जेठानी जी ने मुझे दूधवाले से चुदवा दिया

(Jethani Ji Ne Mujhe Doodhwale se Chudwa Diya)

अनीषा पटेल 2019-01-19 Comments

सभी दोस्तो को मेरा प्रणाम! मैं अनीषा पटेल हूँ.
यह कहानी मेरी मामी की है जिसे मैं उनके ही शब्दों में लिख रही हूँ.

मैं अनीषा की मामी हूँ. मेरी उम्र 42 साल है. मेरे पति बिज़नेसमैन हैं. मेरा फिगर 34-28-36 है और मेरी लम्बाई 5 फिट 6 इंच की है. मुझे वेस्टर्न ड्रेस पहनना बहुत पसंद है. जब भी मैं किसी पार्टी में जाती हूँ तो वेस्टर्न ड्रेस ही पहन कर ही जाती हूँ. लेकिन शादी या अन्य किसी त्यौहार में मैं साड़ी और ब्लाउज ही पहनती हूँ. यदि घर में रहती हूँ तो जीन्स की पैन्ट और टॉप या टी-शर्ट पहनती हूँ. मैंने शादी से पहले कभी भी सेक्स नहीं किया था. इसलिए मेरे पति को मेरी सील पैक चूत ही मिली थी. मेरी शादी को 20 साल हो चुके हैं. शादी होने के बाद हम पति-पत्नी बहुत खुश थे.
पहली बार पति ने सुहागरात में बहुत प्यार किया. अपने 6 इंच के लंड से उन्होंने मेरी चूत की सील खोली.

उसके बाद मेरे पति एक महीने बाद बिजनेस के काम से तीन महीने के लिए बाहर चले गए. उस वक्त घर में मेरे सास-ससुर, जेठ जी, उनकी पत्नी और एक बेटा, जो तीन साल का था, वही रहते थे. पति के जाने के 5-6 दिन बाद मुझे अपने पति की याद आने लगी. उसके बाद जेठ जी भी काम से बाहर चले गए.

उनकी पत्नी यानि मेरे पति की भाभी यानि मेरी जेठानी मुझसे बोली- रेशमा, संजय तो तीन महीने बाद आएगा और तेरे जेठ जी भी शायद एक महीने बाद आएंगे, तब तक तुम क्या करोगी?
मैंने कहा- मैं क्या कर सकती हूँ?
भाभी बोली- ठीक है मैं ही कुछ करती हूँ.
और यह कहकर वह बाहर चली गई.

मैं दिन भर सोचती रही कि जेठानी जी क्या करने वाली है. रात के वक्त सास-ससुर खाना खाकर सोने चले गए और मैं तथा भाभी सब काम खत्म करके अपने बेडरूम में सोने चले गए.

रात में करीब 12.30 बजे मैं पानी पीने के लिए जगी और किचन की ओर जाने लगी. तभी भाभी के रूम से कुछ आवाज़ आने लगी. मैं सोचने लगी कि भाभी क्या कर होगी. मैंने दरवाज़ा खोल कर देखना चाहा तो दरवाज़ा बंद था. मैंने बाहर खिड़की से जाकर देखा तो भाभी अंदर अपनी दोनों टांगें फैलाए मस्ती से चुद रही थी. मगर अन्दर कौन होगा, मैं ये सोचने लगी. थोड़ी सी चुदाई देख कर मैं अंदर अपने बेडरूम में आ गई. लेकिन रात भर मैं सो नहीं पाई.

सुबह हम लोगों ने चाय पी और काम पर लग गए. खाना बनाया और कपड़े वगैरह साफ करके सब काम खत्म करने के बाद दोपहर को फ्री हुए, जब सास ससुर आराम करने बेडरूम में चले गए तो ठीक उसी समय मैंने भाभी से पूछा.
मैंने भाभी से कहा- मुझे आपसे एक बात पूछनी थी.
भाभी ने कहा- हां, पूछो.
मैंने कहा- भाभी कल रात को आपके बेडरूम से कुछ आवाज़ें आ रही थीं.

भाभी बोली- यार रेशमा … तुम्हें तो पता है कि मेरे पति बाहर गए हुए हैं. और मुझे क्या चाहिए तुम खुद ही समझ लो. अगर तुमको भी चाहिए तो तुम भी बुला लो.
मैंने झट से कहा- भाभी मुझे भी चाहिए. कौन था वह आदमी?
भाभी बोली- आज रात में बुलाती हूँ, तुम खुद देख लेना.

फिर मैं रात का इंतज़ार करने लगी और किसी तरह मैंने दिन काटा. फिर शाम को मैं भाभी के साथ बाज़ार में चली गई. भाभी से फिर पूछा तो भाभी बोली- चलो मेरे साथ.
भाभी मुझे दूधवाले के पास ले गई.
मैंने कहा- भाभी घर पर दूध तो रखा हुआ है.
भाभी ने कहा- मुझे पता है.

हम लोग दूधवाले के पास गए तो वो मुस्कराकर बोला- मेमसाब आइए न!
जहां पर उसका गैस चूल्हा रखा हुआ था वो मुझे वहां पर ले गया. भाभी भी मेरे साथ ही आ रही थी. मैंने साड़ी पहन रखी थी जबकि भाभी ने जीन्स और टॉप पहन रखा था. अंदर जाकर वह मेरे दूध दबाने लगा और बोला- माल तो कड़क है.
उसके बाद वह बोला- ठीक है, मैं रात को आता हूँ.

हमने घर जाकर सारा काम खत्म किया और सास-ससुर को खाना खिला कर उन्हें भी उनके रूम में भेज दिया. वैसे चूत को तो मैं हमेशा साफ ही रखती हूँ. फिर मैं दूधवाले का इंतज़ार करने लगी.

दूधवाला रात में घर आया. साद बजे के बाद का टाइम था. वो पिछवाड़े के दरवाज़े से घर में आया था. उस वक्त मैं भाभी के रूम में ही थी. जब आया तब हम दोनों के साथ मुन्ना खेल रहा था. मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं मुन्ने को सुला देती हूं।
भाभी ने कहा- अरे रहने दो.

इतने में ही दूधवाले ने मुझे पीछे से पकड़ लिया. भाभी के सामने ही बोला- मेमसाब … छोटी मेमसाब भी आपकी तरह ही कड़क माल है.
भाभी बोली- हां जी, तभी तो आपको दावत दी है.
मैं भाभी के सामने शरमाने लगी. मैंने भाभी से कहा- भाभी आप मेरे रूम में सो जाओगी क्या?
भाभी ने कहा- नहीं!

इतना कहकर भाभी दूधवाले मनोहर की धोती खोलने लगी. तभी मनोहर ने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया और मेरे बूब्स दबाने लगा.
वो बोला- आज तो मुझे दो चूत में लंड पेलना है.
यह सुनकर मेरी भी चूत में खुजली हो रही थी.
भाभी बोली- रेशमा … साड़ी उतार दे!

इतना कहकर भाभी ने भी अपनी नाइटी उतार दी. मुन्ना अभी भी खेल रहा था. दूधवाले ने मेरे दूध को निचोड़ना शुरू कर दिया. भाभी उसको पीछे से बांहों में भर कर किस करने लगी.
भाभी बोली- अरे रेशमा … अब तुम्हें संजय की याद नहीं आएगी.
यह कहकर भाभी मुस्कराने लगी.

मैं बेड पर पड़ी थी और मनोहर मेरे जिस्म से खेल रहा था. भाभी मनोहर के जिस्म से खेल रही थी. कुछ देर बाद वह मेरी चूत में उंगली करने लगा. मेरी चूत में से अब लार टपकने लगी थी. मनोहर ने चूत में जीभ डालकर मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया.

तभी भाभी मनोहर का लम्बा, मोटा लंड चूसने लगी. कुछ टाइम बाद मेरा पानी निकलने लगा जिसको मनोहर चाट गया. उसके बाद भाभी बेड पर लेट गई और मैं मनोहर का लंड चूसने लगी. इस तरह मनोहर ने अपने लंड का पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया.

कुछ देर बाद वह मेरे साथ फिर से चूम्मा-चाटी करने लगा. जब उसका लंड खड़ा हो गया तो उसके बाद उसने मुझे लेटाया और अपना 9 इंच का लंड मेरी चूत पर टिकाते हुए बोला- जान, जरा संभाल लेना.
इतना कहकर उसने उसने ज़ोर से धक्का मारा. मेरी चूत में उसका लंड आधा ही जा पाया.
मैं बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आराम से डालो … बहुत दर्द हो रहा है.
वो मेरे ऊपर झुक गया और किस करने लगा, बूब्स दबाने लगा. इस तरह मनोहर ने धीरे-धीरे लंड चूत में सेट किया और कुछ देर बाद मैंने उसकी बाहों में बाहें डाल दीं तो वो समझ गया और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. साथ ही किस करने लगा.
मैं कामुक सिसकारियां लेने लगी- आह्ह्ह … ओह्ह्ह … उम्म्म … आह्हहा … ओह्ह …

मेरी चुदाई करने के बाद वह बोला- जान… लंड का वीर्य कहां छोड़ूँ?
मैंने कहा- मेरी चूत में ही छोड़ दो.
और उसने 10-12 जोरदार धक्के मारे और लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया. उसके बाद मैं लंड चूसने लगी.
वो बोला- थोड़ा आराम कर लेते हैं फिर चुदाई करेंगे.

भाभी बोली- मेरा नम्बर कब आएगा?
वो बोला- 2 बार चुदाई करने के बाद.
भाभी बोली- ओके.

उसके बाद हम कुछ बातें करने लगे. भाभी ने बताया कि उन्होंने किस तरह दूधवाले को पटाया और कितनों का लंड लिया.
तभी भाभी बोली- मेरे देवर जी का लंड कितना बड़ा है?
मैंने कहा- 6 इंच का.
भाभी बोली- ठीक है, अब 9 इंच का मिला है. मज़े करो.
इतना कहकर भाभी मुस्करा दी और मैं भी.

मुन्ना हमारे साथ ही खेल रहा था.
तभी दूधवाला बोला- आ जा बेटा तुझे एक और भाई देता हूँ.
भाभी बोली- हाँ ज़रूर …

और उसके बाद दूधवाला मुझे किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा.

इस बार वह कुछ ज्यादा ही ज़ोर से मुझे रगड़ रहा था. 15 मिनट बाद वो तैयार हुआ और मेरी दोनों टाँगें कंधे पर रख लंड को मेरी चूत में घुसेड़ दिया. वह ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. इस बार वो ज्यादा ज़ोर से चोद रहा था. किस करते हुए मेरी गांड को दबाने लगा और बोला- माल तो कड़क है. चोदने में मज़ा आ रहा है.
मैंने कहा- हां मेरे राजा! जी भर कर चोदो.

उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मुझे ज़ोर से चोदते हुए उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया. इस तरह उसने मेरी चूत को तीन बार चोदा. उसकी चुदाई बहुत मस्त थी. रगड़-रगड़ कर वह मुझे चोद रहा था. वह मेरी चूत में दोबारा झड़ गया. मैं तो मस्त हो गई थी उसकी चुदाई से. साथ ही चूत में दर्द भी होने लगा था.

उसके बाद उसने भाभी को पकड़ लिया और भाभी के चूचों को दबाने लगा. भाभी उसको होंठों पर किस करने लगी. साथ ही भाभी नीचे से हाथ ले जाकर उसके लिंग को सहला रही थी. उसने कुछ देर पहले ही मेरी चूत में अपना वीर्य झाड़ दिया था. इसलिए उसके लंड में अभी तनाव नहीं आ रहा था.

भाभी उसके सोए हुए लंड को अपने हाथ में लेकर प्यार कर रही थी. कभी उसकी गोलियों को सहला देती तो कभी उसकी गांड पर हाथ फिराने लगती. भाभी भी जल्दी से उसके लंड को खड़ा करना चाहती थी. उन्होंने उसके उसके सीने से अपने चूचों को सटा दिया और उसके होंठों को चूसने लगी. भाभी बहुत बड़ी खिलाड़ी थी. उसको अच्छी तरह पता था कि मर्दों को कौन सी जगह पर किस करने या सहलाने से वे उत्तेजित होते हैं.

भाभी ने मनोहर के होठों को चूसते हुए उसके पूरे शरीर पर यहां-वहां किस करना शुरू कर दिया. मनोहर के मुंह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं. देखते ही देखते मनोहर का 6 इंच का लौड़ा 5 मिनट के अंदर ही फिर से बड़ा होने लगा. जैसे ही भाभी को मनोहर के लंड में तनाव महसूस हुआ उसने मनोहर के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

भाभी घुटनों के बल बैठकर मनोहर के लंड को चूस रही थी. मनोहर भाभी के सिर को अपने हाथों से पकड़ कर आगे-पीछे धकेल रहा था. उसका लंड अपने पूरे आकार में आकर 9 इंच का हो चुका था.
जब भाभी ने देखा कि मनोहर का लंड अब पूरी तरह से तैयार है तो भाभी ने उठकर मनोहर को फिर से होंठों पर किस करना शुरू कर दिया. किस करते हुए वह मनोहर को लेकर बेड की तरफ जाने लगी.

एकाएक भाभी ने मनोहर को बेड पर गिरा लिया और मनोहर भाभी के होंठों को चूसते हुए अपने एक हाथ से उनकी चूत में लंड को सेट करने लगा. भाभी मेरी बगल में ही लेटी हुई थी.
मुन्ना फर्श पर खेल रहा था. मैंने जाकर मुन्ने को संभाल लिया और उसे गोदी में उठा लिया. दूधवाले ने भाभी की चूत में अपना लंड अंदर धकेल दिया था. अब वह भाभी के ऊपर लेटकर उनकी चूत को चोदने लग गया.

भाभी की टांगें मनोहर के कंधे पर थीं और मनोहर भाभी के चूचों को दबाते हुए उनकी चूत की चटनी बना रहा था. इतने तेज़ धक्कों के बावजूद भी भाभी उफ्फ तक नहीं कर रही थीं. उनको बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे तो लगा कि भाभी का यह बच्चा भी मनोहर का ही है क्योंकि जिस तरह भाभी मनोहर को प्यार कर रही थी उससे तो यही लग रहा था कि भाभी ने मनोहर से बहुत बार चुदवाया होगा.

मैंने मुन्ने की शक्ल को ध्यान से देखा, उसकी शक्ल भी मनोहर से ही मिलती-जुलती थी. मैं भी समझ गई कि जेठ जी के लंड से भाभी को मज़ा नहीं आता इसलिए शायद भाभी ने मनोहर के लंड से ही मज़े लिये हैं. लेकिन मैंने भाभी से यह बात कभी नहीं पूछी कि वह बच्चा किसका है.

मनोहर भाभी को चोदते हुए 15 मिनट बाद उनकी चूत में ही झड़ गया. उसके बाद तो मेरा शक यकीन में बदल गया था. अगर दूसरा बच्चा हुआ तो वह भी मनोहर का ही होगा.

मनोहर का लंड बहुत ही दमदार था. वह तो जैसे बच्चे पैदा करने की मशीन था. इतने बड़े लंड से चुदकर कोई भी औरत प्रेग्नेंट हुए बिना कैसे रह सकती थी. भाभी भी बिना कॉन्डॉम के ही मनोहर के लंड से चुदी और मनोहर हाँफते हुए भाभी के ऊपर पर गिर गया. भाभी ने मनोहर की कमर को सहलाया.

फिर उसके बाद हमने मनोहर को वापस को भेज दिया क्योंकि उसको ज्यादा देर घर में रखना ठीक नहीं था. सास-ससुर भी जल्दी ही जग जाते थे. इसलिए हमने मनोहर को वापस बाहर भेज दिया.
फिर तो हर हफ्ते वह मुझे और भाभी को चोदने लगा और रोज़ सुबह मैं दूध लेने जाती तो तब भी वह मेरे बूब्स को मसल देता था.

3 महीने बाद मैं प्रेग्नेंट हो गई. यह बात मैंने अपने पति को भी बताई. पति बहुत खुश हो गए. उन्होंने घर में सबको ये बात बताई.
भाभी बोली- मुबारक हो.
उन्होंने मेरे कान में आकर कहा- होने वाले के पापा जो हैं उनको भी बता दो.
मैं भी मुस्करा दी.
मेरी जिठानी ने दूध वाले को बताया कि आप बाप बनने वाले हो.

तो दोस्तो, देवरानी और जेठानी की चूत की चुदाई की स्टोरी कैसी लगी. ज़रूर बताइएगा. अगर स्टोरी पसंद आई हो तो और भी स्टोरी आपको बताऊंगी. धन्यवाद!
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