छोटी बहन की कुंवारी चूत चोदने की ललक -2

(Chhoti Bahan Ki Kunvari Chut Chodne Ki Lalak-2)

This story is part of a series:

रोहन को तो जैसे सुनहरा मौका मिल गया था पायल को अपना बनाने का, उसने पायल को अपने सीने से लगा लिया और चुप करवाने के बहाने पायल के शरीर पर अपना हाथ घुमाने लगा- कोई बात नहीं पायल.. इस उम्र में ये सब हो जाता है… तू तो मेरी अच्छी बहन है ना… मैं किसी को कुछ नहीं बताउँगा, वैसे मम्मी और सोनम कहाँ गए है?
‘वो मार्किट में गए हैं कुछ सामान लेने…’

पायल चुप हुई तो रोहन ने पायल का चेहरा ऊपर उठाया और उसकी आँखों से बहते आँसुओं को अपने होठों से चूम लिया। पायल की आँखें बंद हो गई थी।
रोहन ने मौके का फायदा उठाया और अपने होंठ अपनी छोटी बहन के जवान रसीले होंठों पर रख दिए।
पायल ने छूटने की कोशिश की पर रोहन की मजबूत पकड़ से छुट नहीं पाई, रोहन अब पायल के रसीले होंठो का रस पीने में लगा था।

कुछ देर छूटने के लिए छटपटाने के बाद पायल ने भी समर्पण कर दिया और अब उसका शरीर ढीला पड़ने लगा था। रोहन ने पायल के होंठ चूमते हुए एक हाथ पायल की मुलायम चूची पर रख दिया और मसलने लगा।

पायल की साँसें तेज हो गई थी और वो भी अब रोहन से चिपकती जा रही थी।

रोहन ने पायल को खड़ा किया और उसके टॉप को ऊपर करने लगा तो पायल ने रोहन को रोकने की कोशिश की- ये सब ठीक नहीं है भाई… हमें ऐसा नहीं करना चाहिए… आखिर हम बहन भाई हैं।
‘पायल, मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ… और बहुत दिनों से तुम्हें अपना बनाने का सपना देख रहा हूँ… आज अगर मेरा सपना पूरा होने जा रहा है तो प्लीज मुझे मत रोक..’

पायल ‘नहीं भाई नहीं भाई’ करती रही पर रोहन ने उसकी एक ना सुनी और उसका टॉप उतार दिया।
पायल ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, टॉप उतारते ही उसकी दोनों संतरे के साइज़ की तनी हुई चूचियाँ रोहन के सामने थी।
रोहन को तो जैसे कुबेर का खजाना मिल गया था, उसने कुछ देर पायल की दोनों चूचियों को अपने हाथों में मसला और फिर पायल की एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।

पायल के जवान जिस्म को पहली बार किसी मर्द के हाथों का ऐसा मज़ा मिला था, वो मस्ती के मारे कांपने लगी थी।
रोहन बेड पर बैठे बैठे नीचे खड़ी पायल की चूचियाँ चूस रहा था और उसके हाथ पायल की नंगी पीठ पर, पायल की गदराए चूतड़ों पर घूम रहे थे।

चूचियाँ चूसते चूसते रोहन ने पायल की स्कर्ट खोल दी और स्कर्ट पल भर में ही पायल के कदम चूमने लगी।
स्कर्ट नीचे होते ही रोहन ने अपना एक हाथ पायल की कुंवारी चूत पर रख दिया।
पेंटी में कसी चूत भट्टी की तरह गर्म थी, पूरी पेंटी पायल की चूत से निकले कामरस से सराबोर हो रही थी।

रोहन नीचे घुटनों के बल बैठा और उसने पायल की टांगें खुली की और फिर अपना मुँह पायल की चूत पर लगा दिया और जीभ से चाटने लगा।
पायल की टांगें जवाब देने लगी थी, उससे अब खड़ा नहीं हुआ जा रहा था।
रोहन ने पायल की पेंटी को भी उसकी जांघों से नीचे खींच दिया।

पायल की सुनहरी बालों से ढकी कुंवारी गुलाबी चूत देखते ही रोहन ने अपनी जीभ चूत पर लगा दी।
जीभ के पहले स्पर्श को महसूस करते ही पायल की चूत ने कामरस छोड़ दिया।
रोहन की जीभ कामरस का स्वाद महसूस करते ही और जोर जोर से चूत पर चलने लगी और सारा कामरस चाट गई।

झड़ने के कारण पायल का बदन एक पल के लिए थोड़ा सा ढीला हुआ तो रोहन ने पायल को बेड पर लेटा दिया।
पायल को बेड पर लेटाने के बाद रोहन ने अपनी पेंट और अंडरवियर एक साथ नीचे की और अपना लम्बा और मोटा लंड निकाल कर पायल के मुँह के पास कर दिया।

मोटा लंड देख कर पायल घबरा गई, पायल ने शायद लंड को प्रत्यक्ष पहली बार देखा था।
रोहन ने अपना लंड पायल के होंठो से लगाया तो पायल ने मुँह फेर लिया- भाई, मुँह में मत लगाओ, ये गन्दा है!
‘पगली जिसे तू गन्दा कह रही है, लड़कियाँ तरसती है इसे मुँह में लेने के लिए… एक बार ले कर देख, फिर बार बार चूसने का मन ना करे तो कहना..’

पायल ना ना करती रही पर रोहन ने जबरदस्ती लंड का सुपाड़ा पायल के मुँह में घुसा दिया।
पायल तड़प उठी थी पर वो बेबस थी, शुरू में पायल ने बुझे मन से लंड के सुपारे पर जीभ चलाना शुरू किया पर फिर पायल को भी लंड से निकले कामरस का स्वाद अच्छा लगने लगा और वो मस्ती में लंड को आइसक्रीम की तरह चाटने और चूसने लगी।

अपनी सगी बहन के ऐसा करने से रोहन तो मस्ती के मारे सातवें आसमान पर था, उसकी मस्ती भरी आहें और सिसकारियाँ निकल रही थी।
रोहन ने पायल को बेड पर सीधा किया और 69 की अवस्था में आते हुए लंड को पायल के मुँह में देते हुए अपनी जीभ पायल की कुंवारी चूत पर रख दी।
दोनों भाई बहन मस्त होकर एक दुसरे के यौन अंगों को चाट और चूम रहे थे, दोनों दिन-दुनिया से बेखबर मस्ती में लगे हुए थे।

कुछ देर की चूसा चुसाई के बाद पायल की चूत से अमृत वर्षा होने लगी तो रोहन के लंड ने भी पिचकारी छोड़ कर पायल का मुँह वीर्य से भर दिया।
पायल को एक बार तो उबकाई आई पर रोहन का लंड अभी भी पायल के मुँह के अन्दर था तो बेबसी में वो सारा माल गटक गई।

दोनों ही पस्त हो चुके थे पर असली काम तो अभी बाकी था।
तभी पायल बोली- भाई अब और मत करो, मम्मी और सोनम अब आने वाले होंगे और अगर कहीं वो बीच में आ गए तो सारा मज़ा ख़राब हो जाएगा।
रोहन अब रुकना नहीं चाहता था क्यूंकि ऐसा मौका दुबारा मिलना मुश्किल था। फिर भी रोहन ने सोनम को फ़ोन किया यह सुनिश्चित करने के लिए कि वो लोग कितनी देर में आ रहे हैं।

फ़ोन रोहन की मम्मी ने उठाया और बताया की अभी कम से कम दो घंटे और लगेंगे उनको आने में।

इतना समय तो पायल और रोहन के लिए बहुत था अपनी कामेच्छा को शांत करने के लिए।
फ़ोन काटते ही रोहन एक बार फिर से पायल पर छा गया और अपना लंड एक बार फिर से पायल के होंठों के हवाले कर दिया।
मात्र दो मिनट में ही रोहन का लंड फिर से लोहे की छड़ की तरह सख्त हो गया था।

रोहन ने पायल को बेड के किनारे पर लेटाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख कर एक बार फिर अपनी जीभ पायल की चूत पर लगा दी।
थूक से पायल की चूत को अच्छे से गीला करने के बाद रोहन ने खड़े होकर अपने लंड का सुपाड़ा पायल की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।

पायल अपनी पहली चुदाई से पहले घबरा रही थी, वो रोहन को बोली- भाई, मेरा पहली बार है और मुझे बहुत डर लग रहा है, फिर तुम्हारा लंड भी तो देखो कितना मोटा और लम्बा है जबकि मेरी चूत का छेद कितना छोटा सा है।
‘मेरी जान जिसे तू छोटा सा छेद कह रही है, उसमें तो सारा का सारा जहान समा जाए फिर भी जगह बच जायेगी… तू घबरा मत तेरा भाई अपनी बहन की चुदाई बहुत प्यार से करेगा।’

रोहन के लंड के चूत पर रगड़ने से पायल की चूत भी अब लंड को अन्दर लेने के लिए बेचैन होने लगी थी। वो भी बार बार गांड उठा कर लंड का स्वागत करने लगी थी।
तभी रोहन ने थोड़ा लंड को चूत में दबाया तो पायल के चेहरे पर दर्द की लकीरें दिखाई देने लगी।

रोहन ने भी अंदाजा लगाया कि ऐसे तो पायल की चूत फट जायेगी और यह शोर भी बहुत मचाएगी, वो उठा और पास में रखी तेल की शीशी लेकर आया और ढेर सारा तेल पहले पायल की चूत पर लगाया और फिर अपने लंड का सुपारा भी तेल में अच्छे से तर कर लिया और फिर से लंड को पायल की चूत पर रगड़ने लगा।

‘भाई और कितना तड़पाओगे अब डाल भी दो अन्दर… अब नहीं रुका जा रहा है!’ बस यह बोल कर पायल ने अपनी शामत बुला ली क्यूंकि यह सुनते ही रोहन ने जोश जोश में लंड के सुपारे को चूत के मुहाने पर लगा कर एक जोरदार धक्का लगा दिया और फट की आवाज के साथ रोहन के लंड का सुपाड़ा पायल की चूत के अन्दर था।
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पायल नहीं जानती थी कि पहली चुदाई में चूत के साथ साथ गांड भी फट जाती है, वो जोर से चीख पड़ी और दर्द के मारे हाथ पैर मारने लगी।
रोहन ने पायल के होंठों पर होंठ रख कर उसको शांत करने की कोशिश की।
पायल रोहन के नीचे दबी हुई छटपटा रही थी, लंड अभी सिर्फ दो इंच ही घुसा था।

रोहन ने देर करना सही नहीं समझा और एक बार उचक कर फिर से दो जोरदार धक्के लगा कर आधे से ज्यादा लंड पायल की चूत में उतार दिया।
पायल की हालत ऐसी थी कि जैसे अभी बेहोश हो जायेगी।
चूत से खून निकल कर गांड तक फ़ैल गया था। रोहन का लंड भी जैसे किसी शिकंजे में फंस गया था क्यूंकि पायल की कुंवारी चूत थी ही इतनी टाईट।

फिर भी रोहन ने एक लम्बी सांस ली और फिर लगातार दो तीन धक्के लगा कर पूरा लंड पायल की चूत में फिट कर दिया।
अब रोहन ने धक्के लगाने बंद कर दिए और पायल की चूचियों को मुँह में लेकर चुम्भ्लाने लगा और दूसरी को मसलने लगा।
पायल दर्द के मारे अभी भी रोये जा रही थी।

‘बस मेरी बहना… बस अब दर्द नहीं होगा… देख पूरा लंड तेरी चूत में जा चुका है। जिसे तू छोटा सा छेद कहती थी वो छेद मेरा पूरा सात इंच का लंड निगल गया है।’
‘प्लीज भाई, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज निकाल लो… मेरी चूत फट गई है… प्लीज मुझे नहीं चुदवाना…’
‘अरे देख तो पूरा लंड घुस चुका है अब दर्द नहीं होगा…’

रोहन लगातार पायल की चूचियों और होंठों को चूमता रहा।
करीब दो तीन मिनट बाद पायल को अपना दर्द कुछ कम होता महसूस हुआ तो वो भी रोहन के चुम्बन का जवाब चुम्बन से देने लगी। रोहन ने भी ग्रीन सिग्नल मिलते ही लंड को कुछ हरकत दी, उसने धीरे धीरे अपना लंड चूत से लगभग आधा निकाला और फिर धीरे धीरे ही दुबारा पायल की चूत में उतार दिया।
पायल को दर्द हुआ पर अब वो इस दर्द को सहने के लिए तैयार थी।

ऐसे ही पहले धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करते करते रोहन ने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी। पायल की चूत ने भी थोड़ा पानी छोड़ दिया था जिस कारण थोड़ा चिकनापन आ गया था चूत में और लंड अब पायल की चूत में फिसलने लगा था।
पायल को भी अब चुदाई में मज़ा आने लगा था, वो भी अब रोहन के हर धक्के का स्वागत अपनी गांड उठा उठाकर कर रही थी जो इस बात का सबूत था कि अब दोनों मज़े में थे।

करीब पांच मिनट और धीरे धीरे चुदाई चली फिर तो जैसे बेड पर तूफ़ान आ गया और दोनों बहन भाई जोरदार चुदाई में लीन हो गए, दोनों एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर रहे थे।
लगभग दस मिनट के बाद पायल का शरीर अकड़ा और एक सरसराहट के साथ पायल की चूत पानी फेंकने लगी।
पायल की चूत का पानी रोहन को अपने लंड के पास से जाता हुआ साफ़ महसूस हो रहा था।

झड़ने के बाद पायल थोड़ी सुस्त हुई पर रोहन लगातार धक्के पर धक्के लगा रहा था।
कुछ देर की चुदाई के बाद पायल फिर से हरकत में आई और रोहन के धक्कों का जवाब देने लगी।

एक ही आसन में चुदाई करते करते रोहन अब कुछ अलग करने के मूड में था तो उसने पायल को बेड पर घोड़ी बना लिया और फिर पीछे जाकर अपना लंड फिर से पायल की चूत में उतार दिया।
और फिर से चुदाई शुरू हो गई, रोहन के टट्टे हर धक्के के साथ थाप दे रहे थे और कमरे में फच्च फच्च की आवाज आने लगी थी जो कमरे के माहौल को मादक बना रही थी।

समय का अंदाज नहीं पर ये चुदाई बहुत लम्बी चली और फिर पहले पायल की चूत ने तीसरी बार अपने काम रस से रोहन के लंड को भिगो दिया और फिर कुछ देर बाद रोहन के लंड ने भी पायल की चूत को वीर्य से लबालब भर दिया।

झड़ते ही दोनों पस्त होकर लेट गए।
रोहन का लंड अभी भी पायल की चूत में ही था जो की कुछ देर बाद सुकड़ कर फ़क की आवाज के साथ बाहर निकल गया।
लंड के निकलते ही पायल की चूत से रोहन का वीर्य निकलकर बेड की चादर पर फैलने लगा।

करीब पांच मिनट बाद दोनों की साँसें थोड़ी शांत हुई तो पायल उठी।
पूरी चादर पर पायल की चूत से निकले खून और चुदाई से निकले कामरस के धब्बे ही धब्बे नजर आ रहे थे।
कहानी जारी रहेगी।
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