दीवाली के बाद रसभरी चुदाई की कुछ यादें-2

(Diwali Ke Bad Rashbhari Chudai Ki Kuchh Yaden- Part 2)

जयदीप 2016-12-15 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..
मेरी पड़ोसन भाभी ने दीव में एकान्त समुद्र तट पर अपने पति को नशा देकर मुझसे चूत चुदवाई और रात को भी होटल में भाभी ने चूत चुदाई करवाई। अगले दिन वे सब वापिस आ रहे थे पर मैं अपनी दोस्त की प्रतीक्षा में बहाने बना कर रुक गया।
अब आगे..

तभी थोड़ी देर में जूही का फोन आया तो मैं उसे लेने स्टेशन गया। वैसे तो हम स्काइप पर बात करते थे.. पर रियल में कभी नहीं देखा था।
सफ़ेद टी-शर्ट और ब्लू-जीन्स पहन कर जूही मेरे सामने खड़ी थी, वो दिखने में क़यामत लग रही थी।
मैं वहाँ पर गया और उसने मुझे पहचान लिया था।

मैं- हैलो जूही.. कैसी हो?
जूही थोड़ा शर्मा कर बोली- मैं अच्छी हूँ।

मुझे भी थोड़ी शर्म आ रही थी क्योंकि हम फर्स्ट टाइम मिल रहे थे। वैसे चैट तो हम दोनों हर तरह की करते थे.. पर अभी थोड़े नर्वस थे।

मैं- तुम तो कमाल की लग रही हो जूही। तुम्हारा बॉयफ्रेंड नहीं आया?
वो- थैंक्स.. अरे उससे मैंने कहा कि सहेली के घर जा रही हूँ.. इसलिए नहीं आया।
मैं- तुम्हारा भी जवाब नहीं यार। चलो दोपहर के बाद बीच पर जाना है।

फिर हम दोपहर को खाना खाकर उसी बीच पर गए। इसी जगह पर जहाँ कल गए थे.. वहीं पर चले गए थे।

मैं- जूही तुमने जीन्स अच्छी पहनी है। तुम्हारी गांड मस्त दिख रही है।
वो- वो तो है.. पर तुम्हें तो मेरी गांड ही मारनी है ना.. पर एक शर्त है।
मैं- कैसी शर्त?
वो- देखो सामने एक विदेशी लड़की खड़ी है। तुम्हें उसे पटाकर चोदना है.. अगर तुम जीत गए तो मेरी ये मखमली गांड तुम्हारी हो गई समझो।

मैं- काम मुश्किल है.. पर नामुमकिन नहीं.. लेटस ट्राय। पर तुम तब तक क्या करोगी?
वो- वो तुम मुझ पर छोड़ दो।

मैं उस लड़की के पास गया।
मैं- हैलो ब्यूटीफुल लेडी.. कैसी हो?
निकोल- हाय.. मेरा नाम निकोल है फ्रांस से हूँ.. और आप?

मैं- मैं जय हूँ.. मैं यहीं का हूँ.. आप अकेली हो?
निकोल- हाँ.. मुझे अकेले ही घूमना पसंद है.. न कोई रोक-टोक.. ना कोई परेशानी।

वो कमाल की लग रही थी। काली आँखें और काले बाल, गुलाबी होंठ, शॉर्ट् शर्ट.. और मस्त फिगर.. शायद 36-26-38 का रहा होगा।
मैं तो उसे देखता ही रह गया.. तभी उसने मुझे हिलाया।
निकोल- क्या देख रहे हो?
मैं- कुछ नहीं.. आप बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही हो।
निकोल- थैंक यू।

मैं- सामने एक लड़की देख रही हो?
निकोल- हाँ हाँ।
मैं- उसने मुझसे शर्त लगाई थी कि मुझे आप से एक घंटे बात करनी होगी तो वो मुझे 5000 देगी और मैं शर्त जीत जाऊँगा। तो क्यों ना हम दोनों बातें करें। मैं आपको शर्त के पैसे में से आधा पैसा दूँगा।
निकोल ने हँसते हुए कहा- श्योर.. पर आप बहुत फनी हो।

मैं- चलो मैं आप को पूरा सिटी दिखाता हूँ।
निकोल- नहीं.. मैंने देख लिया है.. बस मुझे यहीं बैठना है।
मैं- चलो नो प्रॉब्लम.. मुझे भी यहाँ बैठ कर बातें करना पसंद है।

फिर हम लोग रेत पर चलते हुए बातें कर रहे थे।
एक घंटे से अधिक हो गए थे..
अब उसने पूछा- आप कभी फ्रांस गए हो क्या?
मैं- हाँ, एक बार पेरिस गया था जब 3 महीने के लिए यूके में जॉब कर रहा था। मैंने वहां एफिल टावर भी देखा.. हर चीज़ देखी थी।
निकोल- हाँ, मैंने भी यहाँ सब देख लिया है।

मैं- मैं एक चीज़ वहाँ लेना भूल गया, अब तो शायद पता नहीं कभी जा पाउँगा या नहीं।
निकोल- क्या चीज़? मुझे बताओ शायद मेरे बैग में हो तो मैं आपको दे सकती हूँ?
मैं- पक्का दोगी? वादा करो।
निकोल- वादा।
मैं- फ्रेंच किस.. दोगी क्या?

तभी हम एक पत्थर के पास पहुँच गए थे। वो शर्म से नजरें नीचे झुका कर खड़ी थी।
मैंने उसके सर को ऊपर उठाया और उसे फ्रेंच किस किया। वो ‘ना’ बोल रही थी.. पर मैंने कर ही दिया और हम अलग हो गए।

फिर वो थोड़ी शर्मा कर हँसने लगी।
यह ग्रीन सिग्नल था.. मैंने उसके हाथों को पकड़ा और किस करने लगा। अब तो वो भी मेरा साथ दे रही थी।
वो गर्म हो रही थी, तभी हम दोनों को ‘आह आह.. अरे मर गई.. आह..’ की आवाजें सुनाई दी.. जो उस पत्थर के पीछे से आ रही थीं।

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हम दोनों वहाँ गए तो मेरी आँखें खुली की खुली ही रह गईं।

उधर ऐसा कुछ हो रहा था जिसे देख कर हम दोनों भौंचक्के रह गए।

एक बड़ा काला सा नीग्रो जूही की गांड मार रहा था और जूही चीखते हुए मज़ा ले रही थी। पहले तो मुझे लगता था उसकी अफ्रीकन सफारी वाली स्टोरी काल्पनिक होगी.. पर आज पूरा भरोसा हो गया था। वो काले का लंड 8-9 इंच लम्बा और काफी मोटा था, जूही ने बड़ी आसानी से उसके लौड़े को अपनी गांड में ले लिया था।

हम वहाँ से चले गए और दूसरी साइड में आ गए। फिर मैं समय न गंवाते हुए निकोल को किस करने लगा। थोड़ा अँधेरा होने लगा था।

मैं बोला- चलो होटल में चलते हैं।
उसने ‘हाँ’ कर दी, हम होटल चले गए।

होटल के कमरे में आते ही हमने किस करना शुरू कर दिया। हमने एक-दूसरे के सारे कपड़े उतार फेंके, वो सिर्फ ब्लैक ब्रा-पैन्टी में रह गई और मैं सिर्फ चड्डी में आ गया।

उसे देखकर ऐसा लगता था कि कोई परी नीचे उतर आई हो। वो हॉलीवुड की हीरोइन क्रिस्टिना से भी काफी सुन्दर थी। फिर मैं उसे किस करते हुए उसके मम्मों को ऊपर से दबाने लगा। वो मेरा लंड चड्डी में से निकाल कर सहलाने लगी, मेरा हथियार मोटा होने लगा।

मैं उसकी गांड को दबाने लगा और कभी-कभी उसकी पैंटी में भी हाथ डालने लगा।
इस तरह हम दोनों कई मिनट तक किस करते रहे, फिर मैंने उसके गले, गर्दन और कान को बहुत चूमा।

दोस्तो, चूमने से औरत और उत्तेजित और गर्म हो जाती है। फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके मम्मों को चूसने लगा। काफी टाइट और सॉफ्ट थे उनके बूब्स मानो रेशम के गोले हों।

दस मिनट तक उसके मम्मों को चूसा और वो कराहती रही- आह.. और चूसो.. अव्व अव्व्व ओह गॉड..

अब मैं उसके नीचे आ गया और वो ऊपर आ गई, वो मेरे बदन को चूमने लगी, मेरी छाती को चाटने लगी और मेरे बालों से खेलने लगी।

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और अब वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चूस रहा था।
उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी, मैंने चूत के दरवाजे पर होंठ टिकाए और चूसने लगा और उसे काफी मज़ा आ रहा था.. पर जता नहीं सकी.. क्योंकि उसके मुँह में मेरा लंड जो था।

मज़े के कारण कभी-कभी वो मेरे लंड को काट लेती थी। फिर मैं झड़ने वाला था.. तो उसके मुँह में ही झड़ गया।

आख़िरकार वो वक़्त आ ही गया.. जिसका मुझे इंतज़ार था। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और पेलने लगा और वो मज़े लेने लगी, वो बोलने लगी- छोड़ना मत इसे.. काफी महीनों से प्यासी है ये.. बहुत परेशान किया इसने मुझे.. फाड़ डालो इसे.. आह..

मैं- क्यों यहाँ आकर किसी से नहीं चुदवाया क्या?
निकोल- नहीं, यहाँ जितने भी लोग मिले सबके सब गंदे मिले। तुम जैसा हैंडसम नहीं मिला… इसी लिए तुम पसंद आ गए। वर्ना कोई और होता तो.. थप्पड़ मार देती। यहाँ आने से पहले, आखिरी बार अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाया था।

मैं- ओह थैंक्स.. तुम तो जन्नत में ले गई.. और मुझे अपने इस काम के लायक समझा।
मैं झड़ने वाला था तो उसने बोला- अन्दर ही निकाल दो।
मैंने माल छोड़ दिया।

तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज़ आई। मैंने कांच में से देखा तो जूही के साथ 3 हब्शी थे। बाकी के 2 उस काले के दोस्त थे। निकोल बाथरूम में चली गई।

मैंने दरवाज़ा खोला।
जूही- आज बड़ा प्रोग्राम होने वाला है। आओगे क्या? मज़ा आ जाएगा।
मैं- नहीं यार, तुम बोलती हो दर्द होगा। तुम्हें क्या पूरी ज़िंदगी हब्शियों से गांड ही मरवानी है?
जूही- अरे यार क्या करूँ.. आदत पड़ गई है.. प्लीज आओ न!
मैं- तुम जाओ अपने कमरे में.. अगर मूड होगा तो आऊँगा।
जूही- अच्छा ठीक है।

यह कहकर वो तीनों के साथ चली गई, मैंने दरवाजा बन्द कर दिया।

तभी निकोल कपड़े पहन कर बाहर निकली- तुम वहाँ नहीं जाओगे क्या?
मैं- नहीं यार.. तुम्हें छोड़ कर नहीं। उसकी तो आदत है गांड मरवाने की।

निकोल- मैं भी चलती हूँ न तुम्हारे साथ। वहाँ बैठेंगे हमें थोड़ी कुछ करना है? सिर्फ देखेंगे।
मैं- नहीं.. वो हब्शी तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। तुम्हें कुछ हो गया तो?
निकोल- कुछ नहीं होगा मुझे। मुझे लाइव सेक्स देखना है।
मैं- ओके तो चलो।

हम दोनों उसके कमरे में गए और सोफे पर बैठ गए।
वो चारों नंगे हो गए थे, एक किस कर रहा था, दूसरा चूत चाट रहा था, तीसरा मम्मों को दबा रहा था।

फिर उन तीनों ने जूही की जम कर चुदाई की, एक साथ तीन लंड मुँह में चूत में और गांड में चलने लगे। यह खेल करीब आधा घंटा चला।

फिर उनमें से एक निकोल के पास आया और उसका हाथ पकड़ा।
निकोल- हाथ छोड़ो.. वर्ना पुलिस को कॉल करूँगी।
यह सुनकर ये सब डर गए और जूही को किस करके चले गए।

जूही लंगड़ाते हुए चल रही थी, उसने दरवाज़ा बन्द किया और हमारे साथ बैठ गई।
मैं- तुम जीत गई यार.. मैंने इसको पटाया.. पर तुमने तो तीनों को पटा लिया.. ये सब कैसे किया?

जूही- मैं बोटिंग का मज़ा लेना चाहती थी। जब तुम दोनों बात कर रहे थे। मैं वहाँ से चली आई और नागवा बीच पर आ गई। वहाँ एक नीग्रो बोटिंग करवा रहा था। मैं उसकी बोट में बैठ गई और वो बोट चला रहा था। उसकी नज़र मेरे ऊपर थी और उसके लंड का उभार मुझे छूने लगा। मुझे अंदाज लग गया कि वाकयी में इसका बड़ा होगा।
मैं- फिर क्या हुआ?

निकोल कुछ समझ नहीं रही थी क्योंकि हम हिंदी में बात कर रहे थे।
जूही- फिर उसका हाथ मेरे मम्मों को छूने लगा.. मैं कुछ नहीं बोली। फिर वो मेरी टी-शर्ट को ऊपर से दबाने लगा। मेरे मुँह से ‘आह..’ निकल गया। वो अपना हाथ टी-शर्ट में डाल कर मेरे दूध दबाने लगा। तब मैंने कहा कि बोट को ऐसी जगह ले चलो.. जहाँ कोई ना हो और वो वहीं ले आया.. जहाँ तुम दोनों थे।
मैं- वाओ, फिर?

जूही- फिर तो वो मेरी टी-शर्ट को उतार कर मेरे मम्मों को चूसने लगा और फिर तुम लोगों ने जो देखा। बाद में मैं उससे बोली कि मुझे ग्रुप सेक्स चाहिए। तो वो अपने दो दोस्तों को बुला कर ले आया।
मैं- तुम तो कमाल की स्मार्ट हो। एक साथ तीन लौड़े ले लिए।
जूही- थैंक्स यार, पर मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है.. पर मज़ा भी बहुत आया।

मैं- और गांड मरवा.. लाइफटाइम दर्द हो गया तो क्या होगा? पर तुम्हें मेरी बात माननी ही नहीं है।
जूही- अच्छा तो तुम कुछ इलाज करो ना इस दर्द का।
मैं- निकोल थ्री-सम में इंट्रेस्टेड हो क्या?
निकोल- देखा बहुत है.. कभी किया नहीं.. लेटस ट्राय टुडे।

फिर हम तीनों ने अपने कपड़े निकाल दिए। मैं जूही को किस करने लगा। बड़ा मजा आ रहा था। उसके मम्मों को भी दबा रहा था। उसके साथ अजीब सा अहसास था क्योंकि वो बिंदास लड़की थी। इसको मेरा चोदने का मन जब से था जब से मैंने उसे देखा था और अब वो मेरी बांहों में थी।

निकोल जूही की चूत चाट रही थी, जो काम करने के लिए ही मैंने कहा था, वो इस काम वो बड़े अच्छे से कर रही थी क्योंकि जूही ख़ुशी से कराह रही थी।

फिर मैं जूही की चूत चाटने लगा और निकोल मेरा लंड चूसने लगी, जूही मेरे सर को चूत पर दबा रही थी.. थोड़ी देर बाद वो झड़ गई। फिर वो बोली- जानू अब गांड भी मार दो।

पर मैं कहाँ मारने वाला था, मैं तो उसकी चूत को छोड़ने वाला ही नहीं था।
मैंने इशारे से निकोल को बोल दिया था कि चूत पर ही हमला करे.. क्योंकि मुझे इसकी गांड की आदत छुड़वानी थी।

जूही कितनी कोशिश कर रही थी.. पर मैंने उसकी चूत को नहीं छोड़ा, मैंने अपना लंड जूही की चूत में डाल दिया और धक्के लगाने लगा।
वो मजे से मेरा साथ दे रही थी, साथ में वो निकोल की चूत चूस रही थी।

फिर मैंने कई स्टाइल में जूही की चुदाई की और उसकी चूत में ही झड़ गया।
यही हाल निकोल का भी हुआ।

मैं बहुत थक गया था.. मुझसे भी उठा नहीं जा रहा था। मैंने और निकोल ने जूही की चूत को इतना चाटा था कि उसे चूत चटवाने की आदत पड़ गई।
फिर हम तीनों नंगे ही सो गए, सुबह को 9 बजे उठे, फिर उस दिन भी हमने 2 बार चुदाई की।

वो दिन हमारा आखरी दिन था। फिर अगले दिन जूही निकल गई।

मुझे निकोल को छोड़ने का मन नहीं कर रहा था, पर क्या करता.. मुझे जाना भी था, मैंने निकोल को किस किया और हम दोनों अलग होने लगे, मुझे बड़ा दुःख हो रहा था।

आज भी मैं निकोल और जूही के साथ स्काइप पर बात करता हूँ और रोशनी तो हमारे पड़ोस में रहती ही थी।
आप सभी को मेरा दीवाली व गुजराती नववर्ष का अनुभव कैसा लगा.. जरूर बताइएगा।
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