उम्रदराज विधवा की चूत चुदाने की ख्वाहिश

(Umdaraj Vidhwa Ki Chut Chudane Ki Khwahish)

मेरा नाम राज है.. मैं जबलपुर क़ा हूँ। मेरी उम्र 40 साल की है। मैं शादीशुदा हूँ।

मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ, हमारा ऑफिस एक अपार्टमेंट में है, जो जबलपुर के एक पॉश एरिया में है।

जिस बिल्डिंग में हमारा ऑफिस है.. उसी अपार्टमेंट में एक 55 साल की लेडी रहती है.. वो विडो है और उसके दो बच्चे हैं। दोनों लड़के हैं और दोनों की शादी हो गई है.. और वो दोनों बाहर रहते हैं।

अब मैं उस लेडी के बारे में बता दूँ कि वो 55 की होने के बाद भी 40 साल की लगती है।
जब मैंने उसको पहली बार देखा.. तो उसको देखते ही रह गया। उसकी चूचियां ऐसी हैं कि किसी जवान औरत की भी नहीं हों।
वो अपने आपको बहुत मेन्टेन रखती है, उसकी गाण्ड एकदम मस्त है.. जो एक बार देख ले.. उसका उस पर मर-मिटने को मन हो जाए।
उस लेडी से हमारी कभी-कभी बात हो जाती थी।

बात उस समय की है.. जब ठण्ड का मौसम था.. मैं आपने ऑफिस से बाहर धूप सेंक रहा था। उस दिन ज्यादा ही ठंड थी.. तो मैंने देखा कि वो भी अपनी बालकनी में धूप सेंक रही है।

मैंने उसको नमस्ते किया.. उसने भी जवाब दिया और पूछा- आपका ऑफिस नहीं ख़ुला क्या?
मैंने बोला- अभी ऑफिस ब्वॉय नहीं आया है।
तब वो बोली- तो आइए.. चाय पीते हैं.. मैंने भी अब तक नहीं पी है।

मैंने सोचा कि अभी ऑफिस खुलने में वक्त है.. तो चल कर चाय भी पी लेंगे और उसको पटाने का मौका भी मिल जाएगा.. तो मैं उसके घर चला ग़या।

जब मैं घर के अन्दर गया.. तो मैंने देखा कि सामने टेबल पर इंग्लिश सेक्सी किताबें रखी हैं। उसमें ढेर सारी नंगी फोटो हैं।
मैं आपने आपको रोक नहीं सका और एक किताब को उठाकर देखने लगा।
मेरा लण्ड तो अपनी फुल साइज़ में आ गया।

अभी मैं अपने लण्ड को एडजेस्ट ही कर रहा था कि देखा वो लेडी चाय लेकर मेरे सामने खड़ी थी।
मैंने हड़बड़ाकर कर किताब को टेबल पर रख दिया।

वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।
फिर वो चाय देने के लिए मेरी तरफ़ झुकी.. तो मैंने देखा कि उसकी चूचियां साफ़ दिख रही हैं।
वो मेरे लण्ड की तरफ ऐसे देख रही थी.. जैसे कभी लण्ड देखा ना हो।

हम दोनों ने चाय पी। मैंने अपने बारे में उसको बताया.. वो अभी भी मुझे ऐसे देख रही थी कि खा लेगी।

उसने अपने बारे में बताया कि उसके हस्बेंड की उस वक्त डेथ हो गई थी.. जब वो 35 साल की थी.. उसका हस्बेंड नेवी में था। तभी से वो अकेली रहती है, उसका परिवार दिल्ली में रहता है.. पर वो बच्चों के साथ जबलपुर में ही बस गई।

अब उसके बच्चे बड़े हो गए हैं.. उनकी शादी भी हो गई है.. वो दोनों विदेश में रहते हैं, वो अकेली जबलपुर में रहती है।
इतना सब बता कर वो रोने लगी।

मैंने उसको समझाया- आप बिल्कुल भी अपने आपको अकेला न समझें.. मैं तो हूँ.. जब भी किसी काम की जरूरत हो.. तो मुझे बोल दीजिएगा।
तब उसने अपनी दिल की बात बोली- मुझे एक साथी चाहिए जो मुझे शारीरिक सुख दे सके।
मैं तो उसकी बात सुन कर बहुत खुश हो गया।

वो बोली- मैंने जबसे तुमको देखा है.. तभी से मुझे तुमसे सेक्स करने की तलब है। आप तो बाहर के हैं.. वैसे तो अपार्टमेंट में कई आदमी उसको देखते हैं.. पर उसमें बदनामी भी हो सकती है.. इसलिए मैं तुमसे सेक्स करना चाहती हूँ।

मैं तो उसकी बात सुन कर बहुत मस्त हो गया और उसको अपनी ओर खींच कर उसके होंठ पर किस करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी और उसकी सांस तेज चलने लगी।

मैंने भी देर न करते हुए उसको अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया। वो केवल एक नाईटी में थी। मैंने उसकी नाईटी उतार कर जब उसको नंगा देखा तो क्या फिगर था.. एकदम परी जैसा..

मैं उसके दूध दबाने लगा.. जिससे उसको बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसकी चड्डी उतारी.. उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी और ऐसे लग रही थी कि जैसे किसी जवान लड़की की हो क्योंकि वो 20 साल से चुदी नहीं थी।

फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चूसना शुरू किया। अभी कुछ पल ही हुए थे कि उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
उसने बोला- बहुत मज़ा आ रहा है.. इतने साल बाद किसी ने मेरी चूत का पानी निकाला है।

फिर उसने मेरे सारे कपड़ों को निकाल दिया, मेरा लण्ड देख कर बोली- आज यह मेरी चूत की प्यास बुझाएगा।
वो मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, मेरा लण्ड कुछ कि मिनटों में लोहे सा सख्त हो गया।

मैंने उसको बोला- क्या चुदाई के लिए तैयार हो?
बोली- मैं तो चुदाई के लिए कब से तड़फ रही हूँ।

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में धीरे से डाला.. लण्ड चूत में बहुत टाइट जा रहा था। उसको भी बहुत दर्द हो रहा था.. लेकिन वो बोली- इतने साल बाद चुदवा रही हूँ.. दर्द तो सहना ही पड़ेगा।

फिर मैंने भी जोर लगाकर एक झटके में अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। वो तो दर्द के मारे चीख उठी.. मैंने लौड़ा निकाल लिया।
अब मैंने उसको बोला- तेल लेकर आओ।

जब मैंने तेल लगाकर चूत में डाला तो आराम से चला गया और फिर हमने आराम से चुदाई की। वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी और अपनी कमर उठा कर साथ देने लगी।

मैं काफी देर तक चुदाई करता रहा.. इस बीच वो दो बार झड़ी.. जब मैं झड़ने वाला था.. तो मैंने बोला- मैं होने वाला हूँ।
तो बोली- मुझे माल पीना है।

तब मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और उस्ने लण्ड चूसना शुरू किया और मैंने अपना पानी उसके मुँह में भर दिया।
उसने बड़े ही चाव से पानी पिया और लण्ड को चाट कर साफ़ कर दिया। फिर हम दोनों मूतने के लिए गए। मैंने उसको मूतते हुए देखा। उसकी चूत मस्त लग रही थी।

मैंने बाथरूम में ही उसकी चुदाई की.. पर इस बार तेल नहीं लगाना पड़ा।

बाद में हम दोनों ने बहुत चुदाई की.. वो सब कहानी अगली बार लिखूंगा।

आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी.. मेल जरूर करना।
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