भाई ने मेरी गांड का उदघाटन किया-3

(Bhai Ne Meri Gaand Ka Udghtan kiya-3)

मेरी पोर्न स्टोरी के पिछले भागों
भाई ने मेरी गांड का उदघाटन किया-1
भाई ने मेरी गांड का उदघाटन किया-2
में आपने पढ़ा:

भाई मेरी गाण्ड मारने लगा, मैं सिसकारियाँ लेती रही.. मुझको अब मज़ा आने लगा था, मैं हाथों पर ज़ोर देकर फिर से घोड़ी बन गई थी और भाई अब मेरे कूल्हे पकड़ कर ‘दे दनादन..’ लौड़ा पेल रहा था।
कुछ देर बाद भाई ने मेरी गाण्ड में पिचकारी मारनी शुरू की.. तो गर्म-गर्म वीर्य से मुझको बड़ा सुकून मिला।

अब आगे:

फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर सो गए और जब तक माँ पापा नही आये, तब तक हमने जी भरकर चुदाई की।
सुबह 7 बजे मेरी आँख खुली तो हम दोनों बिस्तर पर नंगे पड़े थे, मैं उठी और सबसे पहले में बाथरूम में घुस गई, बाथरूम में ही लेट्रिन है, मैं सीट पर बैठ कर टट्टी कर रही थी, तभी वहाँ भाई आ गया, मुझे टट्टी करते देख भाई का लण्ड खड़ा होने लगा, वो मुझसे कहने लगा- दीदी जल्दी कर लो, मुझे बहुत जोर से टट्टी आ रही है।

मैंने कहा- दो मिनट इंतजार कर…
फिर मैं जैसी ही टट्टी धोने को हुई, उसने मुझे रोक दिया, मुझसे कहने लगा- लाओ दीदी, मैं धो देता हूँ तुम्हारी गांड!
मैं हंसते हुए उसकी तरफ झुकी पर उसका हाथ मेरी गांड तक नहीं पहुँच रहा था, पर इस बार उसने मुझे चौंका दिया।

जब मैं झुकी तो उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसा दिया और मैं उसका लण्ड चूसने लगी, उसके एक हाथ में पानी का जग था और एक हाथ से वो मेरी गांड धोने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो ठीक से धो नही पा रहा था, वो गांड में उंगली डाल रहा था।
मैं तो मानो सातवें आसमान पर थी।

अब मैंने उसका लण्ड चूसना बंद कर दिया और कहा- अरे मेरे भाई, मेरी टट्टी करती हुई गांड के साथ ही आगे का काम करेगा क्या? मैं घोड़ी बन जाती हूँ, तू पीछे से जा और गांड धो
वो पीछे गया और पानी डालकर मेरी गांड अपने हाथ से धोने लगा।

वो कहने लगा दीदी- कितनी चिकनी गांड है तुम्हारी! वाह मजा आ गया, और यह देखो तुम्हारी गांड का छेद कितना मस्त है, गोरी गोरी गांड की एक काली सुरंग!
मेरी गांड धोते धोते वो कभी मेरी गांड में उंगली कर देता तो कभी मेरी चूत में… वो मेरी चूत भी धो रहा था।

मैंने कहा- भाई, जल्दी कर, अभी मेरी गांड धुली नहीं क्या?
वो मेरी गांड धोकर खड़ा हो गया, मैं भी खड़ी हो गई, मैंने कहा- अब तो टट्टी कर ले!

वो सीट पर बैठ गया, उसका लण्ड खड़ा था, मैं उसके सामने पेट के बल लेट गई और उसका लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, मैं उसके लण्ड को चूस रही थी और वो टट्टी कर रहा था।
वो कहने लगा- दीदी, बहुत मज़ा आ रहा है!

तभी उसने कहा- दीदी, मुझे पेशाब आ रहा है!
मैंने उसका लण्ड को चूसना बंद कर दिया और लण्ड को छोड़ दिया।
उसने अपने लन्ड को पकड़ कर मेरे चेहरे के ऊपर पिचकारी मार दी और मेरे मुखड़े पर पेशाब करने लगा।

जब उसने टट्टी कर ली और मुझसे कहने लगा- दीदी, मेरी गांड को धो दो!
मैंने उसकी गांड को धोया और हम खड़े हो गए, वो खड़े लंड के साथ मेरे सामने खड़ा था, मैंने उसे अपने नंगे गोरे बदन से चिपका लिया।
हम मस्ती से एक दूसरे को सहला रहे थे, वो मेरी पीठ और चूतड़ सहला रहा था और मैं उसके लण्ड को सहला रही थी। उसका लंड तो जैसे मेरी जांघों में घुसे जा रहा था।

मैं तुरन्त नीचे बैठी और अपने दोनों पैर पसार दिए, मैं उसे अपनी गोरी चूत दिखा रही थी।
वो भी नीचे बैठ गया, मेरी चूत को देखने लगा, मुझसे बोला- दीदी, आज आपकी चूत कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही है, मस्त गोरी गोरी और लाल लाल चूत!

अब वो मेरी चूत की गंध से और कामुक हो गया और उसने मेरी चूत को चाटना चालू कर दिया।

मेरी कामुक आवाजें निकलने लगी- उईई ह्म्म्म्म आआ आओम्म्म म्म्म्मम्म… ऐसे ही चाट मेरे भाई राजा… चाट अपनी बहन की चूत को चाट, ऐसे ही मजा दूंगी तुझे रोज अम्म्म्म ऊऊओ ओओ आआआ आअह्ह्ह आअह्ह ह्हह ईईएररर चाट भाई चाट अईई… ओह्ह्ह आआहह्हह ह्म्म्म…

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मैं वहीं फर्श पर लेट गई, वो मेरी चूत को चाट रहा था और मेरे मम्मों को दबा रहा था।
हम दोनों की कामुकता अब बढ़ चुकी थी, दोनों गर्म होते जा रहे थे, अब हमने एक-दूसरे की जुबान को चूसना शुरू कर दिया था, साथ ही वो अपना लिंग मेरी चूत में रगड़ रहा था।

अब मेरे अन्दर की चिंगारी और तेज़ होने लगी थी, मैं भी अपनी कमर को हरकत में लाकर उसकी मदद करने लगी।
अब उसने मेरे चूतड़ों को पकड़ लिया और मेरी जाँघों को फ़ैलाने की कोशिश करने लगा। मैंने भी उसकी मदद करते हुए अपनी टाँगें फैला दीं, इससे वो आसानी से अपना लण्ड मेरी चूत में रगड़ने लगा।

वो मेरे होठों को चूम रहा था, वो कभी मेरी जीभ को चूसता तो कभी मैं उसकी जीभ को!
इसके बाद वो अब मेरे गालों, गले, सीने को चूमते और चूसते हुए नीचे मेरी चूत के पास फिर आ गया और फिर मेरी टाँगों को फैला दिया।

अब उसने मेरी चूत को प्यार करना शुरू कर दिया, पहले तो उसने बड़े प्यार से उसे चूमा, फिर एक उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा, मुझे बहुत मजा आने लगा। उसने अपना मुँह लगा कर अपनी बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया।

मैं तो मरी जा रही रही थी और चिल्ला रही थी- भाई अब मुझसे सहन नहीं होता, मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दे! मेरी चूत का कीमा बना दे, चूत का भोसड़ा बना दे! चोद कुत्ते अपनी बहन को… मेरी चूत को फाड़ दे आज… आअह्ह आआह्हह ओफ़्फ़फ़ ह्म्म्म्म आआआ अह्हह्ह!

मुझसे अब सहन नहीं हुआ और मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाना शुरू कर दिया और अपना पानी छोड दिया। मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसके थूक और मेरी चूत का रस मिल कर मेरी जाँघों से बहने लगा था और वो मेरी चूत का पूरा पानी पी रहा था, उसने पूरा साफ़ कर दिया चाट कर!

अब मैं उसके लण्ड से खेलने लगी और हिलाने लगी, कुछ देर बाद मैं अपने भाई का लंड चूसने लगी।
थोड़ी देर लन्ड चूसने के बाद उसने मुझे वहीं लिटाया, मेरी टाँगें चौड़ी की और मेरी टांगों के बीच में आ गया, मेरी चूत अपना लण्ड घिसने लगा।

मैंने जल्दी से उसका लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और उसे झटका मारने के लिए कहा।
उसने एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया तो मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ।

अब वो हल्के हल्के झटके लगाने लगा। उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा फिर मेरे होंठों से होंठ सटाकर चूमते हुए मुझे चोदने लगा।
मुझे मजा आने लगा, उसने अब अपनी गति तेज़ कर दी, मैं सिसकारियाँ लेने लगी।

उसका लण्ड मेरी चूत में आसानी से जा रहा था, मैं तो मस्ती में उसके बाल तो कभी उसकी पीठ नोचने लगी।
वो भी कभी मेरे गाल काटता तो कभी मम्मों को जोर से दबाता।

हम दोनों कभी एक-दूसरे को देखते, कभी चूमते, चूसते या काटते और वो तेज़ी से मेरी चूत को चोदे जा रहा था।
वो लगातार 15-20 धक्के मारता फिर 2-4 धक्के बहुत तेज मारता, उस समय उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा जाता!
इस तरह मुझे बहुत मजा आ रहा था।

हम दोनों की साँसें तेज़ हो रही थी।
उसने मुझसे कहा- दीदी, तुम मेरे ऊपर आ जाओ मजा आएगा।

भाई नीचे फर्श पर पीठ के बल लेट गया और मैं उसके लण्ड पर अपनी चूत को सेट करके बैठने लगी।
फच की आवाज के साथ मेरी चूत उसके पूरे लण्ड निगल गई और मैं उस पर कूदने लगी, वो भी नीचे से झटके दे रहा था।

थोड़ी देर ऐसे चुदने के बाद उसने मुझे कहा- दीदी चलो अब घोड़ी बन जाओ !
मैं झुक कर दोनों घुटनों को मोड़ कर अपनी हाथों के बल घोड़ी बन गई।

उसने पहले तो पीछे से मेरी चूत को चाटा फिर लन्ड को चूत पर टिका कर धक्का दिया।
लण्ड पूरा घुस गया और उसने मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत में जोर जोर से चोट मारने लगा में सिसकारी लेते हुए कहने लगी- हाँ.. ऐसे ही ऐसे चोदो मुझे.. ह्म्म्मम्म आ..हह.. स्सस्स स्स !

करीब 10 मिनट तक ऐसे चुदने के बाद मैं अब झड़ने वाली थी, मेरे शरीर की अकड़न देख कर वो समझ गया कि मैं अब झड़ने को हूँ, उसने तुरन्त मुझे सीधा लिटाया, मेरे ऊपर चढ़ गया, मेरी टाँगों को फैला कर उसने अपने कन्धों पर रख कर कहा- तुम्हें अब और ज्यादा मजा आएगा!

उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा, मैं उसके चूतड़ों को कस के पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी।
उसकी साँसें मेरी साँसों से तेज़ हो रही थी।
उसने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ !
मैंने कहा- मैं भी जल्दी आने वाली हूँ।

भाई ने अब अपने धक्को की गति बढ़ा दी और चोदने लगा।
मैं तो जैसे पागल हुए जा रही थी, वो मुझे चोदे जा रहा था और मैं कभी उसके गाल को काट लेती कभी उसकी पीठ सहलाती, कभी उसके चूतड़ों को अपनी चूत पर दबाती।

मैं मदमस्त होकर चिल्ला रही थी- आअ ईईईइ ऊऊऊ म्म्म्मम्म… चोद अपनी बहन को चोद हरामी चोद भड़वे! फाड़ दे मेरी चूत को आआम्मीईईई… ऊऊम्मम्म। आज छोड़ना मत मुझे… आज इस चूत का कचूमर बना देना!

मैं झड़ने वाली थी, मैंने कहा- भाई मैं आने वाली हूँ। जोर जोर से झटके मार अपनी पूरी ताकत से चोद मुझे… मैं आने वाली हूँ।
उसने कहा- दीदी, मैं भी बस आने वाला हूँ!
वो भी मुझे गालियाँ देने लगा- ले रंडी साली कुतिया… आज तेरी चूत को फाड़ दूंगा… ले लण्ड आअह्ह आह्ह्ह्ह!

‘भाई… और जोर से ठोक मेरी… आअह्ह आह्हह ह्म्म्मम्म आआआआ गई मैं…’ और मेरा पानी निकलने लगा, मैंने भाई को बहुत कस कर पकड़ लिया था और झड़ गई।

कुछ झटकों के बाद भाई भी मेरी चूत में झड़ गया और मेरे ऊपर गिर गया, हम दोनों हांफ़ते हांफ़ते वहीं कुछ देर पड़े रहे।
फिर हम दोनों ने साथ में नहाने और साथ में बाद चाय नाश्ता किया और फिर दिन भर चुदाई की।

दोस्तो, आपकी प्यारी प्रीति आपके मेल का इंतजार कर रही है, अगर आपका प्यार मिलेगा तो मैं अगली कहानी में बताऊँगी कि कैसे मैंने अपनी एक सहेली की सील तुड़वाई।
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