अब आप ऐसे शरमाओगे तो हो गया बच्चा।
राधे- ओह्ह.. अच्छा.. मैं कहाँ शर्मा रहा हूँ.. आ जाओ कमरे में.. आज तक तो सुहागरात मनाती थी.. आज हम सुहागदिन मना लेते हैं।

ममता का चेहरा शर्म से लाल हो गया था.. वो भाग कर राधे के सीने से चिपक गई।
दोस्तो, राधे ने बस शॉर्ट्स पहना था टी-शर्ट नहीं.. जब ममता उसके सीने से चिपकी.. तो राधे का नंगा सीना उसको बहुत अच्छा लगा।
अब वो राधे की पीठ पर हाथ घुमाने लगी।

अब आगे..

राधे ने ममता को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा..

ममता- आह्ह.. यहीं सब करोगे क्या.. साहेब जी.. अन्दर चलो ना..
राधे ने ममता को छोड़ दिया और उसे बाँहों में उठा लिया- मेरी ममता रानी.. आज तो तू बड़ी सेक्सी लग रही है.. मैं तुझे तो आराम से बिस्तर पर लिटा कर चोदूँगा..
ममता- आह्ह.. साहेब जी.. आज मैं भी आपको ऐसा सुख दूँगी कि आप मुझे याद रखोगे।

राधे कमरे में ले जाकर ममता को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके होंठों को चूसने लगता है।

ममता- साहेब जी दो मिनट रुक जाओ.. ये साड़ी खराब हो जाएगी.. मैं घर कैसे जाऊँगी.. पहले कपड़े निकाल दूँ.. बाद में जो चाहे कर लेना..

राधे- ठीक है मेरी रानी.. निकाल दे साड़ी और दिखा मुझे अपना सेक्सी जिस्म.. मैं भी देखूँ इस साड़ी में कितना खजाना भरा हुआ है..

ममता खड़ी हो गई और बड़ी ही सेक्सी अदाओं के साथ नंगी होने लगी।
ममता का जिस्म धीरे-धीरे बेपरदा हो रहा था.. इधर राधे का लौड़ा उसकी बहकती जवानी को देख कर खड़ा हो गया था।

दोस्तो, मैंने आपको शुरू में बताया था ना.. ममता के मादक फिगर के बारे में.. आज आप भी उसको बिना कपड़ों के देख लो..
ममता के चूचे 34″ के गोल-गोल कसे हुए थे.. सरजू ने शायद इनका रस बराबर नहीं पिया था.. तभी उसके मम्मे इतने टाइट हैं और ममता की कमर भी किसी हिरनी के जैसी बलखाती हुई थी। उसके लंबे बाल कमर को टच हो रहे थे।

जब राधे की नज़र ममता की चूत पर गई तो वो देखता ही रह गया.. एकदम चिकनी.. पतली सी.. किसी नाव के आकार की चूत.. और सबसे बड़ी बात तो ये कि उसकी इस मस्त चूत को देख कर कोई नहीं कह सकता कि इसमें कभी लौड़ा गया भी होगा..

राधे शॉर्ट्स के ऊपर से लौड़े को सहलाने लगा.. जिसे देख कर ममता मुस्कुरा दी और अपनी पीठ राधे की ओर करके अपनी गाण्ड को हिलाने लगी।

ममता की गाण्ड भी 34″ की थी.. उसकी भारी गाण्ड को देख कर राधे का सब्र जाता रहा.. उसने जल्दी से शॉर्ट्स निकाल दिया। अब उसका बेकाबू लौड़ा आज़ाद हो गया था.. जिसे राधे हाथ से सहला रहा था।

ममता वापस सीधी हो गई और राधे के करीब आकर उसके हाथ को लौड़े से हटा दिया- साहब जी.. मेरे होते हुए आप क्यों तकलीफ़ कर रहे हो.. ऐसे तगड़े लंड को हाथ से नहीं.. होंठों से सहलाया जाता है..

राधे- ममता.. मुझे साहेब मत कहो.. राजा कहो.. ज़्यादा अच्छा लगेगा.. और हाँ.. तुम्हें देख कर लगता ही नहीं कि तुम शादी-शुदा औरत हो.. किसी कमसिन कली के जैसी लगती हो।

ममता- बड़ी मेहरबानी साहेब जी.. जो आपने इस गरीब को इस लायक समझा.. अब मैं आपको राजा ही कहूँगी और हाँ मेरे राजा जी.. मैं बस नाम की शादीशुदा हूँ.. उस हरामी से कहाँ मेरी जवानी का मज़ा लिया गया है.. आप आज खुद देख लेना.. मैं कुँवारी लड़की से कम नहीं हूँ.. मेरा जिस्म वैसा का वैसा है।
इतना बोलकर ममता राधे के लौड़े को चाटने लगी। उसके सुपाड़े को चूसने लगी।

राधे- आह्ह.. ममता रानी.. तेरे होंठों का कमाल तो मैंने कल ही देख लिया था.. आज अपनी चमकती चूत का जलवा दिखाओ..

ममता पूरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी.. राधे की आँखें बन्द थीं।
थोड़ी देर में लौड़े को चूस कर ममता अलग हो गई- लो मेरे राजा जी.. ले लो मज़ा मेरी प्यासी जवानी का.. बना लो मुझे अपनी रानी.. आ जाओ मेरे राजा.. मेरी चूत कब से प्यासी है।

ममता सीधी बिस्तर पर लेट गई और मुँह से ‘आहह.. आ जाओ..’ ऐसी सेक्सी आवाजें निकालने लगी।
राधे तो बेकाबू हो गया.. वो ममता पर टूट पड़ा..

अब राधे ममता के ऊपर पड़ा उसके जिस्म को कुचल रहा था.. उसके होंठों का रस पी रहा था। ममता बहुत ज़्यादा प्यासी थी.. शायद किसी मर्द ने ऐसे उसको कभी नहीं मसला था। वो राधे का बराबर साथ दे रही थी। अपनी जीभ राधे के मुँह में देकर चुसवा रही थी.. साथ ही राधे का लौड़ा उसकी चूत से सटा हुआ था और चूत की पुत्तियों से रगड़ मार रहा था.. जिससे उसकी वासना और बढ़ने लगी थी।

राधे अब ममता के कड़क चूचों को दबा रहा था.. उन्हें जोर से मसल रहा था.. चूस रहा था..

ममता- आह्ह.. आह्ह.. उई मेरे राजा.. आह्ह.. मेरे पूरे जिस्म में आग लग रही है.. आह्ह.. मसल दो मुझे आह्ह..

राधे अब धीरे-धीरे ममता के पेट को चूमता हुआ.. उसकी सफाचट चूत पर आ गया..। अब वो उसकी जाँघों को चूसने लगा.. चूत को जीभ से चाटने लगा।

ममता- आह्ह.. उफ़फ्फ़ मेरे राजा.. आज तक मेरी चूत को ऐसे किसी ने नहीं चूसा.. आह्ह.. तुम सच्चे मर्द हो.. आह्ह.. इसस्स.. मेरी चूत में आग लग रही है आह्ह….
राधे- हाँ मेरी रानी.. तेरी चूत बहुत मस्त है.. क्या महकता रस टपक रहा है.. तेरी चूत से.. मज़ा आ गया आज तो.. तेरी चूत को नींबू की तरह निचोड़ कर रस पी जाऊँगा..
ममता- आह्ह.. चूसो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़फ्फ़.. मेरा पानी निकलने वाला है.. उई आह्ह.. ज़ोर से चाटो आह्ह..।

राधे एक उंगली से फाँक को सहलाता रहा और चूत को चूसता रहा.. जल्दी ही ममता का बदन अकड़ गया और उसकी चूत से काम रस बहने लगा.. जिसे राधे मज़े लेकर चाटने लगा।

कुछ देर में ममता का जिस्म ठंडा पड़ गया.. तब राधे उसकी चूत से अलग हुआ।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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