अप्रैल 2015 की लोकप्रिय कहानियाँ

(Most Popular Stories Published in April 2015)

Antarvasna 2015-05-05 Comments

This story is part of a series:

Best Stories Published in April 2015

प्रिय अन्तर्वासना पाठको
अप्रैल महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…

ऐसी मौसी सब को मिले-1

बात थोड़ी पुरानी है, जब मैं 12वीं क्लास पास कर चुका था, माँ बाप चाहते थे कि मैं और पढ़ूँ तो उन्होंने मुझे शहर मौसी के पास भेजने का विचार किया। असली खुशी तो मुझे इस बात की थी कि शहर में रहूँगा, कॉलेज में पढ़ूँगा और शहर में तो सुना है के लड़कियाँ भी बहुत जल्दी पट जाती हैं।

मैं शहर आ गया और कॉलेज में एड्मिशन भी ले ली, पर 3-4 महीने बीत जाने पर भी कोई भी लड़की नहीं पटी, दोस्त तो बन गई पर साली गर्लफ्रेंड कोई नहीं बनी।
रोज़ सुबह जब सो कर उठता तो लण्ड फुल टाइट तना होता, मगर उसको लेने वाली कोई नहीं मिल रही थी, मूठ मारने का ना मुझे शौक था और ना ही आदत, तो लण्ड भी एकदम मूसल की तरह सीधा और दमदार था, बस इशारा करते ही तन जाता था।

ऐसे ही दिन बीतते गए पर कोई बात ना बनी।
एक दिन ऐसे ही दोपहर के वक़्त मुझे लेटे लेटे प्यास सी लगी तो मैं उठ कर दूसरे कमरे में गया जहाँ मौसी लेटी थी, क्योंकि फ्रिज उनके कमरे में रखा था।
मैंने पानी पीते पीते ध्यान दिया, मौसी शायद टीवी देखते देखते सो गई थी, सोते में उनकी साड़ी उनके सीने से हट गई थी जिस कारण उनके भारी स्तन काफी सारे उनके ब्लाउज़ से बाहर दिख रहे थे।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…

लड़की बन कर गाण्ड चुदा कर मज़ा लिया

हय फ्रेंड्स, मेरा नाम श्रुति है, मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ, 24 साल की स्लिम 34-28-36, हाइट 5’4″ सेक्सी हूँ।

आज से 4 साल पहले मैं एक लड़का थी। लेकिन हालातों और मेरी गर्लफ़्रेण्ड ने मुझे लड़की बनने पर मज़बूर कर दिया.
मेरे सगे माँ बाप नहीं रहे, मैं पालक परिवार के साथ रहती थी। कॉलेज के बाद मैं उनसे अलग हो गया/गई।

जब मैं कॉलेज में था/थी तो मेरे फ्रेंडशिप रिया से हुई, रिया बहुत मॉडर्न, सेक्सी, स्लिम सुन्दर बदन वाली लड़की थी।
हम धीरे धीरे प्यार करने लगे.. वो भी मेरे तरह ही थी दिखने में गोरी, सेक्सी, हम कभी लाइब्ररी तो कभी अकेले में एक दूसरे को छूते, कई बार मैं उसकी ब्रा खोल देती/देता, कभी कभी सलवार में हाथ डाल डालती, लेकिन हमने कभी सेक्स यानि चुदाई नहीं की।

एक बार कॉलेज के दूसरे साल में हमने सेक्स का मज़ा लेने का फ़ैसला किया और एक होटेल में गये,.हम कुछ कपड़े भी साथ ले गये थे।
जब हम होटेल में रूम में मिले तो एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया।
रिया ने लेगिंग कुरती पहना था, मैंने उसके लेगिंग में हाथ डाला तो वो गीली हो चुकी थी। मैंने तुरंत उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत का सारा रस चाट लिया।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…

रिश्ता वही सोच नई-1

एक साल पहले मेरे पड़ोस के भाई की शादी हुई थी.. जिसमें मैं शामिल होने नहीं आ सका, क्योंकि मेरी परीक्षा चल रही थीं.. फिर बाद में जब मैं होली पर घर आया था.. तो वे पड़ोस की नई वाली भाभी अपने घर चली गई थीं और बाद में भैया और भाभी विदेश चले गए थे।
मैं छुट्टी लेकर घर आया और पड़ोस की उन भाभी से उनकी शादी के एक साल बाद मिलने वाला था, मैंने उनको अभी तक ना तो देखा था.. और ना मैं उनका नाम जानता था, मेरे पड़ोस में रहती थीं.. इसलिए मुझे कोई ये सब जानने की जरूरत भी नहीं थी।

मैंने सब के पैर छुए.. माँ, दीदी पड़ोस की सभी औरतों के.. वहीं भाभी भी थीं।
माँ ने कहा- इसके भी छू..
मैंने जैसे ही भाभी की तरफ देखा तो मेरी आँखों में पानी आ गया.. भाभी भी मुझे देखती रहीं।
माँ ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- नींद आ रही है.. मैं जा रहा हूँ..

पर मेरे आँख में पानी का कारण नींद नहीं.. मेरी भाभी दीप्ति थी।
वो मेरे स्कूल में पढ़ती थी। उस वक्त मैं 9 वीं कक्षा में था और वो 12 वीं कक्षा में थी।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…

बेवफ़ा शौहर दगाबाज सहेली-1

मेरा नाम फराह परवीन है, मैं अहमदाबाद में रहती हूँ। अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी है। मुझे पता नहीं कि यहाँ सारी कहानियाँ वास्तव में सच्ची हैं या कल्पना मात्र लेकिन जो भी हो जब से नगमा ने मुझे अन्तर्वासना के बारे में बताया, तब से मैं लगभग दो कहानी यहाँ रोज पढ़ती हूँ। यहाँ कहानियाँ पढ़कर मैं काफी रोमांचित महसूस करती हूँ और अच्छा टाइमपास भी हो जाता है।

आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ और इसमें कल्पना का लेशमात्र भी नहीं है। सेक्स के मामले में मैं काफी फ्रैंक हूँ लेकिन एक हद तक। यह अल्लाह का दिया एक खूबसूरत तोहफा है। प्रेम ही विश्व में केवल एक ऐसी चीज है जो हमें जीवित रहने के लिए उत्साह प्रदान करती है।

दो साल पहले मेरा निकाह हुआ और मैं यहाँ आ गई। मेरे शौहर किराने की एक दुकान चलाते हैं और मैं और मेरी एक सहेली नगमा हम दोनों एक बुटीक चलाते हैं।
नगमा काफी अच्छी लड़की है बस उसमें एक ही कमी है वह बोलती बहुत है और कहीं भी कुछ भी बोल देती है। खैर वह मुझे बहुत पसंद है और हम दोनों बहनों की तरह रहते हैं।

मेरे शौहर मुझे बहुत प्यार करते हैं और हम अपनी जिन्दगी में बहुत खुश हैं।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…

चोद सको तो चोद लो

दोस्तो, मैं आपकी इकलौती लाड़ली प्यारी चुदक्कड़ जूही एक बार फिर अपनी प्यार की दास्तान लेकर प्रस्तुत हुई हूँ।
आप लोगों ने जो मेरी सभी चुदाइयों की कहानियों को सराहा उसके लिए मैं झुक कर नमन करती हूँ। आशा है आप यों ही मेरी चूत और चुदाई की सराहना करते रहेंगे।

मैंने कुछ दिनों पहले ही जिम ज्वाइन किया था, मेरा ट्रेनर अनिल बहुत ही गठीला और तंदरुस्त है। शुरू में तो उसने मुझे सिर्फ कार्डिओ ही करवाया जिसमें बहुत मज़ा आ रहा था, पर धीरे धीरे अब वो मुझसे डम्बेल भी उठवाने लगा जिससे मैं बहुत थक जाती।
अब चूंकि कसरत करते थे अंग से अंग मिलना तो लाज़मी था और एक दूसरे के प्रति थोड़ी बहुत भावनाओं का जागृत होना ही बनता ही है।
अब चूंकि वो लड़का है, उसका खड़ा होता है और लड़के तो चूत चोदने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते फ़िर लड़की से चिपकना तो कौन से खेत की मूली थी।

अब मुझे तो एक्सरसाइज करनी थी, चाहे जैसे करवाए, मैं कहाँ कुछ कर सकती थी और फिर इन चीज़ों में मुझे भी मज़ा आता है।

पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top