गाँव की देसी बहन की देसी चूत चुदाई

(Ganv Ki Desi Behan Ki Desi Choot Chudai)

अमित खरे 2017-07-21 Comments

मैं अमित हूँ, यह मेरी लाइफ की रियल स्टोरी है. मैं पढ़ाई के लिए बाहर रहता हूँ और मेरा पूरा परिवार गाँव में रहता है. मेरा परिवार एक जॉइंट फॅमिली है इसलिए सभी लोग मेरे चाचा चाची सब साथ ही में रहते हैं.
मैं हर साल गर्मियों की छुट्टियों में घर जाता हूँ.

बात उन दिनों की है जब मैं पिछली बार गर्मी की छुट्टियों में घर गया था.
मेरे चाचा की एक लड़की है मोनिका, करीब 20 साल की होगी, बहुत ही सेक्सी लगने लगी है वो अब… उसका फिगर करीब 32-26-30 का होगा, उसके बूब्स बड़े बड़े हैं.
पहले मेरे मन में उसके बारे में एसा कोई विचार नहीं था लेकिन जब मैं इस बार घर गया तो अब वो बड़ी हो चुकी थी, बहुत ही सेक्सी लगने लगी थी. तो मैंने अपनी चचेरी बहन की चूत चुदाई करने की योजना बनाई.
लेकिन घर पर सब लोग रहते हैं इसलिए कोई काम नहीं बन रहा था. इसलिए मुझे रोज उसे देख कर ही मूठ मारनी पड़ रही थी.

आख़िरकार एक दिन वो मौका आ ही गया जिसका मुझे इंतजार था. उसके मामा के यहाँ शादी थी तो सभी लोगों को वहां जाना था लेकिन मैं और वो नहीं गये, और मेरी बड़ी बहन भी नहीं गई थी, हम तीनों घर पर अकेले थे.

हम सबने खाना खाया और सोने लगे. मेरी दीदी और वो साथ में लेटी थी, मैं भी बगल में ही दूसरे पलंग पर लेटा था. मैं और मोनिका आपस में बात करते रहे. काफ़ी रात हो चुकी थी, दीदी भी सो चुकी थी.
अब वो भी सोने लगी थी लेकिन मुझे कहाँ नींद आने वाली थी, मैं तो बस उसकी जवानी को देख कर लंड हिला रहा था.

फिर मैंने धीरे से उसके ऊपर हाथ रख दिया, वो शायद सो गई थी, मैंने धीरे से हाथ फिराना चालू किया. फिर मैंने उसके बूब्स को धीरे से दबाना चालू किया.
इसके बाद मैं नीचे की ओर बढ़ा और उसकी सलवार पर हाथ फिराने लगा.
यारो, क्या बताऊँ… क्या मज़ा आ रहा था उसकी चूत और गांड को सहलाने में!

इतने में वो जाग गई और कहने लगी- भैया ये क्या कर रहे हो आप?
मैंने उसे समझाया- कुछ नहीं, ये तो बस ज़िंदगी का असली मजा है, बहुत मजा आएगा.

पहले तो वो नहीं मानी फिर मेरे बार बार समझने के बाद वो मान गई.
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मैं उसे लेकर दूसरे कमरे में गया, मैंने अंदर से दरवाजा बंद किया और उस पर टूट पड़ा. मैंने उसे बेड पर गिराया और उसके होंट चूसने लगा. कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने उसके बड़े बड़े बूब्स दबाए और उसके कपड़े उतार दिए. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. उसने सफ़ेद ब्रा और नीली पेंटी पहनी थी… क्या बताऊँ क्या मस्त लग रही थी मेरी बहन बिकिनी में!

अब मैंने उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी और उसके दूध पीने लगा और उसको चूत भी चाटी. अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी तो मैंने देर ना करते हुए उसकी टाँगें फैलाई और बीच में आकर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्के से आधा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया.
‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ अब वो रोने लगी थी.
मैंने उसे समझाया- पहली बार में ऐसा होता है.

वो थोड़ी देर में नॉर्मल हुई, तब मैंने झटके देना चालू किया, अब तो वो भी मेरा साथ दे रही थी और गांड उठा उठा कर अपनी चूत चुदाई करवा रही थी.
कुछ देर में हम दोनों झड़ गये, मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.

अगले दिन मैंने उसे दवाई लाकर दी, फिर मैंने तो कई बार मैंने अपनी बहन की चूत चुदाई की.

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करें…
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