बहन का लौड़ा -16

(Bahan Ka Lauda -16)

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अभी तक आपने पढ़ा..

मीरा मुस्कुरा दी और राधे ने उसे बाँहों में ले कर बाहर निकल आया, तौलिये से दोनों के बदन साफ किए और उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर के पास जाकर रुक गया।

मीरा- क्या हुआ.. रुक क्यों गए..?
राधे- अरे जान.. बिस्तर पर देखो.. खून से भरा पड़ा है।

मीरा- मेरे प्यारे राधे.. मैं जानती थी कि आज ऐसा कुछ होगा चादर हटा दो.. नीचे प्लास्टिक डाला हुआ है.. बिस्तर खराब नहीं हुआ होगा.. दूसरी चादर लगा लेंगे।

अब आगे..

राधे ने मीरा को नीचे खड़ा किया और चादर हटा दी.. पास रखी दूसरी चादर डाल दी।
अब मीरा बिस्तर पर सीधी सो गई और अपनी बाँहें फैला कर राधे को आने का इशारा किया.. राधे तो पहले से ही तैयार था। वो सीधा उससे लिपट गया और उसके मम्मों को चूसने लगा।

मीरा- अरे रूको तो.. इतनी जल्दी क्या है.. पहले मुझे प्यार तो करो.. कुछ मीठी बातें तो करो।

राधे- ये प्यार नहीं तो क्या है मेरी जान.. और बातों के लिए तो पूरी लाइफ पड़ी है.. अभी तो चुदाई करो बस.. जब हम बूढ़े हो जाएँगे.. मेरा लौड़ा खड़ा होना बन्द हो जाएगा.. तब बातें ही करेंगे और कुछ तो होगा नहीं हमसे.. हा हा हा हा हा हा।
मीरा भी ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगती है।

राधे दोबारा मीरा के होंठ चूसने लगा.. तो मीरा भी उसका साथ देने लगी।
अब दोनों का मिलन हो गया था.. राधे का लौड़ा तो बेलगाम घोड़ा था। तन कर मीरा की चूत को छूने लगा था।

मीरा- राधे मेरी चूत को चाटो ना.. तुम्हारे होंठों से बहुत मज़ा आता है मुझे।
राधे- ठीक है जान.. हम 69 के पोज़ में आ जाते हैं तुम लंड महाराज की चुसाई करो.. में तुम्हारी चूत को चाटता हूँ।

मीरा- हाँ राधे.. ये सही रहेगा.. मगर तुम सीधे लेट जाओ.. मैं तुम्हारे ऊपर लेट कर लौड़ा चूसूंगी.. तुम भी मेरी चूत को आराम से चाटना।

राधे सीधा हो गया.. अब दोनों का चूसने का प्रोग्राम चालू हो गया था, मीरा बड़े मज़े से लौड़े को पूरा मुँह में लेकर चूस रही थी.. गोटियाँ चाट रही थी।

राधे की जीभ से मीरा को चूत में एक मीठा सा दर्द महसूस हो रहा था.. कुछ देर पहले जो ताबड़तोड़ चुदाई हुई थी उसकी वजह से चूत में सूजन आ गई थी। अब उसको चटवाने में दर्द और मज़ा दोनों आ रहा था।

दस मिनट तक ये खेल चलता रहा। अब दोनों ही गर्म हो गए थे। मीरा की चूत तो फड़फड़ाने लगी थी। अब उसको लौड़े की जरूरत थी।

मीरा- आह्ह.. राधे.. अब बस.. बहुत चूस लिया.. अब डाल दो अपने शैतान घोड़े को.. मेरी चूत में.. आह्ह.. बड़ी जलन हो रही है.. आह्ह.. अपने पानी की धार से मिटा दो.. मेरी चूत की आग को.. आह्ह।
राधे- अच्छा ले मेरी जान.. चल आ जा लेट जा सीधी.. अभी तेरी चूत को ठंडा करता हूँ।

मीरा सीधी लेट गई और राधे उसके पैरों के बीच बैठ गया। उसने लौड़े को चूत पे टिकाया और धीरे से धक्का मारा। लौड़ा थोड़ा चूत में घुस गया।
मीरा- आई.. ओह.. लौड़ा है या बम्बू.. मेरी तो.. इसके चूत में घुसते ही जान निकल जाती है।
राधे- मेरी जान.. बस आज की बात है.. पूरी रात तेरी चूत को चोद कर इस लौड़े की आदी बना दूँगा.. फिर देखना कभी दर्द नहीं होगा।

राधे ने पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया। अब वो ‘दे घपा-घप’ चूत की चुदाई में लग गया था। मीरा को दर्द तो हो रहा था.. मगर अब उसकी उत्तेजना के सामने ये दर्द कुछ भी नहीं था।

मीरा- आह्ह.. आई.. चोदो राजा.. आह्ह.. मचा दो धूम.. आह्ह.. मेरी चूत को आज फाड़ दो.. आज ये मीरा आह्ह.. अपने राधे की हो गई अइ.. आह।
राधे- हाँ मेरी मीरा.. आह्ह.. आज आह्ह.. उहह.. मैं तुझे आज इतना चोदूँगा कि आह्ह.. तेरी चूत जब भी लौड़े के बारे में सोचेगी.. तो आह्ह.. मेरा लौड़ा ही याद करेगी आह्ह।

राधे 10 मिनट तक मीरा को चोदता रहा.. अब उसका लौड़ा पूरा जड़ तक ‘घपा-घप’ जा रहा था। मीरा की चूत लावा उगलने लगी थी।
मीरा- आह्ह.. आह फास्ट आई.. राधे मैं आह्ह.. आई.. चोदो आह्ह.. मेरा पानी उई.. आईईइ निकल रहा है आह्ह।

राधे ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी.. मीरा कमार उठा-उठा कर चुदने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
राधे अब भी पूरी स्पीड से चोद रहा था उसका स्टेमिना पावरफुल था।

मीरा- आह्ह.. आह.. बस भी करो आह्ह.. कितना चोदोगे.. आह्ह.. मेरी चूत का हाल से बेहाल हो गया उई आह्ह।
राधे- उहह उहह.. अभी कहाँ मेरी जान.. अभी तो लौड़ा ठीक से चूत को देख रहा है.. थोड़ा टाइम लगेगा उहह.. उहह.. ले संभाल.. मेरे ओह..उह.. झड़ ही नहीं रहा.. आह्ह.. तेरी चूत बड़ी कसी हुई है.. आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह।

राधे- मेरी जान आह्ह.. अब लौड़ा निकाल रहा हूँ.. तू जल्दी से घोड़ी बन जाना.. अब मन कर रहा है.. तुझे घोड़ी बना कर चोदूँ.. आज पूरी रात हर आसन में तेरी चूत का मज़ा लूँ।

मीरा- आह्ह.. आह्ह.. निकाल लो मेरे आशिक.. मैं भी आज पूरी रात अपने राधे के लौड़े को चूत में रखना चाहती हूँ.. आह्ह.. निकाल लो आह्ह।

राधे ने झटके से लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और मीरा झट से घुटनों पर आ गई। राधे ने एक सेकंड भर में लौड़ा दोबारा चूत में घुसा दिया।

मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. फिल्म में देखा था.. ऐसे घोड़ी बनते हुए आह्ह.. आह्ह.. आज खुद बनी तो पता चला.. क्या मस्त मज़ा आता है।

अब राधे स्पीड से मीरा को चोद रहा था और मीरा भी उत्तेजना में आ गई थी। चूत ‘छप-छप’ करने लगी थी.. उसका पानी दूसरी बार निकलने वाला था। मगर राधे का लौड़ा झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मीरा झड़ गई और राधे अँधाधुंध झटके मारता रहा।

मीरा की चूत में जलन होने लगी.. तब कहीं जाकर राधे ने स्पीड से लौड़े को आगे-पीछे किया और उसका पानी भी मीरा की चूत के पानी से जा मिला।

चुदाई के बाद दोनों बिस्तर पर एक-दूसरे के लिपटे पड़े बातें करते रहे।

मीरा- आह्ह.. राधे.. मज़ा आ गया.. तुम तो बहुत तगड़े हो.. झड़ते ही नहीं.. कितनी लंबी चुदाई करते हो.. आह्ह।
राधे- मेरी जान भगवान ने मुझे बस यही एक चीज़ ऐसी दी है कि कोई भी लड़की या औरत इसके आगे टिक नहीं सकती।

मीरा- राधा तुमने सारा पानी चूत में डाला है.. कहीं मैं प्रेगनेन्ट ना हो जाऊँ..! अभी मुझे पढ़ना है.. कुछ बनना है।

राधे- डरो मत.. कल गोली ला दूँगा।
मीरा- ओह मेरे जानू.. तुम कितने अच्छे हो।

मीरा खुश थी कि उसको जैसा पति चाहिए था.. मिल गया, वो राधे के सीने से चिपक गई और लौड़े को सहलाने लगी।
राधे- क्या हुआ जानेमन चूत की आग मिटी नहीं क्या.. दोबारा लौड़े को तैयार कर रही हो।

मीरा ने झट से अपना हाथ लौड़े से हटा लिया।
मीरा- अरे नहीं नहीं.. मैं तो बस ऐसे ही इसको सहला रही थी। मेरी चूत को तुमने चोद-चोद कर लाल कर दिया है.. अब और नहीं चुदना.. थोड़ा रेस्ट करने दो मुझे।

राधे- हा हा हा हा.. मैं तो मजाक कर रहा था जान.. सहला लो अब ये तुम्हारा ही तो है.. और चूत को आराम दो.. क्योंकि अब मेरा इरादा तेरी मुलायम गाण्ड मारने का है.. साली बड़ी मस्त है तेरी गाण्ड.. आज इसको भी खोल दूँगा ताकि पापा के आने के बाद ना कोई दर्द हो.. ना कोई चीख निकले।

मीरा- नहीं.. अभी नाम मत लो गाण्ड का.. चूत का ये हाल हो गया है.. कल पता नहीं.. चल भी पाऊँगी या नहीं.. गाण्ड मारोगे तो बिस्तर से उठ भी नहीं पाऊँगी।

राधे- हा हा हा.. चल मेरी जान.. आज तेरी गाण्ड बख्श दी.. मगर मैं पापा के आने से पहले इसका मुहूरत जरूर कर दूँगा।
मीरा- ओके.. ये बात पक्की रही.. आज बस चूत के मज़े लो.. गाण्ड बाद में मारना।

दोनों एक-दूसरे से बातें करते रहे और इसी दौरान राधे का लौड़ा फिर खड़ा हो गया। अब बेचारे की सुहागरात थी.. पूरा मज़ा लेने का उसका हक़ था।
उसने लिया भी.. रात भर में उसने मीरा को चोद-चोद कर अपने लौड़े की दीवानी बना लिया। पता नहीं कब दोनों चुदाई से थक कर नंगे ही सो गए।

दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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