रंग में संग

gupta99 2007-08-02 Comments

प्रेषिका : विधि गुप्ता

मेरा नाम विधि है। यह मेरी पहली कहानी है और सच्ची कहानी है। अगर आप इस कहानी को पसंद करेंगे तो मैं और भी कहानी लिखूँगी।

मैं मुंबई में रहती हूँ, मेरे पापा रेलवे में अधिकारी हैं। हमारे परिवार में पापा-मम्मी और मैं ही हूँ। मेरी परवरिश अच्छी तरह से हुई है। अब सेक्स के बारे में मैं क्या बताऊँ। इस सेक्स के लिए मैं बहुत तड़फ़ी थी। जब मेरी उम्र बीस साल की थी तब मैंने पहली बार सेक्स किया था। तब मेरे पास चूत थी आज मेरे पास भोसड़ा है। अब मैं आपको अपनी पहली चुदाई कहने जा रही हूँ तो आप सब लोग अपना हथियार पकड़ कर रखना क्यूंकि यह कहानी पढ़कर आप सब लोगों के हथियार में से पानी निकल जायगा।

कहानी उन दिनों की है जब मैं अपने मामा के घर गई थी। मामा के परिवार में मामा-मामी और उसका बड़ा बेटा निखिल हैं। निखिल की उम्र भी बीस साल की थी। जब मैंने उसको देखा तो देखती ही रह गई, क्यूंकि उसकी बॉडी बहुत सेक्सी थी जिस पर हर लड़की मर-मिटे।

मैंने उसे चुदवाने की ठान ली। मेरा फिगर 34-26-36 है। वो भी मुझे देखता ही रह गया और मुझसे बातें करने लगा, मेरे करीब आने लगा। वो मेरे बदन को निहारने लगा, मैं उसके सामने कई बार झुक जाती और वो मेरे वक्ष को देखने लगता इस तरह मैं उसे अपने जाल में फ़ंसाने लगी।

हम रात को एक ही कमरे में सोते थे। जब हम रात को सोने गए तब थोड़ी देर बात की और सोने की तैयारी करने लगे।

मैंने उसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है?

तो उसने जवाब में मना किया और बोला- तुम मेरी गर्ल फ्रेंड बन जाओ।

मैंने हाँ कर दी। तो उसने मेरे गालों को चूम लिया। मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं उसके होंठों को चूमने लगी और वो भी मेरे होंठों को जोर से चूमने लगा। मुझे पता भी नहीं चला कि कब मेरे कपड़े उतार लिए। वो मेरे स्तनों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा। फिर उसने ब्रा को भी अलग कर दिया और मेरे चुचूकों को चूमने लगा। मेरे बदन में चींटियाँ रेंगने लगी। बाद में उसने अपने कपड़े भी उतार दिए। मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और चूमने लगी।

उसने मेरी पेंटी उतार दी और मेरी चूत को चाटने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं उसके मुँह में ही झड़ गई। वो मेरे रस को चाटने लगा फ़िर अपना लंड मेरी चूत पर फिराने लगा। एक झटके में उसका आठ इंच का लंड मेरी चूत में आधा घुस गया। मैं चिल्लाने लगी तो उसने मेरे मुँह पर अपना मुँह रख दिया। दूसरे झटके में पूरा लंड घुसा दिया और मुझे चोदना शुरु कर दिया। मैं भी कमर उठा कर उसका साथ देने लगी और मेरे मुँह से आहऽऽ आआआ ऊऊऊऊ म्म्म्म्म्म्म्ममअहहहहह की आवाजें निकलने लगीं ! जोश के कारण मैं बोलने लगी- और चोदो ! और चोदो ! और चोदो !

उसने कहा- ले रांड ! और ले ! खा मेरा लंड !

फिर उस ने मुझे कुतिया बनाया और मुझे खूब चोदा! फिर वो झड़ने वाला था तो उसने मुझसे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ !

उसके झड़ने से पहले ही मैं तीन बार झड़ चुकी थी तो मैंने उसे कहा- मेरी चूत में ही झड़ जाओ !

वो मेरी चूत में ही झड़ गया।

उस रात मैं तीन बार चुदी और उसने मेरी गांड भी मारी।

कैसी लगी मेरी कहानी ? मेल जरूर कीजिएगा।

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