भाभी की चुदाई का मस्त मजा लिया लंड चुसवाने के बाद

(Bhabhi Ki Chudai Ka Mast Maja Liya Lund Chuswane Ke Baad)

आज मैं आपके सामने एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर आया हूँ। यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है।

मेरा निक नेम सोनू हैं, मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है और कसरती शरीर है। मैं करनाल ज़िले का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना को नियमित रूप से पढ़ता हूँ।

हमारे परिवार में सब चाचा ताऊ.. वगैरह सभी मिल-जुल कर पास-पास ही रहते हैं, इसलिए हमारा एक-दूसरे के यहाँ आना-जाना लगा रहता है।

एक दिन मुझे किसी काम से अपने चाचा के घर जाना पड़ा और मैंने दरवाजा खोला और सीधा अन्दर चला गया। मैंने देखा कि अन्दर सभी कमरों के दरवाजे बंद थे।
जब मैं वापस जाने लगा तो मैंने महसूस किया कि कहीं से पानी गिरने की आवाज आ रही है, ध्यान से सुना तो लगा कि वहाँ कोई नहा रहा था।

जब मैंने नजदीक जाकर देखा तो उधर मेरे चचेरे भाई की पत्नी यानि मेरी भाभी नहा रही थी, भाभी बिल्कुल नंगी थी। मैं भाभी के नंगे मदमस्त शरीर को निहारने लगा।
जब भाभी का ध्यान मेरी तरफ गया.. तो उसने जल्दी से तौलिया उठाया और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कमरे में घुस गई।

इस वक्त वो बहुत सुन्दर लग रही थी। उसका साईज 38-34-38 का रहा होगा। उसे नंगा देख कर और उछलते मम्मे देख कर मेरा लंड पजामे से बाहर आने को हो रहा था।

मेरे भाई की शादी को 4-5 साल हो गए हैं.. और उसके दो बच्चे भी हैं। लेकिन मेरी भाभी बहुत ही सेक्सी है।

फिर मैं वहां से चला आया और उसको चोदने की तरकीब सोचने लगा।
भाभी मेरे साथ बहुत ही ओपन थी, वो मेरे साथ इधर-उधर की बातें कर लेती थी। अब तक उसके लिए मेरे दिमाग ऐसा कुछ नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद मेरे दिमाग में उसको चोदने की प्लानिंग चल रही थी। मैंने उसके उछलते मम्मों के नाम पर कई बार मुठ भी मार ली।

कुछ दिन बाद में उसके घर फिर से गया आज भी घर में उसके अलावा कोई नहीं था। उसके दोनों बच्चे स्कूल गए थे और पति किसी काम से बाहर गया था। उसके सास ससुर यानि मेरे चाचा-चाची पहले ही भगवान को प्यारे हो गए थे।

जब मैं अन्दर गया तो वो टीवी देख रही थी। मैं जाकर बैड पर बैठ गया.. भाभी इस वक्त सोफे पर बैठी थी। मैं बैठ कर इधर-उधर की बातें करता रहा।

कुछ देर बाद मैं भाभी से धीरे-धीरे सेक्सी बातें करने लगा और वो मेरी बातों का जवाब देती रही।

मुझे वहां बैठे करीब एक घन्टा हो गया था। मैंने भाभी से नहाने वाले दिन की चर्चा करते हुए उसके सेक्सी शरीर की तारीफ़ की और उससे खुली फ्रेंडशिप करने का कहा.. लेकिन वो बार-बार ना में जवाब दे रही थी। लेकिन मना करते समय उसके मुस्कुराने से उसकी ‘ना’ में भी ‘हाँ’ दिख रही थी।

फिर मैं बेड से उठा और भाभी के करीब जाकर उसके होंठों पर किस कर दिया.. लेकिन उसने मुझे अपने से दूर धकेल दिया।

फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा लिया और उसको किस करते-करते उसकी सलवार खोल कर नीचे सरका दी। इस दौरान वो मछली सी मचल तो रही थी, मगर चिल्ला नहीं रही थी।

मैं एक हाथ से भाभी की नंगी चुत से खेलने लगा.. उसकी चुत पर एक भी बाल नहीं था। मैंने उसकी चुत में अपनी उंगली डाल दी और उंगली हिलाने लगा।

ऐसे 10-15 मिनट चलता रहा.. लेकिन भाभी अपनी सलवार ऊपर खींच रही थी, ऐसा लग रहा था.. जैसे वो अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हुई थी।

वो बार-बार कह रही थी- छोड़ दे मुझे.. कोई आ जाएगा, अगर तेरे भाई को पता चल गया तो वो मुझे घर से निकाल देगा।
इसलिए उसके बार-बार कहने पर मैंने उसे छोड़ दिया और अपने घर चला गया।

शाम को उसका फोन आया और वो मुझे समझाते हुए बोलने लगी- जो भी हुआ, वो अच्छा नहीं हुआ.. तुम्हें समझना चाहिए था कि हमारा रिश्ता क्या है।
मैंने फिर फोन पर उससे माफी माँग ली।

वो हँस दी और मुझसे बोली- मुझे तुमसे मिलना है.. सुबह के वक्त आ जाना, उस वक्त घर पर कोई नहीं होता।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं समझ गया था कि भाभी को मेरा साथ पसंद आ गया था। अब मुझे भी सुबह का बेसब्री से इन्तजार था क्योंकि भाभी की चुदाई का मौका मिलना था।

फिर सुबह उसका फोन आया कि आ जाओ.. घर कोई नहीं है।
मैं उसके घर पहुँच गया।

मैंने वहाँ देखा कि आज कुछ अलग ही नजारा था, भाभी पहले से तैयार होकर मेरा इन्तजार कर रही थी, मैं जाकर बैठ गया.. वो मेरे लिए चाय बना कर लाई और मुझसे चाय पीने को कहा।
मैं चाय पीने लगा, तो उसने वही बात छेड़ दी और मुझसे बोली- अगर किसी को हमारे बारे में पता चल गया.. फिर क्या होगा?

मैंने उसकी इच्छा समझते हुए कहा- भाभी किसी पता नहीं चलेगा।
वो मेरे पास आकर बैठ गई और बोली- जो काम कल अधूरा छोड़ा था.. उसे पूरा नहीं करोगे?

फिर क्या था.. मैं भाभी पर टूट पड़ा.. जैसे बॉर्डर पर फौजी दुश्मनों पर टूट पड़ते हैं। मैं भाभी के होंठों पर होंठ रखकर चूसने लगा और दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलने लगा।
धीरे-धीरे मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए, अब वो काले रंग की पेंटी ब्रा में थी।
उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए।

उसके मुँह से अजीब सी आवाजें निकल रही थीं। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए थे। फिर भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और कुल्फी जैसे चूसने लगी।

थोड़ी देर में हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए। उसकी चुत से एक मस्त सी सुगंध आ रही थी। मैं उसकी चुत को चाट रहा था तो उसके मुँह से ‘उह.. उन्ह.. आह..’ की आवाजें आ रही थीं।

कुछ ही पलों में उसकी चुत से रसधार मेरे मुँह में आ गई.. और मैं भाभी की चुत का सारा पानी पी गया।
थोड़ी देर में मैं भी उसके मुँह झड़ गया लेकिन मेरा लंड अभी भी उसी पोजीशन में था क्योंकि आज मैंने दवा खा रखी थी।

वो बोली- तुम्हारा लंड मेरे पति से काफी बड़ा है।
मेरे लंड का साईज वास्तव में बहुत लम्बा और मोटा है।
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वो बोली- जल्दी से मेरी आग बुझा दो। फिर मैंने उसकी टांगें ऊपर उठाईं और अपना लंड उसकी चुत पर रख कर एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चुत में उतार दिया।
एकदम से हुए मेरे इस प्रहार से वो चिल्ला उठी.. तो मैं रूक गया।
फिर मैंने धीरे-धीरे हिलना शुरू किया, थोड़ी देर में वो मेरा साथ देने लगी।

कुछ देर इसी तरह चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चुत में लंड पेल दिया। लंड उसकी चुत में सटाक से घुसा तो उसके मुँह से बहुत तेज आवाज आई- ओह्ह.. मार दिया.. आह.. जरा धीरे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह.. मजा आ गया..!

कुछ ही देर की चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी। मैं अपनी पूरी स्पीड से चोद रहा था। उसकी चुत भठ्ठी की तरह तप रही थी।

अब मेरा भी होने वाला था, तो मैंने पूछा- पानी कहाँ निकालूं?
वो बोली- अपना रस मेरी चुत की गहराई में डाल दो।

मैंने पूरी ताकत से झटके लगाना शुरू कर दिए और एक ही झटके से चुत भर दी। मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया।

बाद में हम दोनों ने कपड़े पहने और मैं अपने घर आ गया। अब जब कभी मौका मिलता है तो मैं भाभी की चुदाई करता हूँ।

आप लोग अपने जवाब देना कि मेरी यह पहली हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी ताकि मैं अपनी अगली कहानी आप लोगों के सामने ला सकूँ।

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