बेहेन की चुदाई: घर की लाड़ली-8

(Behen Ki Chudai: Ghar Ki Ladli- Part 8)

इंडियन लवर 2018-10-21 Comments

This story is part of a series:

विक्रम- आज मैं वो खुशनसीब भाई बनने जा रहा हूँ अपनी सगी बेहेन की चूत का सील तोड़ेगा… थोड़ा दर्द होगा… तुम थोड़ा बर्दाश्त करना मेरी बेहेन… क्योंकि थोड़े से दर्द के बाद बहुत मजा आने वाला है.
मयूरी- तुम चिंता मत करो भैया… मैं इस दर्द के लिए कई सालों से तड़प रही हो… आज चाहे जो भी हो, तुम रुकना मत… मैं कितना भी रोऊँ, चिलाऊँ, तुम मेरी चूत की चुदाई चालू रखना… आज मुझे लड़की से औरत बना दो भाई और खुद मर्द बन जाओ… मेरे इस कौमार्य को भंग करो.

विक्रम ने फिर अपनी बेहेन मयूरी की चूत पर थोड़ा थूक लगाया और थोड़ा थूक अपने लंड पर भी लगाया.
अब इस घर में चुदाई की आंधी आने वाली थी… इस घर के सारे बच्चे आपस में खूब चुदाई करने वाले थे. विक्रम ने मयूरी की टांगों को फैलाकर एक टाँग को सोफे एक पीछे वाले हिस्से जो सहारा देने के लिए होता है, उस पर रखा और एक अपने कंधे पर… फिर अपने लंड को मयूरी की चूत पर सेट किया और धीरे धीरे अपने लंड को मयूरी की चूत के मुहाने पर रगड़ने लगा. मयूरी की चूत से इतने में ही ढेर-सारा पानी निकल गया.

विक्रम को अपनी बेहेन की चूत के गीलेपन का अहसास हुआ उसने मयूरी की तरफ देखा जो आनन्द के मारे आहें भरी जा रही थी- आह… आ… आह…
विक्रम- तो खेल शुरू किया जाए?
मयूरी- भैया… अब और मत तरसाओ, डाल दो अपना ये मोटा सा लौड़ा मेरी इस कँवारी चूत में और तोड़ दो मेरा सील… बना दो मुझे लड़की से औरत… जल्दी करो भैया… अब बर्दाश्त नहीं होता… आआह…

विक्रम मयूरी की ऐसी बातों से उत्साहित हो गया और एक जोरदार झटका मारा, उसका लंड लगभग आधा मयूरी की चूत में घुस गया और मयूरी दर्द के मारे बिलबिला उठी… उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे.
रजत ने इतनी देर में मयूरी के मुँह में अपना मुँह जोड़ दिया और वो उसको प्रगाढ़ चुम्बन करने लगा… साथ ही साथ उसकी विशाल चूचियों को धीरे धीरे दबाने लगा.

विक्रम पहले झटके के बाद थोड़ी देर रुका … दर्द उसको भी हो रहा था क्योंकि मयूरी की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी. उसके लंड पर बहुत दबाव पड़ रहा था, पर अब वो वापिस मुड़ने की स्थिति में बिल्कुल नहीं था. थोड़ी देर के बाद उसने लंड से एक और झटका मारा और लंड लगभग तीन चौथाई तक मयूरी की चूत के अंदर चला गया.

अब मयूरी का दर्द और बढ़ गया. विक्रम रुक गया पर उसने लंड बाहर नहीं निकाला. कुछ देर बाद वो धीरे धीरे लंड को आगे-पीछे करने लगा. विक्रम की नजर अपने लंड पर पड़ी जिस पर थोड़ा खून लगा था. वो समझ गया कि अब उसकी प्यारी बेहेन कंवारी नहीं रही, उसने उसको लड़की से औरत बना दिया था.

विक्रम ने देखा कि अब मयूरी का दर्द थोड़ा कम हो रहा है और उसकी आवाज़ में दर्द की जगह आनन्द की सिसकारियां ले रही हैं. वो धीरे-धीरे अपना लंड आगे-पीछे करता रहा और अपनी चोदन गति थोड़ी बढ़ा दी.

मयूरी- आह… ह… भ… भैया… मेरे प्यार भैया… मेरे सैंया.. चोद दो मेरी चूत को मेरे भाई… आह…
विक्रम- हाँ मेरी बेहेना… आज से मैं तेरा भैया और सैयां दोनों हो गया… अब तेरी चूत को मैं खुद चोदूँगा.
ऐसा कहते हुए वो थोड़ा और तेज अपनी बेहेन की चूत छोड़ने लगा.

मयूरी- आह… भैया… मुझे बहुत मजा आ रहा है… पेलो… पेल दो अपना लौड़ा… मेरी चूत में… आह…
मयूरी की ऐसी बातों से विक्रम का हौसला बढ़ गया और उसने एक और जोरदार झटका अपने लंड का उसकी चूत पर लगाया. इस बार उसका पूरा लंड मयूरी की चूत के अंदर चला गया.

मयूरी दर्द और आनन्द के मिले-जुले स्वर में बोली- आह… माँ… बहुत मजा आ रहा है भैया… है… आ… हां… आ…

अब विक्रम ने चुदाई की गति बहुत तेज़ कर दी और कमरे में मयूरी और उसके बेहेनचोद भाई विक्रम की चुदाई की आवाजें गूँजने लगी.

इधर रजत अब मयूरी की चूचियों को छोड़कर उठकर उसकी चूत के पास आकर बड़े गौर से अपने भाई-बेहेन की चुदाई का दृश्य एकदम समीप से देखने लगा.
विक्रम अभी होश में नहीं था… वो अपनी बेहेन की धुआंधार चुदाई में पूरी तरह व्यस्त था. विक्रम लगातार जोर-जोर से धक्के लगाए जा रहा था. घर के हॉल में मयूरी की सिसकारियां और विक्रम की जांघों का मयूरी की जांघों के बार-बार आपस में टकराने की थप-थप की आवाजें आ रही थी.

करीब 15 मिनट की जोरदार बेहेन की चुदाई के बाद अब विक्रम का लंड पानी छोड़ने वाला था… वो जोर से बोला- मयूरी बहना … मैं आने वाला हूँ… क्या करूँ?
मयूरी- प्लीज भैया… अपने लंड का पानी आज मेरी चूत में ही छोड़ना… मैं इस चुदाई का पूरा सुख लेना चाहती हूँ… आ… ह…
विक्रम- फिर ये लो… आ… आह…

और ऐसा कहते हुए हो एक झटके के साथ अपना वीर्य पहली बार अपनी छोटी बेहेन की चूत में छोड़ दिया. मयूरी को अपने अंदर विक्रम का गरमागर्म वीर्य महसूस हुआ… वो इस आनन्द का अनुभव अपनी आँखें बंद करके करने लगी और उसका बड़ा भाई अपनी बेहेन के नंगे बदन पर ही एक कटे हुए वृक्ष की तरह गिर गया.

अब तक विक्रम और मयूरी दोनों ही इस घनघोर चुदाई के कारण थक चुके थे. दोनों की साँसें बहुत ही ज्यादा तेज़ हो चुकी थी और दोनों एक दूसरे की धड़कने को आराम से सुन और महसूस कर सकते थे… मयूरी अभी एकदम तृप्त महसूस कर रही थी.

इन दोनों को थोड़ी देर आराम करने के बाद विक्रम मयूरी के रसीले होंठों को चूसने लगा… रजत ने मयूरी की पास ही पड़ी पैंटी से उसकी चूत को साफ़ किया. मयूरी ने देखा कि उसकी चूत के आस-पास थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था और कुछ खून विक्रम के लंड पर भी लगा हुआ था. पर ये सब देख कर भी वो एकदम सामान्य थी, बल्कि वो खुश थी…

मयूरी उठी और बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी. चुदाई के बाद से उसको पेशाब भी आ रहा था और वो अपना चूत में लगा खून और विक्रम के लंड से निकला हुआ माल भी साफ़ करना चाहती थी. वो जानती थी कि थोड़ी ही देर में उसका छोटा भाई रजत भी उसकी चूत में चटनी कूटने वाला था, पर इस बात के लिए वो भी बहुत ज्यादा उत्साहित थी. वो अपने छोटे भाई को बड़ा होते हुए देखना चाहती थी. वो चाहती थी लो जब उसका छोटा भाई अपनी बेहेन की चूत की ताबड़तोड़ चुदाई करे तो वो एक-एक पल का पूरा आनन्द ले. इसीलिए वो पहले ही अपनी चूत की सफाई कर लेना चाहती थी.

थोड़ी देर में जब मयूरी बाथरूम से वापिस आयी तो विक्रम भी पेशाब करने और अपने लंड को साफ़ करने बाथरूम गया और थोड़ी देर में नग्न ही वापिस भी आ गया.

मयूरी आते ही रजत के ऊपर चढ़कर बैठ गयी जो इस वक्त सोफे पर लेटकर मयूरी को अपनी ओर आते हुए देखकर आराम से अपने लंड को सहला रहा था. इतना ज्यादा थक जाने के बावजूद भी शायद वो इस वक्त आराम करने के मूड में नहीं थी. मयूरी रजत के सीने पर चढ़ी हुई थी और रजत ने अपने हाथ मयूरी के मस्त गोल-गोल बड़ी-बड़ी चूचियों को सहलाने और थोड़ी ही देर बाद उनको जोर-जोर से बड़ी ही बेदर्दी से मसलने में व्यस्त हो गया. रजत मयूरी के चूचियों से बहुत ही ज्यादा आकर्षित हो जाता था, शायद वो उनको बहुत ही ज्यादा पसंद थी, और उसका ये आकर्षण एकदम जायज था, मयूरी की जैसी चूचियाँ थी, उनकी तरफ किसी का भी तेज़ आकर्षण बहुत ही सामान्य था.

थोड़ी देर मयूरी की मस्त चूचियों से खेलने के बाद रजत ने मयूरी को सोफे पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया. अब वो मयूरी के ऊपर से उसकी चूचियों से खेल रहा था.

इतनी देर में विक्रम भी बाथरूम से आ गया और मयूरी की मस्त चूचियों से खेलने लगा. दोनों भाई अपनी बेहेन की चूचियों का साथ में मजा ले रहे थे और मयूरी अपने दोनों भाइयों को अपने से इतना प्यार करते हुए देखकर आनन्दित हुई जा रही थी.

थोड़ी देर ऐसे ही खेलने के बाद विक्रम ने रजत से कहा- छोटे … तो तू तैयार है अपनी बड़ी बेहेन को चोदने के लिए?
रजत- हाँ भैया… बिल्कुल…
विक्रम- तो मैं इसकी चूत को थोड़ा गीला कर देता हूँ, जिससे तुम दोनों को परेशानी काम और मजा ज्यादा आये.

और ऐसा बोलकर विक्रम ने मयूरी की चूत का रुख किया, वो उसकी चूत (जिसकी सील उसने थोड़ी देर पहले ही तोड़ी थी) को अपनी जीभ से चाटने लगा. उसके ऐसा करने से उसकी छोटी बेहेन की चूत दो कारणों से गीली होने लगी – एक तो उसके चूत के अंदर से थोड़ा थोड़ा पानी निकल रहा था और दूसरा विक्रम के मुँह से थूक निकलकर उसकी छोटी बेहेन की चूत गीली कर रहा था.

थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद जब बड़ा भाई आश्वस्त हो गया कि उसकी बेहेन की चूत एकदम गीली हो गयी है तो वो रजत का लंड अपने हाथ में लेकर बोला- मेरे भाई, अब तुम ये अपना लौड़ा अपनी बेहेन की इस खूबसूरत और गहरी मगर टाइट चूत में पेल सकते हो. ये एकदम तैयार है… मगर मेरे हिसाब से तुम्हें अपना लंड भी थोड़ा गीला कर लेना चाहिए.
रजत थोड़ी शैतानी से मुस्कुराते हुए- तो तुम कर दो गीला!
विक्रम आश्चर्य के साथ- मतलब?
रजत- अरे… जैसे तुमने दीदी की चूत को गीली किया, वैसे ही मेरा लंड अपने मुँह में लेकर इसको भी गीला कर दो…

रजत के ऐसा कहने से मयूरी और रजत दोनों धीरे-धीरे मुस्कुराने लगते हैं. पर थोड़ी देर में दोनों की मुस्कुराहट आश्चर्य के मारे मुँह खुला का खुला रह जाता है क्यूँकि विक्रम ने कुछ अप्रत्याशित से कर दिया था- अगर ऐसी बात है तो ठीक है… मैं तुम दोनों के लिए कुछ भी कर सकता हूँ.
और ऐसा कहते ही विक्रम अपने छोटे भाई का मोटा सा लंड अपने मुँह में गपाक से डालकर उसको चूसने लगा.
विक्रम- म… ग… प… क… म…

रजत और मयूरी को विश्वास नहीं हुआ विक्रम ऐसा कर रहा है. मयूरी मन में ही सोचने लगी ‘देखो, जो भाई सुबह तक एक दूसरे से बात तक नहीं कर रहे थे वो अभी एक दूसरे का लंड चूसने को भी तैयार हैं…’
रजत अपने लंड को अपने भाई के मुँह में महसूस कर के बहुत ही ज्यादा आनन्द ले रहा था. उसको तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसके साथ ऐसा हो रहा है. कल से लेकर आज तक उसकी बड़ी बेहेन ने उसका लंड कई बार चूसा था और आज देखो, उसका अपना बड़ा भाई उसका लंड कितने मजे से चूस रहा है.

थोड़ी देर तक विक्रम अपने छोटे भाई के लंड को चूसने के बाद जब आश्वस्त हो गया कि उसका लंड काफी गीला हो गया तो उसके लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर बोला- भाई… अब ये तेरा लंड हमारी बेहेन मयूरी की चूत की चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार है… चल शुरू हो जा… और चोद दे इसकी चूत को… पूरा कर दे इसका अरमान अपने दोनों भाइयों से चुदाने का…
रजत- बिल्कुल मेरे भाई…

और ऐसा कहकर रजत ने अपना लंड मयूरी की चूत पर सेट किया और एक जोरदार झटका मारा, मयूरी को हल्का सा दर्द हुआ पर उस से भी ज्यादा आनन्द मिला और वो उस पल के आनन्द में खो गयी- आह… आ… आए… आई… आह…

उसकी ऐसे आवाज़ निकलने से रजत और उत्साहित हो गया और उसने एक और झटका मारा. अब रजत का पूरा लंड मयूरी के चूत के अंदर था और रजत ने झटके मारने शुरू कर दिए थे. वह अब ताबड़तोड़ झटके मारें लगा. मयूरी की चूत बड़ी ही टाइट थी और उसका एहसास रजत को भी हो रहा था पर वो इस समय बस चुदाई में लगा रहना चाहता था.

विक्रम ने अपना लंड मयूरी के मुँह में डालकर उसके मुँह की चुदाई करने लगा. अब मयूरी के मुँह से निकलने वाली आवाज़ें उसके मुँह में ही जैसे दबी जा रही थी. मयूरी इस समय जैसे स्वर्ग में थी. उसके अपने दोनों भाई उसकी जबरदस्त चुदाई में लगे हुए थे. आज ही उसकी चूत की सील उसके अपने बड़े भाई ने तोड़ी थी और अब छोटा भाई उसकी चूत में जैसे चटनी कूट रहा था. साथ ही उसका बड़ा भाई उसके मुँह को चोद रहा था. उसको इस से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए था इस वक्त.

लगभग 12-15 मिनट की लगातार चुदाई के बाद उसके दोनों भाई झड़ गए. रजत ने मयूरी की चूत में ही अपना पूरा वीर्य छोड़ दिया और विक्रम में उसके मुँह में… मयूरी विक्रम के लंड से निकले एक-एक बून्द को चाट-चाट कर साफ़ किया और अपने हलक से नीचे अमृत की तरह उतार लिया, साथ ही अपने छोटे भाई के लंड से निकले वीर्य की गर्मी और आनन्द को भी अपने चूत में महसूस कर रही थी.

तीनों जब इस घनघोर चुदाई के बाद थक गए तो एक साथ ही सोफे पर एक दूसरे पर गिर गए लेकिन थोड़ी ही देर में तीनों इस चुदाई के खेल के लिए फिर से तैयार हो गए.
एक और बार चुदाई के दौर से गुजरने के बाद तीनों भाई बहन नहाने के लिए बाथरूम में गए और एक साथ ही नहाने लगे. नहाते समय रजत विक्रम का लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और तीनों फिर से नहाते-नहाते ही चुदाई करने लगे.

इस तरीके से अगले दो दिन में तीनों भाई बहिन के बीच चुदाई का सिलसिला चलता रहा. तीनों ने अपना कॉलेज और कोचिंग छोड़कर तब तक घर में रहने का निर्णय लेते हैं जब तक उनके माता-पिता वापिस नहीं आ गए और इस दौरान घर में बस चुदाई ही चुदाई चलती रही.

दो दिन बाद शीतल और अशोक वापिस आये. इसके बाद भी इन भाई बहन के बीच चुदाई बंद नहीं हुई. कारण था इन तीनों का घर में एक ही कमरा होना.
रात को तीनों को चुदाई करने का पूरा मौका मिलता और तीनों इस मौके को कभी जाने नहीं देते, बस दुःख यह था कि तीनों खुलकर उस दिन जैसा चुदाई नहीं कर पा रहे थे. उनके माता-पिता को भनक तक नहीं थी कि उनके बच्चे आपस में भी चुदाई कर रहे हैं.

एक रात को तीनों के इस ख़ामोशी भरे चुदाई के बाद बातचीत शुरू हुई.

रजत मायूसी से- ऐसे तो अब मजा ही नहीं आ रहा यार…
मयूरी- ऐसे कैसे?
रजत- अरे.. मतलब अपनी ही बहन को अपने ही घर में चोदो मगर खुल के अपने मुँह से आवाज़ तक नहीं निकाल सकते?
मयूरी- रजत, तुम अपनी बहन को अपने घर में चोद रहे हो, किसी रंडी को नहीं…

विक्रम- छोटे, जब तुम अपनी बीवी को चोदना ना, तो जोर-जोर से चोदना और खूब आवाज़ निकालना…
रजत- अच्छा?
विक्रम- हाँ और क्या…
रजत- भैया, तुम भी आ जाना मेरे कमरे में… फिर दोनों भाई जैसे दीदी को चोदते हैं एक साथ, वैसे ही मेरी बीवी को भी चोदेंगे.
विक्रम- आईडिया बुरा नहीं है.
मयूरी- पर ये तब हो पायेगा जब तुम्हारी बीवी इस बात के लिए मानेगी… और हर लड़की तुम्हारी अपनी बहन मयूरी नहीं है… की तुम दोनों का लंड एक साथ लेने को तैयार हो जाएगी.

रजत- हाँ… ये बात तो है… पर तुमको एक साथ चोदने में बड़ा मजा आता है दीदी… आई लव यू…
मयूरी- आई लव टू मेरे भाइयो… पर तुम्हारी एक बात सही है.
विक्रम- क्या… कौन सी बात?
मयूरी- ऐसे ख़ामोशी से चुदाई करने में मजा तो नहीं आता…
विक्रम- हाँ… ये बात तो है. पर क्या कर सकते हैं… घर में मम्मी पापा होते हैं. कम से कम मम्मी तो घर में जरूर होती है… दिन में भी!

मयूरी सोचने लगी कि अगर अपनी चुदाई में माँ को भी शामिल कर लिया जाये तो यह समस्या ख़त्म हो सकती है. और फिर वो अगर ये करने में कामयाब हो जाती है तो वो पापा को भी चोद सकती है क्यूँकि इसके बाद माँ मयूरी को अपने बाप से चुदने के लिए मना नहीं कर पायेगी क्योंकि वो खुद अपने दो जवान बेटों से चुद रही होगी. लेकिन ये इतना आसान नहीं होगा. वो सीधे तो अपने बेटों से चुदने को शायद कभी तैयार ना हो… पर मयूरी को फिर याद आती है अपनी सहेली हिना… वो हीना जिसके अपनी माँ साथ साथ सेक्सुअल सम्बन्ध थे. मतलब दो औरतों के बीच भी आकर्षण की वजह से सेक्स सम्बन्ध संभव है. और मयूरी तो बला की खूबसूरत है… तो उसने अपने हुस्न को हथियार बना कर अपनी माँ का ही शिकार करने का मन बनाया.

फिर वो हल्के से मुस्कुरायी और अपने भाइयों से बोली- अभी तुम दोनों सो जाओ… कल जल्दी जागना है.
और फिर तीनों सो गये.

पर मयूरी अपने अगले मिशन पर लग जाती है.

बेहेन की चुदाई की कहानी जारी रहेगी.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top