कामिनी की अतृप्त कामाग्नि-3
लेखिका : ऐश कामिनी यह सुन कर खुश हो गई, और बोल पड़ी- आग दोनों तरफ ही लगी हुई है। भीम बोला- बीबी जी, अगर मुझे ज़रा भी पता होता, तो मैं कल शाम 8 बजे ही चला आता। पर आपकी रज़ा नहीं थी, इसलिए इतना नाटक करना पड़ा। कामिनी यह सुन कर उससे चिपक […]