रैगिंग ने रंडी बना दिया-107

(Beti Ki Saheli Ki Chudai : Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 107)

पिंकी सेन 2017-12-27 Comments

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हैलो दोस्तो, आपकी दोस्त पिंकी आपके मनोरंजन का सेक्स से भरा हुआ पार्ट लेकर आ गई. सॉरी दोस्तो मेरी तबीयत इन दिनों खराब चल रही है, लेकिन अब कहानी के अंत तक कोई देरी नहीं होगी, अब नियमित रूप से आपको मेरी इस सेक्स स्टोरी का मजा मिलता रहेगा.

दोस्तो, गुलशन जी को पता चल गया है कि फ्लॉरा उनकी सग़ी भांजी है, वो अपनी भांजी की चिकनी चूत चोद चुका है. अब आज देखो कि फ्लॉरा भी जान पाती है या नहीं कि गुलशन जी उसके मामा हैं.

गुलशन- अरे रिश्ते तो कच्चे धागे जैसे होते हैं, वो कभी भी टूट सकते हैं. सबसे बड़ा रिश्ता तो प्यार का होता है जो हमारे बीच हो चुका है.
फ्लॉरा- आपकी बात सही है अंकल मगर करीब के रिश्तों में मेरा झुकाव ज़्यादा रहा है, अब आप कुछ भी समझो.

गुलशन जी समझ गए कि अब ज़्यादा खींचना ठीक नहीं होगा वरना फ्लॉरा सच जान जाएगी. वो अभी उसको कुछ भी बताना नहीं चाहते थे वैसे अगर बता भी देते तो फ्लॉरा बहुत खुश हो जाती. मगर फिर सुमन को सब पता लग जाता, उसके बाद ममता और गुलशन जी अभी ये बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनकी बहन से उनका सामना हो.

फ्लॉरा- आप किस सोच में पड़ गए अंकल?
गुलशन- कुछ नहीं, बस सोच रहा हूँ अबकी बार तुम्हें अपने ऊपर कुदवाऊं या गोदी में लेकर चोदूँ… हा हा हा हा.
फ्लॉरा- आप भी ना अंकल… सच में बड़े चोदू हो.
गुलशन- अब रेस्ट टाइम पूरा हो गया है चलो मेरे लंड को चूस कर गीला करो उसके बाद मैं तुम्हें लंड की सैर कराता हूँ.
फ्लॉरा- हाँ जरूर… चलो आप भी मेरी चुत को चाट कर मजा दो, उसके बाद तो आपके अजगर से इसकी शामत आनी ही है.. हा हा हा..

दोनों चुदाई की मस्ती में खो गए और जैसा कि गुलशन जी ने कहा था, अबकी बार फ्लॉरा को ऊपर कुदवाया. उसकी अच्छे से चुदाई की, गांड भी जमकर मारी, उसके बाद दोनों थक गए.
गुलशन अपनी बेटी की सहेली की चुदाई करके बहुत खुश था.

फ्लॉरा ने जल्दी से कपड़े पहने और कमरे से निकल गई. उसने सुमन को उठाया वो उस वक़्त बड़े मज़े से सो रही थी.
फ्लॉरा- हैलो महारानी उठो तुम यहाँ चैन की नींद ले रही हो और वहां तुम्हारे पापा ख़ूँख़ार जानवर बने हुए हैं.
सुमन- उउउ सोने दो ना.. क्या हुआ? आप कहाँ थीं अब तक?
फ्लॉरा- तू तो सो गई और मैं तेरे पापा के मज़े लेने गई थी मगर उल्टा उन्होंने मेरे मज़े ले लिए यार.

सुमन- क्या बोल रही हो आप यानि पापा के साथ आपने खेल कर लिया?
फ्लॉरा- कर लिया? अरे पागल उन्होंने चोद चोद कर मेरी हालत बिगाड़ दी. चल अब मुझे जाना होगा, नहीं 9 महीने बाद तेरा भाई मेरे पेट से पैदा हो जाएगा. तेरे पापा ने सारा रस मेरे अन्दर ही डाल दिया है.
सुमन- आप भी ना फ्लॉरा दीदी ऐसा कुछ नहीं होगा, मेरे अन्दर भी तो…

सुमन बोलते बोलते रुक गई उसको अहसास हो गया कि उसने बहुत बड़ी बात बोल दी है, अब फ्लॉरा को पता लग जाएगा.
फ्लॉरा- क्या बोली? फिर से बोल मैंने ध्यान नहीं दिया. उफ़ ये तेरी मैक्सी भी नहीं निकल रही यार.
सुमन ने चैन की सांस ली कि फ्लॉरा का ध्यान कहीं और था, उसने वो बात सुनी ही नहीं.
सुमन- कुछ नहीं, आप भी दीदी की तरह गोली खा लेना.. आपको कुछ नहीं होगा.

फ्लॉरा ने जल्दी से कपड़े बदल लिए और सुमन को किस करके आज की मस्त चुदाई के लिए थैंक्स कहा और फिर वहां से सीधी घर चली गई.

फ्लॉरा के जाने के बाद दोनों बाप बेटी मिले और आपस में बातें की, गुलशन जी ने बताया कि कैसे उसने फ्लॉरा को मज़े दिए, अब वो दोबारा भी उनसे चुदवाने जरूर आएगी. अब बस टीना को काबू में करना था. वैसे तो सुमन ने मॉंटी को कुछ समझाया था, अब वो कितना काम करता है.. ये आने वाला वक़्त ही बताएगा.

यहाँ का खेल खत्म हो गया तो चलो पीछे जाकर टीना और मॉंटी को भी देख आते हैं कि वहां क्या हुआ होगा.

टीना- अरे मेरा सोना भाई, कहाँ था तू.. और सुना आज तुमने सुमन के साथ खूब मस्ती की होगी ना?
मॉंटी- क्या खाक मस्ती की.. सुमन दीदी तो सो गई थीं. मैंने उठाया तो गुस्सा हो गईं.. और बोलीं कि टीना आए तो उससे मस्ती कर लेना, वो थकी हुई है.
टीना- क्या उसने ऐसा कहा.. तुम्हें गुस्सा भी किया? आने दो उसको आज मैं उस सुमन की अच्छी तरह खबर लेती हूँ.
मॉंटी- बस दीदी आप उनको कुछ नहीं कहोगी, ग़लती उनकी नहीं है. ग़लती आपकी है आप मेरी दीदी हो, फिर मुझे मजा क्यों नहीं देती आप.. हाँ?
टीना- दिमाग़ खराब है तुम्हारा? मैं तुम्हारी दीदी हूँ समझे.. और क्या मैं अपने ही भाई के साथ ये सब करूं?
मॉंटी- सुमन भी तो दीदी हैं उसको आप करने को बोल सकती हो तो खुद क्यों नहीं?
टीना- अब तुम्हें कैसे समझाऊं वो बस नाम की दीदी है.. और मैं तुम्हारी सग़ी बहन हूँ समझे.. और ये जो मज़े मज़े करते हो तुम, ये समाज की नज़र में गंदी बात है समझे!
मॉंटी- खुजली मिटाना कैसे गंदी बात हो गई.. और पहले तो नहीं थी आज कैसे हो गई?

मॉंटी ज़िद पे अड़ा था और टीना को उसके सवाल परेशान करने लगे थे तो वो गुस्सा हो गई.
टीना- बस मॉंटी बहुत हो गया चुपचाप यहाँ से चला जा.. नहीं तो तू अब मुझसे मार खाएगा.
मॉंटी- आपको मारना है मार लो आप.. या मैं खुद आज मर जाऊंगा या तो आप मुझे बताओगी कि आपने मेरे साथ वो सब सुमन को करने को कहा. अगर वो ग़लत था तो ये कैसे गलत है? मुझे ये सब जानना ही है, नहीं तो आज आप मेरा मरा मुँह देखोगी.

मॉंटी की आँखों में अलग ही तेज था. उसका रौद्र रूप देख कर टीना भी डर गई.
टीना- नहीं मेरा सोना भाई.. ऐसा सोचना भी मत.. अम्म… मैं तुम्हें सब कुछ बताती हूँ.
मॉंटी- ठीक है फिर बताओ क्या बात है?
टीना- देखो भाई तुम बहुत भोले हो. आज के जमाने में इतना सीधा होना ठीक नहीं, इसलिए मैंने सुमन का सहारा लिया. हाँ मानती हूँ कि वो कोई इलाज नहीं, वो सेक्स था जो एक गंदी बात है. मगर आज नहीं तो कल तुम्हें ये सब सीखना ही होगा ना.. इसलिए मैंने ये सब किया. अब तुम ये मेरे साथ करना चाहते हो भाई, ये ग़लत है. रिश्तों में ये सब नहीं होता.. हम इंसान हैं, जानवर नहीं जो किसी रिश्ते नाते को ना माने.. और तुम मेरे सगे भाई हो, तुम और मैं सब करें, ये नामुमकिन है. मेरी बात को समझो.

मॉंटी- समझ गया दीदी रिश्तों में ये नहीं करना चाहिए. ये सिर्फ़ जानवर करते हैं और दीदी जानवर तो सबके साथ करते हैं ना?
टीना- हाँ भाई, इंसानों में जोड़ी होती है मगर जानवर किसी के भी साथ कर लेते हैं. एक के बाद दूसरा या तीसरा.. उन्हें कोई फरक नहीं पड़ता. और सबसे बड़ी बात वो पेट से होते हैं, उनको बिल्कुल पता नहीं होता कि वो बच्चा किसका है.
मॉंटी- आपकी बात एकदम सही है दीदी मगर एक बात पूछूँ.. मैंने सुना है इंसानों में तो जानवरों से ज़्यादा गंदगी है. वो तो कभी किसी के साथ कभी किसी के साथ करते हैं.. मगर इंसान तो एक साथ यानि एक लड़की और कई लड़के करते हैं. उनको क्या कहेंगे? क्या वो इंसान हैं है या कुछ और हैं?

मॉंटी की बात सुनकर टीना के पैरों तले ज़मीन निकल गई क्योंकि इतना सा लड़का और इतनी बड़ी बड़ी बातें कर रहा था.

टीना- तत..तू ये क्या बोल रहा है किसने बताया तुम्हें.. ये सब कौन करता है ऐसे.. ये सब झूठ है.. ऐसा कुछ नहीं होता.
मॉंटी- दीदी झूठ मत बोलो, मेरे फ्रेंड ने सब देखा है इसी लिए आपसे पूछ रहा हूँ.. बताओ उस लड़की को क्या कहेंगे, जो एक साथ कई लड़कों के साथ ऐसा करती है?
टीना- चुप रहो कब से सुन रही हूँ.. बकवास पे बकवास किए जा रहा है.. ऐसा मैंने कुछ नहीं किया.

गुस्से में टीना बहक गई और उसने वो बोल दिया जो मॉंटी सुनना चाहता था.

मॉंटी- दीदी रिलॅक्स.. क्या हो गया है आपको! मैंने आपका नाम कब लिया? मैं तो बस ऐसे ही बता रहा था. वैसे दीदी आप इतनी टेंशन में क्यों आ गईं?
टीना अपनी ही बात से सकपका गई और फ़ौरन उसने बात पलट दी. वो अच्छी तरह समझ गई कि मॉंटी को जरूर सुमन ने कुछ बताया है मगर उसका नाम लेना अभी ठीक नहीं होगा. इस वक़्त चुप रहने में भलाई है. उसने बाथरूम का बहाना बना कर वहां से निकलना ठीक समझा.

दोस्तो यहाँ भी एक नया खेल शुरू हो गया है. अब टीना अपने ही भाई से नज़रें चुरा रही है.. और बड़ी होने के बावजूद आज वो खुद को कितनी छोटी महसूस कर रही है.

यही होता है जब इंसान कोई गुनाह करता है और टीना अपने बीएफ संजय के साथ मिलकर जो खेल सुमन के साथ खेल रही थी, वो सिर्फ़ गुनाह नहीं बहुत बड़ा गुनाह है. उसने एक बाप और बेटी के रिश्ते को गंदा किया था. अब जैसा करोगे, वैसा भरोगे वाली बात हो गई.

सॉरी मैं बोर करने लगी ना.. चलो अब टीना का जो होगा वो आगे पता चल ही जाएगा. अभी हम कहानी पे ध्यान देते हैं.

सुबह जब टीना कॉलेज गई थी, वहां उसकी और संजय की कुछ बातें हुई थीं. वो मैं बताना भूल गई थी, जो आपके लिए जानना जरूरी है.

संजय- जानेमन क्या हाल है तेरे.. और आज मेरी जान कहाँ है.. दिखी नहीं?
टीना ने सुमन की हालत के बारे में पूरी बात संजय को बताई.

संजय- अरे यार, ये उसका बाप साला हरामी ऐसे कैसे उसको अकेला छोड़ कर जा सकता है?
टीना- अरे अब अर्जेंट काम होगा तभी तो अंकल गए होंगे ना.. वरना ऐसे अपनी बेटी को अकेला छोड़ कर कौन जाता है.
संजय- अरे कोई काम वाम नहीं होगा.. वो साला जरूर अनिता के पास गया होगा.. कुत्ता साला मेरी अनिता को पता नहीं कैसे चोदता होगा.
टीना- ये अनिता कौन है और तुम्हारा उससे क्या लेना देना हाँ?

संजय जोश में बोल तो गया मगर फिर उसको समझ आया कि उसने टीना को क्या बोल दिया. अब उसके सवालों का जवाब देना उसको भारी पड़ेगा.

संजय- कोई नहीं.. तू अपना काम कर बस सुमन पे ध्यान दे.
टीना- नहीं संजू, ऐसे नहीं अब जब नाम निकला है तो मुझे बताओ.. ये अनिता कौन है?
संजय- मैंने कहा ना कोई नहीं.. एक बार में बात समझ नहीं आती क्या?

संजय ने चिल्लाने के अंदाज में बात कही, जिससे टीना का पारा भी चढ़ गया.

टीना- ये चिल्ला क्यों रहे हो? मैंने कितनी बार कहा कि तुम किसी को चोदो आई डोंट केयर.. लेकिन मुझसे कुछ छिपाया मत करो. अब ये अनिता जो कोई भी है, उसको चोद चुके या चोदना चाहते हो, इससे मुझे कोई प्राब्लम नहीं. मगर किसी भी ऐरी गैरी के लिए तुम मुझ पर ऐसे चिल्ला कैसे सकते हो?
संजय- चुप करो टीना.. वो कोई ऐरी गैरी नहीं है.. मेरी जान है वो समझीं.. और सबको तुम अपनी जैसी रंडी मत समझो मेरा और उसका रिश्ता सेक्स का नहीं प्यार का है.. समझी तुम?

संजय की बात सुनकर टीना को धक्का लगा. आज उसने टीना को रंडी बना दिया. अब जो बोया है वही तो काटना पड़ेगा ना. टीना खून का घूँट पी गई और चुपचाप वहां से निकल गई. उसके बाद फ्लॉरा के साथ घर चली गई.

लो दोस्तो ये बात थी, जिससे टीना का मूड ऑफ था और बाकी कसर मॉंटी ने पूरी कर दी. अब टीना टूट गई थी मगर आगे आने वाले दिनों में क्या होगा, ये कोई नहीं जानता था.

ना ना मुझे तो सब पता है.. बस आपको बताना बाकी है, तो चलो आप आगे की कहानी भी सुन लो.

यह दिन ऐसे ही गुजर गया और दूसरे दिन सब नॉर्मल रहा. सुमन कॉलेज गई, सब से मिली. अब उसके हाव भाव देख कर संजय को शक हुआ कि ये कुछ ज़्यादा फास्ट हो गई है. अब वक़्त आ गया कि इसको चोदने का प्लान बना लिया जाए… मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था. उसी शाम संजय का बाइक से एक्सीडेंट हो गया, जिससे उसका पैर टूट गया. डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ा दिया तो सुमन को चोदने का प्रोग्राम कुछ दिनों के लिए रुक गया. सुमन ने फ्लॉरा को पटा लिया कि वो टीना को उसके पापा के बारे में कुछ ना बताए तो फ्लॉरा भी मान गई. इधर टीना तो पहले ही संजय से दुखी थी, अब संजय के पैर टूट जाने से उसको ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ा. हाँ उसने बस उसका हाल पूछ लिया.

टीना ने सुमन से मॉंटी वाली बात भी की मगर सुमन कसम खाते हुए साफ मुकर गई कि उसकी मॉंटी से ऐसी कोई बात नहीं हुई. फिर टीना ने सोचा शायद ये सच कह रही है तो उसने बात को ख़त्म करने का सोचा.

ऐसे ही दिन गुजरते गए. हाँ गुलशन जी और सुमन की रासलीला बराबर चल रही थी. एक दो बार फ्लॉरा भी अपनी आग मिटाने गुलशन जी के पास चली गई. बाकी टीना इन दिनों मायूस रहने लगी तो गुलशन जी ने सुमन को मना कर दिया कि कुछ दिन टीना से ज़्यादा बात ना करो, वो कहीं खोई हुई है. जब नॉर्मल हो जाए तब उसको यहाँ लाना.

दोस्तो कहानी को फास्ट ले जाने के लिए माफी चाहती हूँ मगर ये जरूरी था अब कुछ दिन ऐसा खास हुआ नहीं तो फास्ट बता रही हूँ.

एक हफ्ते बाद सुमन की माँ वापस ट्रेन से आ रही थी और कुदरत की मार देखो ट्रेन का बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो गया, जिसमें बहुत लोगों की जान गई. उसी के साथ सुमन की माँ भी इस दुनिया में नहीं रही. गुलशन जी की जिंदगी में गम के बादल छा गए. वैसे उनके पास तो बीवी की कमी नहीं थी मगर सुमन पर इस हादसे का बुरा असर पड़ा. वो एकदम टूट गई.. ऐसा समझो वो खुद को गुनहगार मानने लगी.

मेरी इस दिलचस्प सेक्स स्टोरी पर आपके कमेन्ट रुकने नहीं चाहिए.
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कहानी जारी है.

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