मेरी पहली गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई

(Meri Pahli Girl Friend Ki Pahli Chudai)

विवेक 2016-06-23 Comments

हाय दोस्तो, मैं विवेक हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। हालांकि अन्तर्वासना पर मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं और मुझे पसंद भी आती हैं.. इसलिए मैंने सोचा क्यों न अपनी कहानी भी आप सभी से शेयर की जाए। वैसे यह कहानी नहीं.. मेरी अब तक की जिन्दगी में हुए अनुभव हैं।

बात तब की है.. जब मैं 12वीं कक्षा में था। मेरा एक जिगरी दोस्त है नितेश.. हम दोनों ही पढ़ाई में अपने स्कूल में अव्वल थे.. सभी हम दोनों को जानते थे।

मेरे दोस्त को स्कूल में एक लड़की पसंद थी.. जिसका नाम सौम्या था.. पर वो उस लड़की से बात कभी नहीं कर पाता था।

मुझे भी मेरी कोचिंग में एक ही लड़की अच्छी लगती थी.. जिसका नाम पूनम था। पर मुझे पूनम सिर्फ पसंद थी.. कभी उससे बात करने का सोचा ही नहीं था।

कोचिंग के सारे लड़के उसे इम्प्रेस करने में लगे रहते थे.. पर मैं ज्यादा ध्यान नहीं देता था.. बस अपनी पढ़ाई और दोस्तों से मतलब रखता था।

एक दिन हम सभी दोस्तों में बात चली के नितेश के लिए सौम्या से कौन बात करेगा। जब सबकी फट के हाथ में आ गई.. तो मैंने कहा- ठीक है.. मैं कहूँगा सौम्या से..
नितेश ने कहा- यार तुम अगर ये काम कर दो.. तो मैं पूनम से तुम्हारे लिए बात करूँगा।

मुझे लगा कि इसने मुझे लालच देने के लिए कहा है.. इसलिए मैंने इस बात पर गौर न करते हुए उससे शर्त लगा ली।

मैंने अगले ही दिन जाकर सौम्या से सब कुछ कह दिया और उसने काफी दिन सोचने के बाद नितेश को ‘हाँ’ कर दी। उस दिन मेरा भाई जैसा दोस्त बहुत खुश था.. हमने पार्टी भी की और मैं भी उसके लिए ये काम करके खुश था।

शाम को उसने बिना मुझे बताए पूनम को मेरे बारे में कह दिया और उसने भी ‘हाँ’ कह दी।

वो था मेरा पहला प्यार.. फिर हमारी बातें मिलना-जुलना सब शुरू हुआ।

मुझे किस करना बहुत अच्छा लगता है.. तो हम जब भी मिलते थे.. मैं उसे किस करता था, उसके गुलाबी पतले से होंठ जान ले लेते थे.. मन तो करता था कि खा ही जाऊँ उसके होंठों को!

उसकी पतली सी कमर को पकड़ कर उसके नितम्बों को पकड़ लेता था.. तो वो उछल जाती थी। मैं उसे और कस के पकड़ लेता था। फिर उसके मुँह में अपनी जीभ डाल कर ‘फ्रेंच किस’ करता था।
मेरा तो लण्ड ही खड़ा हो जाता था और मैं महसूस करता था कि जब मेरा लण्ड उसके जिस्म से लगता होगा.. तो उसे क्या लगता होगा।
वैसे मेरा बहुत लम्बा और मोटा है।

हम दोनों बहुत गर्म हो जाते थे और मैं धीरे से उसकी छोटी-छोटी नुकीली चूचियों को पकड़ लेता था.. तो वो एकदम से दूर भागने लगती थी.. पर मेरी पकड़ से आजाद नहीं हो पाती थी और मैं फिर से उसके रसभरे कोमल से होंठों को चूसने लगता और कभी-कभी काट भी लेता था।

ऐसे ही हमारे बीच चलता रहा और मैं कभी-कभी उसकी जीन्स के अन्दर हाथ भी डाल देता था। एक-दो बार वो गुस्सा हुई.. कुछ दिन पर फिर उसने कुछ नहीं कहा।

फिर उसका जन्मदिन आया.. उस दिन मैं उसे अपने दोस्त के खाली घर पर ले गया। मैंने उसका एक कमरा खुद सजाया.. केक लाया और जब वो आई तो हम दोनों ने केक काटा और मैंने उसे एक प्यारा सा सूट गिफ्ट किया।
मैंने कहा- इसे पहन कर दिखाओ।

बहुत मनाने के बाद वो तैयार हुई और अपने कपड़े उतार कर वो सूट पहना.. मैं उसे देखता ही रह गया।

मैंने उसे गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा कर उसे चूमना शुरू किया, पहले उसके होंठ फिर गले पर चूमता रहा।
मैं धीरे से उसके कपड़े उतारने लगा और वो आँखें बंद करे हुए थी। मैंने उसके चूचों को मसला और निप्पल पर भी काट लिया.. वो सिसक उठी और मेरे बालों को सहलाने लगी।

‘आह्ह्ह.. ऊउह्ह्ह..’ वो सिसकारियाँ भरने लगी।

मैं किसी प्यासे की तरह उसकी चूचियों को पिए जा रहा था। कुछ पलों के बाद मैं उसके पेट से होकर उसकी चड्डी के पास पहुँचा और ऊपर से ही उसकी चूत चूमने लगा। वो इतनी गर्म हो गई कि अब उससे रहा नहीं जा रहा था।
मैंने उसकी भावना को समझते हुए अपना काम शुरू कर दिया।

मैंने लण्ड को चूत की फांकों के बीच सैट करते हुए धक्का लगाने की कोशिश की और मेरा जरा सा लौड़ा घुसते ही उसकी चीख निकल गई.. जिससे पूरा कमरा गूँज गया और उसकी चूत से खून निकलने लगा.. वो रोने लगी।

मैंने थोड़ा रुक कर उसके होंठों को अपने अपने होंठों से जकड़ लिया और उसकी चूचियों को चूसने लगा.. जिससे वो थोड़ी शांत हुई।

उसके शांत होते ही मैंने फिर से एक जोर के धक्के से अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया और वो चीखती हुई बोली- इसे निकालो प्लीज.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज।

मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि लड़की को पहली बार में इतना दर्द होता है, जबकि अभी मेरा आधा ही घुसा था।
मैंने धीरे से अपने लण्ड को बाहर खींचा.. उसके हाथों को जोर से जकड़ा और फिर से एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लण्ड उसकी चूत की गहराईयों में खो जाने दिया।
वो लगभग लस्त हो गई थी।

पहले मैं धीरे-धीरे धक्के मारता गया और कभी उसके होंठों तो कभी उसकी चूचियों को पीने लगता।

जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने मेरे कानो में धीरे से कहा- जान मैं तुम्हें बहुत चाहती हूँ.. प्लीज इन सबके के बाद मुझे प्यार करना कम मत करना.. आई लव यू जान।
मैंने भी कह कह दिया- आई लव यू टू जान।

मैंने उसकी आंसुओं से भीगी पलकों को चूमा.. फिर से अपने धक्के तेज कर दिए और वो फिर अपनी आवाजों से मुझे मदहोश करने लगीं और मैं जोश में आ गया।
मैं जोरदार धक्कों के साथ उसे खूब चूमता रहा। कुछ बाद वो झड़ी और उसके थोड़ी देर बाद ही मैं भी झड़ गया।

फिर मैंने उसे अपने ऊपर लिटा लिया और उसकी चूत में अपना लण्ड डाले रखा और हम ऐसे ही बातें करने लगे।

बातों बातों में उसने कहा- जान, आप बहुत शैतान हो। मेरी जान ही निकाल दी आपने!
मैंने पूछा- आज ये वाला प्यार करके कैसा लगा?
वो बोली- आपने मुझे ऐसे प्यार किया.. मैं बहुत खुश हूँ। आज से आप मेरे पति हैं। अब से मुझ पर सिर्फ आपका ही हक़ रहेगा।

हमने खूब किस किए और एक बार और सेक्स किया। फिर वो अपने घर चली गई।

ऐसे ही हमें जब मौका मिलता.. हम सेक्स करते। हमारा रिश्ता चलता रहा.. पर 3 साल बाद हमारा ब्रेक-अप हुआ।
वो कहानी फिर कभी..
आप मुझे [email protected] पर मेल कर सकते हैं।

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