कभी कभी कुछ ऐसे संयोग बन जाते हैं कि घटनाएँ स्वयम् घटती चली जाती हैं। मैं अपने दोस्त के फ़्लैट में जाने के लिये लिफ़्ट में गया तो एक युवती से मुलाकात हुई, आगे की घटना कहानी में!
उर्वशी अपनी अन्तर्वासना में डुबकी लगते हुए आहें भरने लगी और सिसकारने लगी, मेरे सिर के बालों को दोनों हाथों से पकड़ अपनी ओर खींच कर मेरे होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूसने लगी।
दिल्ली की लोकल बस में सफ़र करते हुए मेरी मुलाक़ात एक खूबसूरत युवती से हुई. बार बार सामना हुआ, दोस्ती हुई और फिर एक दिन ऐसा आया कि हम तन बदन से एक दूसरे के हो गए.
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