गरबा सीखने आई स्वीटी की स्वीट चुदाई

(Garba Seekhne Aayi Sweeti Ki Sweet Chudai)

भावेश सूरत 2019-04-20 Comments

दोस्तो, आप सभी का स्वागत है. मैं भावेश डायमंड नगरी सूरत, गुजरात से हूँ. मैं अन्तर्वासना का एक बहुत पुराना पाठक रहा हूँ. मैंने इधर की कामुक कहानियों को पढ़ कर सोचा कि क्यों न अन्तर्वासना के दूसरे पाठकों के साथ मैं अपनी कहानी को भी साझा करूं.

यह मेरी पहली कहानी है … मैंने इधर सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लिखा है. जिससे किसी की भावना को ठेस भी न पहुंचे और आप सभी को मजा भी आए.

दोस्तो, यह कहानी पिछले साल हुई नवरात्रि के ठीक दो महीने पहले से शुरू होती है. आपको तो पता ही होगा कि गुजरात में नवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. इस उत्सव में बच्चे, बूढ़े, लड़कियां, लड़के, औरतें सभी गरबा और डांडिया खेल के एन्जॉय करते हैं.

वैसे तो मुझे भी गरबा और डांडिया खेलने का शौक है और मुझे डांडिया खेलना आता भी है. फिर भी मैंने कुछ नए गरबा और डांडिया स्टेप्स सीखने के लिए एक गरबा क्लास ज्वाइन कर लिया. मेरे गरबा क्लास ज्वाइन करने के एक हफ्ते बाद ही इस कहानी की नायिका ने गरबा क्लास ज्वाइन किया. यहां हम कहानी की नायिका को स्वीटी नाम देते हैं.

स्वीटी के बारे में बता दूं कि स्वीटी की हाइट 5 फिट 5 इंच के करीब है, एकदम स्लिम बॉडी, जो कि जवान से लेकर बुड्डे तक की नियत को हिला कर रख दे, उसका ऐसा सेक्सी फिगर था. कुल मिलाकर स्वीटी एकदम पटाखा माल थी. पहले दिन ही स्वीटी को देखते ही मेरी पूरी बॉडी में करेंट सा दौड़ गया था. मेरा लंड भी चूत चूत पुकारने लगा था और ज़िद करने लग गया था कि स्वीटी की ही स्वीट चूत चाहिए.

बस फिर क्या था, पहले दिन से ही स्वीटी को पटाने की कोशिशें शुरू हो गईं. स्वीटी के क्लास ज्वाइन करने के चौथे दिन ही उससे हाय हैलो तक बात हुई, फिर पता चला कि वो तो मेरे एरिया के पास ही रहती है.

धीरे धीरे उसके साथ बातें शुरू हुईं. स्वीटी से उसके बारे में पूछने से पता चला कि वो सायन्स कॉलेज की स्टूडेंट हैं और अभी उसकी छुट्टियां चल रही हैं, तो उसने गरबा क्लास ज्वाइन किया है.

एक दिन क्लास से घर जाते वक्त मैंने स्वीटी को लिफ्ट के लिए पूछा, तो वो बोली कि वो ऑटो रिक्शा से जाएगी.
ऐसे ही मैं हर दिन उससे लिफ्ट के लिए पूछता और वो मुस्कुराते हुए मना कर देती.

फिर भी हार मानने की जगह मेरी तरफ से स्वीटी को पटाने की कोशिशें जारी रहीं. फिर आखिर वो दिन आ ही गया, जिस दिन मुझे इतनी कोशिशों के फल स्वरूप स्वीटी मिलनी थी.

दरअसल हुआ यूं कि क्लास से लेट छुट्टी मिली और स्वीटी को जल्दी घर पहुंचना था. उस दिन खुद उसने कहा- आज मुझे लिफ्ट दे दो, मुझे लेट हो रहा है.
उसकी बात सुनते ही मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे. फिर क्या था मैंने स्वीटी को लिफ्ट दी और उसे जल्दी से न पहुंचाने की जगह बात करने के लिए ज्यादा समय मिल जाए, इसलिए थोड़ा घुमा फिरा के स्वीटी को घर के पास छोड़ दिया.

उसको पता नहीं मेरी क्या बात पसन्द आ गई थी कि अब वो हर रोज़ मुझसे लिफ्ट मांगने लगी. फिर धीरे धीरे हम दोनों ने मोबाइल नंबर शेयर किये. इसके बाद पहले व्हाट्सअप मैसेज से बात होना शुरू हुईं … फिर कॉल पर बहुत देर देर तक बातें होने लगीं.

एक दिन मैंने स्वीटी से घर छोड़ते वक़्त उसे आई लव यू बोल दिया. वो बिना कुछ कहे घर चली गयी.
मुझे लगा रायता फ़ैल गया है लेकिन कुछ देर बाद स्वीटी ने मैसेज किया ‘कितना वक्त लगा दिया पागल … आई लव यू बोलने में.’
फिर उसने भी प्यार का इज़हार किया.

मेरी तो निकल पड़ी थी. अब तो गरबा क्लास बंक करके घूमने, मूवी देखने, खाने के लिए बाहर जाने लगे. ये सभी में कभी कभी चुम्मा चाटी और ऊपर ऊपर से सब कुछ हो जाता था. स्वीटी को भी इस सब में मजा आ रहा था. वो भी खुल के एन्जॉय करती थी.

अब तो स्वीटी मुझसे बिल्कुल सैट ही गई थी. बस अब इंतज़ार था एक सही मौका मिलने का. मुझे वो सही मौका भी बहुत जल्द मिल गया.

वो कहते हैं ना कि किसी को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है. वो मुझे सच होता हुआ दिखाई देने लगा.

स्वीटी की फैमिली को किसी रिश्तेदार की शादी में जाना था, तो स्वीटी ने मुझे बताया कि उसने अपने फैमिली वालों से कह दिया कि आप सब जाओ मुझे पढ़ाई करनी है, तो किसी सहेली को घर पर बुला लूंगी.
पर स्वीटी ने किसी सहेली की जगह मुझे बुला लिया. उसने मुझे फोन पर बोला कि मेरे घर आ जाओ, घर पर कोई नहीं है. हम दोनों खाना भी घर पर साथ ही खाएंगे.

बस फिर क्या था, मैं तो वक़्त पर स्वीटी के घर पहुँच गया. मैंने डोर बेल बजाई तो स्वीटी ने दरवाजा खोला.
आह … आज तो मैं उसे देखते ही रह गया. स्लीवलैस टी-शर्ट और थ्री क्वार्टर शार्ट में वो कयामत ढा रही थी. मैंने डोर लोक किया और अगले ही पल स्वीटी को पकड़ के किस करने लगा.
स्वीटी बोली- राजा, आज तुम्हारे लिए सारी रात झंडे गाड़ने के लिए है.
मतलब आग दोनों तरफ से ही लगी थी.

डिनर करने के बाद उसने एक पोर्न मूवी चला दी. मैं स्वीटी को अपने ऊपर खींच के किस करने लगा. मैंने उसे होंठों पर चूमते हुए अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया. स्वीटी ने भी ऐसा ही किया. हम दोनों की जुबानें लड़ने लगीं. एक अजीब सा नशा छाने लगा. फिर उसे किस करते करते मैं अपना एक हाथ उसके मम्मों पर फिराने लगा. उसने भी अपने मम्मों को मेरे हाथों में सौंप दिया. मैंने ज़ोर से उसके दोनों मम्मों को मसला और एक एक करके दबाने लगा.

जब चुदास बढ़ी, तो मैं स्वीटी की टी-शर्ट निकालने लगा.
स्वीटी ने कहा- इधर नहीं, मेरे बेडरूम में चलते हैं.

मैं स्वीटी को अपनी गोद में उठाकर बेडरूम ले गया. फिर उसकी टी-शर्ट और ब्रा निकाल कर मैंने उसके मम्मों पर हमला बोल दिया. मैं बहुत ज़ोरों से स्वीटी के मम्मों को चूसने में लग गया. इस सब में स्वीटी को भी मजा आ रहा था. वो मेरा सिर और भी ज्यादा अपने मम्मों पर दबा रही थी. उसके मम्मों को चूसने के साथ ही मेरा एक हाथ स्वीटी की चूत पर ले गया. स्वीटी ने अपनी कैपरी के अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी, तो मैंने उसकी गीली चूत में बड़ी वाली उंगली घुसा दी.

मेरी उंगली लेने में स्वीटी को दिक्कत हुई … उसकी चीख निकल गई उम्म्ह… अहह… हय… याह… मतलब स्वीटी पहली बार चुदने जा रही थी, वो बिल्कुल सीलपैक माल थी.

फिर मैंने स्वीटी की कैपरी को निकाल दिया. अभी वो मेरे सामने एकदम न्यूड थी. मैंने उसकी पूरी बॉडी को प्यार से देख रहा था, तो उसने शर्मा कर हाथों से चेहरा छिपा लिया. फिर मैं उसके दोनों हाथों को हटा कर उसकी गर्दन और कान पर किस करने लगा, जिससे उसकी पूरी बॉडी में सिहरन सी दौड़ गई.

अब स्वीटी से कंट्रोल कर पाना मुश्किल था. वो बोल रही थी- प्लीज़, अब मेरे अन्दर अपना डाल के मुझे चोद दो … और मत तड़पाओ.

तो मैंने भी मौका देख कर स्वीटी को सीधा लेटा दिया. उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर अपने 6 इंच के लंड से बड़ी कोशिश के बाद हल्का सा झटका मारा, तो थोड़ा सा लंड अन्दर जाते ही सील टूट गई और खून निकल आया.

इस धक्के से स्वीटी की चीख निकल गयी और वो रोने लगी. वो रिक्वेस्ट करने लगी कि लंड बाहर निकाल दो.
मैंने कहा- जानू पहली बार थोड़ा दर्द होगा, फिर मजा ही मजा है.

ऐसा कहते हुए किस करने के साथ मम्मों को दबाते हुए मैंने उसकी चुदाई को जारी रखा. मैं उसे चूमता रहा, उसके मम्मों को मसलता सहलाता रहा.

जैसे ही स्वीटी नॉर्मल हुई, मैंने दूसरा हल्का सा धक्का लगा दिया. इस बार भी स्वीटी को दर्द तो बहुत हुआ, पर उसने दर्द को सहन कर लिया.

फिर ऐसे ही प्यार से छोटे छोटे धक्कों के साथ मैंने अपना पूरा लंड स्वीटी की चूत में डाल दिया. इस बीच स्वीटी लगातार रो रही थी, पर कुछ देर बात वो नॉर्मल हो गयी. फिर धीरे धीरे मैंने धक्के लगाना चालू किए.

अब स्वीटी को भी मजा आने लगा और वो भी साथ देने लगी. फिर स्वीटी को घोड़ी बना के चोदा.

उसकी चूत बेहद टाईट थी. मुझे अब तक की सबसे ज्यादा टाईट चूत चोदने को मिली थी.

उस रात चूंकि स्वीटी का पहली बार का चोदन था, तो ज्यादा न चोदते हुए पूरी रात में एक बार और चुदाई का खेल हुआ. फिर किस करते हुए एक-दूसरे से लिपट कर सो गए.

सुबह घर जाते वक्त मैंने स्वीटी को उठाया, तो स्वीटी तो मानो आसमान में उड़ रही थी. उसने चूत चुदाई को इतना एन्जॉय किया था कि वो मस्त हुई पड़ी थी. उसने किस करते हुए मुझे ;आई लव यू’ बोला.
फिर मैंने स्वीटी के सिर और होंठों को किस करके उसे ‘आई लव यू’ बोला. इसके बाद मैं अपने घर चला गया.

बस अब तो हम दोनों की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगी थी. हम दोनों को जब भी मौका मिलता था, चुदाई का खेल शुरू हो जाता था. अब तो स्वीटी भी पूरा साथ निभा के चुदाई को पूरा एन्जॉय करती थी.

तो दोस्तो … ये थी मेरी पहली कहानी. आपके सामने और कहानियों के साथ जल्दी पेश होऊंगा. तब तक के लिए अलविदा. सेक्स कहानी कैसी लगी, ये मुझे जरूर बताइयेगा.
मेरा ईमेल एड्रेस है [email protected]

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