असेसमेंट

प्रेषिका : रीना

मेरा नाम रीना है। मैं एक खूबसूरत चालू किस्म की लड़की हूँ, बारहवीं की छात्रा हूँ। मुझ पर जवानी का रंग जम कर चढ़ा पड़ा है, मेरी जवानी लड़कों का साथ ढूंढती रहती है। वैसे मैं अब तक तीन बॉयफ्रेंड बदल चुकी हूँ, मैंने दसवीं के बाद ना तो साईंस ना कामर्स ना मैथ लिए, मैंने तो वोकेशनल ग्रुप में से कंप्यूटर के साथ गारमेंट का ग्रुप लिया है क्यूंकि मैं जानती थी कि साईंस मेरे बस की नहीं, ना ही मेरे घर वाले इतना पैसा मुझ पर उड़ाते।

स्कूल में मेरी दोस्ती किरण और सुमन से हुई, दोनों एक नंबर की चालू थी, उनका साथ पाकर मुझमें भी लड़कों का प्यार पाने की चाहत उठने लगी। वो तो तभी अपने बॉय फ्रेंड से सब कुछ करवा लेती थी, उनकी बातें सुन मेरी चूत भी पानी छोड़ने लगी।

लड़के कई थे मेरा रस पीने के लिए ! एक लड़के अनिल ने सुमन के बॉयफ्रेंड से कहा कि वो मेरी दोस्ती उस्से करवा दे, उसके ज़रिये मुझे परपोज़ किया, सुमन के रंग में रंग कर मैंने उसका प्यार स्वीकार कर लिया।

सुमन के ज़रिये हमारी पहली मुलाक़ात हुई, सुमन मेरे घर रोज़ आती जाती थी, उसके साथ मैं घर से आसानी से निकल सकती थी। सुमन देखने में इतनी शरीफ है मानो उस जैसी कोई और ना हो, पर परदे के पीछे एक नंबर की लुच्ची है।

मुझे लेकर वो अपने बॉयफ्रेंड रवि के फार्महाउस गई, वहाँ अनिल भी था, मुझे उससे मिलवा कर सुमन और रवि कमरे में घुस गए चुदाई के लिए।

अनिल कुछ देर बैठा, उसने मेरा हाथ थामा और कहा- आई लव यू !

मैंने उसका जवाब दिया तो साथ ही उसने मेरे होंठ चूमने चालू कर दिए।

पहली किस थी लाइफ की, मुझे काफी शर्म आई।

उसने मुझे बाँहों में कस लिया और मेरी गर्दन में चूमा ! मैं बहक गई, मुझे लेकर वो भी दूसरे कमरे में घुस गया, दरवाज़ा बंद कर वो मुझे धीरे धीरे चूमते हुए मेरे कपड़े उतारने लगा।

मैंने मना भी किया, बोला- क्या तुम भी? ऐसे नहीं शरमाते।

“यह सब शादी के बाद सही होता है !”

“कर लेंगे शादी भी !”

मुझे बिस्तर पर लिटा मेरे ऊपर चढ़कर मेरे मम्मे दबाने लगा, चुचूक चूसने लगा, मेरा हाथ उसने पैंट के ऊपर ही अपने लौड़े पर रखवा लिया, वो अकड़ा हुआ था। पहली बार किसी का लौड़ा छुआ था मैंने !

उसने अपनी पैंट उतार दी, उसका अंडरवीयर टैंट बना हुआ था। उसने लौड़ा निकाला और मेरे हाथ में दे दिया।

“हाय, मर गई, प्लीज़ छोड़ दो !”

“जान तुम भी ना? पकड़ो, सहलाओ !”

उसने अपनी उंगली गीली करके मेरी चूत पर फेरी, मैंने कस कर उसका पकड़ लिया।

वो उठा, पैंट पूरी तरह उतारी और लौड़ा पकड़ कर मेरे होंठों पर रगड़ने लगा।”यह क्या?”

“यह भी प्यार का हिस्सा है, मुँह खोल !”

जैसे मैंने मुँह खोला, उसने लौड़ा घुसा दिया- चूस इसको !

मैं चूसने लगी। थोड़ी देर चुसवा कर उसने मेरी जांघों को फैलवा लिया और बीच बैठ लौड़ा घुसाने लगा मेरी चूत में !

“हाय, बहुत तकलीफ होती है।”

“सह ले !”

उसने ज़ोरदार झटका दिया, मेरी चीखें छूट गई पर वो नहीं रुका, पूरा घुसा कर रुका।

मैं अधमरी सी होकर लेटी रही, जल्दी मुझ में जोश आने लगा। उसका कारण था मजा, जो मुझे उसके लौड़े से आने लगा था।

उस दिन उसने मुझे दो बार चोदा, बस फिर तो आये दिन मौका मिलते हम दोनों घुस जाते।

एक दिन मैंने और सुमन ने अपने अपने बॉयफ्रेंड बदल लिए, मैं रवि से चुदी, उसका लौड़ा भी झक्कास था।

बारहवीं क्लास बोर्ड की थी। कम हाजरी की वजह से पहले तो हम दोनों का दाखला बहुत मुश्किल से जा पाया था, प्रेक्टिकल और असेसमेंट के नंबर लगने थे। उसमें हर चीज को देखा जाता है, सब कुछ था प्रोफ़ेसर विपन कुमार !

वो ही हमारी क्लास को देखता था, हाजरी कम थी, उसके बारे सुना था कि वो बहुत बहुत ठरकी किस्म का बंदा है, सुना था कि वो कॉलेज की चालू लड़कियों का बहुत पुराना रसिया था।

अब हमें ज़रुरत थी, उसका परिवार उसके साथ नहीं रहता था वो अकेला फ़्लैट लेकर रहता था, कारण था उसकी अय्याशी ! पहले तो मैंने उसका पीछा करके सब कुछ पता करवाया, हमें मालूम था कि वो मुझे पूरे नंबर कभी नहीं देगा क्यूंकि वो जानता था कि मैं चालू हूँ और वक़्त आने पर वो मेरा रस पी सकता था।

मैंने अगले दिन से ही उस पर डोरे फेंके, असेसमेंट फाइल सबमिट करने जिस दिन जाना था। मैंने घरसे सेक्सी सा टॉप बैग में रख लिया था, कॉलेज के वाशरूम में मैंने बदल लिया। उस दिन वाईवा पोस्टपोन हो गया लेकिन मैं विपन कुमार के कमरे में चली गई जानबूझ कर गई, वो अपनी लैब में अकेला ही बैठता था।

मुझे देख उसके चेहरे पर अलग चमक आ गई- आओ आओ ! तुम यहाँ रीना?

“हाँ सर ! मालूम करना था कि नई डेट क्या है?”

“पता चल जाएगा ! वैसे बहुत सेक्सी दिख रही हो?”

“ओह सर, आप भी ना ! बहुत मजाकिया हो !”

“नहीं रीना, कसम से, बहुत बहुत सेक्सी दिख रही हो !”

“आप भी ना सर !” मैंने जोर से सांस ली जिसके साथ मेरी छातियाँ उभरीं ! कसी हुई थी।, पूरी शेप में थी।

“कहाँ से सेक्सी दिख रही हूँ?”

मैं उठी- अच्छा सर, मैं चलती हूँ।

बोला- बैठ बैठ ! मैं अभी ज़रा ऑफिस से कुछ पता करके आया ! मेरी टॉप मेरी नाभि से ऊँची उठ गई थी। मेरी सेक्सी नाभि हर किसी को अपनी तरफ खींचती थी। मैंने उसमें छोटी से बाली डलवा रखी थी। सुमन ने तो ब्लू फिल्म देख अपनी चूत पर भी बाली डलवाई थी।

वो पाँच मिनट बाद लौटा- अभी नई डेट तय नहीं हुई, यह मेरा नंबर ले ले, पता करती रहना। और तुमने कहा था ना कहाँ से सेक्सी दिख रही हूँ?

सामने खड़ा होकर उसने मेरे मम्मो पर हाथ फेरा, बोला- यहाँ से !

“हाय सर, कोई आ जाएगा ! यह क्या करने लगे?”

“तुझे बुरा लगा क्या?””सर, कोई देख लेगा तो दोनों बदनाम होंगे।”

“मैंने कुण्डी चढ़ा दी है।”

“आप कौन सा हमारा ख्याल रखते हैं? पहले दाखले वक़्त पंगे डाले थे, अब कौन से असेसमेंट में पूरे नंबर दिलवा दोगे?””बस इतनी सी बात?” उसने मेरी कमर में बांह डाली, अपनी तरफ खींचा- हो जाएगा, सब हो जाएगा रानी। तुझे नहीं मालूम तुम कितनी सेक्सी हो ! आधे से ज्यादा कॉलेज तुझ पर मरता है, हर टीचर भी !

“सर, यहाँ कोई आ गया तो? कॉलेज है फिर भी !”

“रीना रानी, मैं दरवाज़ा खोलूँगा ही नहीं, आ जा ना ज्यादा नहीं तो थोड़ा बहुत मजा यहीं दे दे ! बाकी मेरा फ़्लैट है ना !”

मैंने स्कूल गर्ल पर ब्लू फिल्मे देखीं हैं, क्लासरूम में ज्यादा मजा आता है।

सही में वो ठरकी था, उसने मेरा टॉप उतारा मेज पर फेंका- हाय, क्या छाती है !

ब्रा की बगल से उंगली डाल उसने मेरे चुचूक को देखा, साथ साथ मेरी जींस के ऊपर से मेरे चूतड़ दबाने लगा, कभी चूत पर हाथ फेर देता।

मेरे मम्मे चूसने लगा, मैं भी गर्म होने लगी, उसने जिप खोल दी अपनी, कुर्सी पर बैठ गया, बोला- ज़रा कुतिया की तरह चलकर मेज के नीचे से आ !

मैं समझ गई थी। मैंने जींस भी घुटनों तक सरका दी, मेज के नीचे से जा ऊपर से चूमा फिर हाथ घुसा उसका लौड़ा निकाला।

माई गौड ! इतना बड़ा लौड़ा था ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

मैं चूसने लगी।

“हाय रीना ! बहुत सयानी है तू ! जोर जोर से चूस !”

पाँव के अंगूठे से वो मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगा। मैं जोर जोर से उसका लौड़ा चूसने लगी। उसने अपने हाथ में लेकर मुठ मारी, पूरा पानी मेरे होंठों पर, कुछ गालों पर, कुछ मेरे मम्मों पर निकाला, बोला- मेरे फ़्लैट का तो पता है?

“जी हाँ !”

“यह चाभी पकड़, वहाँ पहुँच जा ! मैं आधे घंटे में आता हूँ छुट्टी देकर !”

मैं उसके फ़्लैट पर गई, मौका देख ताला खोल मैं अन्दर घुस गई। पूरा फ़्लैट देखा, बाथरूम में जाकर मैंने शावर लिया, ब्रा पैंटी और टॉवल लपेट बैठ गई।

उसने आते ही दरवाज़े बंद किये- हाय रीना, कितनी हसीं दिख रही है। अभी आया ! शावर लेकर आया।

सिर्फ तौलिया बांध कर आया और पल भर में हम दोनों बिस्तर में थे।

मैंने खुल कर उसका लौड़ा चूसा। एक बार झड़ गया था कॉलेज में इसलिए अब ज्यादा वक़्त लगता। उसने भी मेरे मम्मे चूसे, चुचूक, मेरी चूत भी चूसी, फिर बोला- खोल टांगें !

उसने अपना मोटा लौड़ा घुसाया और मुझे जमकर चोदने लगा।

बोला- घोड़ी बन !

मैं घोड़ी बनी, उसने फिर से घुसा दिया। मुझे खड़ी करवा कर दीवार से हाथ लगवा दिए, एक टांग उठवा कर घुसाते हुए चोदा।

मुझे आज सेक्स में पहली बार असली मजा आ रहा था।

फ़िर मुझे उठाया, बाथरूम ले गया, टब में साबुन घोल घुस गए दोनों ! उसने मेरी गाण्ड के छेद पर साबुन लगाया और उसमें लौड़ा घुसा दिया।

पहली बार गाण्ड मरवाई थी, दर्द तो हुआ लेकिन अच्छा लगा।

शाम तक उसने मुझे सेक्स के हर मजे दिए। उसने मुझे पूरे पूरे नंबर दिलवाए। आजकल मैं फ्री हूँ तो उसके घर चली जाती हूँ, दिल करता है उसके साथ रहूँ हमेशा ! क्या चूत, क्या

गाण्ड, क्या मुँह, घोड़ी बना कर, टाँगे उठा कर, जैसे कुत्ता मूतता है वैसे एक टांग उठवा कर हर तरीके से मुझे पूरे मज़े देकर चोदता है।

मेरे सारे आशिक समझ नहीं पा रहे कि मुझे क्या हो गया।

खैर दोस्तो, यह थी मेरी असली चुदाई की असली कहानी ! फ़िर कोई नया तजुर्बा लेकर आपक सामने हाज़िर हो जाऊँगी।

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