कुंवारी लड़की की सील कैसे तोड़ी

(Kunvari Ladki Ki Seal Kaise Todi)

मेरे प्यारे दोस्तो, कैसे हो आप सब!
आज मैं आपके लिए दिल छू लेने वाली एक कहानी लेकर आया हूँ जो कि कुछ समय पहले ही घटित हुई है.

हुआ यूं कि मेरी एक पुरानी कहानी
भरपूर प्यार दुलार के साथ कुँवारी सील तोड़ी
पढ़कर किसी रितिका नाम की लड़की का मेल आया मेरी मेल आईडी पर!

उसने लिखा था- देखो, मैं सीधी बात करना पसंद करती हूँ, मैंने आपकी सेक्स स्टोरी पढ़ी है जो मुझे काफी अच्छी लगी और मैं आपके साथ सेक्स का अनुभव लेना चाहती हूँ. मैंने अभी तक सेक्स नहीं किया है, मैं अक्षतयौवना हूँ. क्या आप मेरे से बात करोगे ताकि मैं अपनी सील तुड़वाने सम्बन्धी जानकारी प्राप्त कर सकूं।
इस प्रकार मेल पर हमारी बात शुरू हो गयी.

मेरे पूछने पर उसने बताया- मेरा नाम रितिका है और मैं देहरादून के एक इंजीनियरिंग कालेज के हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही हूँ और मैं पहली बार सेक्स करके अपनी सील तुड़वाना चाहती हूँ और दो तीन दिन आपके साथ बिताकर प्यार करना चाहती हूँ. क्या आप मेरी हेल्प करोगे? मेरा व्हाटसअप नंबर ये है प्लीज़ मैसेज मी! आई एम वेटिंग योर रिस्पांस.

यह मेल पढ़कर मैंने रितिका को मैसेज किया- हेल्लो!
और उसके भेजे मेल का स्क्रीनशॉट लेकर भेज दिया.
उसका तुरंत रिप्लाई आया- धन्यवाद! आप कैसे हो?
मैं- मस्त … आपकी उम्र क्या है? और प्लीज़ सेंड मी अ पिक ऑफ़ योर्स!

रितिका ने अपनी फोटो भेज दी. उसकी फ़ोटो देखकर में दंग रह गया. रितिका बहुत ही सेक्सी नजर आ रही थी और उसका फिगर कमाल का लग रहा था.
और रीतिका ने बताया कि वह अठारह साल की है.
उसने आगे बताया- होली पर मेरी चार दिन की छुट्टी है और मैं घर ना जाकर सेक्स लाइफ एन्जॉय करके देखना चाहती हूँ.
मैंने भी तुरंत हाँ कर दी और बोला- रितिका, मैं तुम्हें भरपूर प्यार दूंगा. मैं तेरे हर अंग को प्यार करना व चूमना चाहता हूँ. मेरी जीभ तेरे पूरे बदन को फील करना चाहती है।

इस प्रकार हमारी काल पर बात हुई और होली की छुटियों में मेरा और रितिका ऋषिकेश में सेक्स करने का प्लान बना. रितिका ने हॉस्टल से छुट्टी ली और मुझे कॉल कर दिया- जान, आई एम कमिंग ऋषिकेश फ़ॉर माय फर्स्ट फकिंग!
मैं बोला- रितिका मेरी जान, जल्दी आओ, मैं तो कब से तेरा इंतजार कर रहा हूँ.

लेकिन उसने मेरे सामने एक शर्त भी रख दी- चार दिन के लिए मैं आपकी रहूँगी, उसके बाद आप मेरे साथ कॉन्टैक्ट नहीं रखोगे.
मुझे भाला इस बात पर क्या ऐतराज हो सकता था, मैंने भी हाँ कर दी और तय किये गए समय पर उसे ऋषिकेश बस स्टैंड पर लेने चला गया.

और जब मैंने उसे देखा … तो देखता ही रह गया. वो बिल्कुल आलिया भट्ट की तरह मस्त लग रही थी. उसेक कामुक शरीर को देख कर जीन्स में ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया.
मैंने पहले ही ऋषिकेश होटल बुक कर रखा था, रितिका से मिलते ही मैंने उसे हग किया और फिर सीधे होटल पहुंच गए.
कमरे में जाकर मैं बेड पर बैठ गया और मैंने रीतिका को अपने पास बुलाया. वो मेरे सामने बैठ गयी और थोड़ी बहुत बातें की हमने!

फिर रितिका ने मेरी गोद में सिर रख लिया और मैं उसके बालों को सहलाने लगा और उसके चिकने गालों पर हाथ फिराने लगा. इस सब से ही वो गर्म होने लगी. लेकिन मैंने जल्दी करना उचित नहीं समझा.
फिर हम उठे और कुछ देर गंगा नदी के किनारे टहलकर वापिस आ गए। अब कुछ बातें करने से मैं और रितिका आपस में खुल चुके थे.

मैंने रितिका से कहा- आज तो आपकी चुत का रिबन कटने वाला है.
रितिका- प्लीज़ बिल्कुल प्यार से करना, मैंने आज तक किसी लड़के को किस तक नहीं किया है. और आपकी एक कहानी पढ़ी थी कि आप प्यार से सील तोड़ते हो, बूब्स और चुत मजे से चूसते हो, एक बार चुदाई के बाद दोबारा आपसी सम्पर्क नहीं रखते इसलिए बहुत ज्यादा विश्वास करके डरते डरते आपके पास आई हूं।
मैंने रितिका के बालों पर हाथ फेरते हुए माथे पर चूमा और बोला- मेरी जान, तुम जरा भी टेंशन मत लो, मैं बिल्कुल प्यार से करूँगा.
तो वो हैप्पी हो गयी.

रितिका नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई और जैसे ही वो बाहर आई, मैंने उसे गोद में उठा लिया उसके गीले बालों से पानी की बूंदें मेरे ऊपर गिर रही थी.
मैंने उसे बेड लिटा दिया और उसके साथ लिपलॉक किसिंग करने लगा. करीब सात आठ मिनट हम एक दूसरे की आंखों में देखते हुए किस करते रहे.
फिर हम जीभ से जीभ लड़ाने लगे और एक दूसरे के लिप्स पर घुमाने लगे. उस समय जो मजा और फीलिंग आ रही थी, उसे शब्दों में ब्यान करना मुश्किल है.

अब मैंने उसका टॉप उतार दिया और अपनी टीशर्ट भी निकाल दी, मैं उसकी गर्दन और कानों के पास चूमने लगा. मेरा पेनिस खड़ा होकर उसकी पूसी पर दवाब बना रहा था, वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और अपने दोनों पैर मेरी कमर के बाहर लपेट रखे थे।

उसके बाद मैंने अपने दांतों से खींचकर उसकी ब्रा निकाल दी और रितिका के दूधिया बूब्ज़ चूसने लगा. मैंने रितिका का एक बूब मुँह में डाला था और जोर जोर से चूस रहा था. मैं दूसरे बूब को सॉफ्ट बाल की तरह दबा रहा था. रितिका पूरी गर्म हो चुकी थी और बोल रही थी- आई लव यू डिअर … ऐसा मजा लाइफ में कभी नहीं आया!
वो इस मूवमेंट को पूरा एन्जॉय कर रही थी और उम्म्ह… अहह… हय… याह… की मस्त आवाजें निकाल रही थी.
फिर मैं उसकी नाभि पर चूमने लगा और अपने मुंह व दांतों से पहले उसका लोवर नीचे खींचा और पेंटी के ऊपर से ही उसकी कुंवारी चुत पर चुम्बन करने लगा. रितिका मेरी हरकतों का पूरा आनंद ले रही थी.

औऱ फिर जैसे ही पैंटी को खींच कर उतारने लगा, उसने अपने दोनों हाथ अपनी चूत पर रख लिए, उसे शर्म आ रही थी. मैंने जबरन उसके हाथ हटाये और उसकी चिकनी चूत को निहारा. वो पूरी तैयारी के साथ आई थी, उसकी चूत एकदम सफाचट थी.

मैं उसकी चूत को उंगली से सहलाने लगा, उसकी क्लिट को छेड़ने लगा, उसकी सिस्कारियां निकलने लगी और जल्दी ही उसने पानी छोड़ दिया.

अन मैंने उसे खा कि मेरे कपड़े निकाल कर मुझे भी नंगा करे. उसने मेरी जीन्स को खींचकर निकाल दिया, साथ ही मैंने अपने अंडरवीयर को उतार दिया. रीतिका मेरे लन्ड को बड़े प्यार से देखने लगी.
फिर हम सिक्स नाइन की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के अंगों से मस्ती करने लगे. वो आह आह कर रही थी और मेरे बालों पर हाथ फेर रही थी, वो मस्ती के साथ मेरे लंड को किस कर रही थी।

फिर वो हाथ से मेरे पेनिस को सहलाने लगी और बोली- तैयार हो जा मेरे शेर.!
उसने लंड पर कंडोम लगा दिया और बोली- प्लीज़ आज मेरी सेक्स की भूख मिटा दो, मेरी तड़फ मिटा दो.

मैं उसके लिप्स अपने लिप्स में लेकर चूसने लगा. वो बेचैन हो रही थी लंड के लिए, कहने लगी- जल्दी करो ना!
मैंने उसकी चूत में वेसलीन लगाई और अपना पेनिस सेट करके उसकी क्लिट पर रगड़ने लगा. और जैसे ही वो अपनी चूत पर मेरे लंड की रगड़ को एंजॉय करने लगी, मैंने दो झटके लगाए, मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया.

एकदम से उसकी चीख निकल गयी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे. तो मैं थोड़ी देर रुक गया और रीतिका को प्यार करने लगा. मैं उसके होंठों को प्यार से चूस रहा था और उसकी आँखों में देखा तो वो प्यार से मुझे देख रही थी. फिर मैंने प्यार से उसके माथे को चूमा और पूछा- ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा?
तो उसने पलक झपका कर उत्तर दिया और वो हैप्पी हो गयी.

फिर मैं प्यार से धीरे धीरे रितिका की चूत में अपने लंड का दवाब बनाने लगा और पूरा लंड प्यार से रितिका की चूत की गहराई में उतार दिया. फिर धीरे धीर हिल कर लंड को थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर बाद रितिका भी अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुऐ मेरा साथ दे रही थी, उसकी आँखों में मस्ती साफ नजर आ रही थी, वो मस्ती के साथ चुदवा रही थी।

और करीब दस मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और जब कुछ देर बाद हम उठे, चादर पर नजर दौड़ाई तो वो रेड एंड व्हाइट हो चुकी थी.
मैं रितिका को बोला- डार्लिंग, क्या बात है … चादर लाल कर दी तुमने!
तो वो शर्मा गयी.
फिर रितिका ने मुझे किस किया और बोली- थैंक्स जानू इतना प्यार देने के लिए! ये मेरी लाइफ का सबसे अच्छा दिन था, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई अनजान इंसान मेरे साथ इतने प्यार से बिहेव करेगा.

उसके बाद हम लगातार तीन दिन ऋषिकेश घूमे और बहुत बार प्यार भरी चुदाई की रितिका के साथ बिताए. वो पल भुलाये नहीं भूलते!
मेरी यह कहानी और रितिका का अपनी छुट्टी बिताने का मस्ती भरा अंदाज कैसे लगा, मुझे जरूर बताएं.
मेरी मेल आईडी है [email protected]
मुझे अन्तर्वासना के पाठक पाठिकाओं के मेल और कमेंट्स का दिल की गहराई से इंतजार रहेगा.

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