दोस्त की बहन की चुदाई में दीदी ने मदद की-1

(Dost Ki Bahan Ki Chudai Me Didi Ne Madad Ki- Part 1)

मैं सुशान्त… अपने दोस्त की बहन की चुदाई की कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मेरे बारे में तो आप लोग सब कुछ जानते ही हैं तो मैं अब ज्यादा क्या बताऊँ, बस सीधे अपनी कहानी सुनाता हूँ।

मेरा एक दोस्त है अविनाश, हम दोनों बचपन से ही साथ रहे हैं। कुछ दिन पहले उसका पूरा परिवार पटना में मेरे घर के पास ही शिफ्ट हुआ। उसके घर में उसकी माँ-पापा के अलावा उसकी 3 बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन का नाम नीता है.. उम्र 26 साल, उससे छोटी बहन का नाम दिव्या है.. उम्र 24 साल, फिर मेरा दोस्त है, उसका नाम अविनाश है। अविनाश की उम्र 21 साल है, इसके बाद उसकी सबसे छोटी बहन पायल है, जिसकी उम्र 19 साल है। मतलब अविनाश की तीनों बहने पका हुआ माल थीं। चूंकि दोनों के घर आस-पास होने के कारण हमारा परिवार उसके परिवार से बहुत क्लोज़ हो गया।

मेरे दोस्त की तीनों बहनें मेरे घर काफ़ी आने-जाने लगीं। मेरी भी दोनों बहनें उसके घर जाने लगीं। मेरी फैमिली और मेरे दोस्त की फैमिली में काफ़ी मेल-जोल हो गया था।

उसकी तीनों बहन एकदम ग़ज़ब की पटाखा दिखती हैं, जब मैं उन्हें देखता हूँ तो मेरा मन करता है कि अभी पकड़ कर चोद दूँ। सो मैं तीनों की चूत मारने की प्लानिंग करने में लग गया। इसी फिराक में मैं भी उसके घर जाने लगा, मतलब मेरा ज्यादा टाइम उसके घर में ही बीतने लगा। उसकी तीनों बहनों से मेरी खूब बातें होने लगीं।

उसकी बड़ी बहन एक नजदीक के गाँव में ही टीचर थी, दूसरी दिव्या जिस पर मेरी सबसे ज्यादा नज़र थी, उसे पटना की ही एक कंपनी में जॉब मिला था। मैं आपको दिव्या के बारे में थोड़ा बता दूँ। ये अपनी तीनों बहन में सबसे खूबसूरत थी। उसका फिगर 34बी-28-32 का था। वो हमेशा नॉर्मल ड्रेस, जैसे सलवार-कुरती या कभी कभी जीन्स-टॉप भी पहन लेती थी। उसका दूध सा गोरा बदन, भरा-पूरा शरीर देखने के बाद उसे उसी वक्त चोदने का मन करने लगता है।

पायल अभी पढ़ रही थी।

एक दिन की बात है, जब मैं सुबह बाइक से ऑफिस जा रहा था.. तो मैंने देखा कि दिव्या बस स्टैंड पर खड़े होकर बस का वेट कर रही है। मैं बिना उससे कुछ बोले आगे चलता गया, तभी दिव्या ने मुझे आवाज़ दी।
‘सुशान्त..!’
मैं तो इसी फिराक में था, झट से रुक गया और उसके नजदीक जाकर कहा- बोलो दिव्या?
उसने कहा- तुम कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा- ऑफिस जा रहा हूँ।
उसने कहा- मुझे रास्ते में ड्रॉप कर दोगे.. इधर से मुझे बस नहीं मिल रही है।
मैंने कहा- ठीक है.. कर दूँगा।

फिर मैंने उसे बाइक पर बिठा लिया। वो दोनों तरफ टांगें करके बाइक पर बैठ गई। मैं सिर्फ़ बाइक चला रहा था, अचानक मेरी बाइक के आगे से एक कुत्ता निकला.. जिससे मैंने घबरा कर बाइक के डिस्क ब्रेक दबा दिए। इससे दिव्या एकदम से मेरे से बिल्कुल सट गई और उसकी चुची मेरी पीठ से चिपक कर दब गई.. मुझे उस वक़्त बहुत मजा आया।
फिर मैंने रास्ते में 2-3 बार ब्रेक मारे और इसी तरह खूब मजा लिया।

फिर दिव्या का स्टॉप आ गया, तो दिव्या ने कहा- मुझे यहीं उतार दो, मैं यहाँ से चली जाऊँगी।
मैंने कहा- मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ।
उसने कहा- नहीं.. मैं चली जाऊँगी.. तुम चले जाओ वरना ऑफिस के लिए देर हो जाओगे।
मैंने कहा- मेरे पास अभी काफ़ी टाइम है.. आप टेंशन मत लो।
मैंने उसे उसकी कंपनी में छोड़ दिया।

अब दिव्या मुझे काफ़ी मिलने लगी और मैं उसे बार-बार ऑफिस तक ड्रॉप कर देता था।
एक दिन दिव्या ने मुझसे कहा- सुशान्त आप रोज-रोज मुझे ड्रॉप करते हो अगर तुम्हारी गर्लफ्रेंड ने देख लिया तो क्या सोचेगी वो?
मैंने कहा- क्यों मज़े ले रही हो यार, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
उसने कहा- झूट मत बोलो.. मुझे सब पता है कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड है।
मैंने बोला- नहीं है.. लेकिन बनाने की सोच रहा हूँ। अगर तुम्हारी नज़र में कोई अच्छी सी लड़की हो तो दोस्ती करवा दो।
उसने मुस्कुरा कर कहा- चल देखती हूँ.. कोई होगी तो बता दूँगी।

कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा। फिर एक दिन में घर पर बैठकर लैपटॉप पर काम कर रहा था, तभी मुझे घर में दिव्या की आवाज़ सुनाई दी। वो मेरी दीदी से बात कर रही थी।
मैंने उसकी आवाज़ सुनते ही लैपटॉप में गाना बजा दिया।
वो गाने की आवाज़ सुनकर मेरे कमरे में आ गई और मुझसे पूछने लगी- क्या कर रहे हो सुशान्त?
मैंने कहा- बस काम कर रहा हूँ।
उसने कहा- ज्यादा अर्जेंट काम है क्या?
मैंने कहा- नहीं..
उसने कहा- एक मिनट में तुम्हारा लैपटॉप यूज कर सकती हूँ, मुझे कुछ सर्च करना है।

मैंने उसे लैपटॉप दे दिया, उसने यू-टयूब खोला और गाना सर्च करने लगी।
गाना मिलते ही वो बोली- ये गाना मुझे ऑडियो में चाहिए.. मिल सकता है क्या?
मैंने कहा- मिल तो जाएगा पर सर्च करना पड़ेगा।
उसने कहा- प्लीज़ मुझे ये गाना सर्च करके दे दो।

फिर मैं वो गाना सर्च करने लगा, सर्च करने पर कई साइट खुली और एक वेबसाइट पर पोर्न एड चल रहा था, उसे देखते ही मैं झटका खा गया और कुछ भी ना कर सका। वो भी एड देखकर घबरा सी गई और चुप हो गई।

फिर उसने मुझसे कहा- ये क्या देख रहे हो.. इसे हटाओ ना!
मैंने कहा- मैं देख नहीं रहा हूँ, ये अचानक आ गया।
फिर वो बोली- ठीक है, मैं जा रही हूँ तुम गाना सर्च करके मुझे दे देना।

वो चली गई और फिर अगले दिन वो मेरे घर आई। उस वक़्त मैं नहा रहा था और दीदी किचन में खाना बना रही थीं।
उसने दीदी से पूछा- सुशान्त कहाँ है?
तो दीदी ने कहा- बाथरूम में नहा रहा है।

वो बाथरूम के पास आकर खड़ी हो गई।
जैसे ही मैं नहा कर निकला, उसने कहा- तुमने वो गाना डाउनलोड कर दिया?
मैंने कहा- अभी नहीं किया.. अब कर दूँगा।
उसने कहा- प्लीज़ मुझे अभी करके दे दो।
मैंने कहा- ओके तुम बैठो, अभी कर देता हूँ.. पहले कपड़े पहन लूँ।
उसने कहा- कौन सा कोई तुम्हारे कपड़े लेकर भाग रहा है.. बाद में पहन लेना यार, पहले गाना डाउनलोड कर दो।

मैं उस वक़्त सिर्फ़ तौलिया में था।

मैंने ‘ओके’ कहा और हम दोनों मेरे रूम की तरफ चल दिए। कमरे में घुसते ही न जाने कैसे मेरा पैर फिसला और मैं गिर गया। एकदम से गिरने से मेरा तौलिया खुल गया। मेरे मुँह से एक तेज आवाज भी निकल गई।

अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा पड़ा था.. मेरे पैर में मोच भी आ गई थी।

वो मुझे इस हालत में देखकर एकदम शांत पड़ गई और मैं ऐसे ही गिरा हुआ पड़ा रहा।

इतनी देर में दीदी की आवाज़ आई- क्या हुआ?
फिर उसने मेरी तरफ देखा और दीदी को जबाब दिया- कुछ नहीं..
फिर उसने आकर मुझे उठाया और बिस्तर पर बिठा दिया.. तौलिया मेरे ऊपर डाल दी।

दिव्या ने कहा- सॉरी सुशान्त मेरी जल्दबाजी की वजह से तुम्हें लग गई।
मैंने कहा- इट’स ओके.. मैं ठीक हूँ।
फिर उसने कहा- पहले आप कपड़े पहन लो.. बाद में डाउनलोड कर देना।

मैंने कहा- अब कपड़े पहन कर क्या करूँगा, तुमने तो सब देख ही लिया है।
वो शर्मा कर बोली- मैंने कुछ नहीं देखा ओके.. मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।
मैंने कहा- नहीं देखा तो अब देख लो।

यह कह कर मैंने तौलिया अपने ऊपर से हटा दिया।
उसने मेरा लंड देखते ही अपनी आँखें बंद कर लीं और बोलने लगी- मुझे कुछ नहीं देखना.. तुम कपड़े पहन लो प्लीज़।
फिर मैंने उसकी आँखों से उसका हटा हाथ हटाया और कहा- अब देख ही लिया तो क्यों शर्मा रही हो, जब मुझे दिखाने में शर्म नहीं आ रही है, तो तुम्हें देखने में क्यों आ रही है।
तो उसने मुझे रिप्लाइ दिया- लड़के तो होते ही बेशर्म हैं।
बस यही बात सुनते ही मैंने कहा- अच्छा ये बात.. अब मैं तुम्हें बेशरमाई दिखाता हूँ।

फिर उसे मैंने बेड पर धक्का दिया और उसके ऊपर नंगे ही चढ़ गया और उसे किस करने लगा ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मजा आ गया…
ये सब देखकर वो भी थोड़ी गर्म होने लगी थी। उसने मेरी हरकतों का बुरा नहीं माना और बस बोलने लगी- सुशान्त मुझे जाने दो.. कोई देख लेगा।
लेकिन मैं नहीं माना और उसकी चुची दबाने लगा।

तभी मुझे किसी के आने की आवाज़ आई, तो उसने मुझे जल्दी से हटाया और खड़ी हो गई।
मैंने जल्दी से तौलिया लपेटा और लैपटॉप निकाल कर ऑन कर दिया।
तभी दीदी कमरे में आ गईं और दीदी मेरे कमरे में ही बैठ गईं।

मैंने कुछ ही देर में दिव्या को वो गाना डाउनलोड करके दे दिया और वो चली गई।

उस वक़्त उसे चोदने का मेरा बहुत मन कर रहा था लेकिन मौका हाथ से निकल गया।
उसके जाते ही दीदी हँसने लगीं।
मैं- हंस क्यों रही हो?
दीदी- क्या बात है.. चान्स मार रहे थे!
मैं मुस्कुराते हुए बोला- हाँ..
दीदी- तो रुक क्यों गए थे?
मैं- मुझे लगा माँ या पापा हैं.. सो अलग हो गया था।

दीदी- माँ-पापा तो कब के ऑफिस चले गए।
मैं- और तुम भी आकर बैठ गईं।
दीदी- मतलब मैं कवाब में हड्डी बन गई थी क्या?
मैं- शायद!
दीदी- तो ठीक है.. मैं जा रही हूँ।

ये बोल कर वो जाने लगीं तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ़ खींच लिया। वो सीधे मेरे गोद में बैठ गईं और बोलीं- सॉरी बाबा.. मैं तो मज़ाक कर रही थी।

इस वक्त सुरभि दीदी ने कैपरी और टॉप पहन रखा था। दिव्या ने मेरे लंड को खड़ा कर ही दिया था.. सो मेरा लंड दीदी के दोनों चूतड़ों के पास घुसता सा महसूस हो रहा था।

मैंने दीदी के बालों को हटा कर उनकी गर्दन पर किस करते हुए बोला- सॉरी मेरी जान.. नाराज हो गईं क्या?
दीदी बोलीं- मैं क्यों नाराज़ होऊँगी.. नाराज़ तो तुम्हारी वो मैडम होंगी ना..!
मैं बोला- मुझे कहीं से जलन की बू आ रही है..!
ये कह कर मैं हँसने लगा तो दीदी का चेहारा उदास सा दिखने लगा।
मैंने दीदी को समझाया- अरे यार ये सब तो टाइम पास है.. मेरी असली रानी तो तुम हो।
तो वो बोलीं- झूठ..
और उठ कर जाने लगीं।

मैं भी उनके पीछे खड़ा हुआ और सीधा उनको पकड़ लिया। इसी पकड़ा-धकड़ी में मेरे हाथ में उनकी एक चुची आ गई.. जो कि पूरे हाथ में तो नहीं आती, लेकिन चुची का कुछ भाग आ गया।
यह बहन की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

दीदी बोलीं- मूड बन गया है.. तो पहले दरवाजा बंद कर दूँ.. वरना कोई आ जाएगा।

मैंने ‘हम्म..’ कहा तो दीदी दरवाजा बंद करने चली गईं। मैं भी उनके पीछे-पीछे दरवाजा तक चला गया। जैसे ही दीदी ने दरवाजा बंद किया.. मैंने सुरभि दीदी को अपनी बांहों में ले लिया।

आगे इस सेक्स स्टोरी में क्या होता है इसका मजा लेने के अन्तर्वासना पर मेरे साथ जुड़े रहिए।

आपको मेरी इस सेक्स स्टोरी में मजा रहा है। आप मुझे अपने मेल जरूर लिखिएगा।

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दोस्त की बहन की चुदाई में दीदी ने मदद की-2

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