प्यासी जवानी के अकेलेपन का इलाज़-2

(Pyasi Jawani Ke Akelepan Ka Ilaj- Part 2)

This story is part of a series:

इस सेक्स स्टोरी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि होटल में एक अनजान हसीना पूजा मेरे साथ चुदने को राजी हो गई थी. मैं अपने कपड़े उतारने के साथ साथ हम दोनों सेक्स के मूड में आ गए थे.
अब आगे..

मैंने पूजा की गाउन की कमर वाली डोरी को हल्के से खींच दिया. पूजा मेरे काम में सहयोग कर रही थी, लेकिन बहुत शर्मा भी रही थी.

थोड़ी देर के बाद पूजा मेरे सामने सिर्फ़ अपने लाल रंग की ब्रा और लाल रंग की पेंटी पहने खड़ी थी. मैं अपनी आंखों के सामने एक अप्सरा को देख रहा था.

मैंने धीरे से पूजा को घुमा दिया, जिससे मुझको उसके साइड और आगे और पीछे का रूप दिख सके. पूजा अपने होंठों को अपने दांतों से दबा कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और मेरी तरफ नशे में डूबी हुई आंखों से देख रही थी. थोड़ी देर में मैंने पूजा की ब्रा को खोलना शुरू कर दिया. पहले मैंने ब्रा के हुक को खोला और फिर सामने आकर पूजा की ब्रा के अन्दर क़ैद दोनों चुचियों को देखने लगा. फिर मैंने पूजा की बांहों से ब्रा के दोनों स्ट्रेप को धीरे धीरे उतार दिया और ब्रा पूजा की बांहों से फिसल कर ज़मीन पे जा गिरी.

अब पूजा मेरे सामने सिर्फ़ एक लाल रंग की पेंटी पहनकर खड़ी थी. मैंने तब पूजा को फिर से पकड़कर ड्रेसिंग टेबल के सामने ले जा करके खड़ा कर दिया और बोला- देख न.. अब कैसी लग रही हो?
पूजा मेरे तरफ शरमाती हुए हंस करके बोली- मैं बहुत ही गंदी लग रही हूँ.

मैं अब पूजा के पीछे खड़ा हुआ था. मेरे हाथों ने उसकी पतली कमर को पकड़ रखा था. मैं पूजा की गरदन पर और कंधों पर धीरे धीरे चुम्मा दे रहा था. पूजा मेरे चुम्मों के साथ साथ वासना में काँप सी रही थी. थोड़ी देर के बाद पूजा मुझसे बोली- मेरे राजा, मैं इससे ज़्यादा और भी गंदी हो सकती हूँ.

मैं पूजा की बातों को सुनकर समझ गया और हंस पड़ा. फिर पूजा के पीछे फर्श पर बैठकर पूजा की कमर पर चुम्मा देने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखते हुए एकाएक पूजा की पेंटी खींचकर उसके पैरों के पास ले गया. पूजा जैसे ही ड्रेसिंग टेबल के शीशे में अपनी नंगी चूत को देखा तो झट से अपने हाथों से अपनी चूत को ढक लिया और बोली- ओह डार्लिंग, क्या कर रहे हो? मुझे शरम आ रही है.

मैं तब पूजा के नंगे चूतड़ों पर अपने हाथों को फेरता हुआ पूजा से बोला- डार्लिंग पूजा, तुम अपने पैरों को धीरे धीरे एक के बाद एक करके ऊपर उठाओ. पूजा ने मेरी बातों को मानते हुए अपने पैरों को धीरे धीरे से ऊपर उठाए और मैंने उसकी पेंटी को पैरों से निकाल कर दूर पड़ी कुर्सी पर फेंक दिया.

मैं फिर से अपनी जगह पर उठ खड़ा हो गया और पूजा के कंधों के ऊपर से देखते हुए उसकी दोनों कलाइयों को पकड़ते हुए उसके हाथों को उसके चूत पर से हटाया और उन हाथों को पीछे खींच लिया.

अब पूजा की झांटों से भरी चूत शीशे से दिखते हुए मेरे आंखों के सामने थी. मुझे पूजा की झांटों से भरी चूत बहुत ही प्यारी लग रही थी.
मैंने पूजा के कान के पास अपना मुँह ले जाकर धीरे से बोला- डार्लिंग, अब तुम वाकयी में गंदी और शरारती लग रही हो.
पूजा अपने आपको शीशे में बिल्कुल नंगी देखकर शरम के मारे लाल हो गयी. फिर उसकी आंखें अपनी नग्नी सुन्दरता को देखकर चमक उठीं और वो शरमाना छोड़ धीरे धीरे मुस्कुराने लगी.

अब मैंने पूजा को धीरे धीरे मेरी तरफ घुमा लिया और उसके नारंगी के फांकों वाले खूबसूरत होंठों को चूमने लगा. पूजा के होंठों को चूमते ही मुझे लगा कि मैं शहद पी रहा हूँ. पूजा भी मेरे गले में अपनी बांहों को रखकर मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी. हम दोनों में से कोई भी चुम्मा बंद नहीं करना चाह रहा था और दोनों एक दूसरे को जकड़े हुए अपनी पूरी ताक़त से चूम रहे थे. पूजा मुझे इस कदर लिपटी थी कि मुझे अपने छाती में पूजा के निप्पल के गड़ने का अहसास हो रहा था. उसकी चूचियां भी अब सेक्स की गर्मी से फूल गयी थीं. मेरा लंड भी अब बुरी तरह से अकड़ गया था और मुझे लंड की जड़ में हल्का हल्का सा दर्द होने लगा था.

मैंने पूजा को चूमते हुए उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड से लगा दिया. मेरे लंड पर पूजा का हाथ छूते ही पूजा ने गप से मेरा लंड पकड़ लिया. वो खुश हो कर मुझसे बोली- ओह डियर, तुम्हारा हथियार तो बहुत ही तगड़ा है. मेरे ख़याल से इसकी लंबाई 8 इंच है और मोटाई करीब 3 या 3. 5 है.. ये बहुत ही प्यारा है.

तब मैंने पूजा के गालों को चूमते हुए पूजा से बोला- पूजा डार्लिंग, मेरा लंड प्यारा है कि नहीं है.. मुझे नहीं मालूम. लेकिन तुम्हारी चिकनी जाँघों के बीच और घनी काली झांटों के पीछे छुपी तुम्हारी चूत बहुत ही रसीली और प्यारी है. मेरा ये लंड तुम्हारे चूत से मिलने को बहुत ही बेताब है बेचारा.. और हां, मेरे लंड की लंबाई और मोटाई को मत नापो, ये आज तुम्हें इतना मज़ा देगा, जिसकी तुमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी.

फिर मैं पूजा को धीरे धीरे बिस्तर के करीब ले आया और मैं खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और मैंने अपने चूतड़ों के नीचे दो तकिया भी लगा लिए.

पूजा मुझे फटी फटी आंखों से देख रही थी और कुछ सोच रही थी. मैं पूजा से बोला- आओ पूजा डार्लिंग, मेरे ऊपर बैठकर सवारी करो.. आ जाओ पूजा मेरे ऊपर बैठकर मेरा ये लंड अपनी चूत में भर लो और चुदाई करो.

थोड़ी देर के बाद पूजा को मेरी बातों का असर हुआ और वो झट से बिस्तर पर चढ़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ अपने पैरों को करके, पूजा मेरे ऊपर बैठ गयी. बैठने के बाद थोड़ा सा अपने चूतड़ों को उठाया और अपने हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत से लगा दिया और फिर कुछ शर्मा कर अपनी कमर चलाकर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ लिया. उसको बहुत अधिक पीड़ा हुई लेकिन उसने धीरे धीरे पूरा लंड अपनी चूत में ले ही लिया.

मैंने पूजा के चूतड़ों को पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और उसने फिर से एक धक्के के साथ मेरा लंड अपनी चूत में भर लिया. थोड़ी देर के बाद पूजा मेरे ऊपर झुक गयी और मेरे होंठों को चूमते हुए और मेरे सीने से अपनी भारी भारी चूचियों को दबाते हुए मुझे हल्के हल्के धक्के के साथ चोदने लगी.

थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद पूजा मेरे ऊपर लेट गयी. मैं तब नीचे से उसकी नंगे चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए उसके कान पर धीरे से बोला- डार्लिंग, अब तुम्हारी चूत को मज़ा दिलवाना तुम्हारे हाथों में है. मैं तो बस चुपचाप नीचे लेटा लेटा तुम्हारी चूत के धक्के ख़ाता रहूँगा. अब तुम मुझे अपने हिसाब से चोदती रहो और अपनी चूत को मेरा लंड खिलाती रहो.

इतना कह कर अपने हाथों को बढ़ाकर पूजा की चूचियों को अपने हाथों में लेकर कसकर मसल दिया और अपनी कमर नीचे से उचकाकर पूजा की चूत में तीन-चार धक्के मार दिए.

मेरी बातों को सुन कर पूजा की आंख एक बार चमक गयी और मुझे चूमते हुए बोली- मेरे चोदू राजा, मैं चाहे तुम्हें ऊपर से चोदूँ या तुम मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदो.. दोनों में कोई फर्क नहीं है. हर हाल में मेरी चूत ही तुम्हारे लंड से चुदेगी.

उसके बाद पूजा मुझे फिर से जकड़कर पकड़ते हुए अपनी पतली कमर उठा उठाकर मुझे चोदने लगी. पूजा मुझे फिर से अपनी बांहों में भरती हुई मुझे चूम कर बोली- ओह डार्लिंग, बहुत मज़ा आ रहा है. हाय क्या मस्त लंड है तुम्हारा, मेरी चुत तो अन्दर तक भर गयी है. आह.. मैं तो आज रात भर तुम्हारा लंड अपनी चूत के अन्दर ही रखूँगी. तुम्हारा लंड मेरी चूत के लिए ही बनाया गया है.

फिर मेरे ऊपर पूजा तनकर बैठ गयी. मेरी आंखों में देखते हुए वो अपनी कमर को कसकर मेरी कमर पर दबा करके बैठ गयी. पूजा की झांटें और मेरी झांटें एक दूसरे से मिल गईं.

अब पूजा की सांसें फूलने लगी थीं और उसकी आंखें बंद होने लगी थीं. उसकी चूचियां भी फूल गयी थीं. वो मेरे लंड पर जोरों से उठ बैठ रही थी और उसके उठने बैठने के साथ साथ पूजा की दोनों चूचियां भी उछल रही थीं. मुझे लग रहा था कि पूजा की चूत और ज़्यादा देर तक मुझे चोद नहीं पाएगी और जल्दी ही अपना पानी छोड़ देगी.

कुछ ही देर में वो बहुत जोर जोर से उछल रही थी और बोल रही थी- लो मेरे चोदू राजा, लो मेरी चूत के धक्के खाओ अपने लंड पर.. आह लो.. अब मैं अपनी चूत का पानी छोड़ने वाली हूँ.. अह.. लो संभालो अपने लंड को.. नहीं तो मेरी चूत के धक्कों से तुम्हारा लंड टूट जाएगा. क्या मज़ा आ रहा है. तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले. अब तक मैं तुमको और कितनी बार चोद डालती.

इतना कहने के बाद पूजा मुझे कसकर जकड़ लिया और बहुत जोरों के साथ कांप उठी और शांत हो गयी. उसकी चूत के पानी से मेरा लंड, झांटें और जांघ पूरा का पूरा भीग गया. मैं फिर भी पूजा के नीचे चुपचाप लेटा रहा और पूजा को पूरी तरह से झड़ने दिया.

थोड़ी देर के बाद पूजा ने अपनी आंखें खोल दीं. वो मुझे देखकर पहले शर्मा गयी और मुस्कुरा दी.

तब मैंने अपने हाथों को पूजा के पीठ पर ले जाकर पहले उसकी पीठ को सहलाया और उसके चूतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया. मैं पूजा के चूतड़ों को सहलाते हुए कभी कभी उसकी गांड के छेद को भी सहलाता रहा.

पूजा धीरे से मेरे कंधों पर से अपना सर उठाया और मुझे अपनी आधी बंद आंखों से देखते हुए मुझे तीन-चार चुम्मे दिए. मैंने पूजा के चूतड़ों को सहलाते हुए धीरे से कहा- रुकना मत, अभी तुम चालू रहो.
मेरी बातों को सुनते ही पूजा की आंख चमक उठी और मुझसे बोली- क्या फिर से करोगे.. मतलब क्या फिर से हम लोग चुदाई करेंगे?

मैंने अपनी गरदन हिलाकर पूजा से हां कहा.

‘ओह डार्लिंग..’ कहकर पूजा मुझसे लिपट पड़ी और अपनी चूत से लंड को भींच लिया और फिर से मेरे लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी. अबकी बार मैंने पूजा को कोई सहारा नहीं दिया और पूजा बड़े आराम से मेरे लंड को अपनी चूत से कभी धीरे धीरे और कभी जोर जोर से चोदने लगी.

मैं अपने हाथों से पूजा की चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा और कभी कभी जोर जोर मसलने लगा.

थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई के बाद पूजा फिर से झड़ने की कगार पर पहुँच गयी.

अब वो जोर जोर से मेरे लंड पर उछलते हुए बोली- हाय राजा.. क्या मज़ा मिल रहा है.. लगता है कि आज मैं पागल हो जाऊंगी. तुमने आज मुझे पूरा का पूरा स्वर्ग का मज़ा दिया है. आज मैं अपनी चूत तुम से चुदवाकर धन्य हो गयी और अब मुझे एक औरत होने का गर्व हो रहा है.. ओह ओह हाय मैं झड़ रही हूऊऊऊं.. आह आह और जोररररर से मेरीरीई चूचीईईई मसलोओओओ.. ओह ओह हाआआअ मेंएए.. गईईई…

पूजा मेरे लंड के ऊपर फिर से शांत होकर पड़ी रही. थोड़ी देर के बाद जब पूजा की सांसें वापस शांत हुई, तो उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया और अपनी चूत के झड़ने का अहसास अपने अन्दर लेने लगी. ऐसे ही थोड़ी देर के बाद पूजा फिर से मेरे लंड को अपनी चूत से जोरदार झटकों के साथ चोदना शुरू कर दिया. इस बार की चुदाई बहुत ही जोर से शुरू हुई. पूजा अबकी बार बहुत जोर जोर से मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर उछल रही थी. उसकी दोनों चूचियां उसके उछलने के साथ झूल रही थीं. मैंने तब पूजा की दोनों चूचियों को छोड़कर के उसकी पतली कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और नीचे से मैं भी अपनी कमर उठा उठाकर पूजा की चूत के अन्दर अपना लंड पेलने लगा.

इस समय हम दोनों को दुनिया से कोई मतलब नहीं था और बस एक दूसरे को कसकर पकड़ कर लंड और चूत से एक दूसरे के साथ लड़ाई कर रहे थे.

थोड़ी देर में मैंने नीचे से अपनी कमर उठाकर पूजा की चूत में अपना सारा का सारा लंड अन्दर कर पूजा को कसकर पकड़ लिया और बोला- ओह ओह पूजा डार्लिंग, ले लो.. लो अपनी चूत को अपने हाथों से खोलो. मैं अब तुम्हारी प्यारी चूत को अपने लंड के पानी से पूरी की पूरी भरने वाला हूँ.. ले.. ले.. चुदक्क्ड़ पूजा.. ले मेरा लंड का पानी अपनी चूत से पी ले.

इतना कहने के बाद मैं पूजा की चूत के अन्दर झड़ गया और पूजा की चूत ने भी मेरे साथ साथ अपना पानी छोड़ दिया. पूजा की चूत अब तीसरी या चौथी बार झड़ी थी और अबकी बार पानी बहुत ज़्यादा छोड़ा था.

मुझे उम्मीद है कि आपको इस हसीन तरीन पूजा के संग समय काटने के साथ साथ उसकी रंगीन जवान चूत चुदाई की कहानी भी मजा दे रही होगी. आप मुझे मेल कर सकते हैं.
कहानी जारी है.
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