मेरी सुहागरात पर मेरी बीवी भाभी के समझाने पर चुदाई के लिए तैयार हुई. वो चोदन में होने वाले दर्द से डर रही थी. तो पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी बीवी को पहली बार चोदा.
मेरी भाभी ने मेरी शादी करवा दी लेकिन दोस्त की सलाह पर मैंने सुहागरात पर बीवी की गांड मारनी शुरु की. मेरी कुवारी दुल्हन नादान थी, उसे नहीं मालूम था कि क्या करना होता है.
मैं अपनी विधवा जवान भाभी के साथ रहता था. भाभी ने अपनी एक रिश्तेदार लड़की से मेरी शादी करवा दी. तो मैंने अपनी सुहागरात अपनी कुवारी दुल्हन के साथ कैसे मनायी?
पानी की बूंदें दीदी, एक अनछुई नंगी लड़की, भीगी हुई वो भी जवानी के चरम पर, के चेहरे पर कन्धों पर और चूचियों पर चमक चमक कर मानो यह कह रही थी ‘है कोई भाग्य शाली हमारे जैसा?’
मेरी वाइफ जूही जैन है.. बहुत ही सेक्सी है, गोरा रंग, ऊंचा कद, बड़े-बड़े बूब्स, पतली कमर और उभरे हुए नितंब यानि चूतड़.. उसे जो भी देखे, उसका लण्ड तन जाए.. देखने वाले के मन में उसे चोदने की इच्छा हो जाए।
वह उसके पीछे घूमा और अब उसके नितम्बों को गहराई से देखा। वह अपने हाथों को उसकी ब्रा के पास चलाते हुए उसके वक्षों के इर्दगिर्द घुमाने लगा और उसके बूब्स को महसूस करने लगा।
एक पड़ोसन भाभी ने मुझसे हारमोनियम सीखना शुरू किया. एक बार उसका पति घर पर नहीं था तो उसने मुझे अपना बदन दिखा कर उत्तेजित किया और गुरु दक्षिणा में चूत दे दी.
वो एकदम से जाकर बिस्तर पर अपने घुटने मोड़ कर जांघें फ़ैला कर लेट गई, मैंने उसके दोनों घुटने पकड़ कर और फ़ैला दिये, ऐसा करने से उसकी चूत के जो होंठ चिपके हुये थे, वो खुल गये और अन्दर से गुलाबी लाल कच्चा मांस सा दिखाई देने लगा।
यह कहानी एक लड़के और उसकी बड़ी बहन की आपस में चुदाई की है… एक दिन भाई जसप्रीत और उसकी बहन लवलीन घर में अकेले थे… जसप्रीत अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ कर मुठ मारने बाथरूम में चला गया और लवलीन ने उसे मुठ मारते पकड़ लिया… आगे देखिये क्या होता है?
भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। भाभी- तुमने मुझे रंडी बना दिया.. मैंने पहली बार किसी दूसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खड़ी हूँ।
सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई। ‘जीजाजी, क्या कर रहे हओओ..’ लेकिन उन्होंने गांड उठा दी और सलवार निकल आई और पैंटी भी…
मैंने जैसे ही उसकी दोनों जाँघों के बीच लटकते उसके लण्ड को देखा तो अपने नंगेपन का ख्याल छोड़ कर मैं उस पर झपट पड़ी और अपने हाथों से उसे दबोच लिया, फिर उसे अपने होंठों से चूमती चाटती हुई मैं चटखारे लेने लगी।
कहानी मेरी बेटी की एक सहेली संगीता जैन की है, मेरी बहू सोनम ने इस किस्से को मुझे बताया था।
तो संगीता जैन के ही शब्दों में ढाल कर मैं यह कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ।
मेरा हाथ उसके लंड को टटोल रहा था, पजामे के अन्दर एकदम फुंकारते सांप की तरह, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं तो हाथ में लेकर उसके लंड से खिलवाड़ करना चाहती थी, उसे किसी आम के तरह चूस चूस कर उसका सारा रस पी जाना चाहती थी…
तभी मिसेज़ रेखा जैन उठकर मेरे पास पहुँची मेरे पास सटकर बैंठ गईं… उन्होंने मेरे सर पर हाथ फेरा और कहा- शरद मेरी ओर देखो, इस क्लब में कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे वहाँ जाने पर तुम्हें पता लगेगा औऱ उनके हमारे बीच का डोर बहुत मजबूत है।
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