पड़ोसी

घर के पास रहने वाली पड़ोसी जवान भाभी, लड़की, लड़के आन्टी, अंकल को पटा कर उनकी आपस में चूत चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानियाँ

Pados me rahane vali jawan bhabhi, ladki, aunti uncle ki aaps me chut chudai ki Hindi Sex kahaniyan

Hindi sex Stories about Fuddi choda-chudai sex with neighbor Bhabhi, aunti, desi girl

अन्तहीन कसक-4

Antheen Kasak-4 वो चिल्ला उठी- उईईईइ… ममीईईइ!!! मैं घबरा गया और कहा- क्या हुआ? उसने कहा- कुछ नहीं, ऐसे ही थोड़ा सा दर्द है। मैं लण्ड बुर में डाले हुए ही उसके ऊपर लेट सा गया। लेकिन तभी मुझे लण्ड के सुपाड़े पर गर्मी सी महसूस हुई, मेरा लण्ड उसकी चूत के गोल छल्ले में […]

अन्तहीन कसक-3

Antheen Kasak-3 उसने कहा- हाँ लगता तो है! एक बार बस थोड़ा सा दर्द हुआ था, थोड़ा सा खून बहा था। उसने मुझसे कहा- तुमने कभी सेक्स किया है बेबी? मैंने कहा- नहीं! मैंने मौक़ा देखकर कहा- शमी, क्या तुम मुझे खुद को प्यार करने दोगी? उसने कहा- हाँ, लेकिन इस सिन्दूर के बिना, यह […]

अन्तहीन कसक-2

Antheen Kasak-2 मैं घर चला आया लेकिन मेरा मन बिल्कुल नहीं लगा। घर आने पर मुझे मलेरिया हो गया जिससे मैं 10 दिन तक रुक गया, इस बीच मुझे शमी की बहुत याद आती थी, मुझे लगा कि मैं उससे प्यार करने लगा हूँ, उसका वो गोल प्यारा चेहरा, बड़ी बड़ी आँखे, बार बार याद […]

अन्तहीन कसक-1

मेरी उम्र 20 साल की थी, मेरा कद 5'10', रंग गेहुआं तथा शरीर मजबूत है, उस समय तक मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था, हाँ ब्लू फ़िल्में काफी देखीं थीं और मुट्ठ मारकर अपने लण्ड को शांत किया करता था। मैं कानपुर में MBBS की पढ़ाई करने के लिए आया हुआ था।

भाभी की खुल गई भैंस

Bhabhi ki Khul gai Bhains अगस्त का महीना था, मैं खाना खाकर दरवाजे चारपाई पर मच्छरदानी लगाकर लेटा था क्योंकि गाँव में बिजली खराब थी तो पंखा तो चल नहीं सकता था इसलिए बाहर ही लेटा था। मैं लेटा हुआ मोबाइल पर अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा था कि तभी गाँव में कुछ हलचल सी […]

एक खेल ऐसा भी-2

Ek Khel Aisa Bhi-2 ‘ओके.. तो मेरी डार्लिंग रिंकी… यह बेलन वापस रखो और नाश्ता दो.. मुझे ऑफिस भी जाना है।’ ‘ओह.. हाँ.. अभी देती हूँ.. आप ऑफिस के लिए तैयार हो जाओ..’ वो जैसे ही जाने लगी.. मैंने कहा- एक मिनट.. वो रुकी, मैं आगे बढ़ा, अचानक मैंने उसे अपनी बाँहों में उठा लिया […]

एक खेल ऐसा भी-1

Ek Khel Aisa Bhi-1 रिंकी मेरे पड़ोस में रहती थी। बचपन में हम एक खेल खेलते थे, जिसका नाम था ‘घर-घर’ उस वक्त घर के किसी कोने में हम बच्चे लोग एक-दो चादर के सहारे किसी बड़े पलंग के नीचे साइड से ढक कर घर बनाते, फिर उसे छोटे-छोटे खिलौनों से सजाते और ये खेल […]

आंटी मेरी जान-2

Aunty Meri Jaan-2 नमस्कार पाठको, मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ कि आप सभी को मेरी पिछली कहानी काफी पसंद आईं और आपने मेरी कहानी की सराहना की। दोस्तो, मैं आप सबको एक बात बता दूँ कि मैंने आज तक 50-60 लड़कियों आंटियों के साथ सेक्स किया है और उनमें से कुछ को मेरे द्वारा […]

सेक्स की कोई भाषा नहीं

दोस्तो, मेरा नाम रवि है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। पर फिलहाल काम के सिलसिले में मुंबई में रहता हूँ। मैं 22 साल का पतला दुबला सा लड़का हूँ, एक कम्पनी में काम करता हूँ और साथ की साथ अपनी डिग्री की पढ़ाई भी कर रहा हूँ। जहाँ मैं रहता हूँ वो एक […]

गाँव की प्यासी आंटी

अन्तर्वासना को मेरा बहुत नमस्कार मैं अन्तर्वासना का निमियत पाठक हूँ। मेरा नाम सुरेश है। मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और मैं 22 साल का गबरू जवान हूँ। मैं अभी मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा हूँ। मुझे सेक्स करने मैं बहुत ही अधिक रूचि है। मैं दिन में 2 से 3 बार हस्तमैथुन […]

जिस्म की जरूरत-9

मैं मज़े से उनकी चूत चाट रहा था लेकिन मुझे चूत को अच्छी तरह से चाटने में परेशानी हो रही थी। उनकी चूत अब भी बहुत सिकुड़ी हुई थी, शायद काफी दिनों से नहीं चुदने की वजह से उनकी चूत के दरवाज़े थोड़े से सिकुड़ गए थे। मैंने अपना मुँह हटाया और उनकी तरफ देखा। […]

चूत चुदाई की प्यासी पड़ोसन

मेरे 8 इन्च के खड़े लंड से आप सभी चूत की रानियों को मैं नमस्कार करता हूँ। मेरा नाम आदित्य है, दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरा कद 5 फुट 7 इंच है, मेरा रंग ना ज़्यादा साफ, ना ही काला यानि मध्यम वर्ण का बंदा हूँ। मैं दिखने में आकर्षक हूँ और मेरी उम्र […]

जिस्म की जरूरत-8

‘उफ्फ… बड़े वो हैं आप!’ रेणुका ने लजाते हुए कहा और फिर वापस मुझसे लिपट गई। ‘हाय… वो मतलब… जरा हमें भी तो बताइए कि हम कैसे हैं..?’ मैंने उनकी चूचियों को दबाते हुए पूछा। ‘जाइए हम आपसे बात नहीं करते…’ रेणुका ने बड़े ही प्यार से कहा और मेरे सीने पे मुक्के मारने लगी। […]

जिस्म की जरूरत-7

उफ्फ… वो मखमली एहसास उन चूचियों का… मानो रेशम की दो गेंदों पर हाथ रख दिया हो। मैंने धीरे से उनकी दोनों चूचियों को सहलाने के लिए अपने हाथों का दबाव बढ़ाया ही था कि अचानक से किसी के आने की आहट सुनाई दी। ‘माँ… माँ… आप यहाँ हो क्या?’ वन्दना चीखती हुई दरवाज़े के […]

जिस्म की जरूरत-6

‘ठीक है समीर जी, अब तो रोज़ ही मिलना मिलाना लगा रहेगा…’ रेणुका ने मेरे पीछे से एक मादक आवाज़ में कहा, जिसे सुनकर मैंने फिर से उनकी तरफ पलट कर देखा और उन्हें मुस्कुराता हुआ पाया। मेरा तीर निशाने पर लग रहा था। बस थोड़ी सी तसल्ली और… मैं बड़े ही अच्छे मूड में […]

आनन्द भरा सुहाना सफ़र

मिताली और उनके पति पंकज सहारनपुर में रहते थे, पंकज सरकारी बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन उनका तबादला पटियाला हो गया था तो वे अपना कुछ सामान पटियाला लेकर जा रहे थे, वैसे तो काफ़ी सामान उन्होंने छोटे ट्रक से भेज दिया था पर कांच की कुछ चीज़ें, क्रॉकरी आदि अपनी कार से लेकर […]

जिस्म की जरूरत-5

‘जी नहीं… यह हमारी मम्मी का हुक्म है और उनकी बात कोई नहीं टाल सकता… तो जल्दी से दूध का बर्तन अन्दर रख दीजिये और हमारे साथ चलिए, वरना अगर मम्मी नाराज़ हो गईं तो फिर बहुत बुरा होगा।’ वन्दना ने मुझे डराते हुए कहा। मैं तो खुद ही उसकी मम्मी से मिलने को तड़प […]

जिस्म की जरूरत-4

रेणुका तेज़ क़दमों के साथ दरवाज़े से बाहर चली गईं… मैं उनके पीछे पीछे दरवाज़े तक आया और उन्हें अपने खुद के घर में घुसने तक देखता ही रहा। मैं झट से अपने घर में घुसा और बाथरूम में जाकर अपन लंड निकाल कर मुठ मारने लगा। बस थोड़ी ही देर में लंड ने ढेर […]

जिस्म की जरूरत-3

रैक के ऊपर के सारे बर्तन गंदे पड़े थे इसलिए वो झुक गईं और नीचे की तरफ ढूंढने लगीं। ‘उफ्फ्फ्फ़…’ बस इसी की कमी थी। रेणुका जी ठीक मेरे सामने इस तरह झुकी थीं मनो अपनी गोल गोल और विशाल चूतड़ों को मेरी तरफ दिखा दिखा कर मुझे चोदने का निमंत्रण दे रहीं हों। अब […]

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