चूचियाँ कलमी आम-3 30 October 2014 अब मुझे भी अहसास हो गया था कि अब यह चुदने को पूरी तरह तैयार है जो उसके मेरे सीढ़ी चढ़ने पर कहे शब्दों से पूरी कहानी पढ़ें »
चूचियाँ कलमी आम-2 29 October 2014 मैं- सब्ज़ी का तो काकी कुछ बोली नहीं…हाँ, कलमी आम चूसे बहुत दिन हो गए? गौरी- लेकिन मेरे पास तो सब्जियाँ हैं, पहले कहते तो पूरी कहानी पढ़ें »
चूचियाँ कलमी आम-1 28 October 2014 आपके ढेरों ईमेल इस बात के परिचायक हैं कि आपको मेरा साझा अनुभव बहुत पसंद आया, इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। कई लोगों ने पूरी कहानी पढ़ें »
नाम में क्या रखा है-3 27 March 2014 प्रेषक : होलकर उन्होंने सर पर कपड़ा कब लपेट लिया था, ध्यान ही नहीं रहा। ‘हाय मेरी सिल्क स्मिता !’ मैंने दिल में सोचा, मैंने पूरी कहानी पढ़ें »
नाम में क्या रखा है-2 27 March 2014 प्रेषक : होलकर नज़ारा भूले नहीं भूलता, चिकनी, चमकदार चमड़ी का स्पर्श और चिकना पेट आँखों में घूमता रहा, माँ का भोंसड़ा प्लेबाय मैगजीन का पूरी कहानी पढ़ें »
नाम में क्या रखा है-1 27 March 2014 शेक्सपीयर जो अपने आपको बड़ा चाचा चौधरी समझता था, उसने कहा था कि बेशक गुलाब को अगर गुलाब की जगह किसी और नाम से पुकारा पूरी कहानी पढ़ें »
नाम में क्या रखा है 13 June 2012 शेक्सपीयर जो अपने आपको बड़ा चाचा चौधरी समझता था, उसने कहा कि बेशक गुलाब को अगर गुलाब की जगह किसी और नाम से पुकारा जाता पूरी कहानी पढ़ें »