मॉम की अन्तर्वासना शान्त की

(Mom Ki Antarvasna Shant Ki)

मेरा नाम सूरज कुमार है.. मैं 20 साल का हूँ और मेरा लंड 8 इंच का लंबा और 2 इंच का मोटा है। मैं इस साईट का का एक नियमित पाठक हूँ.. मुझे इसकी कामुक कहानियां पढ़ना बहुत पसंद हैं। दरअसल मैं झारखंड से हूँ.. मेरे घर में मैं अपनी मॉम-डैड और मेरी एक छोटी बहन के साथ रहता हूँ.. मेरे डैड भुवनेश्वर में एक बैंक में जॉब करते हैं। मेरी छोटी बहन अभी स्कूल में पढ़ रही है और मेरी मॉम एक हाउनवाइफ हैं।
मेरी असली मॉम नहीं हैं बस यूँ समझ लीजिये कि इनको मेरी मॉम की जगह लाया गया था.. उनकी उम्र 36 साल है.. उनका फिगर है 36-28-36.. वो दिखने में एकदम गोरी-चिट्टी है.. अभी भी लगता है कि वो जवान हैं।

यह बात अभी 7 दिन पहले की एक सच्ची घटना है.. प्लीज़ इसको आनन्द लेने के नजरिये से पढ़िए.. मेरा सभी लड़कों से कहना है कि वे अपने लंड को रगड़ें और लड़कियां अपनी चूत में उंगली डालें.. फिर इस कहानी का मजा लें।

मैं हमेशा से अपनी मॉम का दीवाना हूँ.. क्योंकि डैड हफ्ते में एक बार घर आते थे और शायद एकाध ही बार वो मेरी मॉम को चोदते थे। इसीलिए मॉम हमेशा गुमसुम सी रहती थीं। मैं यह सब बहुत दिनों से देख रहा था लेकिन मैंने उनसे इस बारे में कभी पूछा नहीं था।

जब डैड आते थे और मेरी मॉम के साथ सेक्स करते थे.. तो मैं चुपके से वो सब देखता था और दु:ख करता था। क्योंकि डैड सिर्फ़ 5 मिनट के अन्दर ही चुदाई का खेल खत्म कर देते थे.. फिर सो जाते थे।

एक दिन मैं अपनी बहन और मॉम के साथ सोया हुआ था.. तो मैं जानबूझ कर मॉम के गले से लग कर सो गया और मैंने अपना हाथ मॉम के मम्मों के ऊपर रख दिया।

थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि मेरी मॉम मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर अपनी मम्मों को दबवा रही थीं।
तभी मुझे लगा कि मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया है।
फिर मैंने सोने की एक्टिंग की और कुछ और अधिक होने का इन्तजार किया.. कुछ पलों तक मॉम ने मेरे हाथों से अपने चूचे रगड़वाए और फिर हम दोनों सो गए।

अगले दिन मैं कॉलेज नहीं गया और घर पर ही रुका रहा।
मैंने अपनी मॉम से पूछा- आप इतनी उदास क्यों रहती हो?
उन्होंने कुछ नहीं कहा.. बोला- मुझे कुछ नहीं हुआ है..
मैंने बार-बार पूछा तो वो मुझ पर गुस्सा होकर बोलीं- कुछ नहीं है.. बोला ना.. फिर क्यों एक ही सवाल बार-बार पूछ रहा है।
मैं नाराज़ होकर वापस अपने कमरे में आ गया।

तो मॉम कुछ देर बाद मेरे कमरे में आईं और ‘सॉरी’ बोल कर मुझे हग करके रोने लगीं।
मैंने उनसे फिर वही सवाल पूछा तो वो बोलीं- तुम्हारे डैड यहाँ नहीं हैं ना.. इसीलिए मैं दुखी हूँ।
तब मैंने कहा- कोई बात नहीं.. मैं तो हूँ ना..
वो बोलीं- डैड का जगह तुम कैसे ले सकते हो..?

मैंने उनके चूचों की तरफ बिंदास देखते हुए कहा- क्या हुआ डैड जो तुम्हें देते हैं.. मैं उनसे ज़्यादा दूँगा और हमेशा तुम्हें खुश रखूँगा..
यह बोल कर मैं अपना हाथ मॉम के चूतड़ों पर फेरने लगा..
तभी मॉम ने मुझे अपने से दूर कर दिया और कहा- यह क्या कर रहा है?
मैंने कहा- मॉम मुझे सब पता है.. तुम्हें सेक्स की ज़रूरत है.. जो तुम्हें ठीक से नहीं मिल रहा है.. इसीलिए तुम हमेशा उदास रहती हो और कल रात को जब मैंने जानबूझ कर तुम्हारे मम्मों के ऊपर हाथ रखा.. तो तुम मेरे हाथ से अपने मम्मों को दबवा रही थीं।

तब मेरी मॉम शर्मा गईं और अपना मुँह नीचे कर दिया.. तभी मैंने कहा- मॉम आई लव यू.. मैं कब से तुम्हारा दीवाना हूँ.. प्लीज़ मुझे चोदने को एक मौका दो।
वो कुछ समय तक चुप रहीं.. फिर आकर मेरे गले से लग गईं.. तब मैंने उनको अपने से अलग किया और उनको चुम्बन करने लगा।
कुछ ही देर में वो एकदम गरम हो गईं और मैं अपने हाथ से उनको नंगा करने लगा।

क्या बदन है मेरी मॉम का.. जो भी देख़ेगा वो अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाएगा.. कुछ ऐसा ही हाल मेरा भी हुआ।
मैंने मॉम से कहा- मेरे भी सारे कपड़े उतार दो न..

तो वो मेरे सारे कपड़े उतार कर मेरे लंड को सहलाने लगीं.. और हैरत से बोलीं- तेरा लंड तो तेरे डैड से कहीं बड़ा और मोटा है।
फिर मॉम ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और मुँह से लौड़े को झटके देने लगीं।
मैं तो ‘अया.. अया..’ की आवाज़ निकाल रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने मॉम से कहा- चलो हम 69 अवस्था में चुसाई करते हैं।

अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए.. मैं अपनी मॉम की चूत को चाट रहा था।
जब मैंने अपनी जीभ को अपनी मॉम की चूत में डाल दिया तो वो सिसकारियाँ लेने लगीं- ऊऊहह.. आआ.. आआहम्फ़ उफफ्फ़.. प्लीज़ज़.. मत तड़पाओ..
वे ज़ोर-ज़ोर से स्ट्रोक लगाने लगीं.. तो मैं झड़ गया और मेरी मॉम भी झड़ गई..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

थोड़ी देर बाद फिर मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ तो मैं बोला- मॉम अब देर नहीं करते हैं और चलो अब मैं तुम्हें संतुष्ट करता हूँ।
तो मॉम बिस्तर पर चित्त लेट कर अपनी टाँगें फाड़ कर चुदवाने की मुद्रा में आ गईं..
मैं अपना लंड लेकर मेरी मॉम की चूत के छेद पर आया और ज्यों ही मैंने लौड़ा डाला.. वो चीख उठीं- ओह्ह.. कितना मोटा है.. आज तो अपनी मॉम की चूत को फाड़ कर ही रख देगा..

फिर मैंने स्ट्रोक लगाना शुरू किया.. तो वो फिर चिल्लाने लगीं- आआहह.. अया ययईएसस्स.. और तेज़्ज़्ज़.. इय्याअहह.. ब्बबाअबबई.. क्कूमे.. ऊनन्न.. आअहह.. उऊहह.. प्लीज.. और ज़ोर से.. करो..
दस मिनट के बाद वो झड़ गई.. लेकिन मैं तो अभी तक झड़ा ही नहीं था.. तो मैंने अपने मॉम से कहा- मैं तुम्हारी गाण्ड मारूँगा..

तो वो पहले तो मना करने लगीं.. फिर राज़ी हो कर बोलीं- आज से पहले कभी किसी ने मेरी गाण्ड नहीं मारी.. लेकिन आराम से करना।

मैंने मॉम को घोड़ी बना दिया.. पास में नारियल का तेल था.. वो लाया.. अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी मॉम की गाण्ड पर भी लगा दिया, फिर धीरे से अपनी मॉम की गाण्ड के छेद में मैंने अपना लंड घुसड़ेने लगा।

कुछ देर ट्राई करने के बाद जब जोर से लण्ड मम्मी की गान्ड में धकेला तो मेरा लंड का अगला हिस्सा अन्दर चला गया।
इमेरी मॉम ज़ोर से चीख पड़ी- मर गई… प्लीज़.. मुझे छोड़ दो.. मैं नहीं ले सकती अन्दर..
तो मैंने अपनी मॉम को बोला- चिल्लाओ मत.. अपने मुँह पर तकिया रख लो.. और अपनी आँखें बंद कर लो..

फिर मैंने और एक जोरदार स्ट्रोक मारा तो आधा लंड मेरी मॉम के गाण्ड में घुसता चला गया।

थोड़ी देर तक मैं लौड़े को धीरे-धीरे आगे-पीछे करता रहा.. उनके बाद अपनी स्पीड बढ़ा दी। तब मेरी मॉम को भी मज़ा आने लगा था। वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गाण्ड को उछाल रही थीं ‘अया.. अया.. अयाहह.. आआहह..’

वो मादक आवाजें निकाल रही थीं.. उनके थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया और अपनी सारी क्रीम मेरी मॉम की गाण्ड के छेद में छोड़ दी।
मैं थक गया था तो मॉम के मम्मों को पकड़ कर सो गया।

कुछ देर बाद मॉम अपने आपको ठीक करने लगीं.. क्योंकि छोटी का कॉलेज से आने का टाइम हो रहा था।
वो बोलीं- मैं बहुत खुश हूँ.. जो तुम्हारे जैसे बेटे को पैदा जरूर नहीं किया.. पर तब भी तू मेरे दु:ख को समझ कर मुझे ख़ुशी दे रहा है..

फिर उन दिन से हम रोज़ सेक्स करते हैं। मेरा अगला टारगेट है.. मेरी आंटी श्रेया.. उनको मैंने कैसे चोदा… वो मैं अगली कहानी में बताऊँगा।
मेरी स्टोरी आप लोगों को कैसी लगी.. मुझे ज़रूर मेल करना।
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