भाभी के होंठों पर ही मेरा माल

Antarvasna 2014-10-15 Comments

मेरे दोस्त अमित को दुबई गए करीब तीन महीने हो गए थे। वह वहाँ एक गैस कम्पनी में इंजीनियर था। उसका वेतन काफी अच्छा था इसलिए वह साल दो साल तक वापस आने के मूड में नहीं था।

उसकी बीवी नीता जिनको मैं नीता भाभी बुलाता था वह काफी सेक्सी है।

अमित खुद हम लोगों को बताता था कि कैसे वे दोनों कभी कभी दिन में 4-5 बार भी चुदाई करते थे।
सेक्स की दीवानी भाभी उसके लण्ड को पूरा निचोड़ लेती थी।
अमित से ज्यादा नीता भाभी को लण्ड की याद सताती होगी।

एक दिन उसने मुझे फोन करके अपने घर बुलाया, मुझे लगा नीता भाभी को कुछ काम होगा क्यूंकि अमित ने जाते वक्त ही मुझे बोला था कि उसने मेरा नंबर उसकी बीवी को दिया है ताकि कुछ काम हो तो मैं उसकी मदद कर सकूँ।

नीता भाभी मेरे घर से बस दो मिनट के दूरी पर ही रहती थी।

मैं उसी शाम उसके घर गया।

मैंने जब घर जाकर देखा तो नीता भाभी मेरे सामने रोने और आजिजी करने लगी- अपने दोस्त अमित को बोलिए ना कि वे वापस आ जाएँ, मुझे उनके बिना जरा भी अच्छा नहीं लगता।

मैं अभी उसे समझाऊँ, उससे पहले ही वह बोल पड़ी- मुझे रोज रात को उनकी याद सताती है…

मैं समझ गया कि भाभी का इशारा लण्ड की तरफ है जिसकी प्यास उसे अमित को वापस बुलवाने पर तुली हुई थी।

नीता भाभी की उम्र तक़रीबन 30 की है और उसका शरीर मस्त मांसल, उसके चूचे 36″ के और चूतड़ 40″ के होंगे।

वह लण्ड की दीवानी है यह तो मुझे पहले से ही पता था, मैंने उसे कहा- भाभी अमित अभी सेट हो रहा है, होने दीजिए ना। वैसे उसकी जॉब यहाँ अच्छी नहीं थी यह आपको भी पता है। आपकी तकलीफ़ को मैं समझ सकता हूँ लेकिन अभी की स्थिति में अमित का वहाँ रहना उचित है।

नीता के कंधे पर मैंने हाथ रखा और उसे कहा- आप घबराइए मत, कुछ काम हो तो मैं कहाँ दूर रहता हूँ।

भाभी को शायद इन्हीं शब्दों का ही इन्तजार था क्यूंकि वह तुरंत मुझे लिपट गई और उसके कड़े स्तन मेरे छाती को चिपक गए।

मैंने भाभी को जैसे गले लगाया, मेरा लण्ड भी उठ खड़ा हुआ और लण्ड सीधा उसकी चूत के ऊपर अड़ा हुआ था।

भाभी मुझसे अलग होने का नाम ही नहीं ले रही थी।
मेरा लण्ड और भी उत्तेजित होने लगा।

तभी नीता भाभी हटी और बोली- क्या आप आज रात यहीं रुक सकते हैं? माता जी भी आज उनके भाई के वहाँ गई हैं, और मैं उन्हें फोन करके बोल देती हूँ कि वो मेरी फ़िक्र ना करें..!!!

लण्ड देखा नहीं चूत को चुदाई का मन हो चला।
यही बात मेरे लौड़े की कि चूत देखी और मचल गया, मैंने भाभी को हाँ में मस्तक हिला के जवाब दिया।

भाभी ने फोन किया और वो जो बोली उससे मेरा लण्ड और भी उठ गया.. उसने अपनी सास से कहा- मेरी एक सहेली घर आई है, वो रात को हमारे घर ही रुक जाएगी, तो आप नहीं आ पायें तो भी ठीक है, मुझे कोई डर नहीं है।

मुझे लगा कि यह आज लौड़ा जरूर ले लेगी।

उसने फोन रख कर मुझसे पूछा- आप खाने में क्या पसन्द करोगे? वैसे मैंने खाना बना लिया है।

मैंने कहा- बस ठीक है जो भी आपने बनाया हो।

नीता ने खाना लगाया, हम दोनों ने खा लिया तो उसके बाद उसने पूछा- आप कॉफ़ी लेंगे?

मैंने हाँ कहा और वह कॉफ़ी बनाने लगी।

कॉफ़ी पीने के बाद हम लोग इधर उधर की बातें करते हुए बैठे थे तभी मुझे लगा कि मुझे नींद आने लगी है।
वैसे मैं 12 बजे से पहले कभी सोता नहीं था लेकिन आज जैसे की आँखें बंद हुए जा रही थी।

मैंने नीता भाभी से चादर मांगी और मैं सोफे पर ही सो गया।

रात के बीच में मुझे मेरे लण्ड के ऊपर हलचल महसूस हुई और जब मैंने मुश्किल से आँख खोली तो मैं चौंक गया।

नीता भाभी ने मेरा लण्ड बहार निकाला हुआ था और वह उसे मुँह में लेने लगी थी।

आग मेरे बदन में भी लगी थी इसलिए मैंने कुछ कहाँ नहीं।

मुझे जगा हुआ देख नीता भाभी ने मुझे एक शैतानी स्माइल दे दी।

मैं भी चुपचाप उसे लौड़ा चूसते देखता रहा।
यह रंडी भाभी पूरे लौड़े को मुख में ले ले कर अंदर बाहर करने लगी और बीच बीच में उसे हिला भी रही थी।

इस चुदक्कड़ भाभी ने मेरा लौड़ा पाने के लिए शायद कॉफ़ी में नींद की गोली डाली हुई थी जिससे मैं सो जाऊँ और इस चुदक्कड़ को लौड़े से खेलने का रास्ता साफ़ मिल जाए।

नीता लण्ड चूसती रही और हिलाती रही, कुछ देर में मुझे लगा कि पूरा लण्ड कंपकपा रहा है और जैसे उसके अंदर ढेर सारा खून आ गया है।

तभी लण्ड ने वीर्य की पिचकारी मारी और भाभी के होंठों पर ही मेरा माल बह गया।

भाभी अपनी जुबान से उसके होंठों पर लगा वीर्य चाट गई।
अमित की बीवी सच में महा-चुदक्कड़ थी।

भाभी मुँह साफ़ करते हुए उठी और बोली- एक कॉफ़ी लेंगे आप?

मैंने कहा- हाँ… लेकिन इस बार उसमे नींद की गोली मत डालना।

भाभी हंस पड़ी और कुछ देर बाद कॉफ़ी ले आई।

हम दोनों सोफे पर ही कॉफ़ी की चुस्कियाँ लेते रहे।

कॉफ़ी ख़त्म होते ही भाभी ने अपनी नाईटी की डोरी खोल दी और वह ब्रा पेंटी में ही मेरे सामने खुल पड़ी।

मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रखा और उसके चूचे दबाये।
भाभी आह आह्ह्ह करने लगी।

मेरा लण्ड एक मिनट में ही फिर से खड़ा हो गया, भाभी ने लौड़े को हाथ में लिया और हिलाने लगी।

मैंने उसका हाथ पकड़ के दूर किया, मुझे असली चूत का मजा चाहिए था मैं नहीं चाहता था कि मेरा वीर्य ऐसे ही बाहर आये।

भाभी भी मेरा इरादा समझ गई और अपने पेंटी को उतार कर सोफे पर ही लेट गई।

सोफ़ा काफी बड़ा था जिसके ऊपर आराम से चुदाई हो सकती थी।

मैंने सही एंगल सेट किया और अपना लण्ड एक ही झटके में इसकी देसी चूत के अंदर धकेला, भाभी आह आह ओह ओह करती रही और मैं उसकी चुदक्कड़ चूत को पेलता रहा।

भाभी की चूत एकदम रसीली और गर्म थी, मुझे उसकी चूत का अलग ही मजा आ रहा था।

मैंने करीब 10 मिनट तक उसे ऐसे ही चोदा और फिर अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला।

भाभी को मैंने कान में कहा- भाभी, जो आपको पसंद हो, वो स्टाइल में करते है!

नीता भाभी तुरन्त अपनी गांड को सही से उठा कर के कुतिया यानी कि डौगी स्टाइल में लेट गई।

मैंने उसके दोनों कूल्हों पर अपने हाथ रखे और लण्ड को चूत के अंदर पीछे से सेट किया।

एक हल्का झटका मात्र और पूरा लौड़ा चूत के अंदर घुस गया, इस पोजीशन का अपना अलग ही मजा है और भाभी की तरह यह मेरी भी फेवरेट पोजीशन है।

हम दोनों ही मस्त हिल हिल के एक दूसरे को चोदते रहे। भाभी भी गांड को मस्त हिला कर लौड़ा चूत के अंदर तक ले रही थी।

उसके बड़े चूतड़ हिलते हुए बहुत ही सेक्सी लग रहे थे।

मैंने अपने चोदने की गति और बढ़ा दी और भाभी की चूत से झाग निकालने लगा।

मैं यह देख और भी उत्तेजित हुआ और लौड़ा और जोर से चूत में देने लगा और एक फव्वारा छूटा और पूरा वीर्य भाभी की चूत के अंदर निकल गया।

भाभी चूत के होंठो को भींच के लण्ड का पानी चूत में सँभालने लगी!

उस रात नीता भाभी ने मेरे लण्ड को 4 बार ख़ाली किया और हम दोनों सुबह तक सेक्स करते रहे।

सवेरे सवेरे ही मैं कपड़े पहन के अपने घर की ओर निकल पड़ा, नीता भाभी को अगले रविवार मिलने का वादा कर के!

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