कमसिन जवानी की चुदाई के वो पन्द्रह दिन-5

(Kamsin Jawani Ki Chudai Ke Vo Pandrah Din- Part 5)

वन्द्या 2019-01-07 Comments

This story is part of a series:

अब तक आपने पढ़ा कि कार में मुझे उन तीनों अंकल ने लंड से चोदा तो था, पर अधूरा चोद कर छोड़ दिया था. इसके बाद जब मैं मॉल में गई तो बिना पेंटी की मेरी चूत ने फर्श पर रस टपका दिया था. जिसे उस मॉल के दो युवकों ने समझ लिया था और उन दोनों ने मुझे शीशे में उतार लिया था. वे दोनों मुझे चोदना चाहते थे और मैं भी उनके साथ राजी हो गई थी.
अब आगे …

मैंने वैसा ही किया, जैसा वह बोले थे. मैं मम्मी के पास गई और बोली- मम्मी, मेरी तबीयत खराब सी लग रही है.

तभी वह अंकल जो शॉप के मैनेजर सामने बैठे थे या मालिक हों, वो आवाज देकर बोले- सतीश, उधर बेटी को रेस्ट करा दो.
मम्मी भी बोलीं- हां जाकर थोड़ा आराम कर ले, तब तक मैं कपड़े देख लेती हूं. तुझे क्या चाहिए, बता दे?
मैं बोली- मम्मी आप ले लो, मैं पहले थोड़ा आराम करना चाहती हूं. फिर ले लूंगी, जो पसंद आएगा मैं बता दूंगी.
मम्मी बोलीं- ठीक है.

फिर वे शॉप के मैनेजर से बोलीं- भाई साहब, इसको थोड़ा आराम करने का है.
मैनेजर साब बोले- जी मैडम, रेस्ट हॉउस है, आप बिल्कुल चिंता मत करिए.
बगल से वही दोनों खड़े थे, तो सतीश का नाम लेकर मैनेजर बोले- बेटी को ले जाओ उधर … थोड़ा बता दो रेस्ट रूम किधर है और पानी वानी पिला देना. ये कुछ देर आराम कर लेगी तो सब ठीक हो जाएगा. तुम दोनों उधर ही रहना और बेटी को कोई दवा वगैरह की जरूरत हो, तो ला देना.
सतीश ने बोला- जी सर … मैडम चलिए आ जाइए.

सतीश आगे आगे चल पड़ा. मैं पीछे चल दी. उनका शोरूम बड़ा था. कुछ दूर पर बगल से एक दरवाजा खोला, वहां अन्दर एक छोटा सा 3 बाई 6 का दीवान टाइप का रखा था और एक चेयर भी रखी थी.

सतीश बोला- मैडम आप आराम से बैठ जाइए या लेट जाइए, हम आपके कपड़े लाते हैं.
इतना कहते हुए सतीश बाहर निकल गया और तभी दूसरा जो जवान लड़का था हिमांशु, वो अन्दर आया.

तब तक मैं लेट चुकी थी. मेरी स्कर्ट पूरी पीछे से चिपचिप हो रही थी. हिमांशु के अन्दर आते ही मैं उठने लगी, तो वह बोला- मैडम आप लेटी रहिए, हम आपकी सेवा के लिए हैं.
सतीश को टाइम लग रहा था तो हिमांशु बोला- मैडम आप कुछ पिएंगी, कॉफी चाय … मैं ला देता हूं.
मैं बोली- नहीं थैंक्स.

वह एकदम से मेरी चूचियों को और जांघों को तरफ घूर रहा था. उसकी पैंट की जिप का हिस्सा बहुत फूला हुआ था. मैं पहले से बहुत एक्साइटेड थी, मेरे अन्दर चूत में आज सरसराहट लग रही थी.

इतने में सतीश पैंटी और टॉप स्कर्ट लेकर आ गया और बोला- मैडम, यह हम दोनों की तरफ से आपको गिफ्ट है. इसका आपको पेमेंट नहीं करना है.
उन दोनों ने पैंटी खोलकर तीन का पैक था. उसमें 3 कलर की पेंटी थीं.
वो बोले- कौन सा रंग पसंद है मैडम … जो आप बोलेंगी … हम अभी पहना भी देंगे.

हिमांशु बोला- यार सतीश, अगर कोई आ गया तो हम दोनों की नौकरी चली जाएगी.
तो सतीश बोला- अरे मैं नहीं देखता … मैडम के लिए तू नौकरी भी दांव पर नहीं लगा सकता क्या? उनको जरूरत है मदद की.
मैं बोली- थैंक्यू मुझे मैडम कहना बंद करो, मेरा नाम वन्द्या है.
हिमांशु ने बोला- वन्द्या, आप बहुत खूबसूरत हैं और एक बात पूछूं?
मैं बोली- हां पूछो और मुझे आप मत कहो … तुम दोनों मुझसे उम्र में बड़े हो … काम करते हो तो क्या हुआ.

हिमांशु ज्यादा ओपन माइंड का था. वह बोला- मैडम, फिर मैं तू तड़ाक भी बोलूं?
मैं बोली- हां बोलो.
तो बोला- वन्द्या, तुम बहुत सेक्सी लगती हो और मैं यह पूछना चाहता हूं कि अभी तुम किस से करवा के तुरंत यहां सीधे स्टोर में आ गई. अगर बुरा ना मानो तो बता दो … ब्वॉय फ्रेंड या कोई और से करवाया है?
मैं पहले तो झिझकी, फिर बोली- वह कोई और था … मेरे पास ब्वाय फ्रेंड नहीं है.
वह बोला- उससे करवाके कैसा लगा आपको?

मैं कुछ नहीं बोली.

तभी सतीश ने अन्दर से गेट लॉक कर दिया और बोला- वन्द्या जल्दी करते हैं. हम आपको पैंटी पहना दें, जो आपसे अपने हाथ से पहनाने की बात हुई थी.
मैं बोली- ठीक है.

मैंने हां में सिर हिलाया, तो दोनों करीब आ गए और मेरी स्कर्ट को ऊपर करने लगे. जैसे ही मेरी स्कर्ट को ऊपर किया तो देखा कि मेरे नीचे पेंटी नहीं थी. मेरी पूरी नंगी चूत उनके सामने आ गई.
वो नंगी चूत देख कर बोले- ओहह वन्द्या … यह तो गजब हो गया. हम लोग कुछ हेल्प कर दें?
मैं कुछ नहीं बोली पर हिमांशु ने सीधे अपना हाथ मेरी चूत में रखा और उसे रगड़ने लगा. उसने बहुत सारा चूत रस निकाल कर मुझे दिखाया और बोला- वन्द्या, तुम्हारी चूत बहुत बह रही है. हम कुछ हेल्प कर दें, तुम बुरा नहीं मानना.

मैं फिर कुछ नहीं बोली तो बिना कुछ बात किए ही वह हरकत करने लगा. हिमांशु बहुत खुला लड़का था, उसने सीधे मुझे लिटा कर मेरी टांग फैला दीं और अपने जीभ मेरी चूत के फांकों के बीच रख कर चाटने लगा और नाक से सूंघने लगा.

सतीश मुझे घूरे जा रहा था. मैं भी उसे एकटक देखने लगी. तभी सतीश मेरे सामने आकर मुझे बोला- वन्द्या तुमसे खूबसूरत और सेक्सी लड़की मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी, तुम्हें अभी जिसने भी चोदा हो, पर तुम अभी भी बहुत प्यासी हो. देखो किस तरह से तुम्हारा सीना धड़क रहा है, तेरे दूध ऊपर नीचे हो रहे हैं.
यह कहते हुए सतीश ने मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे दोनों दूध पकड़ लिए और जोर से दबा दिया. वो बोला- बहुत मस्त आइटम हो तुम.

मैं बिल्कुल चुपचाप उसकी तरफ देखती रही. तभी सतीश ने अपना पैंट खोलना शुरू कर दिया और अपनी पैंट को उतार कर नीचे फेंक दिया. जैसे ही वो अंडरवियर में आया, मैंने देखा कि उसकी गजब की फिट बॉडी थी, ऐसा लगता था जैसे कोई मॉडल हो.
उसने अपनी अंडरवियर को नीचे खिसका कर उतार फेंक दिया. सतीश का लंड अब मेरे आंखों के सामने था. मैं उसके झूलते लंड को देख कर कुछ सोच भी नहीं पा रही थी.

इतने में हिमांशु ने अपनी पूरी जीभ को मेरी चुत में डाल दिया, तो मैं उछल गई और मेरे अन्दर जाने क्या आग लगी और कैसे मदहोश हुई कि मैंने सतीश का लंड अपने हाथों से पकड़ लिया, बिना कुछ बोले ही.

सतीश मेरे और नजदीक आ गया और बोला- वन्द्या, यह मुझे चमत्कार की तरह लग रहा है कि इतनी जल्दी 15 से 20 मिनट के अन्दर तू चुदाई के लिए रेडी हो गई है. कितनी चुदासी रही होगी तू. हमने जरा सा साहस दिखाया, तुझे एप्रोच किया और तू बिस्तर में आ गई. अब हम दोनों तुझे चोद भी लें. अब पूरी तरह खुल जा हमसे … संकोच नहीं कर. बोल हम दोनों तुझे चोद दें?

मैं कुछ नहीं बोली तो उसने जोर से मेरे दूधों को दबाया और बोला- बोल वन्द्या … तू बता दे … चोद लें? तुझे पहले बोलना पड़ेगा.

अब क्या करती मैं, मैंने पहले हां में सिर हिलाया तो सतीश बोला- तू एक बार बस बोल दे … तुझे इतना मस्त कर देंगे कि हमेशा याद रखेगी.
तब मैं भी चुदास से मजबूर होकर बोली कि हां चोद दो मुझे … पर जल्दी करो.
मेरे इतना कहते ही सतीश बोला- हिमांशु, इधर हाथ दे.

तो हिमांशु ने हाथ बढ़ाया, दोनों ने साथ मिलाकर आपस में में ताली ठोकी और कहा- यार हम दोनों बहुत लकी लड़के हैं, जो हीरोइन से भी सुंदर एक लड़की हमसे वो चुदवाने आई है. चल जल्दी से जमके इस को चोद देते हैं … नहीं तो कोई आ जाएगा. पहले इसको पूरा नंगी कर दे, बाद में नई ड्रेस पहना देंगे.

इतना कहकर सतीश ऊपर की, अपने शर्ट बनियान को उतार दिया और हिमांशु ने खड़े होकर जल्दी-जल्दी ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए. अब वे दोनों नंगे होकर मेरे साथ दीवान पर आ गए.

सतीश बोला कि इसके भी पूरे कपड़े उतार देते हैं. उसने पकड़कर मेरी स्कर्ट खींच दिया, फिर मेरी समीज और टी-शर्ट को ऊपर करके मेरे हाथों को पकड़कर उतार दिए.

अब मैं पूरी नंगी हो गई, मुझे दोनों घूरने लगे. हिमांशु बोला- वन्द्या, तू तो दुनिया की सबसे बड़ी माल है. आज तक हमने कभी भी इतनी सेक्सी खूबसूरत और इतनी मस्त फिगर की लड़की नहीं देखी है.
मुझे पकड़कर हिमांशु पीछे घूम गया और थोड़ा मुझे पीठ के बल लिटा दिया. जैसे ही मैं उल्टी हुई तो सतीश बोला- ओ गॉड … इसकी गांड तो बहुत ही जबरदस्त है … क्या उठी हुई गांड है तेरी!

वो मेरे ऊपर चढ़ कर बोला- हिमांशु तू इसकी चूत मार … मैं तो गांड में ही लंड डालूंगा … चाहे कुछ भी हो जाए. मैं इसकी गांड चोदे बिना नहीं रह सकता.
वह पीछे से मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी गांड में अपनी हथेली रखकर कूल्हों को फैला कर अपनी जीभ से गांड को चाटने लगा. मुझे बहुत गुदगुदी होने लगी.

तब हिमांशु बोला- सतीश भाई, बहुत ज्यादा चाटने चूटने में टाइम मत निकालना … नहीं कोई आ जाएगा. सीधे इसकी चुदाई कर लेते हैं.
सतीश बोला- हां, तू सही बोल रहा है.

उसने मुझे करवट में लेटने को बोला, तो मैं करवट लेकर आड़ी लेट गई. सतीश मेरी पीठ की तरफ आकर मेरी एक टांग को थोड़ा फैलाकर पीछे लिपट गया. उसका नंगा शरीर और उसकी छाती मेरी पीठ से चिपक गई. उसका लंड मेरी गांड में टच करने लगा.

सतीश ने बहुत सारा थूक निकाल कर मेरी गांड में लगाया और हिमांशु से बोला- तू अपना लंड या तो इसके मुँह में दे या तो इसकी चूत में डाल दे.
हिमांशु बोला- मैं तो चूत में ही डालूंगा. मैंने वन्द्या की पूरी चूत चाट कर साफ कर दी है.

अब हिमांशु ने आगे से आकर मेरी कमर के दोनों तरफ पैर डालकर अपना लंड हाथ से पकड़ कर मेरी चूत में टच करा दिया. लंड का टच मिलते ही मैं उससे लिपट गई और बिल्कुल उछल सी पड़ी. हिमांशु का सीना मेरे मम्मों से लग गया और उसका मुँह मेरे मुँह से जुड़ गया. उसकी गर्म गर्म सांसें मेरी सांसों से टकराने लगीं.

मैं अपनी चूत की प्यास के आगे मजबूर हो गई और बोली- जल्दी से डाल दो … जल्दी चोदो … बहुत चुदास चढ़ गई है … ज्यादा तड़पाओ नहीं … अब मुझसे नहीं रहा जाता.
तभी सतीश बोला- वन्द्या, तुमने आज के पहले कभी अपनी चूत और गांड में एक साथ लंड लिए हैं … या ये फर्स्ट टाइम है.
मैं सीधे बोली- हां लिए हैं … कई बार लिए हैं … तुम जल्दी से करो … बहुत बेचैनी हो रही है.

हिमांशु बोला- अरे वाह तू रंडी है क्या … जो इतनी छोटी सी उम्र में कई बार चूत और गांड में एक साथ लंड ले चुकी है?
मैं बोली- तुम्हें जो समझना है, वह समझो … पर मैं करवा चुकी हूं.
तब सतीश बोला- यह छिनाल से भी बड़ी वाली रांड है यार … तू देखता नहीं इसका सेक्सी लुक है और ऊपर से ब्यूटीफुल भी है … इस साली कमसिन को कौन छोड़ेगा.

सतीश ने मुझसे फिर से पूछा- बस एक बात बता दे कि अब तक एक साथ तुझे कितने लोगों ने अधिकतम चोदा है.
मैं बोली- छह लोगों ने एक बार में चोदा है.

इतना सुनते ही वे दोनों जोश में आ गए और बोले- यह बहुत बड़ी आइटम है … इसको हम दोनों के लंड से कोई फर्क नहीं पड़ेगा … तू डाल हिमांशु.

बस दोनों ने एक साथ बड़ी जोर से ताकत से मेरी गांड में और चूत में लंड का धक्का मारा और पूरी ताकत से अपने लंड घुसाने लगे. मेरी चूत तो बहुत गीली थी, तो उसमें तो एक ही झटके में हिमांशु का लंड घुस गया. उसका लंड घुसते ही मैं हल्के दर्द के से चीखी और उछल पड़ी. पर मेरी सूखी गांड में सतीश का लंड फिसल गया. तो सतीश ने अपना लंड में गांड में फिर से सैट किया.

चूत में लंड घुस जाने की वजह से मैं चीखी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मार डाला … साले बहुत दर्द हो रहा है.
हिमांशु का लंड बहुत मोटा था, इसलिए बहुत दर्द हो रहा था. ये दोनों जवान लड़के थे … उनसे चुदवाने का मेरा मन बहुत कर रहा था. तभी सतीश ने मेरे कूल्हों को हाथ से पकड़ा और थोड़ा पोजिशन बदल के फिर से लंड को गांड के छेद पर सैट कर दिया.

जैसे ही सतीश मेरी गांड में अपना लंड डालने लगा, मुझे अपनी सूखी गांड में बहुत तेजी से दर्द हुआ. मैं चिल्लाने लगी- निकाल कमीने … नहीं डलवाना … बहुत दर्द हो रहा है … मर जाऊंगी साले … छोड़ दे.
पर उसने मेरी एक नहीं सुनी और कसके मेरे कूल्हों पर हाथ मार कर बोला- चुप कर रे साली रंडी … अभी कोई आ जाएगा … तू चिल्ला मत.
यह कह कर उसने कसके एक झटका दे मारा.

उसका झटका जोर से लगा तो लंड अन्दर घुस गया. मेरी गांड फट गई. मैं ‘मर गई मम्मी … बचा ले … मम्मी …’ चिल्लाने लगी. इतने में उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर घुसा दिया. मेरी गांड में बहुत दर्द होने लगा. मैं सोच भी नहीं सकती थी कि इतना दर्द होगा. पर पूरा लंड घुस चुका था. अब मेरे दोनों छेदों में लंड घुस गए थे. मेरी चुत और गांड के अन्दर गर्म गर्म लोहे के सरिये पेले पड़े थे. मैं दर्द से चिल्लाने लगी, तो सतीश ने जोर से तो मेरा मुँह दबा लिया.

तभी ऊपर से हिमांशु मुझसे लिपट गया और लंड पेलता हुआ बोला- वन्द्या तेरी चूत इतनी टाइट कैसे है … तू तो बता रही थी कि तू बहुत बार लंड ले चुकी है, फिर भी बहुत टाइट चूत है. लगता है जैसे तुम वर्जिन कुंवारी लड़की हो.
वो मेरे गालों को पकड़ कर चूमने लगा मेरे मुँह को खोल कर मेरी जीभ को चूसने लगा. वो बोला- तू तो बहुत सेक्सी है.

मैं दर्द के मारे उससे लिपट गई, क्योंकि पीछे से सतीश मेरी गांड में अन्दर लंड पूरा घुसा के धक्के मारने लगा था. मुझे पीछे मुझे बहुत दर्द हो रहा था, पर आगे मुझे मजा आ रहा था. मैं आगे की तरफ अपनी कमर को हिलाने लगी, तो पीछे से अपने आप सतीश को मजा आने लगा.

वो बोला- साली कितना मस्त गांड चुदवाती है … पर फिर भी चिल्लाती है. आज तुझे हम दोनों बहुत कसके चोद के तेरी प्यास बुझा देंगे. तू देखना कितना मजा आता है.
यह कहते हुए वो बहुत जोर जोर से मेरी गांड में पीछे से धक्का मारने लगा.

करीब तीन चार मिनट बाद मेरी गांड का दर्द भी कम होने लगा और अब मैं खुल के सेक्स को एन्जॉय करने लगी. तभी मेरी जीभ को हिमांशु ने छोड़ दिया और मेरी गर्दन पकड़ कर वो एकटक मेरी आंखों में आंखें डाल कर देखने लगा.
वो मुझसे बोला- ऐसे ही बिना पलक झपकाए मुझे देखती रह वन्द्या.

मैं बिना पलक झपकाए आंखों में आंखें डाल कर हिमांशु को देखने लगी. इधर हिमांशु जोर-जोर से मेरी चूत में धक्का मार रहा था. वो अपना पूरा लंड चूत से बाहर निकाल कर फिर पूरा अन्दर कर दे रहा था. तगड़े झटके खाने के बाद भी मैंने अपनी पलक नहीं झपकायी.

हिमांशु बोला- कितनी सेक्सी आंखें हैं तेरी … ऐसे देख रही है कि न जाने तुझे कितने लंड चाहिए … ऐसे तू किसी को भी देखेगी तो वो तुझे पकड़ कर चोदेगा ही … सच में बहुत ज्यादा प्यासी निगाहें है तेरी वन्द्या.
मैंने अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ा तो वो कहने लगा- अब तू जितना गंदा हो सके गाली दे हम दोनों को … और जो मन पड़े … खूब बोल.

पता नहीं उसके यह कहने के बाद अचानक मेरी चूत में क्या हुआ कि मैं बिल्कुल चिल्लाने पर मजबूर हो गई. मैं अपनी कमर को अपने आपसे आगे पीछे करने लगी और बोलने लगी- कमीनों चोदो मुझे … जम के घुसा दो मेरी चूत में और मेरी गांड में भी अपना लौड़ा जमके डालो … आह पूरा पेलो … और बहुत जोर जोर से चोदो.
तब हिमांशु बोला- वन्द्या तू यह बता कि तेरा प्रोग्राम क्या है … सच सच बोलना मेरी जान.

मैं ना जाने क्यों, उस जोश में कुछ भी नहीं छुपा पाई और उनसे बोली कि मैं सच बताऊं तो यहां शापिंग के बहाने चुदवाने ही आई हूं. बाहर दो-तीन लोग खड़े हैं, वे सब मुझे चोदने वाले हैं. उनके कुछ पार्टनर भी साथ में हैं. वे ठाकुर लोग हैं … यहां उन लोगों का बहुत बड़ा काम है. वे बड़े लोग हैं.
इधर सतीश पीछे से मेरे बाल पकड़कर कस के गांड में लंड डालते हुए बोला- तू साली रंडी है … बुकिंग में आई है. ये बता वह तेरे साथ औरत कौन है, जो साड़ियां खरीदने बैठी है. तेरी दलाल है क्या?
मैं बोली- नहीं, ऐसा मत बोल यार … वह मेरी मम्मी है.

हिमांशु मेरे दूध पकड़ के बोला- साली झूठ बोलती है … कोई मम्मी कैसे अपनी लड़की को चुदवाने बुकिंग में लेकर आएगी?
तो मैं बोली- नहीं ऐसा नहीं है … मम्मी को कुछ नहीं पता, उनके साथ जो बैठे हैं न वे मम्मी की बहन के नंदोई हैं. वे राज अंकल हैं. मम्मी का उनसे पन्द्रह साल से कुछ मजाक और दूसरे वाले संबंध भी हैं. इसलिए उनके चक्कर में वे उनके कहने पर साथ में आ गई हैं.
सतीश को इस बात पर यकीन नहीं हुआ.

मैंने बोला- मम्मी की कसम खाकर कह रही हूं … यही सच है.
सतीश बोला- तू मौसी के यहां कितने दिन रुकेगी?
मैं बोली- अभी आज से ज्यादा से ज्यादा 10-12 दिन और रूकूंगी. आज से 8 दिन बाद शादी है. उसके बाद दो-तीन दिन और रुकना होगा.
वो बोले- शादी की डेट बता?
मैं बोली कि इसी महीने की अभी 24 तारीख को शादी है.
फिर सतीश बोला- हम शादी के दिन तेरे लिए बारात तरफ से शामिल होकर आएंगे. तू वहां मिलेगी ना?
तो मैं बोली- हां आ जाना.

इतने में सतीश मेरी गांड में तेज तेज से धक्का मारने लगा और बोला- वन्द्या, तू बहुत बड़ी माल है. तेरी गांड का साइज बहुत मस्त है. तुझे देख कर कोई भी मर्द बिना चोदे नहीं रह सकता.

वो अब बहुत जोर जोर से मेरी गांड में लंड को अन्दर बाहर करने लगा. करीब चार-पांच मिनट तक उसने मुझे इतनी स्पीड से चोदा कि मैं बिल्कुल हांफने लगी. अपने आप मुँह से मेरे ‘ऊंहहह उंहहह ऊंहहह ओहह आहह …’ निकलने लगा. मेरा पूरा शरीर पसीने से भीगने लगा.
उधर आगे मेरी चूत में हिमांशु भी जोर से अपने लंड को अन्दर बाहर घुसा रहा था. वो मेरे दूध पकड़ के अब चूसने लगा.

सतीश बोला- चल कुछ भी हो जाए … पर हम शादी में तुझे चोदने आएंगे तो जरूर … साली नाटक तो नहीं करेगी वहां … पक्के में चुदवा लेना … पूरी रात में कोई भी टाइम निकाल कर आ जाना. चाहे कार में आ जाना या कहीं कमरे की जुगाड़ हो तो वहां मिल लेना.

मैं उस वक्त फुल जोश में थी, सो मैंने बोल दिया- हां आ जाना … करवा लूंगी … बहुत मस्त चोदते हो … तुमसे जरूर करवाऊंगी.
सतीश बोला- मेरे दो-तीन दोस्त भी आएंगे … वे भी बड़े लोग हैं … तुझे चलेगा न … हम लोग बड़ी गाड़ी में आएंगे.
मैं बोली- हां आ जाना, तुम्हारे दोस्तों का भी ले लूँगी.

वो बोला- एक बाहर का है, उसे भी बुला लूं क्या … तेरी फोटो भेज कर बुला लूँगा. बहुत बड़े लोग हैं. विदेश का हैं. वो मेरे मालिक के बेटे के साथ दिल्ली में पढ़ता है … वो नीग्रो है. ले लेगी उसका हैवी लंड … नीग्रो का लंड हम लोगों से बहुत ज्यादा बड़ा और मोटा होता है. पर तेरे जैसी सेक्सी लड़की के लिए ऐसा ही लंड सही है.
मैं चुदाई में मदहोश होकर बोली- हां बुला लेना … उसका भी घुसवा लूंगी. लेकिन इतने लोगों के लिए जगह कहां मिलेगी?

वह बोला- हम एक दिन पहले आकर उसकी व्यवस्था वहीं कर लेंगे. तुम चिंता नहीं करो, उस गांव में हमारे एक दो लोग अच्छे ग्राहक हैं. जिस सेठ के लड़के को ला रहा हूं, वह भी दिल्ली से आएगा. अगर वह आ गया तो उसका दोस्त भी आएगा. वो बाहरी नागरिक है. कनाडा का है … वे दोनों एक साथ दिल्ली में पढ़ते हैं. मेरी गारंटी है कि वह तेरे को देखेगा तो खुद को रोक नहीं पाएगा. अगर उसका आना होगा, तो हम आगे तुझे बता देंगे.
मैं बोली- ठीक है बुला लेना … आज तक मैंने पहले कभी किसी विदेशी का नहीं लिया … बस ब्लू फिल्में में उनका लंड देखा है. बुला लो साले को … देखती हूं वो लोग कैसे चुदाई करते हैं.

कहानी जारी है.
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