मामी ने चूत दी तो मैंने ले ली -1

(Mami Ne Chut Di To Maine Le Li- Part 1)

हनी शर्मा 2016-07-20 Comments

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हाय फ्रेंड्स.. मैं अभिनव और यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है.. जो मैं आप सभी के साथ शेयर करना चाहता हूँ।
प्लीज़ आप लोग कमेंट जरूर करना जिससे मैं आगे भी अपनी रियल सेक्स घटनाओं के बारे में लिख सकूँ।

मेरी उम्र 22 साल.. हाइट 5’8″.. कलर एकदम गोरा.. एथलेटिक बॉडी है। मैं हैण्डसम.. स्मार्ट और बहुत ही खुश मिज़ाज इंसान हूँ.. जैसा कि मेरे दोस्त कहते हैं।

बात उस समय की है.. जब मैं बी.टेक. के दूसरे साल में था और यह घटना मेरे और मेरी बड़ी मामी शीतल के बीच घटी थी।
मेरी जिन्दगी का यह पहला सेक्स था जिसे याद करके आज भी रोमांचित हो जाता हूँ।

मेरा ननिहाल बिहार में है.. वहाँ पर लोग ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं.. जिस वजह से मुझे ननिहाल में बहुत प्यार और सम्मान मिलता था।

मेरे ननिहाल में नानी के साथ दो मामा और उनकी बीवियाँ.. यानि मेरी दो मामियाँ हैं।
मेरी छोटी मामी दिखने में औसत हैं.. पर बड़ी मामी की बात ही जुदा है, उनकी मुस्कान ऐसी है यार.. पूछो मत बहनचोद किसी का भी मन डोल जाए।

उनकी हाइट 5’4″ है.. रंग गोरा जिस्म एकदम स्लिम है।

मैंने उन्हें इंची टेप ले कर नापा तो नहीं.. पर यह जान लो.. कि एकदम छरहरा बदन.. कातिलाना अदाएँ और मम्मों के उभार तो ऐसे हैं.. मानो दो ताज़ा सन्तरों को सीने से चिपका दिया गया हो.. जो ब्लाउज के बाहर निकलने को बेताब हों।

उनके चूतड़ों की छटा तो देखते ही बनती है।

जब बड़ी मामी चलती हैं.. तो वे अपने चूतड़ों को इतने मटकाती.. मन करता कि साली को बीच आँगन में पटक कर गाण्ड में लौड़ा पेल दूँ.. पर मेरे लिए ऐसा करना आसान नहीं था।

और क्या बताऊँ उनके बारे में.. बस सब मिलाकर वे चोदने के लिए एक मस्त माल हैं।
कसम से यारों मामी को एक बार जो कोई देख ले.. तो उसे अपने मन में मामी को चोदने का ख्याल ज़रूर आएगा।

बड़ी मामी की शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी। मेरे बड़े मामा की उम्र और उनकी उम्र में लगभग 18 से 19 साल का फ़र्क था।

मेरी उम्र और मेरी बड़ी मामी की उम्र में ज़्यादा फ़र्क नहीं था। वो मुझसे सिर्फ़ 2-3 साल बड़ी हैं.. जिससे मेरे और उनमें खूब जमती थी। वो हमेशा मुझसे मज़ाक करती थीं। कभी-कभी सेक्सी मज़ाक भी कर लेतीं और गर्लफ्रेंड्स को लेकर पूछतीं.. और मैं कह देता- नहीं.. कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है।

अपने मामाओं के बारे में बता दूँ, मेरे दोनों मामा पहले गाँव में खेती-बाड़ी करते थे.. लेकिन एक साल बिहार में सूखा पड़ जाने से उनका बहुत नुकसान हुआ.. इसलिए बड़े मामा कुछ काम ढूँढने लगे।
बड़े मामा बहुत मेहनती हैं इसलिए उन्हें बहुत जल्दी ही यूपी में बनारस में एक बिल्डर के पास कन्स्ट्रक्शन में काम मिल गया तो मामा कमाने के लिए बनारस चले गए।

इधर मैं अपने दूसरे सेमस्टर के बाद की छुट्टी में ननिहाल आ गया, उस समय मेरी उम्र 20 साल थी। मैं दिखने में शांत और थोड़ा शर्मिला हूँ। सभी मुझे बहुत ही अच्छा और होनहार लड़का समझते हैं.. पर मैं कितना हरामी हूँ.. वो तो मेरे दोस्त और मैं ही जानता हूँ। कॉलेज में बहुत सारी गंदी-गंदी बातें.. पिक्चर देख कर.. बस सेक्स करने का मन करता था।
जैसा कि मैंने बताया बड़ी मामी मेरे साथ सेक्सी मज़ाक भी करती थीं.. सो मैंने इस बार सोचा कि चाहे जो भी हो.. बड़ी मामी को कैसे भी चोदना है।

यही सोचते-सोचते मैं ननिहाल पहुँच गया। मेरा जोरदार स्वागत हुआ.. मैंने सबको नमस्ते किया। नानी से थोड़ा देर बात की और कुछ देर बाद नानी के घर से बाहर निकल कर दूसरे घर गपियाने चला गया।

मैंने पहले ही छोटे मामा को बता दिया था कि मैं आ रहा हूँ तो उन्होंने बाज़ार से मेरी पसंदीदा डिश मटन मंगवा लिया था। मैं करीब 6:30 बजे शाम को पहुँचा.. शाम ढल रही थी।

चारों तरफ अंधेरा छा रहा था। मुझे देखते ही मामा के बच्चे चिल्लाने लगे- भैया आ गए.. भैया आ गए..

उन सभी को मैंने टॉफी दी।
मेरी छोटी मामी के 2 बच्चे हैं.. एक लड़का और एक लड़की.. और बड़ी मामी को एक बेटी है।
बड़ी मामी ने मेरा हालचाल पूछते हुए घर के आँगन में लगी चेयर पर बैठने को कहा।

मैंने वहाँ बैठ कर बड़ी मामी से चाय बनाने को कहा। मैं चाय का बहुत शौकीन हूँ.. यह बात बड़ी मामी को पता था। बड़ी मामी झट से मेरे लिए एक कप चाय बना लाईं और मेरे बगल में बिछी हुई चारपाई पर बैठ गईं, मुझसे बात करने लगीं।

छोटी मामी मटन के लिए रसोई में मसाला तैयार कर रही थीं।

मैं चाय पीने के बाद चेयर से उठ कर बड़ी मामी की गोद में सिर रख कर लेट गया और बड़ी मामी को बोला- मेरा सर थोड़ा दुख रहा है।

बड़ी मामी मेरा सर बड़े प्यार से दबाने लगीं। घर में उस समय मैं और दोनों मामियाँ ही थीं। मैं लेटे हुए बड़ी मामी के मम्मों को अच्छे से निहार रहा था। मन कर रहा था कि अभी ब्लाउज के बटन खोलूँ और उनके मम्मों को चूसना चालू कर दूँ.. पर डर भी लग रहा था।
थोड़ी देर सर दबवाने के बाद मैं सो गया।
बड़ी मामी फिर छोटी मामी को हेल्प करने रसोई में चली गईं।

मैं करीब दो घंटे के बाद उठा, मेरा पूरा शरीर पसीने से लथपथ था।

मामी ने कहा- जाकर नहा लीजिए।

मेरे ननिहाल में बिजली की सुविधा नहीं है.. इसलिए थोड़ा देर सोचने के बाद एक लैंप लेकर बाथरूम में नहाने चला गया। नहाने के बाद मन फ्रेश हो गया।

छोटे मामा बाहर से घूम-फिर कर घर लौटे और मेरी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछने लगे।

कुछ देर बात करते-करते ही मामी ने डिनर करने के लिए कहा। मामा और मैं एक साथ खाने बैठ गए। वैसे भी मेरी पसंदीदा डिश थी.. इसलिए मैंने बहुत खा लिया।

खाने के बाद शरीर में बहुत गर्मी लगने लगी.. सो मैं बाहर टहलने चला गया। कुछ देर बाद लौटा तो देखा सभी सोने की तैयारी करने लगे।
मैं और मामा छत पर सोने चले गए, छोटी मामी और बड़ी मामी अपने-अपने बेडरूम में.. पर मेरा मन नहीं मान रहा था। मैं पानी पीने के बहाने छत से नीचे उतर कर बड़ी मामी से बोला- बहुत प्यास लगी है।

बड़ी मामी थोड़ी नींद में ही थीं.. उन्होंने एक गिलास पानी भर कर मुझे दिया। मैंने पानी पीने के बाद बड़ी मामी से बोला- मामी मुझे नींद नहीं आ रही है।
बड़ी मामी बोलीं- आइए बैठिए।

मामी बिस्तर पर लेट कर मेरे से बात करने लगीं। मेरी नज़रें उनकी पूरे जिस्म का जायज़ा ले रही थीं.. मामी मेरे इरादों से बेख़बर होकर जैसे-तैसे लेटी हुई थीं।

उस समय उनकी साड़ी बिखरी पड़ी थी। लाल रंग का चुस्त झीना ब्लाउज और उसके अन्दर सफ़ेद ब्रा साफ़ दिख रही थी।
मम्मे तो ऐसे लग रहे थे.. जैसे मामी ने उसको सज़ा दी हो, उनके मम्मे ब्लाउज को फाड़ कर निकलने को बेताब थे।

अचानक थोड़ी देर में बहुत ज़ोर से बाहर तूफान आया.. सब जाग गए मामा छत से अपना और मेरा बिस्तर लेकर उतर आए। दोनों मामी बाहर पड़े हुए कपड़े उठाने लगीं, मैं भी उनकी हेल्प करने लगा।

अंधेरा का फायदा उठा कर मैंने बड़ी मामी के मम्मों को 1-2 बार टच कर दिया। उन्हें लगा ये सब अंजाने में हुआ है.. उन्होंने कुछ नहीं कहा।

कुछ ही देर में बाहर बहुत ज़ोर से बारिश होने लगी। थोड़ी देर के बाद मेरे छोटे मामा बोले- अभिनव तू बड़ी मामी के कमरे में सो जा.. मैं भी सोने जा रहा हूँ, मुझे बहुत ज़ोर से नींद आ रही है।

यह कह कर छोटे मामा और छोटी मामी दोनों अपने कमरे में चले गए।
मेरे मन में शैतान जागने लगा, सोचा लगता है आज मौका मिल जाएगा चोदने का।

फिर बड़ी मामी ने पूछा- कहाँ खो गए?
और वे मुस्कुराने लगीं।
मैं बोला- कुछ नहीं, बस कॉलेज की याद आ गई।

फिर बड़ी मामी से बड़े मामा को लेकर मज़ाक करने लगा, बोला- क्या बात है मामा की याद आ रही है?
वो बोली- धत बेवकूफ़ कहीं के..

और खिलखिला कर हँस पड़ीं.. पर बड़े मामा के बनारस जाने के बाद मामी थोड़ी उदास रहने लगी थीं।

बड़ी मामी हमेशा मेरे से मज़ाक करती रहती थीं। कभी-कभी तो भद्दा मज़ाक भी कर देती थीं.. पर मैं मन मसोस कर रह जाता था.. बस यही सोचता था कि कब मौका मिले और मामी की चूत बजा दूँ।

साथियो, मैं मामी की चूत को चोदने में बहुत व्याकुल हो चला था.. पर कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि किस प्रकार मेरे लण्ड की आस पूरी होगी।

मेरे प्रयास सतत चालू थे.. अगले भाग में आपको इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए लिखूंगा.. तब तक आप अपने ईमेल भेजिएगा।
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