कमसिन साली की मस्त चुत चुदाई

(Kamsin Sali Ki Mast Chut Chudai)

संत लाल 2018-07-25 Comments

मैं मनजीत 28 वर्ष का 6 फिट 2 इंच का हट्टा कट्टा नौजवान हूँ. मैं दिखने में काफी स्मार्ट हूँ. मेरे लंड का साइज 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. इतना कड़ियल लंड है कि एक बार जिसकी चूत को चोद दिया तो वो दोबारा चुदने को बेताब रहती है. मेरे लंड पर काला तिल है और कहते हैं कि जिसके लंड या चुत पर काला तिल हो, वो बहुत सेक्सी होता या होती है. मैंने आज तक बहुत सी चुतों को चोदा है. स्कूल समय से ही मुझे चूत चोदने की लत लग गई थी.

यह मेरे जीवन की सत्य कहानी है, मेरे ससुर दो भाई हैं. ससुराल का गांव जिला झुंझुनू राजस्थान में है. वे दोनों भाई साथ एक ही घर में रहते हैं. मेरे छोटे ससुर की बेटी ममता सैनी (बदला हुआ नाम) उस समय 18 साल की थी और कॉलेज में बीएससी सेकण्ड इयर में पढ़ रही थी. उसका साइज 28-30-32 का रहा होगा और कद 5 फिट 3 इंच, रंग गोरा है. वो बहुत ही सेक्सी मिजाज की लौंडिया थी. साली इतनी सेक्सी थी कि उसको देख कर बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए.

मैं जब भी ससुराल जाता तो वो बहुत मुझसे मजाक करती थी. मैं भी उसको गले लगाने के बहाने खूब चूचियों से अपना सीना रगड़ देता. उसकी कसमसाहट भी मुझे हरी झंडी सी लगती थी.

धीरे धीरे उसको मैं होटल में ले जाने लगा और कॉलेज मिस करके घुमाने ले जाता. वो मुझसे काफी प्रभावित थी. मैंने उसको एक फोन लेकर दिया, जिसको वो छुपा कर अपनी पेंटी में रखती थी. जब मैं ड्यूटी पर होता तो देर रात तक उससे फोन पर सेक्सी चैट करता था और बहुत ज्यादा बात भी करता था.

एक दिन शाम के समय पत्नी को लेकर ससुराल गया था. खाने पीने के बाद मैंने उसको बोला कि आज हमारे साथ ही सो जाना.
वो एकदम से तैयार हो गई.

रात को मैं मेरी पत्नी और ममता एक रूम में सोए. बीच में मेरी पत्नी सो रही थी. जब मेरी पत्नी को नींद आ गई तो मैंने धीरे से ममता के चूचों पर हाथ रखकर हल्के हल्के दबाने लगा. उसको भी मजा आने लगा और वो धीरे धीरे गर्म होने लगी.

मेरे हाथ ऊपर से नीचे आने लगे. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो वो चिहुँक उठी और मेरा हाथ पकड़ कर दूर करके फुसफुसा कर बोली- दीदी जग जाएगी.
मैंने उसकी दीदी के ऊपर से होकर उसको लिप किस किया, जिसमें उसने खुल कर साथ दिया.
लेकिन तभी बीच में मेरी पत्नी जाग गई, जिससे हमारी हरकत बंद हो गई.

देर रात को फिर हम भी सो गए. दूसरे दिन जब भी हम दोनों को मौका मिला, हमने खूब गले लग कर चूमाचाटी की.

मैंने उससे रात में पूरा खेल खेलने की बात कही तो उसने कहा- दीदी तो हैं.
मैंने कहा कि वो मेरी चिंता है, तुम बस आज मेरे लंड की सवारी करने के लिए तैयार रहना.
वो हंस दी.

मैं मेडिकल स्टोर से नींद की गोली ले आया और शाम को मौसमी के जूस में डाल कर सबको पिला दिया.

रात को सोते समय मेरी पत्नी बोली कि सिर दर्द कर रहा है तो मैंने उसको एक और नींद की गोली देकर सुला दिला.

आज भी ममता हमारे पास ही सो रही थी. मैं उन दोनों के बीच में सो गया. जल्दी ही पत्नी को नींद आ गई. उसके बाद मैंने धीरे धीरे ममता को सहलाना शुरू कर दिया.

काफी देर तक लिप किस किया और चूचों को दबाया, तो वो आह आह करने लगी. हम दोनों नीचे फर्श पर आ गए और अपनी रासलीला शुरू कर दी.

मैंने उसकी कमीज ओर ब्रा को निकाल दिया, जिससे उसके चुचे उछल कर बाहर आ गए. मैं तो उसके चुचे देखकर पागल हो गया और उनको मुँह में लेकर चूसने लगा. कसम से बहुत मजा आ रहा था. एक को चूस रहा था, दूसरे को हाथ से मसल रहा था. बारी बारी से दोनों चूचों को खूब चूसा. ममता भी खूब गर्म होकर आहें भरने लगी थी.

तभी मैंने उसकी सलवार खोल दी. उसी जाँघें बड़ी ही चिकनी थीं. चूत पर हाथ लगाया तो पूरी गीली हो रही थी, जिससे उसकी पैंटी भी गीली हो रही थी.

धीरे धीरे मैंने उसके शरीर पर हाथ घुमाना शुरू किया. चुत में उंगली डाल कर हल्के हल्के सहलाया, जिससे वो और भी गर्म होने लगी. इसके बाद मैंने धीरे धीरे अपनी जीभ को उसके चूचों पर से फिराता हुआ नाभि और चुत की तरफ बढ़ना शुरू किया. जैसे ही जीभ को चुत के दाने पर लगाया, तो वो बुरी तरह मचलने लगी और मेरे सिर को चुत पर दबाने की कोशिश करने लगी.

मैंने चुत को मुँह में भर लिया और हुमक हुमक कर चूत चूसने लगा. ममता टांगें खोल कर बुरी तरह से आहें भरने लगी.

मैंने उसकी चूत को लगभग पूरा अपने मुँह में भर कर चूसा तो उसका रस छूट गया. इसके बाद वो ढीली पड़ गई. लेकिन दो मिनट बाद ही उसने झटपट मेरे सारे कपड़े उतार फेंके तथा मुझे नंगा कर दिया.

वो मेरे हब्शी लंड को देखकर घबरा गई और बोली- जीजू, इतना बड़ा मेरी चुत में कैसे जाएगा.. मैं तो मर जाऊंगी.
मैं बोला- मेरी जान घबराओ मत, देखना तुम न केवल इस लंड को पूरा अन्दर ले लोगी और मजे ले ले कर चुत चुदवाओगी. अभी तू इसको अपने मुँह में लेकर इसको चूस दे.

उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. हम 69 की पोजीशन में आ गए और लंड चूत दोनों की चुसाई होने लगी.
कुछ देर बाद वो बोली- बस अब और मत तड़पाओ.. जीजू, जल्दी से लंड अन्दर डाल दो.

मैंने उसकी दोनों टांगों को हवा में उठाया और हल्के से लंड को चुत पर रख कर धक्का दिया तो लंड अन्दर नहीं गया.. बाहर ही फिसल गया. फिर थोड़े जोर से धक्का दिया. उसकी चुत पूरी गीली होने के कारण टोपा अन्दर चला गया. थोड़ा और जोर लगाया और लंड थोड़ा और अन्दर डाल दिया. ममता दर्द से चिल्लाने लगी और ‘ऊई माँ..’ करने लगी.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर कैद कर लिया और रुक कर किस करते हुए उसकी जीभ को चूसने लगा. जैसे ही उसको दर्द कम हुआ तो मैंने एक जोरदार शॉट दे मारा. मेरा पूरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ अन्दर जड़ तक घुस गया. वो बुरी तरह से छटपटाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी. मैंने धक्के लगाने बंद कर दिए और उसके होंठों को चूसता रहा. थोड़ी देर बाद जब लंड ने चुत से दोस्ती कर ली और उसका दर्द कम हुआ तो मैंने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए.

अब उसको भी दर्द कम होकर उसको मजा आना शुरू हो गया था, तो वो भी गांड को उठा कर नीचे से झटके लगाने लगी. कुछ ही देर की चुदाई में उसकी चूत रसीली हो गई जिससे लंड ने चूत में सटासट अन्दर बाहर होना शुरू कर दिया.

अब उसको भी बेहद मजा आने लगा और वो अपनी गांड उठाते हुए मेरे लंड की हर ठोकर का जबाव देने लगी. साथ ही वो आहें भरने लगी और बोली- आह.. चोदो मेरी जान.. खूब जोर से चोदो.. फाड़ दो मेरी चूत को.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत मजा आ रहा है मेरी जान.
उसकी आवाजों से मेरा भी जोश बढ़ रहा था. मैं भी खूब तेज झटके लगाने लगा. थोड़ी देर में वो अकड़ने लगी और बोली- मेरी जान तेज करो.. मेरा होने वाला है.

उसने मुझे कस कर पकड़ना शुरू कर दिया और तभी उसका पानी निकल गया. वो निढाल हो कर पड़ गई. पहले यो मैंने सोचा कि इसकी झड़ी हुई चुत को लगातर चोदता रहूँ. पर उसकी शिथिलता ने मुझे लंड बाहर निकालने पर मजबूर कर दिया. दूसरी बात ये भी थी कि लंड को भी चूत की रगड़ का मजा नहीं मिल रहा था.

मैंने लंड बाहर खींचा और रुक कर उसको दोबारा गर्म करना शुरू किया. मेरा लंड उसके खून और पानी से बुरी तरह से सन गया था. मैंने उसकी ही सलवार से उसकी चूत और लंड को साफ किया और दोबारा उसकी चूत को चाटना शुरू किया. कुछ ही पलों में मेरी जीभ की नरमाहट से ममता फिर से गर्म होने लगी और खुद ही लंड को पकड़ कर अन्दर डालने लगी. इस बार मैंने उसको मेरे लंड के ऊपर बैठने को बोला तो वो चूत को लंड में फंसा कर बैठ गई और पूरा लंड अन्दर लेने के बाद धीरे धीरे झटके मारने लगी.

ममता आहें भरने लगी. उसने दस मिनट तक मेरे लंड की सवारी की और बोली- जान मैं थक गई हूँ अब मुझसे इस तरह से नहीं हो पाएगा.
मैंने उससे कहा- चल अब तू कुतिया बन जा.
वो झट से कुतिया बन गई, तो मैं उसे कुतिया बना कर चोदने लगा. उसके इस पोजीशन में मम्मे नीचे हिल रहे थे. मैंने उसके मम्मों को अपनी हथेली में भरा और मसलते हुए चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया.

मुझे उसकी चूत इतना अधिक मजा दे रही थी कि क्या बताऊं. फिर मैंने खड़े होकर उसे गोद में लेकर चोदा. जैसे ही वो दोबारा अकड़ने लगी तो फिर से बेड पर लिटा कर तेज झटके मारने शुरू कर दिए क्योंकि अब मेरा भी होने वाला था.
कुछ जोरदार झटकों के साथ हमारा दोनों का एक साथ ही निकला और हम ऐसे ही पड़े रहे. काफी देर तक एक दूसरे को चूसते रहे.

इस चुदाई में सच में बहुत मजा आया. उसके बाद रात को हमने एक बार और चुदाई की. फिर उठ कर दोनों अलग अलग होकर बाथरूम में गए और उसने रात को ही सलवार ओर तौलिया को धोया. क्योंकि दोनों ही खून में भर गए थे.. वो वर्जिन थी और चुदाई के बाद उससे सही चला भी नहीं जा रहा था.

मैंने उसकी चूत पर तेल की मालिश की और एक पेनकिलर दी. इसके बाद हम दोनों सो गए.

इसके बाद तो जैसे वो मेरे लंड के लिए मचलने लगी थी. मैंने भी उसको बहुत बार चोदा.. अब तो उसको मेरे लंड की लत लग गई थी.

अभी जब भी मैं जॉब से छुट्टी पर घर आता तो हर बार ससुराल जाकर ममता की चुदाई करता हूँ. एक बार मैं उसके घर गया हुआ था और किसी काम से दोपहर में झुंझुनू शहर आया. गर्मियों के दिन थे. दोपहर को उसको चुदाई की जबरदस्त तलब हुई, सारे घर वाले सोये हुए थे. उसने मुझे फोन किया कि जल्दी आ जाओ.. मुझे अभी चुदाई करवानी है, अभी लंड चाहिए.

मैं किसी काम में व्यस्त था लेकिन फिर भी उसकी चुदास को समझते हुए किराए की गाड़ी करके तुरन्त उसके पास आ गया और बाथरूम करने टॉयलेट में घुस गया. वो भी मेरे पीछे घुस गई. उसने मेरा लंड पकड़ कर मुँह में भर लिया और मेरा पूरा पेशाब पी गई.
वो वहीं मुझसे बुरी तरह से चिपट गई, लेकिन बाथरूम में गर्मी बहुत थी तो हम ऊपर चौबारे में आ गए और फर्श पर गद्दा डाल कर मैंने उसकी जबरदस्त 2 बार मस्त चुदाई की.

एक बार मैं अपनी बीवी के साथ ससुराल गया था. मैंने उसको पकड़ कर चूमा और सोचा कि इसकी चुत मेरा मोटा लंड खा खा कर ढीली हो गई.
मैंने उसको बोला- यार मुझे आज तेरी गांड मारनी है.
वो बोली- रात को सबको करेले की सब्जी में नींद की गोली मिला कर खिला देंगे.. फिर गांड मार लेना.

रात के खाने में हमने नींद की गोली डाल दी.

उसकी दीदी को एक उसने एक गोली एक्स्ट्रा खिला दी. फिर सबके सोने के बाद वो मेरे पास आ गई. आज वो साथ में वैसलीन लेकर आई. अब शुरू हुआ जबरदस्त चुदाई का खेल. पहले चुत को चोदा.. फिर लंड और उसकी गांड के छेद पर वैसलीन लगा कर लंड अन्दर डाला तो उसने जम्प किया और बोली कि मुझे नहीं मरवानी गांड.. बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने कहा कि ओके मेरी जान धीरे धीरे डालूंगा.. अभी दर्द नहीं करूँगा तो बड़ी मुश्किल से मानी.

फिर धीरे धीरे लंड को गांड में डाला. अब उसको भी मजा आने लगा और खुद ही गांड को आगे पीछे करने लगी. गांड मारने के बाद फिर से एक बार चूत की चुदाई की. उसके बाद से हमेशा वो चूत और गांड दोनों की चुदाई कराती है. वो दोनों तरफ खिल गई है.

कई बार मैंने उसकी सीढ़ियों में भी चुत को चाट कर खड़े खड़े भी चुदाई की. वो मेरे लंड की इतनी आदी हो गई कि अपनी दीदी से मिलने के बहाने मेरे घर पर आ जाती और हम फिर जम कर चुदाई का गेम खेलते.

उसके घर पर एक रूम था, जिसमें वो लोग पशुओं का चारा रखते थे. हमने उस रूम का कोड ताज रखा हुआ था तो हमने ताज में भी खूब चुदाई की. जब उसको चुदाई का दिल करता तो वो बोलती कि ताज में आ जाओ. इस प्रकार उसकी छोटी सी चूत पूरा भोसड़ा बन गई.

उसको कई बार मैंने कॉलेज से बुला कर होटल में चोदा ओर उसके घर जाते हैं, तो रास्ते में बीहड़ पड़ता है. उस जंगल में भी हम दोनों ने खूब रंगरेलियां मनाईं. शुरू में वो शरीर से पतली थी लेकिन अब उसकी गांड भारी हो गई है उसकी कॉलेज की लड़कियां बोलती हैं कि ममता तुम तो ऐसी हो गई हो जैसे शादी के बाद लड़कियां हो जाती हैं.. क्या चक्कर है, किसी का लंड ज्यादा तो नहीं लेने लग गई.
वो हंस देती और कहती- तुमको भी लेना हो बोलो.. पूरी लौकी जितना लंड घुसवा दूँगी.

अब उसकी छोटी बहन पूजा भी जवान हो गई है. उसको किसी तरह हमारी कहानी का पता चल गया तो उसने मुझे कहा- जीजू, क्या बात है, ममता दीदी पर बड़े फिदा हो रहे हो.

अगली बार की चुदाई की कहानी में आपको लिखूंगा कि मैंने उसको किसी तरह पटाया कि ये किसी को बता ना दे.
मैंने पूजा को भी काफी गिफ्ट देना शुरू किया ताकि उसको भी चोद सकूं. पूजा की चुदाई किस प्रकार की हुई, ये मैं अगली कहानी में बताऊंगा.
आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
[email protected]

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