देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-8 27 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए किरण तो परम आन्न्द प्राप्त कर निढाल सी लेट गई थी, इधर मेरा लण्ड थोड़ा मुर्झाया सा लटक पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-7 26 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गई, उसने मेरे लण्ड को एक हाथ पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-6 25 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए आज मैं जल्दी ऑफिस आ गया क्योंकि कुछ फाइल्स लेकर मुझे मुम्बई जाना था। करीब 10-20 पर किरण पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-5 24 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 9-7-2010 समय: 10-30 सुबह आज ऑफिस आने में कुछ देर हो गई। आते ही मैंने अपने असिस्टेन्ट पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-4 23 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 8-7-2010 समय: 1-30 शाम आज मुझे अपनी गाड़ी की सर्विसिंग करानी थी इसलिए मैं ऑफिस से जल्दी पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-3 22 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 2-7-2010, समय: 9-30 शाम आज सुबह मैं जल्दी ही तैयार हो गया, बाइक बाहर निकाली और किरण पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-2 21 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए सुरेश मुस्कराते हुए बोला- वाह… और फिर राधा भाभी सुरेश के होठों को चूमने लगीं और फिर अपने पूरी कहानी पढ़ें »
देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-1 20 January 2008 प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए(यह नाम पाठकों द्वारा सुझाया गया है) गुरू जी, यदि आपने मेरी कहानी स्पर्म थैरेपी न प्रकाशित की होती पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-8 16 February 2007 सप्तम भाग से आगे : ओह.. तो यह बात है… रश्मि। यही तो मैं सोच रहा था कि तुम्हारे जैसी बला की खूबसूरत लड़की इतनी पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-7 15 February 2007 छटे भाग से आगे : सुबह मम्मी ने हम लोगों को करीब नौ बजे जगाया। हम लोग हड़बड़ा कर उठे और अपने अपने कपड़े को पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-6 14 February 2007 प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता पंचम भाग से आगे : जब मैं टॉयलेट से लौट रही थी तो मैंने सोचा कि मम्मी के बेडरूम में पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-5 13 February 2007 प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता चतुर्थ भाग से आगे : लंच के बाद विशाल भैया अपने किसी दोस्त से मिलने चले गए और मैं मम्मी पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-4 12 February 2007 प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता तृतीय भाग से आगे : अगले दिन रविवार था। सभी लोग जल्दी ही उठ गए थे क्योंकि विशाल भैया लखनऊ पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-3 11 February 2007 प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता द्वीतीय भाग से आगे : अब मम्मी के सामने यह समस्या थी कि वीर्य के लिए किससे कहे, जोकि रोज पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-2 10 February 2007 प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता प्रथम भाग से आगे : रश्मि का ब्लो-जोब इतना खास था कि मेरे जैसा चोदू और अनुभवी आदमी जिसको झड़ने पूरी कहानी पढ़ें »
स्पर्म थैरेपी-1 8 February 2007 मुन्ना लाल गुप्ता यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है, लेकिन इसके सभी पात्रों के नाम काल्पनिक हैं ! आज सुबह से ही मौसम पूरी कहानी पढ़ें »