आपा का हलाला-7

(Aapa Ka Halala- Part 7)

This story is part of a series:

आदाब दोस्तो, मेरी कहानी पर आप सबकी ढेर सारी ईमेल मिली. आप सबका इस प्यार के लिए बहुत शुक्रिया.

अभी तक आपने पढ़ा कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा और फिर मेरा निकाह सारा आपा से हुआ. सारा को चोदने के बाद कैसे मैंने अपनी दूसरी बीबी ज़रीना को चोदा,
वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने तीन दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया.

आप सभी दोस्तों ने मेरी चुदाई और कहानी में दी गयी तफसील की तारीफ की है और कुछ दोस्तों ने पूछा क्या खाला की चुदाई मेरी पहली चुदाई थी. इस बारे में मैं आगे खुलासा करूंगा, आप मेरी कहानी पढ़ते रहिये और मजा लीजिये.
देरी के लिए माफ़ी चाहता हूँ, कुछ वजह से आगे की कहानी पूरी नहीं लिख सका था, लीजिये पेश है आगे की कहानी:

वलीमा की रात मैंने सारा और ज़रीना को 4 बार चोदा और उनकी गांड भी मारी. जब वो दोनों सुबह लंगड़ाती हुई चल रही थी तो नूरी खाला ने सारा और ज़रीना की हालत देखी तो वे माजरा समझ गयी. खाला मेरी दोनों दुल्हनों को लेडी डॉक्टर के पास ले गयी और डॉक्टर ने सारा और ज़रीना दोनों को 3 दिन के लिए चुदाई ना करने का हुक्म दे दिया.

कुछ देर बाद मैं सारा से उसकी तबियत पूछने गया तो वह मुझसे लिपट गयी फिर मुझे चूमने लगी. वो कहने लगी- मेरा दूल्हा पूरा कसाई है.
फिर मैंने कहा- कसाई कैसा है?
तो सारा ने कहा- अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है.
और कहने लगी- ओह आमिर … ये तुमने कल क्या कर दिया … मेरी चुत का भुर्ता बना दिया. देखो कैसे सूज गयी है, बहुत दर्द हो रहा है. मैं मर जाऊँगी, आआई रे … मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो.

मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वह बिल्कुल सूजी हुई थी. मैं सारा के लबों का बोसा लिया और कहा- आय लव यू आपा! आपको चोद कर मैं धन्य हो गया!
वो रोते और सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थी लेकिन मुझसे गुस्सा थी, बोली- जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवायेंगी. कोई ऐसे भी अपनी खाला की लड़की को चोदता है?
उसकी आँखों से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

तभी वहां पर सारा की बहनें ज़रीना, नरगिस और आयशा तथा इमरान की बहनें दिलिया, अबीर और ज़ारा भी आ गयी और सारा की तबियत पूछने लगी.
दिलिया ने तो मेरे पास आकर मेरे कान में कहा- आपने पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला सारा और ज़रीना आपा के साथ?
तो मैंने कहा- मेरी जान, जल्द ही तेरी भी यही हालत करूँगा.
इस पर दिलिया ने कहा- तो कर लेना, आओ तो सही, मैं चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे. ज़रीना और सारा आपा तो सीधी थी, मीठी थी. नमकीन और कमसिन का मज़ा तो मैं ही दूँगी.

पिछली तीन रात जो मैंने सारा और ज़रीना के साथ गुजारी थी और जो जलवा देखा था उसके बाद सोचने लगा अगर सारा ज़रीना मीठी और सीधी थी तो नमकीन कैसी होगी?

फिर सारी बहनें मुझसे मेरी सुहागरात का किस्सा पूछने लगी तो मैं हिचकिचाया.
इस पर सारा बोली- इनसे क्या शर्म … ये सभी मेरी बहने हैं!
और वो खुद तफसील से हमारी सुहागरात की पूरी दास्ताँ सुनाने लगी.

आप सब यह पूरी दास्ताँ इसकी कहानी के भाग 1 से 6 में पढ़ चुके हैं.

जब सारा सुहागरात का पूरा किस्सा सुना चुकी तो ज़रीना कहने लगी- आमिर, आप बहुत अच्छे तरीके से चुदाई करते हो … आप तो इंगलैण्ड चले गए थे और आपने नूरी खला को बोला था आपकी कई गर्लफ्रेंड थी. आमिर, सच सच बताना कि क्या सारा ही वह पहली लड़की हैं जिन्हें आपने सबसे पहली बार चोदा?
तो मैंने कहा- नहीं मेरी जान, सारा से पहले भी कई लड़कियों को चोद चुका हूँ.

तो मेरी सभी सालियाँ, सारा जरीना की सभी बहने मुझसे अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने के लिए कहने लगी और पूछने लगी- किसे चोदा, कब चोदा, कहाँ चोदा, कैसे चोदा? सब तफसील से बताना!

लीजिये पेश है मेरी पहली चुदाई की कहानी:

स्कूल के पेपर ख़त्म होने के बाद मैं अपने एक दोस्त सुमेर के घर गया था. वे लोग भी काफी रईस थे और काफी बड़ा घर था और घर के साथ एक बहुत बड़ा मैदान था जहाँ हम खेल रहे थे. तभी मेरा दोस्त पता नही कहाँ चला गया.
मैं उसे ढूंढता हुआ घर के पीछे एक अलग सा गोदाम था जो सुनसान रहता था, उसमें गया. तो उसमें अँधेरा सा था. मैंने देखा कि मेरा दोस्त सुमेर वहाँ नंगा खड़ा अपने चूतड़ आगे पीछे कर रहा था. मैं चुपचाप आगे बढ़ा और छिप कर देखने लगा तो देखा वहां एक लड़की बिल्कुल नंगी थी और सुमेर अपना लण्ड उसकी चुत में डाल कर आगे पीछे कर रहा था, अपने हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था. बीच बीच में वे दोनों एक दूसरे को चूमने लगते थे. लड़की उह आह आकर रही थी और दोनों पसीने में तर बतर थे.

मेरा भी लण्ड खड़ा हो गया और मैं उसे ऊपर से सहलाने लगा. कुछ देर बाद सुमेर के लण्ड में से सफ़ेद लिसलिसा पदार्थ निकला और दोनों चूमा चाटी करने लगे.
तो मैं उनके पास आया और सुमेर से बोला- ये तुम क्या कर रहे थे? मुझे भी करना है, नहीं तो मैं शोर मचा दूंगा.
और मैंने लड़की को लपक कर पकड़ लिया ताकि वह भाग न सके.
मैंने सुमेर से पूछा- सच बता ये लड़की कौन है?
लड़की शर्मा कर अपने शरीर को छुपाने छुड़ाने लगी और कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो और किसी को मत बताना, नहीं तो बदनाम हो जाऊँगी.

मैंने लड़की की बाजू को कस कर पकड़े रखा और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया. सुमेर मुझसे बोला- आमिर, इसे चुदाई कहते हैं. क्या तुमने पहले कभी चुदाई नहीं की है?
तो मैंने कहा- नहीं, मैंने नहीं करी है पर अब करना चाहता हूँ. इस लड़की को मैं भी चोदना चाहता हूँ. ये कौन है?
सुमेर बोला- ये पारो है, हमारे घर में नौकरानी है.
मैंने गौर से देखा, पारो का गोरा रंग था और साफ़ सुथरी थी, सुन्दर नैन नक्श थे.

सुमेर बोला- इसे तुम जब मर्जी चोद लेना पर ये राज किसी पर जाहिर मत करना, बेचारी लड़की बदनाम हो जाएगी.
आगे सुमेर बोला- देख आमिर, तेरा लण्ड तो तगड़ा है और पहली चुदाई ख़ास होती है, उसे यादगार बनाना चाहिए. मैं तेरे लिए कोई कुंवारी लड़की ढूंढता हूँ.
मैं सुमेर से बोला- जब तक कुंवारी लड़की नहीं मिलती, इसी से काम चला लेता हूँ.
तो सुमेर बोला- देख आमिर भाई, थोड़ा सब्र रख, इतना उतावला होना ठीक नहीं है. लड़की भी राजी होनी चाहिए, तभी पूरा मजा आता है.
फिर उसने लड़की, जिसका नाम पारो था, उससे पूछा- पारो क्या तुम मेरे दोस्त आमिर से चुदना चाहती हो?

तो मेरी बीवी बनी आपा सारा बोली- तो आमिर … फिर तुमने पारो को चोदा?
मैंने कहा- थोड़ा सब्र रखो और पूरी कहानी सुनो!

फिर मैंने कहानी आगे बढ़ाते हुए कहा:
तो पारो शरमाते हुए बोली- इनका लण्ड तो तगड़ा है चुदाई में बहुत मजा आएगा. लेकिन आप मेरी एक बात मानो तो इनके लिए मैं कुंवारी लड़की का इंतज़ाम कर देती हूँ.
तो सुमेर ने पूछा- वो लड़की कौन है?
तो पारो बोली- मेरी छोटी बहन … उसका नाम गुलाबो है. वह कुंवारी है और उसे मेरी चुदाई के बारे में सब पता है. वह भी उतावली है चुदाई के लिए! क्यों न उसकी पहली और आमिर की पहली चुदाई करवा दें?
मैं और भी उतावला हो गया और बोला- जल्दी करवाओ.
तो पारो और सुमेर हंसने लगे- ठीक है, आज ही करवाते हैं. पारो को छोड़ दो.

सुमेर बोला- पारो, इस काम के लिए तुझे ढेर सारा इनाम दूंगा. और आमिर … पहले ठीक से चुदाई देख और सीख लो.
मैंने पारो को छोड़ दिया तो सुमेर पारो के पास आकर उसे चूमने लगा. वे दोनों मुझे दिखा कर किस करने लगे और सुमेर उसके बूब्स दबाने लगा और पारो उसके लण्ड को सहलाने लग गयी.

सुमेर का लण्ड खड़ा हो गया तो सुमेर बोला- आमिर ध्यान से देख ले कि कैसे चुदाई करते हैं.
और अपना लण्ड पारो की चुत में घुसा कर दनादन धक्के लगाने लग गया और कुछ देर बाद झड़ गया.
पारो बोली- मैं आज रात को गुलाबो को तैयार करके लेकर आती हूँ.
और अपने कपड़े पहन कर भाग गयी.

सुमेर बोला- पहली बार कुंवारी लड़की की झिल्ली फट जाती है और थोड़ा बहुत खून निकलता है. और चुत भी टाइट होती है इसलिए आराम से घुसेड़ना और जितने प्यार से करोगे उतने दोनों को मजे आएंगे. और अपने बाल झांटें साफ़ कर लेना.

उसके बाद मैं रात भर के लिए सुमेर के घर रूक गया.

समय कट नहीं रहा था और मैं उतावला हो रहा था.
तो रात को लगभग आठ बजे खाना खाने के बाद सब सोने चले गए तो सुमेर मुझे चुपचाप छिपा कर उसी जगह ले गया. वहां पारो ने घास फूस पर चादर बिछा कर बिस्तर लगा दिया था और सफाई कर दी थी.
हमें देख कर पारो बोली- आप थोड़ी देर रुको, मैं गुलाबो को लेकर आती हूँ.

मैं लण्ड में तनाव महसूस हो रहा था और लण्ड खड़ा हो रहा था. मैं उतावला हो रहा था तो सुमेर से बोला- भाई, गुलाबो कैसी दिखती है?
सुमेर बोला- थोड़ा सब्र रख … सुंदर है. बाकी वो आ ही रही है, खुद ही देख लेना.

तभी पारो गुलाबो का हाथ पकड़ कर वहां ले आयी और बोली- आमिर, ये लो तुम्हारी गुलाबो … आराम से करना. मैंने सब इंतजाम कर दिया है. हम दोनों दूसरे कोने में जा रहे हैं.
और सुमेर का हाथ पकड़ कर बोली- गुलाबो को हमारे सामने शर्म आयेगी इसलिए चलो हम उधर चलें.
और वे दोनों दूसरी तरफ चले गये.

गुलाबो ने गुलाबी रंग की फ्रॉक पहन रखी थी और सर पर चुनरी ओढ़ रखी थी, उसने अपना चेहरा छुपाया हुआ था. पारो ने गुलाबो का श्रृंगार गुलाबों से किया था उसकी उम्र 18-19 साल की होगी. पतली कमर गोरा रंग, गोल सुडौल बूब्स और वह बहुत कमसिन लग रही थी.

मैं एकदम लपका और उसके बूब्स पकड़ लिए.
गुलाबो चिल्लाई- दीदी बचाओ, बहुत दर्द हो रहा है.
तो पारो बोली- आमिर, आराम से करो, गुलाबो अब तुम्हारी ही है. ज्यादा शोर मत करना, कहीं कोई आ न जाए!
मैंने भी उसकी चीख सुन उसके बूब्स छोड़ दिए और उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर ले गया. मैंने उसे बस्तर पर बिठाया और सॉरी बोल कहा- माफ़ करना, मैं तुम्हारे इंतज़ार में बेकरार हो गया था. अब आराम से करूंगा.

मैं गुलाबो को देख कर दीवाना हो गया था और उसकी एक झलक के लिए बेकरार था. मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी.
गुलाबो शर्मायी हुई अपने पैरों की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच कर लाल हो रहा था. वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.

मैंने थोड़ा सा आगे होकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बिठाया.
या खुदा!! उसका नर्म गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

वह पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ था. गुलाबो के आने से मानो कमरा गुलाबी हो गया था. पारो ने गुलाबो का श्रृंगार गुलाबों से किया था तो मैंने गुलाबो की तारीफ करना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- गुलाबो, तुम बहुत सुन्दर हो. जब से तुम्हारे बारे में पारो से सुना है, तब से मैं तुम से बहुत प्यार करने लगा हूँ और तुमको पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से तुम मेरी होने वाली हो!

वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली- मैं भी आपको प्यार करती हूँ.

कहानी आगे जारी रहेगी.
आपका आमिर
आप अपनी राय मेरी ईमेल [email protected] पर दें.

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